भारतीय महिला के बदलते चेहरे को प्रतिबिम्बित करतीं शबाना आजमी, उनके चरित्र हर फिल्म में नई चुनौतियों का सामना करते हैं

बीती 18 सितंबर को अभिनेत्री, सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व राज्यसभा सदस्य (मनोनीत) शबाना आजमी ने अपने 70 वसंत पूरे कर लिए। यह बड़े गर्व की बात है कि अपनी जिंदगी के सात दशक में से 46 साल उन्होंने सिनेमा को समर्पित किए हैं। फिल्म निर्माता शेखर कपूर ने कभी कहा था कि जब भी हम भारतीय सिनेमा के अध्याय पलटेंगे, शबाना आजमी उसके टर्निंग पाइंट्स पर नजर आएंगी।

शबाना परदे पर भारतीय महिला के बदलते चेहरे को प्रतिबिम्बित करती हैं, न केवल आधुनिक, कामकाजी महिला के तौर पर, बल्कि एक गृहिणी के रूप में भी। पुराने दिनों में जहां हीरोइन सीता होती थी या शूर्पणखा, लेकिन शबाना ने अपने चरित्रों को ग्रे-शेड्स से लेकर यथार्थवादी अर्धांगिनी के विविध रूपों में मिश्रित कर दिया जो परिस्थितियों के अनुसार प्रतिक्रिया देते।

शबाना ने श्याम बेनेगल की ‘अंकुर’ से एक ग्रामीण महिला के रूप में अपने फिल्मी करिअर का आगाज किया था। लेकिन उन्होंने शुरुआत से ही कई तरह के सिनेमा में काम किया। अगर ‘अंकुर’ के कारण उन्हें ‘निशांत’ और ‘कनेश्वर राम’ जैसी कला फिल्में मिलीं तो कांतिलाल राठोड़ की ‘परिणय’ ने ‘कादम्बरी’ जैसे मध्यमार्गीय सिनेमा के लिए उनकी राह प्रशस्त की। शशि कपूर ‘फकीरा’ मूवी में शबाना आजमी के पहले मुख्यधारा के हीरो थे। इस फिल्म की सफलता के बाद उन्हें ‘अमर अकबर एंथोनी’ और ‘परवरिश’ जैसी कमर्शियल फिल्में मिलने लगीं।

सरोकारों के समाधान की तलाश लगातार जारी रही और संदेश देने के लिए उनके फिल्म निर्माता उन पर ही भरोसा करते रहे। इसलिए अगर ‘निशांत’ में एक स्कूल शिक्षक की पत्नी सुशीला पीड़ित है, तो ‘शक’ में मीना जोशी अपने पति को सच बोलने के लिए कहती है। ‘स्वामी’ में सौदामनी अपने प्रिय को पाने की तमन्ना रखती है तो ‘जुनून’ में फिरदौस हमेशा कुछ न कुछ नुक्ताचीनी करती रहती है। ‘थोड़ी-सी बेवफाई’ में शबाना अपने पति की गलती के लिए माफ नहीं करतीं और ‘अर्थ’ में धोखेबाज पति के साथ फिर से दुनिया बसाने से इनकार कर देती हैं।

‘अर्थ’ फिल्म के आखिरी दृश्य में जब इंदर (कुलभूषण खरबंदा) अपने किए की माफी मांगते हुए घर लौटने की इच्छा जताता है तो पूजा (शबाना) एक ही सवाल पूछती है : जो काम तुमने किया है, अगर वही काम मैं करती और फिर वापस लौटना चाहती तो क्या तुम मुझे स्वीकार कर लेते? इंदर इनकार में सिर हिलाता है। तब पूजा कहती है - यही जवाब मेरा भी है।

भावना सोमाया, जानी-मानी फिल्म लेखिका, समीक्षक और इतिहासकार

‘मासूम’ में कोई महिला नहीं, बल्कि एक बच्चा उसकी हंसती-खेलती दुनिया के लिए खतरा बन जाता है। फिल्म की शुरुआत में इंदु (शबाना) का बर्ताव उस बच्चे (जुगल हंसराज) के प्रति काफी कठोर होता है। लेकिन निर्देशक शेखर कपूर यह दिखाने में कामयाब रहते हैं कि बच्चे के प्रति दुराव दरअसल उसके पति के प्रति गुस्से की अभिव्यक्ति है।

शबाना के चरित्र हर फिल्म में नई चुनौतियों का सामना करते हैं। ‘जीना यहां में’ एक जोड़ा शहर में जीने के लिए संघर्ष करता है तो ‘यह कैसा इंसाफ’ में वह अपने परिवार के प्रति जिम्मेदारी निभाती हैं। ‘कमला’ मूवी एक खोजी पत्रकार की उस असल कहानी पर आधारित थी जो अपनी खबर के प्रमाण स्वरूप एक आदिवासी लड़की को खरीदता है। इस मूवी में वह अपने पति के दुस्साहस पर नाराज होती है।

‘एक डॉक्टर की मौत’ में वैक्सीन की खोज करने वाले अपने डॉक्टर पति के प्रति सीमा बहुत सहयोगी होती है, लेकिन वहीं पति के अपने काम में ही तल्लीन रहने पर वह गुस्सा भी दिखाती है।

शबाना की कई फिल्मों में संदेश उनके चरित्रों से भी बड़े थे। उदाहरण के लिए नसीर के साथ ‘पार’ और ओम पुरी के साथ ‘सुष्मान’ मूवीज को ले सकते हैं। ‘फायर’ मूवी पसंद, ‘मॉर्निंग राग’ संगीत और ‘नीरजा’ अपने प्रिय के खोने पर आधारित थी। शादीशुदा जिंदगी के अलावा भी शबाना ने कई दमदार भूमिकाएं निभाई हैं, लेकिन इनके बारे में फिर कभी बात करेंगे।

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अपनी पहली मूवी ‘अंकुर’ के एक दृश्य में शबाना आजमी।

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मीडिया कवरेज से परेशान हुईं ड्रग्स केस में फंसी रकुल प्रीत सिंह, अदालत से इस पर रोक लगाने की मांग की

सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस से जुड़े ड्रग्स मामले में फंसी एक्ट्रेस रकुल प्रीत सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। उन्होंने अदालत से मांग की है कि उनके खिलाफ मीडिया में चल रहीं खबरों और पब्लिश हो रहे आर्टिकल्स को तुरंत रोकने के अंतरिम निर्देश दिए जाएं। रिपोर्ट्स की मानें तो आने वाले सप्ताह में इस मामले में सुनवाई हो सकती है।

शूटिंग के दौरान पता चली समन की बात

रकुल ने पिटीशन अपने वकीलों हिमांशु यादव, अमन हिंगोरानी और श्वेता हिंगोरानी के जरिए फाइल की है। इसमें दावा किया गया है कि रकुल प्रीत सिंह हैदराबाद में फिल्म की शूटिंग कर रही थीं। 23 सितंबर की शाम को वे मीडिया रिपोर्ट्स में यह देखकर हैरान थीं कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने रिया चक्रवर्ती के ड्रग्स केस कनेक्शन में उन्हें समन भेजा है और 24 सितंबर को मुंबई में एनसीबी के सामने पेश होने के लिए कहा है।

24 सितंबर की सुबह तक समन नहीं मिला था

पिटीशन में लिखा है, "याचिकाकर्ता (रकुल) को उनके हैदराबाद या मुंबई के पते पर कोई समन नहीं मिला था। इसलिए वे हैदराबाद में रहीं। याचिकाकर्ता के पिता कर्नल कलविंदर सिंह (रिटायर्ड) ने 24 सितंबर की सुबह रिपोर्ट्स की सच्चाई का पता लगाने के लिए फ्लाइट से मुंबई जाने का फैसला लिया। हालांकि, 23 सितंबर की शाम से ही मीडिया ने फेक न्यूज चलानी शुरू कर दी थीं कि याचिकाकर्ता पूछताछ के लिए मुंबई पहुंच गई है, जबकि वे उस वक्त तक हैदराबाद में ही थीं।

केस के बारे में 24 सितंबर को पता चला

पिटीशन के मुताबिक, रकुल प्रीत सिंह को 24 सितंबर की सुबह करीब 11: 20 बजे एनडीपीएस एक्ट के सेक्शन 67 के तहत समन मिला, जो 23 सितंबर को वॉट्सऐप के जरिए भेजा गया था। इसमें उन्हें 24 सितंबर की सुबह 10 बजे एनसीबी के सामने पेश होने की बात कही गई थी। याचिका के मुताबिक, 24 सितंबर को एनसीबी से उन्हें मेल के जरिए पता चला कि उन्हें जिस केस में पेश होना है, वह क्राइम नं. MZU/NCB/15/2020 के रूप में दर्ज है।

पहले भी हाईकोर्ट जा चुकीं रकुल

पिछले हफ्ते रकुल प्रीत सिंह अचानक से तब चर्चा में आ गईं, जब एनसीबी के सूत्रों के हवाले से दावा किया गया कि ड्रग्स केस में रिया चक्रवर्ती ने सारा अली खान, रकुल प्रीत सिंह और फैशन डिजाइनर सिमोन खंबाटा का नाम लिया है। इसके बाद एक्ट्रेस ने मीडिया ट्रायल के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने मीडिया को लेकर यह उम्मीद जताई थी कि वह रिया चक्रवर्ती के केस में रकुल प्रीत सिंह से संबंधित खबरों में संयम बरतेगा।

ड्रग्स लेने की बात से इनकार कर चुकीं

शुक्रवार को रकुल प्रीत सिंह एनसीबी के सामने पेश हुईं। इस दौरान उन्होंने यह तो मान लिया कि वे रिया चक्रवर्ती के साथ हुई ड्रग्स चैट का हिस्सा थीं। लेकिन यह भी कहा कि उन्होंने कभी ड्रग्स नहीं लिया। रकुल ने दावा किया था कि रिया उनके घर में अपना ड्रग्स छोड़कर चली गई थीं। इसी को लेकर दोनों के बीच बात हुई थी। रकुल के मुताबिक, वे खुद कभी किसी ड्रग पैडलर के संपर्क में नहीं रहीं।

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रकुल प्रीत सिंह से बीते शुक्रवार एनसीबी ने पूछताछ की थी। इस दौरान उन्होंने ड्रग्स लेने की बात से इनकार किया था।

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सिंगर मधुश्री ने कहा- मैंने भी लंबे समय तक रिजेक्शन और इंडस्ट्री पॉलिटिक्स को झेला लेकिन डिप्रेशन या ड्रग्‍स की लत में नहीं पड़ी, काश सुशांत भी ऐसा कर पाते

हिंदी और साउथ फिल्मों की मशहूर सिंगर मधुश्री का कहना है कि फिल्म इंडस्ट्री में आने वाले आउटसाइडर्स को रिजेक्शन या पॉलिटिक्स से परेशान होकर डिप्रेशन में नहीं जाना चाहिए। उनके मुताबिक ऐसी कठिनाइयों का सामना बहुत से लोगों को करना पड़ता है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि आप आत्मविश्वास ही खो दें। उन्होंने कहा कि काश सुशांत भी इस बात को समझ पाते और जीवन का महत्व समझकर मुश्किलों का सामना अच्छे से करते।

भास्कर के साथ खास बातचीत में मधुश्री ने बताया, 'सुशांत सिंह राजपूत की तरह मैं भी आउटसाइडर थी। मुंबई में नब्‍बे के दशक में गायिका बनने आई थी। मैंने भी ढेर सारे रिजेक्‍शंस झेले। तब की इंडस्‍ट्री की पॉलिटिक्‍स और सिंगरों की मोनोपॉली के चलते मुझे काम नहीं मिला। उसके बावजूद मैं झुकी नहीं।'

'सूरीनाम' जाकर संगीत सिखाया

उन्होंने बताया, 'जीवनयापन के लिए दक्षिण अमेरिका के छोटे से देश 'सूरीनाम' में जाकर म्‍यूजिक टीचर का भी काम किया। काश सुशांत सिंह राजपूत भी ऐसा कर पाते। जो भी आउटसाइडर हैं, उन सबसे मेरा कहना है कि हिम्‍मत ना हारें। रिजेक्‍शन के चलते डिप्रेशन या ड्रग्‍स में ना पड़ें। जीवन से बढ़कर कुछ नहीं है।'

बॉलीवुड में लगातार अनदेखी होती रही

आगे उन्होंने कहा, 'मैं एआर रहमान के लिए 32 हिट गाने दे चुकी हूं। साउथ में सैकड़ों गाने हैं। ‘बाहुबली 2’ में ‘कान्‍हा सो जा जरा’ गाने को 220 मिलियन व्‍यूज मिल चुके हैं। उसमें एमएम करीम जैसे कद्दावर संगीतकार का संगीत था। साउथ के हर बड़े संगीतकारों के लिए गाने गा चुकी हूं। उसके बावजूद मुंबई में बेस्‍ड बड़ी म्‍यूजिक कंपनियों और संगीतकारों की तरफ से बुलावा नहीं आया। ऐसा लगातार 20 सालों से होता रहा। मगर मैं टूटी नहीं। हताश नहीं हुई। कभी डिप्रेशन में नहीं गई। मन में सुसाइड के विचार नहीं आने दिए।'

अलका नहीं थीं तो मुझे मौका दिया था

'20 साल पहले जब मुंबई आई थी तो 400 से ज्‍यादा गीतकार, संगीतकार, प्रोड्यूसर और नामी म्‍यूजिक कंपनियों को अपने म्‍यूजिक ऑडियो कैसेट बतौर ऑडिशन भेजे। फिर भी मौका नहीं मिला। तब केवल कुमार शानू, अलका जी, कविता कृष्‍णमूर्ति और अनुराधा पौडवाल जी से सब गवाते थे।'
'राजेश रोशन जी ने भी ‘मोक्ष’ फिल्‍म में इसलिए गवाया कि अलका याग्निक उस दिन उपलब्ध नहीं थी। तब शंकर-एहसान-लॉय ने जरूर कुछेक मौके दिए। मगर फिर एआर रहमान के पास चेन्‍नई में तपस्‍या की और वहां काम मिल सका। वो मौका भी बड़ी मुश्किल से मिला था।'

जब काम मिला तो मेरे खिलाफ भड़काया

'20 साल पहले मुंबई प्रवास में राजेश रोशन और शंकर-एहसान-लॉय ने मौके दिए थे तो सबके कान खड़े हो गए थे। मुझे कई कंपोजरों ने कहा था कि तब तत्‍कालीन गायकों ने साउंड रिकॉर्डिस्‍टों के जरिए उन सबके पास मेरे बारे में गलत सूचनाएं वायरल की थीं कि मधुश्री तो साउथ बेस्‍ड है। वो नहीं गा पाएगी। बहरहाल, आज यूट्यूब चैनल और अपनी साउथ की दुनिया से संतुष्‍ट हूं।'

मधुश्री ने साथिया, कल हो ना हो, स्वदेस, युवा, किसना, पहेली, रंग दे बसंती, जोधा अकबर और बाहुबली 2 समेत बॉलीवुड की कई फिल्मों के लिए हिट गाने गाए हैं।

(जैसा अमित कर्ण को बताया)

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मधुश्री ने साल 2001 में फिल्म 'मोक्ष' में गाना गाते हुए अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी।

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पिता यश चोपड़ा को याद करते हुए आदित्य ने लिखा- उन्हें भी यह नहीं मालूम था कि छोटे से कमरे में शुरू हुई वो कंपनी एक दिन भारत की सबसे बड़ी फिल्म कंपनी बन जाएगी

प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा का आज (रविवार) 88वां जन्मदिन है। उनका जन्म 27 सितंबर 1932 को लाहौर में हुआ था और इसी दिन साल 1970 में उन्होंने अपने प्रोडक्शन हाउस 'यशराज फिल्‍म्‍स' की स्थापना भी की थी। जिसके 50 साल आज पूरे हो रहे हैं। इस खास मौके पर उनके बेटे आदित्य चोपड़ा ने पिता को याद करते हुए सोशल मीडिया पर एक भावुक नोट शेयर किया है। जिसमें उन्होंने YRF से जुड़ी कई खास बातें बताईं हैं।

आदित्य चोपड़ा के उस नोट को शेयर करते हुए यशराज फिल्म्स ने लिखा, 'फिल्मों का जश्न मनाते 50 साल, आपको मनोरंजित करते 50 साल। इस अवसर पर, #AdityaChopra के दिल से निकले कुछ भावपूर्ण शब्द. #YRF50'

बतौर कर्मचारी काम करते थे यश चोपड़ा

नोट में आदित्य ने लिखा, '1970 में, मेरे पिता यश चोपड़ा ने अपने भाई श्री बीआर चोपड़ा की छ्त्र-छाया की सुरक्षा को त्याग कर अपनी खुद की कंपनी बनाई। उस समय तक वे बीआर फिल्म्स के केवल एक मुलाजिम थे और उनके पास अपना कोई सरमाया नहीं था।'

वे नहीं जानते थे कि एक कारोबार कैसे चलाया जाया है। उन्हें इस बात की भी खबर नहीं थी कि एक कंपनी को चलाने के लिए किन चीजों की जरूरत पड़ती है। उस समय यदि उनके पास कुछ था, तो अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत पर दृढ़ विश्वास और आत्म-निर्भर बनने का एक ख्वाब।

वी. शांताराम ने ऑफिस के लिए कमरा दिया था

एक रचनात्मक व्यक्ति के उसी संकल्प ने यशराज फिल्म्स को जन्म दिया। राजकमल स्टूडियो के मालिक श्री वी. शांताराम ने उन्हें उनके दफ्तर के लिए अपने स्टूडियो में एक छोटा सा कमरा दे दिया। तब मेरे पिताजी को यह नहीं मालूम था कि उस छोटे से कमरे में शुरू की गई वह छोटी सी कंपनी एक दिन भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की सबसे बड़ी फिल्म कंपनी बन जाएगी।

पिता को मेरे विचारों पर बहुत विश्वास था

1995 में, जब यशराज फिल्म्स (YRF) ने अपने 25वें वर्ष में कदम रखा, तो मेरी पहली फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' रिलीज हुई। उस फिल्म की ऐतिहासिक सफलता ने मेरे अंदर वो आत्म-विश्वास जगाया कि मैं जुनून से भरे अपने उन आइडियाज को परवाज दूं जो मैंने YRF के भविष्य के लिए सोच रखे थे। मेरे प्रति मेरे पिता के असीम प्यार के अलावा, मेरी फिल्म की चमत्कारिक सफलता के कारण अब उन्हें मेरे विचारों पर भी बहुत विश्वास था।

मैंने कार्पोरेट स्टूडियोज के इरादों को भांप लिया था

मैंने अंतर्राष्ट्रीय कॉर्पोरेट स्टूडियोज के भारत आने और हमारे कारोबार पर कब्जा जमा लेने की बात को पहले ही भांप लिया था। मैं चाहता था कि हम उनके आने से पहले ही एक ऐसा निश्चित स्केल प्राप्त कर लें जिसकी सहायता से अपनी स्वतंत्रता को कायम रखा जा सके।

मेरे पिता ने अपनी पारंपरिक मानसिकता के विपरीत बड़ी बहादुरी से मेरी सभी साहसिक पहलों की सराहना की। और 10 वर्ष की एक बेहद छोटी अवधि में, हम एक फिल्म प्रोडक्शन हाउस से भारत के पहले पूरी तरह से एकीकृत स्वतंत्र फिल्म स्टूडियो बन गए।

परंपरा और आधुनिकता का संतुलन है यशराज

पिछले 5 दशकों के दौरान, YRF मूल रूप से एक ऐसी कंपनी रही है जिसकी जड़ें पारंपरिक मूल्यों में निहित हैं और उसका व्यापारिक दृष्टिकोण शुद्धतावादी है। लेकिन इसके साथ ही यह भविष्य की ओर देखने वाली एक ऐसी दिलेर कंपनी भी है, जो वर्तमान समय की प्रचलित टेक्नॉलोजी और इनोवेशन्स को अपनाने के लिए लगातार प्रयास करती रहती है। परंपरा और आधुनिकता का यह सही संतुलन यशराज फिल्म्स को सही मायनों में परिभाषित करता है।

हमारी कामयाबी का राज 'लोग' हैं

आज, यशराज फिल्म्स 50वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इसलिए, इस नोट को लिखते समय, मैं यह जानने का प्रयास कर रहा हूं कि आखिर इन 50 वर्षों की कामयाबी का राज क्या है? क्या यह यश चोपड़ा की रचनात्मक प्रतिभा है? क्या यह उनके 25 साल के जिद्दी बेटे का साहसिक विजन है? या ऐसा बस किस्मत से हो गया है?
इनमें से कोई भी कारण नहीं है।
इस कामयाबी का कारण हैं... लोग।
वो लोग जिन्होंने पिछले 50 वर्षों में YRF की हर फिल्म में काम किया।
मेरे पिताजी एक शायर की कुछ पंक्तियों से अपने सफर का वर्णन किया करते थे...
मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिल मगर… लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया।
मुझे इस बात को पूरी तरह समझने में 25 साल लग गए। YRF 50 का राज 'लोग' हैं...

वो कलाकार जिन्होंनें अपनी रूह निचोड़ कर किरदारों में जान डाली।
वो डायरेक्टर्स जिन्होंने अपनी फिल्मों को परफेक्शन दी।
वो लेखक जिन्होंने यादगार कहानियाँ लिखीं।
वो संगीतकार और गीतकार जिन्होंने हमें ऐसे गीत दिए जो हमारे जीवन का हिस्सा बन गए।
वो सिनेमेटोग्राफर्स और प्रोडक्शन डिजाइनर्स जिन्होंने हमारे दिमागों पर कभी न मिटने वाले दृश्य छोड़े।
वो कॉस्ट्यूम डिजाइनर्स, मेक-अप और हेयर स्टाइलिस्ट्स जिन्होंने साधारण दिखने वालों को भी हसीन बना दिया।
वो कोरियोग्राफर्स, जिन्होनें हमें ऐसे डांस स्टेप्स दिए जो हमारे सभी समारोहों का हिस्सा हैं।
वो स्पॉट-ब्वायज, लाइटमैन, सेटिंग वर्कर्स, ड्रेसमैन, जूनियर आर्टिस्ट, स्टंटमैन, डांसर्स और क्रू का हर सदस्य जिसने हमारी सभी फिल्मों के लिए अपना खून और पसीना बहाया।
वो सीनियर एक्जेक्टिव्ज और YRF के वो सभी कर्मचारी जिन्होंने किसी व्यक्तिगत नामवरी या शोहरत की ख्वाहिश के बिना अथक मेहनत की।
और अंत में, दर्शक, जिन्होंने हमारी फिल्मों को अपना प्यार और विश्वास दिया।
ये लोग हमारी 50 साल की सफलता का राज हैं।
मैं YRF के हर कलाकार, वर्कर, कर्मचारी और दर्शक के प्रति अपना आभार व्यक्त करता हूँ.
मैं ये 50 वर्ष आप सभी को समर्पित करता हूं आप हैं, तो YRF है।

लेकिन इन कलाकारों और वर्कर्स ने केवल YRF को ही नहीं, बल्कि पूरी भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को बनाया है। यह केवल YRF की नहीं, बल्कि पूरी भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की सफलता है, जिसने अपनी मेहनत से सफल होने का ख्वाब देखने वाले एक व्यक्ति को दुनिया का एक आत्म-निर्भर और सही अर्थों में स्वतंत्र स्टूडियो बनाने का प्लेटफॉर्म दिया। यह एक ऐसी इंडस्ट्री है जो हर कलाकार और वर्कर को अपने और अपने परिवार का जीवन संवारने का समान अवसर देती है।

कलाकारों, वर्कर्स और कर्मचारियों के अपने संपूर्ण YRF परिवार की ओर से, YRF को इस महान विरासत का हिस्सा बनने का अवसर प्रदान करने के लिए, मैं भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का शुक्रिया अदा करता हूं। यह वो इंडस्ट्री है जहां मेरी मुलाकात इंतेहाई शानदार, प्रतिभाशाली और खूबसूरत लोगों से हुई। यह वो इंडस्ट्री है जिसका मैं हर जन्म में हिस्सा बनना चाहूंगा... चाहे किसी भी रूप में बनूं।

आदित्य चोपड़ा
27 सितंबर, 2020

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फिल्ममेकर यश चोपड़ा का जन्म 27 सितंबर 1932 को लाहौर में हुआ था। उनका देहांत 21 अक्टूबर 2012 को मुंबई में हुआ।

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पूछताछ के दौरान तीन बार रोई दीपिका पादुकोण, अधिकारियों ने हाथ जोड़कर कहा- सच बताएंगी तो बेहतर होगा

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने शनिवार को दीपिका पादुकोण से करीब 6 घंटे तक पूछताछ की। रिपोर्ट्स की मानें तो सवाल-जवाब के दौरान दीपिका एक बार नहीं, बल्कि तीन बार रो पड़ी थीं। बताया जा रहा है कि इस दौरान एनसीबी के अधिकारियों ने उन्हें इमोशनल कार्ड न खेले की नसीहत दी थी।

अधिकारियों ने जोड़े दीपिका के हाथ

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, दीपिका की आंखों में आंसू देख एनसीबी के अधिकारियों ने उनके हाथ जोड़ लिए। साथ ही कहा कि इमोशनल कार्ड खेलने की बजाय वे सबकुछ सच-सच बताती हैं, तो उनके लिए बेहतर होगा।

दीपिका ने मानी ड्रग्स चैट की बात

रिपोर्ट्स की मानें तो एनसीबी की पूछताछ में दीपिका पादुकोण ने ड्रग्स चैट करने की बात स्वीकार की। हालांकि, उन्होंने ड्रग्स लेने की बात से इनकार किया। दीपिका ने एनसीबी को बताया कि उनका पूरा ग्रुप डूप लेता है, जो कि खास तरह की सिगरेट है। इसमें कई तरह की चीजें भरी होती हैं।

शनिवार को दीपिका को NCB ने पूछताछ के लिए 10 बजे बुलाया था, लेकिन वे करीब 9.50 पर ही पहुंच गई थीं।

रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि एनसीबी ने जब दीपिका से चैट में इस्तेमाल हुए वीड और हशीश शब्दों के बारे में पूछा तो उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया। जब उनसे पूछा गया कि वे जो डूप लेती हैं, क्या उसमें ड्रग्स भी होता है तो एक्ट्रेस ने चुप्पी साध ली। एक्ट्रेस के कई जवाबों से एनसीबी के अधिकारी संतुष्ट नहीं हुए।

दीपिका के दो फोन जब्त किए गए

सूत्रों के मुताबिक, शनिवार को दीपिका के एनसीबी दफ्तर पहुंचने के बाद अधिकारियों ने सबसे पहले उन्हें आरोपों के बारे में बताया। डेटा का बैकअप लेने के लिए उनके 2 मोबाइल फोन ले लिए गए। उनसे कहा गया कि इस मामले में किसी संदिग्ध या आरोपी से बात नहीं करेंगी। उसके बाद एक अंडरटेकिंग पर साइन करवाए गए। उनसे कहा गया कि 3 फेज में पूछताछ की जाएगी, इसके लिए 3-4 राउंड हो सकते हैं।

दीपिका का नाम ड्रग्स मामले में कैसे आया?

सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस से जुड़े ड्रग्स मामले की जांच कर रही एनसीबी के हाथ तीन साल पुरानी वॉट्सऐप ग्रुप चैट लगी थी। 28 अक्टूबर 2017 को हुई इस चैट में दीपिका, उनकी मैनेजर करिश्मा प्रकाश और सुशांत की टैलेंट मैनेजर जया साहा के बीच ड्रग्स को लेकर हुई बातचीत हुई थी।

चैट में दीपिका ने 'हैश' और 'वीड' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए करिश्मा से पूछा था कि माल है क्या? इसके बाद दीपिका और करिश्मा को समन भेजा गया था। करिश्मा ने एनसीबी को बताया था कि इस वॉट्सऐप ग्रुप की एडमिन खुद दीपिका थीं।

कोर्ट में पेश किए जाएंगे स्टेटमेंट

शनिवार को एनसीबी ने दीपिका के अलावा सारा अली खान और श्रद्धा कपूर से भी पूछताछ की। इससे एक दिन पहले एजेंसी के सामने रकुल प्रीत सिंह की पेशी हुई थी। एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर एम. ए. जैन का कहना है कि पूछताछ के दौरान उन्होंने जितने भी स्टेटमेंट रिकॉर्ड किए हैं, वे कोर्ट में सबमिट किए जाएंगे। जैन के मुताबिक, ड्रग्स एंगल में अब तक 18-19 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

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एनसीबी ने जब दीपिका पादुकोण से चैट में इस्तेमाल हुए वीड और हशीश शब्दों के बारे में पूछा तो उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया।

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अनुराग कश्यप पर रेप का आरोप लगाने वाली पायल घोष बोलीं- मुझे मौत का डर है, अगर मैं हिम्मत जुटाकर इतना बोल पाई हूं तो यह समझने की जरूरत है

अनुराग कश्यप पर यौन शोषण के आरोप लगाकर एक्ट्रेस पायल घोष सुर्खियों में हैं। पायल ने अनुराग पर आरोप लगाया है कि 2014 में उन्होंने साथ जबरदस्ती संबंध बनाने की कोशिश की थी। उन्होंने काफी बुरी तरह खुद को मुझ पर फोर्स किया। पीएमओ इंडिया, नरेंद्र मोदी जी प्लीज एक्शन लीजिए और देश को इस क्रिएटिव इंसान के पीछे छिपा हुआ राक्षस दिखाइए।'

बीते मंगलवार को पायल ने मुंबई के वर्सोवा पुलिस स्टेशन में अनुराग के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत दर्ज करवाई है।

6 साल पुराने इस मामले के पीछे क्या कहानी है, क्यों पायल इतने साल चुप रही और क्यों अब अचानक सामने आई हैं, इन सब सवालों के जवाब के लिए दैनिक भास्कर ने पायल घोष से लंबी बात की। उसी बातचीत में पूरी कहानी, खुद पायल की जुबानी...

बकौल पायल घोष - ये 2013 की बात है, मैं अनुराग कश्यप को पर्सनली नहीं जानती थी वह मेरे फेसबुक फ्रेंड थे। उस समय मेरा फेसबुक अकाउंट मेरे मैनेजर चलाते थे क्योंकि मैं सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव नहीं थी। मेरे मैनेजर ने उनसे फेसबुक चैट के जरिए बात की और मिलने की अपॉइंटमेंट फिक्स की।

एक दिन मैं उनके आराम नगर वाले ऑफिस में मिलने गई थी। तब उन्होंने मुझे अपने ऑफिस में अंदर बुलाया और मेरे मैनेजर को बाहर रिसेप्शन पर बैठने को कहा। जब मैं अंदर गई तो वह फोन पर बात कर रहे थे। इंग्लिश एक्सेंट में फिल्म की शूटिंग के बारे में बात करते हुए वह लगातार मेरी तरफ गलत निगाह से देख रहे थे। तब मुझे लगा था कि यह इंडस्ट्री ऐसी ही है।

मुझे कुछ देर बाद जब थोड़ा अजीब लगने लगा तो मैंने फिल्म जर्सी की बात शुरू की। अनुराग अब भी किसी और से फोन पर बात कर रहे थे, मेरी बात सुन ही नहीं रहे थे, तो मुझे समझ नहीं आया कि उन्होंने मुझे अंदर बुलाकर क्यों बिठा रखा था।

इस घटना के कुछ दिन बाद अनुराग ने मुझे फोन करके अपने वर्सोवा वाले घर पर बुलाया। जब मैं वहां गई तो उन्होंने मुझे खाना भी खिलाया और अपने अचीवमेंट्स की बातें कीं, मेरे स्ट्रगल के बारे में भी बातें की।

इस तरह की नॉर्मल बातचीत चल रही थीं। रात के 8:30 बज चुके थे और 9:00 बजे मुझे मेरे ड्राइवर को छुट्टी देनी थी इसलिए मैंने अनुराग से कहा कि, सर, काफी देरी हो चुकी है मुझे मेरे ड्राइवर को भी छुट्टी देनी है तो मुझे अब निकलना चाहिए। मुझे उस वक्त कुछ भी खराब नहीं लगा था। सारी चीजें नॉर्मल थी।

उसके अगले दिन उन्होंने मुझे फिर फोन किया और पूछा कि मैं क्या कर रही हूं, तो मैंने कहा कि कुछ नहीं सर। तो उन्होंने कहा कि फिर ठीक है आप आ जाइए हम मिलते हैं। मुझे याद है जब मैं पहली बार उनके ऑफिस में मिलने गई थी उस दौरान भी वह शराब और सिगरेट पी रहे थे, सिगरेट के साथ कुछ और भी था जिसकी गंध बहुत ही अजीब थी।

उस दिन जब मैं फिर से उनसे मिलने पहुंची तब वह मुझे एक दूसरे रूम में ले कर गए जो बहुत ही छोटा सा था। उस लाइब्रेरी जैसे रूम में, वीडियो कैसेट और कुछ किताबें थीं, एक सोफा, टेबल और टीवी भी थी।

वहां उन्होंने मेरे साथ गलत हरकत की और जब उन्होंने देखा कि मैं बहुत ही ज्यादा अनकम्फर्टेबल हो गई हूं तो उन्होंने दूसरी एक्ट्रेसेस का नाम लेना शुरू कर दिया ताकि मैं तैयार हो जाऊं।

मैंने बीते दिनों जिन भी लोगों के नाम लिए हैं, अपने मन से नहीं लिए हैं। उस दिन उन सभी एक्ट्रेसेस के नाम उन्होंने ही लिए थे और जो मैंने पोस्ट किया है और उसमें लिखा है वो सारी बातें अनुराग कश्यप ने उस दिन मुझसे कहीं थी।

उस घटना के बाद अपने आपको संभालते हुए मैं तुरंत वहां से निकल गई क्योंकि मैंने सोचा भी नही था कि ऐसा कुछ हो सकता है। इसके बाद मैं उनसे कभी मिली तो नहीं लेकिन कई बार हमारी वॉट्सऐप पर मैसेज के जरिए बात हुई।

उन्होंने मुझे बार-बार फिर से आने को भी कहा लेकिन मैं कभी भी उनसे मिलने नहीं गई। उस वक्त मुझे यह भी डर लगता था कि बॉलीवुड का बड़ा नाम है और अगर मैं कुछ करना भी चाहूं तो उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाऊंगी, लेकिन मैं जरूर फंस जाऊंगी।

इसके बाद मैंने कोशिश की कि मैं इस घटना को भूल जाऊं और आगे बढ़ जाऊं। लेकिन कई साल हो जाने के बावजूद वैसे अपने जेहन से नहीं निकाल पा रही थी और इस वजह से मैं मानसिक तौर पर बीमार रहने लगी थी।

इसके बाद मैंने फैसला लिया कि मुझे उनके खिलाफ कोई कदम उठाने की जरूरत है। और, इसलिए भी कि जब यह चीज मेरे साथ हुई थी तब मैं बहुत ही छोटी थी लेकिन अब बॉलीवुड में काम करने के बाद और मुंबई शहर में रहने के बाद मुझे ऐसा लगा कि मैं अब उनके खिलाफ बोल सकती हूं।

इसके बारे में मैंने अपनी बहन और कुछ करीबी दोस्तों को बताया तो सबने मुझे कहा था कि ये बहुत ही बड़े लोग हैं। अगर तुम सचमुच कोई कदम उठाना भी चाहोगी तो बुरी तरह से फंस जाओगी। तुम्हारा करियर खत्म हो जाएगा ।

इस घटना के बारे में सबसे पहले अगर किसी को पता भी था तो वह मेरा मैनेजर था। मैंने उसे अगले दिन ही इस पूरी घटना के बारे में बताया था।

उसने कहा था कि हम इस बारे में पुलिस कंपलेन करेंगे। जब मैंने अपने मैनेजर को यह बात बताई थी तब वह भी काफी गुस्से में आ गए थे, लेकिन तब मैंने ही कहा कि हमें शांत दिमाग से सोचने की जरूरत है और उसके बाद हमने चुप रहना ही सही समझा

लेकिन जब हमने देखा वह मी टू मूवमेंट के सपोर्ट में खड़े हैं और तनुश्री दत्ता को सपोर्ट करते हुए सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं तो उनका असली चेहरा सामने लाने का फैसला किया। उनका लोगों के सामने एक अलग चेहरा है जो औरतों की बहुत ही ज्यादा इज्जत करता है और उनके लिए खड़े रहता है लेकिन वही दरवाजे के पीछे किस तरह की गलत हरकत करता है। यह उन्हीं को पता होगा जो इस बारे में जानते होंगे या जिनके साथ काम के लालच में गलत हुआ होगा।

जब मैंने इस बारे में पुलिस में शिकायत की है और आपको (मीडिया) को बता रही हूं तो मुझे बहुत ही ज्यादा शांति महसूस हो रही है क्योंकि मैं बीते 6 साल से इस घटना को अपने अंदर दबा कर रखे हुए थी और कोशिश कर रही थी कि इसे भूल जाऊं, लेकिन मैं नहीं कर पाई और अब अपनी आवाज बुलंद की।

मैं अपने परिवार वालो की बात करूं तो वे रूढ़िवादी सोच के हैं। शुरुआत में जब मैं यहां कोलकाता से भागकर मुंबई आई थी तो मेरे परिवार वालों को मेरा काम और यह जगह बिल्कुल पसंद नहीं थी, लेकिन जब उन्होंने देखा कि मैं मेहनत और कोशिश से कुछ अच्छा कर रही हूं तो पापा ने मेरा साथ देना शुरू किया।

लेकिन जब यह घटना सामने आई है उसके बाद रिश्तेदार हो या गांव के लोग वे मुझे गलत लड़की समझते हैं। बुरी तरह से बर्ताव करके गंदे सवाल पूछते हैं। लेकिन जब मेरे पापा को पता चला कि मेरे साथ बुरी घटना घटी है तो वह मेरे साथ खड़े रहे जिसके वजह से मुझे ताकत मिली है।

मैं अब हर व्यक्ति को बता रही हूं कि जब इस तरह की चीजें आपके साथ होती हैं और आप उसे याद करते हैं तो आप डिप्रेशन में चले जाते हैं। मुझे एन्जायटी अटैक होने लगे तो मैंने डॉक्टर को दिखाया। उन्होंने मुझसे पूछा ऐसा क्या हुआ। सही वजह बताओ तुम्हारे अंदर कुछ तो है जिसकी वजह से तकलीफ है। बहुत ज्यादा दर्द है जिसकी वजह से तुम्हें यह होता है।

मैं आत्महत्या नहीं कर सकती क्योंकि लोग कहेंगे कि इस वजह से किया, उस वजह से किया। मुझे मौत का डर है और जिस किसी को भी मरने का डर होता है वह आत्महत्या नहीं कर सकता। मैं लड़ सकती हूं लेकिन मर नहीं सकती और अगर मेरे साथ ऐसा कुछ हुआ तो यह किसी और के कारण ही होगा, इसीलिए मैं बार-बार बोल रही हूं।

मेरा उस समय का फेसबुक का वॉल पोस्ट भी मेरे पास है जिसमें मैंने इसी फेमस डायरेक्टर को बहुत गुस्से में गाली भी दी थी लेकिन उसके बाद मेरे पेरेंट्स और भाई ने उसको डिलीट भी करवा दिया था और कहा था कि इंडस्ट्री के फेवर में ट्वीट करो और मुझे ऐसा करने के लिए फोर्स किया गया।

हम कोलकाता के एक अच्छे परिवार से आते हैं। एक ऐसी फैमिली से हूं जहां लड़कियां आवाज नहीं उठा सकती, यहां तक की कोई कितना भी पढ़ा लिखा हो उसे काम भी नहीं करने देते। मेरी परवरिश ऐसे ही माहौल में हुई है मेरे पापा भाई को तो छोड़ ही दीजिए, मेरी बहन भी बोल रही थी कि अपनी फैमिली का एक रेपुटेशन है तो ऐसा मत बोल सब खराब हो जाएगा।

उस घटना के बाद से लेकर अब तक मैं अनुराग से नहीं मिली। अनुराग ने मेरे साथ चांस लिया और मैंने उसको मना कर दिया उसके बाद उससे काम मांगने भी कभी नहीं गई क्योंकि अगर दोबारा जाती तो वह यह समझता कि मैं उसके लिए तैयार हूं।

देखें कंगना ने जब जब आवाज उठाई है लोग बोलते हैं पब्लिसिटी के लिए ऐसा कर रही है। उस समय भी मैंने और मेरी बहन सब ने कंगना को सपोर्ट किया था। आज मेरे साथ एक हादसा हुआ तो मुझे निकलने में इतनी तकलीफ हुई तो उसके साथ तो कितना कुछ हुआ है।

अनुराग कश्यप तो कोई छोटा-मोटा आदमी है नहीं, उसकी लॉबी इतनी बड़ी है तो उसके गिरेबान पर हाथ डालना इतनी छोटी बात तो नहीं है। अगर मैंने हिम्मत जुटाकर इतना बोल पाई हूं तो यह समझने की जरूरत है कि मैंने अपना सब कुछ रिस्क में डालकर किया है। कोई भी औरत तभी अपनी जुबान खुलती है जब उसको लगता है कि अब वह कष्ट नहीं झेल पाएगी।

देखिए, किसी हद तक सबूत जरूर है किसी भी तरीके से मेरा केस बहुत मजबूत है और मैं इसे प्रूफ भी कर सकती हूं। उसने मुझे वॉट्सऐप पर ब्लॉक भी कर दिया था लेकिन मेरे पास उस समय दूसरा हैंडसेट था जिसका डेटा हमें रिट्रीव करना है और जब यह सारी चीजें सामने आएंगी तो जो लोग आज उसे अपना दोस्त समझकर सपोर्ट कर रहे हैं वो सब भी चुप हो जाएंगे। मुझे पूरा विश्वास है यह सब कुछ अंतिम नतीजे तक पहुंचेगा। भगवान सिद्धिविनायक का मुझे आशीर्वाद है तो वह मुझे जरूर हेल्प करेंगे।

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Payal Ghosh, who accused Anurag Kashyap of rape, said - even after many years, I could not forget that incident, started becoming mentally ill.

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तीसरे कीमोथेरेपी सेशन से पहले दुबई में मान्यता और बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिता रहे संजय दत्त

कैंसर का ट्रीटमेंट करवा रहे संजय दत्त इन दिनों दुबई में हैं। वह अपनी पत्नी मान्यता दत्त के साथ पिछले दिनों वहां पहुंचे थे। संजय के जुड़वां बच्चे हैं जो कि पिछले 6 महीने से उनसे दूर हैं। इकरा और शहरान दुबई में पढ़ाई करते हैं, इसलिए वे दोनों पिछले महीने इंडिया वापस नहीं आ पाए थे। ऐसे में संजय मान्यता के साथ दुबई पहुंचे और उनके साथ क्वालिटी टाइम बिता रहे हैं। मान्यता ने इसकी फोटो इंस्टाग्राम स्टोरी में शेयर की हैं।

मान्यता की इंस्टाग्राम स्टोरी

10 दिन में वापस आ जाएंगे

खबर के मुताबिक, लंग कैंसर से जूझ रहे संजय पहले से बेहतर हैं। वे हफ्ते भर में या 10 दिन में वापस आ जाएंगे फिर उनकी कीमोथेरेपी का तीसरा चरण शुरू हो जाएगा। संजू को चौथे स्टेज का कैंसर है जिसका ट्रीटमेंट वह मुंबई के कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल में करवा रहे हैं। 11 अगस्त को यह खबर वायरल हुई थी कि 61 वर्षीय अभिनेता फेफड़ों के कैंसर से जूझ रहे हैं लेकिन मान्यता ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर बीमारी के बारे कोई कयास ना लगाने की अपील की थी।

मान्यता ने अपने स्टेटमेंट में लिखा- मैं उन सभी का धन्यवाद करती हूं, जिन्होंने संजू के जल्द से जल्द ठीक होने की दुआएं मांगी हैं।

हमें इस मुसीबत की घड़ी से बाहर आने के लिए आप सबकी प्रार्थनाओं की जरूरत है। इस परिवार ने पहले भी बहुत कुछ सहन किया है, लेकिन मुझे विश्वास है कि यह वक्त भी बीत जाएगा। आप सबसे मेरी यह गुजारिश है संजू के चाहने वाले किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें।

हमारी मदद करें और अपना प्यार और सहारा इसी तरह बनाए रखें। संजू हमेशा से ही फाइटर रहे हैं और इसलिए हमारा परिवार भी लड़ता रहा है। भगवान ने इस चैलेंज को देकर एक बार फिर हमारी परीक्षा ली है। हमें आपके प्यार और आशीर्वाद की जरूरत है। हम जानते हैं हमेशा की तरह इस बार भी हम ही विजेता होंगे।

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Sanjay Dutt Is Having A Gala Time With Kids In Dubai Ahead Of His Reported Third Chemotherapy

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एक्ट्रेस पर किसानों को आतंकवादी कहकर उनका अपमान करने का आरोप, कर्नाटक की एक अदालत में दर्ज हुआ मामला

कर्नाटक के तुमकुर की जेएमएफसी अदालत में कंगना रनोट के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज किया गया है। उन पर कृषि बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को आतंकवादी कहकर उनका अपमान करने का आरोप लगाया गया है। एक्ट्रेस के खिलाफ यह केस आईपीसी के सेक्शन 44, 108, 153, 153 A और 504 के तहत दर्ज किया गया है।

क्या कंगना ने वाकई किसानों को आतंकी कहा था?

कुछ दिनों पहले एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट ने अपनी खबर में यह दावा किया था कि कंगना ने एग्री मार्केटिंग बिल का विरोध कर रहे किसानों को आतंकवादी कहा है। हालांकि, एक्ट्रेस ने इसे लेकर वेबसाइट को फटकार लगा दी थी। कंगना ने अपना ओरिजिनल ट्वीट साझा करते हुए चुनौती दी थी कि अगर कोई यह साबित कर दे कि उन्होंने किसानों को आतंकवादी कहा है तो वे ट्विटर छोड़ने को तैयार हैं।

कंगना ने अपने ट्वीट में 'पप्पू की चंपू सेना' का इस्तेमाल किया था। हालांकि, उन्होंने यह किसके लिए लिखा था, वह तो स्पष्ट नहीं। लेकिन ट्विटर यूजर्स ने कयास लगाए गए थे कि उन्होंने राहुल गांधी के लिए पप्पू शब्द का यूज किया था।

न्यूज वेबसाइट पर झूठ फैलाने का आरोप

कंगना ने अपने एक अन्य ट्वीट में न्यूज वेबसाइट पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया था। उन्होंने लिखा था, "जो लोग सीएए के बारे में झूठ फैला रहे थे, जो दंगों का कारण बने। वही लोग अब किसान बिल के खिलाफ झूठ फैला रहे हैं और देश में आतंक की वजह बन रहे हैं। वे टेररिस्ट हैं। आप बखूबी जानते हैं कि मैंने क्या कहा था। लेकिन, झूठ फैलाने में आपको खुशी मिलती है।"

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कंगना रनोट ने 20 सितंबर को अपने एक ट्वीट में आतंकवादी शब्द का इस्तेमाल किया था।

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पिता की दूसरी शादी के बाद सुशांत के बिगड़ गए थे परिवार से रिश्ते, बहन प्रियंका भी रह चुकी है डिप्रेशन की शिकार

सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग्स मामले में उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती पिछले 18 दिनों से जेल में हैं। वह 8 सितंबर से मुंबई की भायखला जेल में बंद हैं। उनकी जमानत की अगली सुनवाई 29 सितंबर को होनी है जिसके लिए रिया ने नई जमानत याचिका दायर की है। इस याचिका में रिया ने सुशांत सिंह राजपूत के परिवार को लेकर कई नए खुलासे किए हैं।

पिता ने की थी दूसरी शादी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिया की जमानत याचिका में दावा किया गया है कि सुशांत के पिता केके सिंह से संबंध तब ही बिगड़ गए थे जब वह बहुत यंग थे और उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली थी। सुशांत इस बात से खुश नहीं थे और इसी वजह से उन दोनों के रिश्ते कभी सामान्य नहीं हो पाए।

यहां तक कि सुशांत को लगता था कि उनके पिता खुद भी बाइ-पोलर डिसऑर्डर से पीड़ित हैं। याचिका में यह भी दावा किया गया है कि सुशांत की मां भी डिप्रेशन की शिकार थीं और उनकी बहन प्रियंका भी डिप्रेशन की दवाइयां लेती थी। सुशांत और उनके परिवार के रिश्ते और खराब हो गए थे जब पिछले साल अप्रैल में एक पार्टी के दौरान प्रियंका ने रिया से नशे में धुत होकर बदसलूकी कर दी थी।

मां को भी था डिप्रेशन

रिया के मुताबिक, सुशांत की दूसरी बहन श्वेता ने भी पिछले दिनों 2011 की एक फेसबुक पोस्ट को डिलीट कर दिया था जिसमें उन्होंने इस बात का जिक्र किया था कि उनकी मां क्रोनिक मेंटल बीमारी की शिकार थीं। इसके अलावा रिया ने अपनी याचिका में यह भी दावा किया है कि सुशांत खुद ही ड्रग्स लेते थे। जिससे जांच एजेंसियों द्वारा जुटाए गए सबूतों से यह बात साबित होती है कि ड्रग्स का सेवन करने वाले सुशांत ड्रग्स मंगवाने के लिए आसपास के लोगों का इस्तेमाल करते थे।

केस सीबीआई को सौंपने की मांग कर चुकीं रिया

इससे पहले एक्ट्रेस के वकील ने गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि ये केस नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकार क्षेत्र में नहीं है, इसलिए इसे सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए।

रिया और उनके छोटे भाई शोविक के वकील सतीश मानशिंदे ने सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट से कहा कि 'केस (सुशांत मौत) को सीबीआई को ट्रांसफर करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर, इससे जुड़े भविष्य के सभी मामले भी सीबीआई के पास जाना चाहिए।'

लगी धाराएं ड्रग्स की बड़ी मात्रा के लिए हैं

एनसीबी ने रिया और शोविक के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। जिसे लेकर सतीश मानशिंदे ने बताया कि एनडीपीएस एक्ट की धारा 27A के अंतर्गत ड्रग्स को लाना-ले जाना और उसके संग्रह को वित्त पोषण करना अवैध है। लेकिन ये कानून ड्रग्स के व्यवसायिक इस्तेमाल को लेकर है ना कि छोटी मात्रा के लिए है।

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Sushant Singh Rajput Death: Rhea's Bail Plea's Shocking Claims; SSR’s Relationship Strained With Father After He Remarried

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आम गाड़ियों और सादे कपड़ों में एनसीबी की पूछताछ के लिए पहुंची दीपिका पादुकोण और सारा अली खान, दफ्तर के बाहर कॉन्फिडेंस नजर आईं श्रद्धा कपूर

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से ही बॉलीवुड की कई परतें सामने आ रही हैं। ड्रग मामला में रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शौविक के बयान के बाद अब दीपिका पादुकोण, सारा अली खान और श्रद्धा कपूर जैसी कई बड़ी एक्ट्रेस भी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के निशाने पर हैं। तीनों ही एक्ट्रेस को शनिवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया है जहां उनसे ड्रग कनेक्शन पर सवाल-जवाब जारी हैं।

बिना मेकअप, ट्रेडिशनल कुर्ता पजामा पहनकर पहुंची दीपिका

हमेशा अपने ग्लैमर अंदाज से चर्चा में रहने वाली दीपिका पादुकोण बिना मेकअप किए, हल्के गुलाबी रंग का कुर्ता पजामा पहने एनसीबी के गेस्ट हाउस पहुंची थीं। सुबह 9 बजकर 50 मिनट में उनकी गाड़ी कोलाबा स्थित गेस्ट हाउस पहुंची तो हर कोई हैरान था क्योंकि एक्ट्रेस अपनी शानदार लग्जरी कार से नहीं बल्कि एक आम गाड़ी में पहुंची थीं। ये फैसला शायद उन्होंने मीडिया से बचने के लिए लिया था।

एक्ट्रेस से लगभग 5 घंटे पूछताछ हुई जहां उन्होंने मैनेजर से हुई ड्रग चैट की बात कबूली है। एक्ट्रेस फुर्ती से दफ्तर से निकलीं और गाड़ी में बैठ गईं। हमेशा कैमरा देखकर पोज देने वाली दीपिका आज नजरें बचाती नजर आ रही थीं।

कॉटन के सूट के साथ चश्मा लगाए दफ्तर पहुंची सारा अली खान

सारा अली खान दोपहर 1 बजे एनसीबी के दफ्तर पहुंची थीं। उनके घर के बाहर भी मीडिया की भीड़ थी जिससे बचते हुए सारा दफ्तर पहुंची। एक्ट्रेस ने इस मौके पर हल्के गुलाबी और सफेद रंग का कॉटन का सूट पहना था। पूरे बंधे बाल और चश्मा लगाए हुए एक्ट्रेस काफी संजीदा नजर आईं। सारा अकेले ही पूछताछ के लिए पहुंची थीं।

मीडिया की भीड़ होने के बावजूद सारा बिना किसी एक्सप्रेशन के गाड़ी से उतर कर ऑफिस चली गईं। दफ्तर के बाहर उनके लिए बाउंसर्स भी तैनात थे। बता दें कि रिया चक्रवर्ती ने पूछताछ के दौरान सारा अली खान का नाम लिया था। रिया ने ये भी बताया कि दोनों के बीच रिश्ता था और सारा सुशांत की ड्रग पार्टी का भी हिस्सा थीं।

दफ्तर के बाहर कॉन्फिडेंट नजर आईं श्रद्धा कपूर

श्रद्धा कपूर ने पूछताछ में सुशांत के ड्रग लेने की बात कबूली है। एक्ट्रेस 11 बजकर 50 मिनट पर दफ्तर के बाहर पहुंची। उन्होंने पीले रंग का चिकनकारी किया हुआ कुर्ता और साथ में डेनिम पहना था। कंधे पर बैग टांगे हुए एक्ट्रेस कॉन्फिंडेंट के साथ कार से उतरकर दफ्तर गईं। जहां दीपिका की पूछताछ एनसीबी के कोलाबा स्थित गेस्ट हाउस में हुई हीं श्रद्धा पूछताछ के लिए बल्लार्ड एस्टेट स्थित एनसीबी के मुख्य दफ्तर पहुंची थीं।

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Shraddha Kapoor, Deepika Padukone and Sara Ali Khan, who arrived for NCB inquiries in vehicles and clothes, appeared outside the office

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श्रद्धा - सारा ने एनसीबी को बताया- ड्रग्स लेते थे सुशांत, अब रिया-शोविक से ज्यादा उंगलियां सुशांत पर उठ रहीं, परिवार हो रहा नाराज

सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस में उजागर हुए ड्रग्स मामले में अब खुद सुशांत ही फंसते जा रहे हैं। आलम यह है कि अब रिया और उनके भाई शोविक से ज्यादा उंगलियां सुशांत पर उठ रही हैं। शायद यही वजह है कि दिवंगत अभिनेता का परिवार एनसीबी की जांच से संतुष्ट नजर नहीं आ रहा है और इस पर सवाल उठा रहा है। रिया चक्रवर्ती के बाद शनिवार को सारा अली खान और श्रद्धा कपूर ने भी एनसीबी के सामने सुशांत के ड्रग्स लेने की बात कही।

सारा ने सुशांत के साथ रिलेशनशिप की बात मानीं

एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, एनसीबी की पूछताछ में सारा अली खान ने माना कि 2018 में वे सुशांत सिंह राजपूत के साथ रिलेशनशिप में थीं। एक्ट्रेस के मुताबिक, 'केदारनाथ' की शूटिंग के दौरान दोनों का अफेयर शुरू हुआ था और इस दौरान वे सुशांत के साथ रहने उनके केप्री हाउस स्थित घर रहने भी चली गई थीं।

सारा के मुताबिक, वे सुशांत के साथ 5 दिन के लिए थाइलैंड के कोह समुई आइलैंड पर गई थीं, जहां उन्होंने पार्टी भी की थी। उन्होंने यह बात स्वीकार की कि 'केदारनाथ' की शूटिंग के दौरान सुशांत ड्रग्स लेते थे।

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सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस में उजागर हुए ड्रग्स मामले में शनिवार को सारा अली खान और श्रद्धा कपूर से एनसीबी ने पूछताछ की।

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रिपोर्ट्स में दावा- मीडिया को चकमा देने के लिए होटल ताज में रुकी थीं दीपिका, देर रात अपने लॉयर्स से मीटिंग भी की

बॉलीवुड के ड्रग्स कनेक्शन मे नाम आने के बाद दीपिका पादुकोण शनिवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के सामने पेश हुईं। रिपोर्ट्स की मानें तो वे एनसीबी के दफ्तर सीधे अपने घर से नहीं, बल्कि साउथ मुंबई स्थित होटल ताज से पहुंची थीं। बताया जा रहा है कि वे और उनके पति रणवीर सिंह ने रात में ही ताज होटल में चैक-इन कर लिया था।

मीडिया से बचने के लिए लिया स्मार्ट डिसीजन

दीपिका गुरुवार रात गोवा से मुंबई लौटी थीं। इस दौरान मीडिया उनका पीछा करते हुए उनके घर तक पहुंच गया था। इसे देखते हुए ही एक्ट्रेस और उनके पति ने अनचाहे मीडिया कवरेज से बचने के लिए स्मार्ट डिसीजन लिया।

वे रात में ही घर से होटल में शिफ्ट हुईं और फिर वहां से एक दूसरी छोटी कार से एनसीबी के ऑफिस पहुंचीं। यह दावा भी किया जा रहा है कि दीपिका और रणवीर ने देर रात अपने लॉयर्स के साथ मीटिंग भी की।

दीपिका ने मानी ड्रग्स चैट की बात

रिपोर्ट्स की मानें तो एनसीबी की पूछताछ में दीपिका पादुकोण ने 2017 में अपनी मैनेजर करिश्मा प्रकाश के साथ हुई ड्रग्स चैट की बात मान ली है। हालांकि, उन्होंने ड्रग्स लेने की बात से इनकार किया। रिपोर्ट्स में एनसीबी के सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि दीपिका ने खास तरह की सिगरेट पीने की बात स्वीकार की है।

दीपिका ने बताया- पूरा ग्रुप डूप लेता है

दीपिका ने एनसीबी को बताया कि उनका पूरा ग्रुप डूप लेता है, जो कि खास तरह की सिगरेट है। इसमें कई तरह की चीजें भरी होती हैं। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि एनसीबी ने जब दीपिका से चैट में इस्तेमाल हुए वीड और हशीश शब्दों के बारे में पूछा तो उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया। जब उनसे पूछा गया कि वे जो डूप लेती हैं, क्या उसमें ड्रग्स भी होता है तो एक्ट्रेस ने चुप्पी साध ली।

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दीपिका पादुकोण शनिवार सुबह 9.50 बजे NCB गेस्टहाउस पहुंच गई थीं।

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रिया चक्रवर्ती के साथ ड्रग्स चैट पर एनसीबी को सफाई देते हुए रकुलप्रीत सिंह ने कहा, 'डूब' रोल्ड सिगरेट होती है, ड्रग्स नहीं'

सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस से जुड़े ड्रग्स मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने शुक्रवार को एक्ट्रेस रकुल प्रीत सिंह से पूछताछ की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिया चक्रवर्ती ने जांच एजेंसी के सामने उनका नाम लिया था, जिसके बाद उन्हें समन भेजा गया था।

पूछताछ के दौरान, रकुल ने रिया चक्रवर्ती से अपनी ड्रग्स को लेकर बातचीत के बारे में बताया। उन्होंने एनसीबी के अधिकारियों को कहा कि उस चैट में जिस 'डूब' का जिक्र था वो रोल्ड सिगरेट होती है, कोई नारकोटिक पदार्थ या ड्रग्स नहीं होती।

समन मिलने की बात से इनकार करती रहीं

इससे पहले गुरुवार सुबह तक रकुल प्रीत कह रही थीं कि उन्हें एनसीबी की ओर से समन नहीं मिला है। हालांकि, बाद में एनसीबी ने बताया कि रकुलप्रीत ने समन मिलने की बात मान ली। उन्होंने अपना एड्रेस भी अपडेट करवा दिया। इससे पहले समन नहीं मिलने की बात पर एनसीबी ने कहा था कि एक्ट्रेस से कई प्लेटफॉर्म्स के जरिए कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं हो पाई। उन्हें फोन भी किया गया, लेकिन रिस्पॉन्स नहीं मिला।

साउथ इंडस्ट्री में खूब कमाया नाम

रकुल ने 18 साल की उम्र में कॉलेज में रहने के दौरान ही मॉडलिंग शुरू कर दी थी। इसके बाद साल 2009 में उन्होंने कन्नड़ फिल्म गिल्ली से एक्टिंग डेब्यू किया। इसके बाद साउथ फिल्मों में करियर बनाने के लिए वे हैदराबाद शिफ्ट हो गई थीं। उन्होंने तेलुगू फिल्मों में 'केरतम' और तमिल फिल्मों में 'ठदाईयारा थाक्का' से डेब्यू किया। इसके बाद कई फिल्मों में काम करते हुए वे साउथ इंडस्ट्री का जाना-पहचाना नाम बन गईं।

फ्लॉप रही बॉलीवुड में शुरुआत

साउथ में नाम कमाने के बाद रकुल ने 2014 में बॉलीवुड में कदम रखा। फिल्म 'यारियां' उनकी डेब्यू फिल्म थी जो कि फ्लॉप साबित हुई। इसके चार साल बाद उन्हें 'अय्यारी' में देखा गया था। 2019 में उन्हें 'दे दे प्यार दे' और 'मरजावां' में देखा गया। इसके बाद इस साल उनकी फिल्म 'शिमला मिर्च' रिलीज हुई थी। जो कि बहुत बड़ी फ्लॉप साबित हुई थी।

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Rakul Preet Singh explains to NCB what ‘doob’ reference in WhatsApp chats with Rhea Chakraborty meant

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