Showing posts with the label https://i9.dainikbhaskar.com/thumbnails/680x588/web2images/www.bhaskar.com/2020/09/14/anupam-kher_1600075131.jpg Dainik BhaskarShow all
अनुपम खेर ने 31 साल पहले आंतकियों के हाथों मारे गए पहले कश्मीरी पंडित को याद किया, बोले- यहीं से शुरू हुआ था घाटी में हिंदुओं पर अत्याचार का एक लंबा सिलसिला

दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर और फिल्म मेकर अशोक पंडित ने सोमवार को सोशल मीडिया के जरिए कश्मीर में 31 साल पहले आतंकवादियों के हाथों मारे गए समाजसेवी टीका लाल टपलू को याद किया। टपलू की हत्या के बाद से ही वहां कश्मीरी पंडितों और हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का दौर शुरू हुआ था। इस दिन को कश्मीरी हिंदू शहीदी दिवस के रूप में मनाते हैं।

अनुपम खेर ने अपने ट्वीट में लिखा, 'आज से 39 साल पहले 59 वर्षीय सोशल वर्कर श्री टीका लाल टपलू जी की आतंकवादियों द्वारा 14 सितंबर को श्रीनगर में हत्या कर दी गई थी।और यहाँ से शुरू हुआ था कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार का एक लंबा सिलसिला।ये घाव भले ही भर गए हो। लेकिन भूले नहीं है और भूलना चाहिए भी नहीं। #KPMartyrsDay'

एक अन्य ट्वीट में सुधारी अपनी गलती

खेर ने अपने ट्वीट में इस घटना को 39 साल पहले होना बताया था, हालांकि ये घटना 14 सितंबर 1989 को हुई थी। जिसके बाद उन्होंने अपनी गलती को सुधारने के लिए एक अन्य ट्वीट करते हुए 31 साल* लिखा।

अशोक पंडित ने भी टपलू को श्रद्धांजलि दी

फिल्म मेकर अशोक पंडित ने भी सोशल मीडिया के जरिए टपलू को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'मेरे उन सभी कश्मीरी हिंदू भाई-बहनों को याद कर रहा हूं और श्रद्धांजलि दे रहा हूं, जो कि भारतीय होने की वजह से कश्मीर में मारे गए थे। जिसकी शुरुआत आज 14 सितंबर 1989 को हुई थी, जब कश्मीरी हिंदू टीका लाल टपलू को इस्लामिक कट्टरपंथियों ने उनके घर के सामने मार डाला था। #KPMartyrsday'

##

पंडित ने एक वीडियो भी शेयर किया

अशोक पंडित ने एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें स्लाइड्स के जरिए कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार की कहानी बताई गई है। उसमें बताया गया, '14 सितंबर 1989 बहुत सारे लोगों के लिए इस तारीख का कोई मतलब नहीं है, लेकिन निर्वासित कश्मीरी हिंदुओं/कश्मीरी पंडितों के लिए 14 सितंबर 1989 की तारीख आतंकवादियों के हाथों हुए अत्याचारों की शुरुआत की निशानी है।'

'पंडित टीका लाल टपलू जो एक प्रसिद्ध वकील थे और एक प्रमुख राजनीतिक दल के कार्यकारी सदस्य थे, इसी दिन उनकी हत्या उनके घर के बाहर आतंकवादियों ने कर दी थी। इस घटना ने वहां पीढ़ियों से शांति और सद्भाव से रह रहे पूरे समुदाय को हिला दिया था।'

'कुछ दिनों के बाद वहां उनके घरों पर नोटिस लगा दिए गए, जिनमें उनसे घाटी छोड़कर जाने के लिए कहा गया। उन लोगों ने नामों की लिस्ट बनाई गई, जिसके बाद बड़े पैमाने पर हत्याएं और बलात्कार हुए और यातनाएं दी गईं।'

'चुन-चुनकर हुई इन हत्याओं के बाद कश्मीर घाटी में हिंदुओं का नस्लीय सफाया हुआ, जिसके कारण उन्हें वहां से भागना पड़ा। 3 लाख कश्मीरी हिंदुओं को जबरन अपना घर छोड़ने और अपने ही देश में शरणार्थी के रूप में रहने के लिए मजबूर किया गया। हजारों लोगों को प्रवासी शिविरों में शरण लेना पड़ी और आज भी कई लोग वहीं रह रहे हैं।'

##

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today

अनुपम खेर ने 31 साल पहले 14 सितंबर 1989 को कश्मीर में मारे गए पंडित टीका लाल टपलू को श्रद्धांजलि दी।

https://ift.tt/3itqnLH