सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग्स मामले में उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती पिछले 18 दिनों से जेल में हैं। वह 8 सितंबर से मुंबई की भायखला जेल में बंद हैं। उनकी जमानत की अगली सुनवाई 29 सितंबर को होनी है जिसके लिए रिया ने नई जमानत याचिका दायर की है। इस याचिका में रिया ने सुशांत सिंह राजपूत के परिवार को लेकर कई नए खुलासे किए हैं।
पिता ने की थी दूसरी शादी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिया की जमानत याचिका में दावा किया गया है कि सुशांत के पिता केके सिंह से संबंध तब ही बिगड़ गए थे जब वह बहुत यंग थे और उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली थी। सुशांत इस बात से खुश नहीं थे और इसी वजह से उन दोनों के रिश्ते कभी सामान्य नहीं हो पाए।
यहां तक कि सुशांत को लगता था कि उनके पिता खुद भी बाइ-पोलर डिसऑर्डर से पीड़ित हैं। याचिका में यह भी दावा किया गया है कि सुशांत की मां भी डिप्रेशन की शिकार थीं और उनकी बहन प्रियंका भी डिप्रेशन की दवाइयां लेती थी। सुशांत और उनके परिवार के रिश्ते और खराब हो गए थे जब पिछले साल अप्रैल में एक पार्टी के दौरान प्रियंका ने रिया से नशे में धुत होकर बदसलूकी कर दी थी।
मां को भी था डिप्रेशन
रिया के मुताबिक, सुशांत की दूसरी बहन श्वेता ने भी पिछले दिनों 2011 की एक फेसबुक पोस्ट को डिलीट कर दिया था जिसमें उन्होंने इस बात का जिक्र किया था कि उनकी मां क्रोनिक मेंटल बीमारी की शिकार थीं। इसके अलावा रिया ने अपनी याचिका में यह भी दावा किया है कि सुशांत खुद ही ड्रग्स लेते थे। जिससे जांच एजेंसियों द्वारा जुटाए गए सबूतों से यह बात साबित होती है कि ड्रग्स का सेवन करने वाले सुशांत ड्रग्स मंगवाने के लिए आसपास के लोगों का इस्तेमाल करते थे।
केस सीबीआई को सौंपने की मांग कर चुकीं रिया
इससे पहले एक्ट्रेस के वकील ने गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि ये केस नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकार क्षेत्र में नहीं है, इसलिए इसे सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए।
रिया और उनके छोटे भाई शोविक के वकील सतीश मानशिंदे ने सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट से कहा कि 'केस (सुशांत मौत) को सीबीआई को ट्रांसफर करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर, इससे जुड़े भविष्य के सभी मामले भी सीबीआई के पास जाना चाहिए।'
लगी धाराएं ड्रग्स की बड़ी मात्रा के लिए हैं
एनसीबी ने रिया और शोविक के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। जिसे लेकर सतीश मानशिंदे ने बताया कि एनडीपीएस एक्ट की धारा 27A के अंतर्गत ड्रग्स को लाना-ले जाना और उसके संग्रह को वित्त पोषण करना अवैध है। लेकिन ये कानून ड्रग्स के व्यवसायिक इस्तेमाल को लेकर है ना कि छोटी मात्रा के लिए है।
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