सांवले रंग की वजह से प्रियंका चोपड़ा के हाथ से गई थी कई फिल्में, बिपाशा बसु को रिश्तेदार कहते थे कालीमहिलाओं की खूबसूरती को अक्सर उनके रंग से जोड़कर देखा जाता है।


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महिलाओं की खूबसूरती को अक्सर उनके रंग से जोड़कर देखा जाता है। आमतौर पर गोरे रंग वाली लड़कियों को सुंदर माना जाता है और सांवली लड़कियों को समाज में दोयम दर्जे का समझा जाता है। हालांकि समय के साथ यह धारणा बदल गई है लेकिन कुछ बॉलीवुड एक्ट्रेसेस को भी इस रंगभेद से गुजरना पड़ा है।

हाल ही में शाहरुख खान की बेटी सुहाना को भी उनके सांवले रंग की वजह से सर चुड़ैल तक कहा गया जिसका सुहाना ने करारा जवाब भी दिया। बॉलीवुड में और भी एक्ट्रेसेस हैंना करना पड़ा लेकिन इससे घबराए बा मुकाम बनाया।

प्रियंका चोपड़ा

इंटरनेशनल सेलिब्रिटी बन चुकीं प्रियंका चोपड़ा भी अपने सांवले रंग की वजह से रंगभेद की शिकार हो चुकी हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने इस बारे में बातभेद से निपटने का तरीका एक ही है कि अपने काम से खुद को इतना प्रूफ कर दें कि सामने वाला आपके साथ टेबल पर बैठने को राजी हो जाए। मैं अपने देश में भी अपने काम के दम पर ही टिकी थी। मेरा काम बोलता है।

इसके अलावा बचपन में जब प्रियंकार होना पड़ा था। प्रियंका ने कहा था, 'जब मैं 12 साल की थी तो अमेरिका में स्कूली पढ़ाई के लिए गई थी। सब मुझे ब्राउनी कहकर बुलाते थे। मैंने जिंदगी में बहुत नस्लभेद सहा है। वो कहते थे कि म घर पर जो खाना बनाते हैं, उस खाने की महक का मजाक उड़ाया जाता है। इन्हीं तानों से तंग आकर मैंने अमेरिका छोड़ा और भारत आ गई।

बिपाशा बसु

बिपाशा बसु को भी सांवले रंग की वजह से बचपन से ही ताने सुनने को मिले। इसका जिक्र उन्होंने सोशल मीडिया पर किया था। बिपाशा ने लिखा था, 'जब मैं बड़ी हो रही थी तो मैंने अक्सर सुना कि मैं काली और सांवली हूं। जबकि मेरी मां भी डस्की ब्यूटी थीं और मैं काफी हद तक उनकी तरह ही लगती थी। मुझे कभी पता नहीं चला कि मेरे रिश्तेदार इस बारे में चर्चा क्यों करते थे'।

जब मैं 15,16 साल की थी तब मॉडलिंग शुरू की। मैंने सुपरमॉडल कॉन्टेस्ट जीता था। हर न्यूजपेपर में खबर थी कि कोलकाता की सांवली लड़की विनर बनी। मैंने फिर सोचा कि मेरे नाम का पहला विश्लेषण सांवली क्यों है। फिर मैं न्यूयॉर्क और पेरिस गई मॉडलिंग करने के लिए और मुझे एहसास हुआ कि मेरे स्किन कलर के लिए मुझे यहां ज्यादा काम और ध्यान मिलता है। ये मेरी अलग खोज थी।

जब मैं वापस आई तो मुझे फिल्म के ऑफरी तरह अजनबी थी। अचानक ही मुझे अपना लिया गया और पसंद किया गया। मगर विश्लेषण जुड़ा रहा। सांवली लड़की ने अपनी डेब्यू फिल्म से ऑडियंस को इंप्रेस किया। मेरे ज्यादातर आर्टिकल में मैंने जितना काम किया उससे ज्यादा चर्चा मेरे रंग की थी। मैं इसे नहीं समझ पाई। मेरे ख्याल से सेक्सी एक पर्सनालिटी है ना कि रंग। क्यों मेरे सांवलेपन के चलते मुझे बफर्क नहीं समझ आता मगर लोग बनाते हैं।

यहां एक मानसिकता है खूबसूरती की और कैसे एक एक्ट्रेस को दिखना और बिहेव करना चाहिए। मगर मैं अलग थी। इसने मुझे कभी वो करने से नहीं रोका जो मुझे पसंद है। मैं कॉन्फिडेंट थी जो मैं बचपन से हूं। मेरा स्किन कलर मुझे डिफाइन नहीं करता। मुझे ये पसंद है और मैं इसे नहीं बदलना चाहती।

रेखा

रेखा शुरुआती दिनों में सांवली और मोटी हुआ करती थीं। बॉलीवुड में रेखा को 1970 में फिल्म 'सावन भादो ' में पहला ब्रेक मिला लेकिन उन्हें अपने सांवले रंग के कारण काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी जिसके बाद रेखा ने अपने लुक्स में जबरदस्त बदलाव किया। कहा जाता है कि इसके लिए उन्होंने स्किन लाइटनिंग ट्रीटमेंट लिया था। रेखा आज भी अपने समय की अभिनेत्रियों में सबसे ग्लैमरस और खूबसूरत नजर आती हैं।

नंदिता दास

फायर जैसी बेहतरीन फिल्म में नजर आ चुकीं नंदिता भी अपने सांवले रंग के चलते परेशान रहीं। उन्हें इसी वजह से कई प्रोजेक्ट्स से हाथ धोना पड़ा।

नंदिता दास ने एक बार कहा था, 'हम अक्सर रंगभेद का शिकार होते रहते हैं। लोग कहते रहते हैं कि वह गोरी है। जैसे कि डार्क स्किन होना अच्छी बात नहीं है। फिल्मों और गानों में भी इसी बात को बढ़ावा दिया जाता है। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि गानों ने भी रंगभेद को बढ़ावा देने में अपना भरपूर योगदान दिया है। अक्सर गानों के बोल गोरे रंग की ओर ही इशारा करते हैं।

गानों में कलाइयां हमेशा गोरी ही रही हैं। गोरा रंग काला न पड़ जाए, गोरे रंग पर इतना गुमान कर, गोरी तेरा गांव बड़ा प्यारा जैसे गीतों से लेकर चिट्टियां कलाइयां वे, जैसे कई गाने हैं, जिसे सुनकर लोगों के जेहन में खूबसूरती की परिभाषा केवल गोरा रंग होकर रह गई है।

शहाणा गोस्वामी

'रॉक ऑन', 'रा.वन','हीरोइन' जैसी फिल्मों में नजर आ चुकीं एक्ट्रेस शहाणा गोस्वामी ने भी एक इंटरव्यू के दौरान कहा था,'बॉलीवुड में मेरे जैसी सांवले रंग की लड़कियों की अपेक्षा गोरे रंग की लड़कियों को प्राथमिकता ज्यादा दी जाती है। मैं एक बार अपने सांवले रंग की वजह से एक फिल्म से बाहर निकाल दी गई थी।'

राधिका आप्टे

'पैडमैन','मांझी: द माउंटेन मैन','अंधाधुन' जैसी फिल्मों की एक्ट्रेस रह चुकीं राधिका को भी अपने सांवले रंग की वजह इंडस्ट्री में लोगों के ताने सुनने पड़े थे। कई लोगों कहा कि वह इंडस्ट्री के लायक नहीं हैं, वह कभी अभिनेत्री नहीं बन सकतीं, लेकिन राधिका ने इन बातों की परवाह नहीं की। उन्होंने आलोचकों को अपने बेहतरीन काम के जरिए जवाब दिया।



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Bollywood actresses who faced criticism for their dusky looks


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