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आइसोलेशन वार्ड के अकेलेपन में अमिताभ को सता रही बाबूजी की याद, वीडियो शेयर कर लिखा- उन्हीं के शब्दों से अपनी सूनी रातों को आबाद करता हूं

कोरोना संक्रमित होने के बाद अमिताभ बच्चन मुंबई के नानावटी अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं। आज (27 जुलाई) वहां उनका 17वां दिन है। हॉस्पिटल में होने के बाद भी बिग बी सोशल मीडिया पर पूरी तरह एक्टिव हैं। अपनी ताजा पोस्ट में उन्होंने अपना एक पुराना वीडियो शेयर करते हुए बताया कि अस्पताल के अकेलेपन में उन्हें अपने पिता हरिवंशराय बच्चन की याद बहुत सता रही है।

पिता को याद करते हुए आइसोलेशन वार्ड से बिग बी ने लिखा, 'बाबूजी की कविता के कुछ पल। वो इसी तरह गाया करते थे कवि सम्मेलनों में। अस्पताल के अकेलेपन में उनकी बहुत याद आती है, और उन्हीं के शब्दों से अपनी सूनी रातों को आबाद करता हूँ।'

'बच्चन रचनावली' को पढ़ते नजर आए

अमिताभ ने जो वीडियो शेयर किया उसमें वे अपने पिता की लिखी कविताओं के संग्रह 'बच्चन रचनावली' को पढ़ते और उसके पन्ने पलटते नजर आ रहे हैं, वहीं बैकग्राउंड में वे अपने पिता के अंदाज में 'है अंधेरी रात पर, दीया जलाना कब मना है...' का कविता पाठ करते सुनाई दिए। जिसके बोल इस तरह हैं...

"है अंधेरी रात पर, दीया जलाना कब मना है...
क्या घड़ी थी एक भी चिंता नहीं थी पास आई,
कालिमा तो दूर छाया भी पलक पर थी न छाई
आंख से मस्ती झपकती, बात से मस्ती टपकती,
थी हंसी ऐसी जिसे सुन बादलों ने शर्म खाई,
वो गई तो ले गई उल्लास के आधार मानक,
पर अधीरता के समय भी मुस्कुराना कब मना है।

है अंधेरी रात पर, दीया जलाना कब मना है...
"क्या हवाएं थीं कि उजड़ा प्यार का वो आशियाना,
कुछ ना आया काम तेरा, शोर करना गुल मचाना
नाश की उन शक्तियों के साथ चलता जोर किसका,
किंतु ए निर्माण के प्रतिनिधि तुझे होगा बताया,
जो बसे हैं वो उजड़ते हैं प्रकृति के जड़ नियम से,
पर किसी उजड़े हुए को फिर बसाना कब मना है
है अंधेरी रात पर, दीया जलाना कब मना है..."

'चुनौतियां निश्चित हैं, हार वैकल्पिक है'

सोमवार सुबह भी उन्होंने सोशल मीडिया पर दो पोस्ट शेयर कीं, जिसमें से पहली पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'जीवन में चुनौतियाँ तो निश्चित हैं; लेकिन हार जाना वैकल्पिक, रुचिपूर्ण, संदिग्ध - जिसके संबंध में किसी प्रकार का अनिश्चय हो।'

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दुश्मन बनाने के लिए लड़ना जरूरी नहीं

दूसरी पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'दुश्मन बनाने के लिए ज़रूरी नहीं लड़ा जाए, आप थोड़े कामयाब हो जाओ तो वो ख़ैरात में मिलेंगें।' इस पोस्ट के साथ उन्होंने अपना एक फोटो भी शेयर किया, जिसमें उनके ब्लैक एंड व्हाइट फोटो पर किसेस देने से बने लिपिस्टिक के निशान दिख रहे हैं।

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एक दिन पहले शेयर किया था आइसोलेशन वार्ड का अनुभव

इससे पहले बिग बी ने अपने ब्लॉग पर आइसोलेशन वार्ड का अनुभव साझा करते हुए बताया था कि मरीज पर इसका बहुत बड़ा मानसिक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने लिखा था कि 'कोविड के इलाज के दौरान हफ्तों तक मरीज को कोई और इंसान देखने को नहीं मिलता। यहां मेडिसिन केयर के लिए नर्स और डॉक्टर्स आते हैं, लेकिन वे पीपीई यूनिट्स में दिखाई देते हैं। आपको कभी पता नहीं चलता कि वे कौन हैं?'

'आप उनकी विशेषता और हाव-भाव कभी नहीं जान पाते, क्योंकि वे सुरक्षा के लिए लिहाज से यूनिट्स में होते हैं। उनकी मौजूदगी रोबोटिक होती है। उन्हें जो निर्देश दिया जाता है, वह करते हैं और चले जाते हैं। चले इसलिए जाते हैं, क्योंकि ज्यादा देर तक रुकने में उन्हें कंटेमिनेशन का डर रहता है।'

बंगलों से हटाए गए कंटेनमेंट जोन के पोस्टर

रविवार को बच्चन परिवार के बंगलों जलसा, जनक और प्रतीक्षा कंटेनमेंट जोन से मुक्त हो गए। बीएमसी की टीम ने जाकर सभी बंगलों के बाहर लगे कंटेनमेंट जोन के पोस्टर हटा दिए। ये पोस्टर अमिताभ और उनके बेटे अभिषेक के नानावटी अस्पताल में भर्ती होने के अगले दिन बंगलों को सैनेटाइज करने के बाद लगाए गए थे।

11 जुलाई को भर्ती हुए थे अमिताभ

77 साल के अमिताभ और उनके 44 वर्षीय बेटे अभिषेक 11 जुलाई से अस्पताल में भर्ती हैं। बिग बी की 46 साल की बहू ऐश्वर्या राय और 8 साल की पोती आराध्या बच्चन भी कोरोना से संक्रमित हैं। दोनों को 17 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल प्रबंधन या बच्चन परिवार की ओर से अब तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है कि वे और कितने दिन अस्पताल में ही रहेंगे।

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Amitabh Bachchan misses father Harivansh Rai Bachchan in the loneliness of COVID-19 ward hospital shared the video and wrote - I use his words to settle my lonely nights

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