सिंगर मधुश्री ने कहा- मैंने भी लंबे समय तक रिजेक्शन और इंडस्ट्री पॉलिटिक्स को झेला लेकिन डिप्रेशन या ड्रग्‍स की लत में नहीं पड़ी, काश सुशांत भी ऐसा कर पाते हिंदी और साउथ फिल्मों की मशहूर सिंगर मधुश्री का कहना है कि फिल्म इंडस्ट्री में आने वाले आउटसाइडर्स को रिजेक्शन या पॉलिटिक्स से परेशान होकर डिप्रेशन में नहीं जाना चाहिए। उनके मुताबिक ऐसी कठिनाइयों का सामना बहुत से लोगों को करना पड़ता है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि आप आत्मविश्वास ही खो दें। उन्होंने कहा कि काश सुशांत भी इस बात को समझ पाते और जीवन का महत्व समझकर मुश्किलों का सामना अच्छे से करते। भास्कर के साथ खास बातचीत में मधुश्री ने बताया, 'सुशांत सिंह राजपूत की तरह मैं भी आउटसाइडर थी। मुंबई में नब्‍बे के दशक में गायिका बनने आई थी। मैंने भी ढेर सारे रिजेक्‍शंस झेले। तब की इंडस्‍ट्री की पॉलिटिक्‍स और सिंगरों की मोनोपॉली के चलते मुझे काम नहीं मिला। उसके बावजूद मैं झुकी नहीं।' 'सूरीनाम' जाकर संगीत सिखाया उन्होंने बताया, 'जीवनयापन के लिए दक्षिण अमेरिका के छोटे से देश 'सूरीनाम' में जाकर म्‍यूजिक टीचर का भी काम किया। काश सुशांत सिंह राजपूत भी ऐसा कर पाते। जो भी आउटसाइडर हैं, उन सबसे मेरा कहना है कि हिम्‍मत ना हारें। रिजेक्‍शन के चलते डिप्रेशन या ड्रग्‍स में ना पड़ें। जीवन से बढ़कर कुछ नहीं है।' बॉलीवुड में लगातार अनदेखी होती रही आगे उन्होंने कहा, 'मैं एआर रहमान के लिए 32 हिट गाने दे चुकी हूं। साउथ में सैकड़ों गाने हैं। ‘बाहुबली 2’ में ‘कान्‍हा सो जा जरा’ गाने को 220 मिलियन व्‍यूज मिल चुके हैं। उसमें एमएम करीम जैसे कद्दावर संगीतकार का संगीत था। साउथ के हर बड़े संगीतकारों के लिए गाने गा चुकी हूं। उसके बावजूद मुंबई में बेस्‍ड बड़ी म्‍यूजिक कंपनियों और संगीतकारों की तरफ से बुलावा नहीं आया। ऐसा लगातार 20 सालों से होता रहा। मगर मैं टूटी नहीं। हताश नहीं हुई। कभी डिप्रेशन में नहीं गई। मन में सुसाइड के विचार नहीं आने दिए।' अलका नहीं थीं तो मुझे मौका दिया था '20 साल पहले जब मुंबई आई थी तो 400 से ज्‍यादा गीतकार, संगीतकार, प्रोड्यूसर और नामी म्‍यूजिक कंपनियों को अपने म्‍यूजिक ऑडियो कैसेट बतौर ऑडिशन भेजे। फिर भी मौका नहीं मिला। तब केवल कुमार शानू, अलका जी, कविता कृष्‍णमूर्ति और अनुराधा पौडवाल जी से सब गवाते थे।' 'राजेश रोशन जी ने भी ‘मोक्ष’ फिल्‍म में इसलिए गवाया कि अलका याग्निक उस दिन उपलब्ध नहीं थी। तब शंकर-एहसान-लॉय ने जरूर कुछेक मौके दिए। मगर फिर एआर रहमान के पास चेन्‍नई में तपस्‍या की और वहां काम मिल सका। वो मौका भी बड़ी मुश्किल से मिला था।' जब काम मिला तो मेरे खिलाफ भड़काया '20 साल पहले मुंबई प्रवास में राजेश रोशन और शंकर-एहसान-लॉय ने मौके दिए थे तो सबके कान खड़े हो गए थे। मुझे कई कंपोजरों ने कहा था कि तब तत्‍कालीन गायकों ने साउंड रिकॉर्डिस्‍टों के जरिए उन सबके पास मेरे बारे में गलत सूचनाएं वायरल की थीं कि मधुश्री तो साउथ बेस्‍ड है। वो नहीं गा पाएगी। बहरहाल, आज यूट्यूब चैनल और अपनी साउथ की दुनिया से संतुष्‍ट हूं।' मधुश्री ने साथिया, कल हो ना हो, स्वदेस, युवा, किसना, पहेली, रंग दे बसंती, जोधा अकबर और बाहुबली 2 समेत बॉलीवुड की कई फिल्मों के लिए हिट गाने गाए हैं। (जैसा अमित कर्ण को बताया) Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today मधुश्री ने साल 2001 में फिल्म 'मोक्ष' में गाना गाते हुए अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी। https://ift.tt/2GdHXW1

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हिंदी और साउथ फिल्मों की मशहूर सिंगर मधुश्री का कहना है कि फिल्म इंडस्ट्री में आने वाले आउटसाइडर्स को रिजेक्शन या पॉलिटिक्स से परेशान होकर डिप्रेशन में नहीं जाना चाहिए। उनके मुताबिक ऐसी कठिनाइयों का सामना बहुत से लोगों को करना पड़ता है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि आप आत्मविश्वास ही खो दें। उन्होंने कहा कि काश सुशांत भी इस बात को समझ पाते और जीवन का महत्व समझकर मुश्किलों का सामना अच्छे से करते।

भास्कर के साथ खास बातचीत में मधुश्री ने बताया, 'सुशांत सिंह राजपूत की तरह मैं भी आउटसाइडर थी। मुंबई में नब्‍बे के दशक में गायिका बनने आई थी। मैंने भी ढेर सारे रिजेक्‍शंस झेले। तब की इंडस्‍ट्री की पॉलिटिक्‍स और सिंगरों की मोनोपॉली के चलते मुझे काम नहीं मिला। उसके बावजूद मैं झुकी नहीं।'

'सूरीनाम' जाकर संगीत सिखाया

उन्होंने बताया, 'जीवनयापन के लिए दक्षिण अमेरिका के छोटे से देश 'सूरीनाम' में जाकर म्‍यूजिक टीचर का भी काम किया। काश सुशांत सिंह राजपूत भी ऐसा कर पाते। जो भी आउटसाइडर हैं, उन सबसे मेरा कहना है कि हिम्‍मत ना हारें। रिजेक्‍शन के चलते डिप्रेशन या ड्रग्‍स में ना पड़ें। जीवन से बढ़कर कुछ नहीं है।'

बॉलीवुड में लगातार अनदेखी होती रही

आगे उन्होंने कहा, 'मैं एआर रहमान के लिए 32 हिट गाने दे चुकी हूं। साउथ में सैकड़ों गाने हैं। ‘बाहुबली 2’ में ‘कान्‍हा सो जा जरा’ गाने को 220 मिलियन व्‍यूज मिल चुके हैं। उसमें एमएम करीम जैसे कद्दावर संगीतकार का संगीत था। साउथ के हर बड़े संगीतकारों के लिए गाने गा चुकी हूं। उसके बावजूद मुंबई में बेस्‍ड बड़ी म्‍यूजिक कंपनियों और संगीतकारों की तरफ से बुलावा नहीं आया। ऐसा लगातार 20 सालों से होता रहा। मगर मैं टूटी नहीं। हताश नहीं हुई। कभी डिप्रेशन में नहीं गई। मन में सुसाइड के विचार नहीं आने दिए।'

अलका नहीं थीं तो मुझे मौका दिया था

'20 साल पहले जब मुंबई आई थी तो 400 से ज्‍यादा गीतकार, संगीतकार, प्रोड्यूसर और नामी म्‍यूजिक कंपनियों को अपने म्‍यूजिक ऑडियो कैसेट बतौर ऑडिशन भेजे। फिर भी मौका नहीं मिला। तब केवल कुमार शानू, अलका जी, कविता कृष्‍णमूर्ति और अनुराधा पौडवाल जी से सब गवाते थे।'
'राजेश रोशन जी ने भी ‘मोक्ष’ फिल्‍म में इसलिए गवाया कि अलका याग्निक उस दिन उपलब्ध नहीं थी। तब शंकर-एहसान-लॉय ने जरूर कुछेक मौके दिए। मगर फिर एआर रहमान के पास चेन्‍नई में तपस्‍या की और वहां काम मिल सका। वो मौका भी बड़ी मुश्किल से मिला था।'

जब काम मिला तो मेरे खिलाफ भड़काया

'20 साल पहले मुंबई प्रवास में राजेश रोशन और शंकर-एहसान-लॉय ने मौके दिए थे तो सबके कान खड़े हो गए थे। मुझे कई कंपोजरों ने कहा था कि तब तत्‍कालीन गायकों ने साउंड रिकॉर्डिस्‍टों के जरिए उन सबके पास मेरे बारे में गलत सूचनाएं वायरल की थीं कि मधुश्री तो साउथ बेस्‍ड है। वो नहीं गा पाएगी। बहरहाल, आज यूट्यूब चैनल और अपनी साउथ की दुनिया से संतुष्‍ट हूं।'

मधुश्री ने साथिया, कल हो ना हो, स्वदेस, युवा, किसना, पहेली, रंग दे बसंती, जोधा अकबर और बाहुबली 2 समेत बॉलीवुड की कई फिल्मों के लिए हिट गाने गाए हैं।

(जैसा अमित कर्ण को बताया)



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मधुश्री ने साल 2001 में फिल्म 'मोक्ष' में गाना गाते हुए अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी।


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