फिल्मी सेट्स पर कलाकारों के साथ सरोज खान की थी बेहद अच्छी बॉन्डिंग, देखें अनसीन फोटोज

बॉलीवुड की दिग्गज कोरियोग्राफर सरोज खान अब हमारे बीच नहीं हैं। गुरुवार की रात दिल का दौरा पड़ने से मुंबई में उनका निधन हो गया। वे 71 साल की थीं और पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं। सरोज के परिवार में उनके पति बी. सोहनलाल, बेटा हामिद खान, दो बेटियां हिना और सुकन्या हैं। 40 साल से ज्यादा समय के अपने करियर में उन्होंने दो हजार से ज्यादा गानों और सैकड़ों स्टार्स को कोरियोग्राफ किया। श्रीदेवी, माधुरी दीक्षित, मीनाक्षी शेषाद्री, ऐश्वर्या राय समेत कई एक्ट्रेसेस उनके निर्देशन में थिरकती नजर आईं और इन स्टार्स की सफलता का बड़ा क्रेडिट सरोज खान को भी जाता है। बॉलीवुड स्टार्स उन्हें प्यार से मास्टरजी कहकर बुलाते थे।

सरोज खान का जन्म 22 नवंबर 1948 को किशनचंद संधू सिंह और नोनी संधू सिंह के घर पर हुआ था। उनका असली नाम निर्मला था, उनके जन्म के बाद उनका परिवार पाकिस्तान से भारत आ गया था।

सरोज खान ने तीन साल की उम्र में फिल्म 'नजराना' में बाल कलाकार के रूप में काम शुरू किया था। इस फिल्म में वे श्यामा के रूप में नजर आई थीं।

जब सरोज 13 साल की हुईं तो प्रसिद्ध शास्त्रीय नर्तक और कोरियोग्राफरसोहनलाल की असिस्टेंट बन गईं। जिनके साथ रहकर सरोज ने अपनी कला को और निखारा।

सोहनलाल के साथ काम करते हुए सरोज उन्हें दिल दे बैठीं, और फिर दोनों ने शादी कर ली। उस वक्त सरोज की उम्र सिर्फ 13 साल थी, जबकिसोहनलाल 41 साल के थे और पहले से शादीशुदा होने के साथ ही 4 बच्चों के पिता भी थे। इसके सालभर बाद ही सरोज मां भी बन गईं।

50 के दशक में सरोज ने बैकग्राउंड डांसर के रूप में नई पारी की शुरुआत की।

उधर पति से हुए विवाद के बाद1965 में वे उनसे अलग हो गईं, हालांकिपति को आए हार्ट अटैक के बाद ये दोनों फिर एक हो गए।

सोहनलाल कुछ वक्त बाद सरोज और उनके दो बच्चों को छोड़कर मद्रास (चेन्नई) चले गए थे, जिसके बाद उन्होंने सरदार रोशन खान से शादी कर ली थी।एक इंटरव्यू में सरोज ने बताया था कि उन्होंने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म कुबूल किया था।

कुछ सालों तक बतौर बैकग्राउंड डांसर काम करने के बाद सरोजअसिस्टेंट डायरेक्टर बनीं और 1974 में आई फिल्म 'गीता मेरा नाम' से उन्हें बतौर स्वतंत्र कोरियोग्राफर पहला ब्रेक मिला था। उस फिल्म में हेमामालिनी लीड रोल में थीं।

अपने करियर में उन्होंने करीब 2 हजार से ज्यादा गानों को कोरियोग्राफ किया, जिसके चलते कोरियोग्राफी के मामले में उन्हें 'मदर ऑफ डांस' भी कहा जाता है।

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Photo gallery of Saroj Khan unseen photos of Mother of Dance with Bollywood stars

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जितेंद्र की लंबी उम्र की दुआ मांग कर चली गईं सरोज खान, आखिरी बातचीत में सुनाए थे उनसे जुडे़ यादगार किस्से

बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान इस दुनिया को अलविदा कह चली हैं। निधन से पहले उनसे आखिरी बार भास्कर की बातचीत 6 अप्रैल को हुई थी। बात करने का उद्देश्य 7 अप्रैल को आने वाला जितेंद्र का बर्थडे था। सरोज खान ने जितेंद्र के तमाम गाने कोरियोग्राफ किए हैं। उन्होंने जितेंद्र के जन्मदिन पर भर मुंह आशीर्वाद दिया था। कुछ इस तरह जैसे मांं अपने बेटे को जन्मदिन पर आशीर्वाद देती हो। इंडस्ट्री में पैर जमाने से लेकर जितेंद्र की फेवरेट बनने के बारे में उन्होंने कई दिलचस्प किस्से सुनाए।

पहले सेलेब स्टूडेंट थे जितेंद्र

मैं जब इंडस्ट्री में नई-नई आई थी, तब लोग मुझ पर भरोसा नहीं करते थे कि मैं डांस डायरेक्टर बन सकती हूं। तभी जितेंद्र का फेवरेट था- कमल मास्टर, जो कि मेरा ही स्टूडेंट था और उसने मुझसे ही 5 साल सीखा था। लेकिन लोगों को यह बात मालूम नहीं थी। मेरे मास्टर बी. सोहनलाल साहू के पास कमल मास्टर सीखने आए थे लेकिन वह लड़कों को नहीं सिखाते थे, क्योंकि वह लड़कों से धोखा खा चुके थे।

तब सोहनलाल साहू कि मैं असिस्टेंट थी। उन्होंने मुझसे कहा कि कमल को तुम सिखाओ। फिर तो 5 साल तक मेरे हाथ के नीचे सीखा और बाद में हम दोनों पार्टनर्स बन गए। टाइटल में एक ही नाम आता था- कमल का। लेकिन कंपोज मैं करती थी और पिक्चराइज वह करने जाता था।

पहली कामयाबी का नहीं मिला क्रेडिट

एक पिक्चर जो वालिया मूवीटोन बना रहे थे- जिसमें तनुजा और संजीव कुमार थे। उसका गाना बहुत हिट हो गया। फिर तो लोग नेचुरली पूछने लगे कि यह गाना किसने किया। कमल मास्टर ने कहा कि मैंने किया। उन्होंने यह नहीं कहा कि मैं और सरोज, दोनों ने मिलकर किया। फिर तो उसका नाम हो गया और वह आगे निकल गया। बड़ी-बड़ी पिक्चरें करने लगा। जीतेंद्र का फेवरेट बन गया।

उसी दौरान जितेंद्र का एक गाना था, जिसके लिए कमल नहीं मिल रहा था। उन्होंने एक मास्टर को बुलाया उनके साथ एक दिन पिक्चराइज किया। लेकिन बात नहीं बनी तो उनको निकाल दिया। दूसरे दिन एक और मास्टर बसंत नेपाली को पिक्चराइज करने के लिए बुलाया और उनको भी एक ही दिन में निकाल दिया। तीसरे दिन मुझको बुलाया गया। तब मैं सेट पर लड़के लड़कियों के साथ बस में गई। जब लोकेशन पर पहुंची, तब मैंने कहा कि पहले जितेंद्र से पूछ लीजिए कि वे मुझे वापस तो नहीं भेजेंगे। अगर नहीं भेजेंगे तो गाना पिक्चराइज करूं वरना नहीं करूं। जीतू खुद आकर बोले कि नहीं मास्टर मैं आपका ही गाना रखूंगा। फिर मैंने वह गाना उन्हें करके दिया।

16 साल में किया था पहला गाना कोरियोग्राफ

जितेंद्र को मेरा काम बहुत पसंद आया। फिर तो उनके साथ काम का सिलसिला ऐसा चला कि हमने बहुत सारी पिक्चरें साथ में किया। उस पिक्चर का नाम तो याद नहीं है। तब मैं 16-17 साल की थी। क्योंकि मैं 14 साल में डांस डायरेक्टर बन गई थी। उनके साथ ज्यादातर मद्रास की पिक्चरें की, जिसमें उनके साथ श्रीदेवी फिल्म में हो, जयाप्रदा के साथ हो या रेखा और जितेंद्र की फिल्म हो।

सीखने के मामले में जीतेंद्र बहुत स्मार्ट हैंः सरोज खान

मैं सच बोलूं तो आज सेट पर के इतने सारे किस्से याद नहीं हैं। लेकिन आज भी वही मेरी बहुत रिस्पेक्ट करते हैं। कभी-कभार कोई गाना हो या टेलीविजन पर कुछ हो, तब मुझे बुलाते जरूर हैं। हां, इतना कहना चाहूंगी कि सीखने के मामले में जीतेंद्र बहुत स्मार्ट हैं। बहरहाल कल उनका बर्थडे है। मैं उन्हें दिल से दुआ देती हूं कि अल्लाह उनकी लंबी उम्र करें, खुशी दे, सेफ्टी दे, जो आज बीमारियां चल रही है, उनसे बचा कर रखें।

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Saroj Khan went away praying for Jitendra's long life, the memorable stories related to him were told in the last conversation

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सरोज खान को लगता था माधुरी नहीं कर पाएंगी '1,2,3...' गाने पर डांस, एक्ट्रेस ने गलत साबित कर दी थी उनकी बात

माधुरी दीक्षित का नाम अगर लिया जाए और अगर उनके गानों की बात हो तो शायद आपके जहन में भी सबसे पहले 1988 में आई तेजाब फिल्म का गाना '1,2,3...'ही आएगा। इस गाने की कोरियोग्राफर सरोज खान थीं जो अब हमारे बीच नहीं हैं। माधुरी के करियर में सरोज जी का महत्वपूर्ण स्थान रहा। दोनों ने एक-दूसरे के साथ कई हिट गानों पर काम किया लेकिन क्या आप जानते हैं कि सरोज जी को शुरुआत में ये लगा था कि माधुरी '1,2,3...'गाने पर अच्छा डांस नहीं कर पाएंगी लेकिन माधुरी ने उन्हें गलत साबित कर दिया था। एक इंटरव्यू में माधुरी ने इस बारे में खुलकर बातचीत की थी।

माधुरी ने सरोज जी को गलत साबित किया: बीबीसी एशियन नेटवर्क से एक खास बातचीत के दौरान माधुरी ने कहा था, '1,2,3...' की कोरियोग्राफर सरोज खान के साथ मैंने 'उत्तर-दक्षिण' और 'राम लखन' में काम किया था। सरोज जी को पता था कि भारतीय पारंपरिक डांस मैं अच्छा कर लेती हूं लेकिन वो कहती थींकि ये लड़की वेस्टर्न डांस नहीं कर सकती।''

'1,2,3...' गाने ने माधुरी को बुलंदियों पर पहुंचा दिया था।

तो फिर '1,2,3...' गाने में वेस्टर्न स्टाइल का बेहतरीन डांस कर कैसे गलत साबित किया माधुरी ने सरोज खान को?

इस सवाल का जवाब देते हुए माधुरी ने कहा था, ‘गाने की शूटिंग से पहले हमने कई बार रिहर्सल की। यही वक्त था जब मैंने सीखा कि 'बॉलीवुड डांसिंग स्टाइल' क्या होता है। मुझे लगता है मैंने '1,2,3...' गाने में बढ़िया काम किया। लेकिन ये सरोज जी के बगैर संभव नहीं था।’

आखिरी फिल्म माधुरी के साथ:सरोज खान ने आखिरी गाना पिछले साल करण जौहर की फिल्म 'कलंक' के लिए कोरियोग्राफ किया था। इसके बोल थे ‘तबाह हो गए..’। इस गाने में भी उनकी फेवरेट माधुरीनजर आईं थीं।

कलंक के सेट पर सरोज खान और माधुरी।

माधुरी ने जताया शोक: सरोज जी के निधन से माधुरी बेहद दुखी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर उनके साथ कुछ फोटो शेयर कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, 'मैं बेहद दुखी हूं और आज शब्द कम पड़ रहे हैं। सरोज जी मेरी जर्नी में शुरुआत से मेरे साथ थीं। उन्होंने मुझे सिर्फ डांस ही नहीं, बल्कि काफी कुछ सिखाया। मेरे मन में उनसे जुड़ी यादें घूम रही हैं। मैं उनकेपरिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं।

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Saroj Khan felt that Madhuri Dixit would not be able to dance to the song '1,2,3 ...', the actress proved her wrong

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नस्लभेद: वेस्टइंडीज के बाद अब इंग्लैंड टीम भी टेस्ट सीरीज में 'ब्लैक लाइव्स मैटर' लोगो वाली टी-शर्ट पहनेगी, ICC ने दी मंजूरी
सुशांत सिंह राजपूत के लिए थी सरोज खान की आखिरी इंस्टाग्राम पोस्ट, मौत पर दुख जताते हुए लिखा था इमोशनल मैसेज

बॉलीवुड की दिग्गज कोरियोग्राफर सरोज खान का गुरुवार की रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 71 साल की थीं। उन्होंने अपनी आखिरी इंस्टाग्राम पोस्ट 14 जून को सुशांत सिंह राजपूत के निधन के वक्त की थी। जिसमें उन्होंने युवा अभिनेता की असमय मौत पर दुख जताया था।

सुशांत के लिए लिखी पोस्ट में सरोज ने लिखा था, 'सुशांत सिंह राजपूत मैंने कभी आपके साथ काम तो नहीं किया था, लेकिन हमारी मुलाकात कई बार हुई थी। आपके जीवन में क्या परेशानी थी? मैं हैरान हूं कि आपने अपने जीवन में इतना कठोर कदम उठा लिया। आप अपने किसी बड़े से बात कर सकते थे, जो आपकी मदद कर देता और फिर हम आपको खुश देख रहे होते।'

आगे उन्होंने लिखा था, 'आपकी आत्मा को शांति मिले और मुझे नहीं पता कि आपके पिता और बहनों पर क्या गुजर रही होगी। इस समय उनके लिए मेरी ओर से संवेदनाएं और शक्ति। मैंने आपको आपकी सभी फिल्मों में प्यार दिया था और हमेशा प्यार करती रहूंगी। आपकी आत्मा को शांति मिले।'

पहली फिल्म थी 'गीता मेरा नाम'

सरोज खान ने तीन साल की उम्र में चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में काम शुरू किया था। इसके बाद 50 के दशक में उन्होंने बैकग्राउंड डांसर के रूप में नई पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे असिस्टेंट डायरेक्टर बनीं और 1974 में आई फिल्म 'गीता मेरा नाम' से उन्हें बतौर स्वतंत्र कोरियोग्राफर पहला ब्रेक मिला था। उस फिल्म में हेमामालिनी लीड रोल में थीं।

आखिरी गाना माधुरी के साथ किया था

अपने करियर में उन्होंने करीब 2 हजार से ज्यादा गानों को कोरियोग्राफ किया, जिसके चलते कोरियोग्राफी के मामले में उन्हें 'मदर ऑफ डांस' भी कहा जाता है। उन्होंने आखिरी बार 2019 की फिल्म 'कलंक' के गाने 'तबाह हो गए...' में माधुरी दीक्षित को कोरियोग्राफ किया था। 15 मई को माधुरी दीक्षित के बर्थडे पर उन्होंने इस पोस्ट के जरिए उन्हें बधाई दी थी।

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24 जून को अस्पताल में भर्ती हुईं थीं

24 जून से ही सरोज की तबीयत खराब थी। उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी। जिसके बाद उन्हें मुंबई के गुरु नानक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद कोरोना टेस्ट कराया गया। जो कि निगेटिव आया था।

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सुशांत सिंह राजपूत को श्रद्धांजलि देते हुए सरोज खान ने लिखा था, 'मैंने आपको आपकी सभी फिल्मों में प्यार दिया था और हमेशा प्यार करती रहूंगी। आपकी आत्मा को शांति मिले।'

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अमिताभ ने लिखा- हाथ जुड़े हैं मन अशांत, अनुपम बोले- आपके सिखाया इंसान शरीर से नहीं, दिल और आत्मा से नाचता है

बॉलीवुड के लिए गुरुवार की रात एक और बुरी खबर लेकर आई जब मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रही थीं। उनके निधन पर फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े तमाम लोगों ने दुख जताया है। महानायक अमिताभ बच्चन ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'प्रार्थनाएं, हाथ जुड़े हैं, मन अशांत'।

अनुपम खेर ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'डान्स की मल्लिका #सरोजखान जी अलविदा। आपने कलाकारों को ही नहीं बल्कि पूरे हिन्दुस्तान को बहुत ख़ूबसूरती से सिखाया कि “इन्सान शरीर से नहीं, दिल और आत्मा से नाचता है”। आपके जाने से नृत्य की एक लय डगमगा जाएगी। मैं पर्सनली ना सिर्फ़ आपको बल्कि आपकी मीठी डांट को भी बहुत मिस करूँगा।'

अमिताभ बच्चन

अनुपम खेर

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अक्षय कुमार

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फराह खान

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सोनू सूद

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मनोज वाजपेयी

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रितेश देशमुख

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मधुर भंडारकर

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तमन्ना भाटिया

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उर्मिला मातोंडकर

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रकुलप्रीत सिंह

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पलक मुछाल

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जैकलीन फर्नांडीस

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नील नितिन मुकेश

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तीन साल की उम्र में बनीं थींचाइल्ड आर्टिस्ट

71 साल कीसरोज खान ने तीन साल की उम्र में चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में काम शुरू किया था। इसके बाद 50 के दशक में उन्होंने बैकग्राउंड डांसर के रूप में नई पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे असिस्टेंट डायरेक्टर बनीं और 1974 में आई फिल्म 'गीता मेरा नाम' से उन्हें बतौर स्वतंत्र कोरियोग्राफर पहला ब्रेक मिला।

अपने करियर में उन्होंने करीब 2 हजार से ज्यादा गानों को कोरियोग्राफ किया, जिसके चलते कोरियोग्राफी के मामले में उन्हें 'मदर ऑफ डांस' भी कहा जाता है। उन्होंने आखिरी बार 2019 की फिल्म 'कलंक' के गाने 'तबाह हो गए...' में माधुरी दीक्षित को कोरियोग्राफ किया था।

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Saroj Khan passes away Bollywood celebs pays tribute, Amitabh Bachchan says- Prayers .. हाथ जुड़े हैं, मन अशांत

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दिल का दौरा पड़ने से 71 साल की उम्र में निधन, सांस लेने में दिक्कत की वजह से कई दिन से अस्पताल में थीं; 3 बार नेशनल अवॉर्ड जीता था

बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का 71 की उम्र मेंगुरुवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वेकई दिन से बीमार थीं। हालांकि, उनका कोरोना टेस्ट निगेटिव आया था।उनका अंतिम संस्कार आज मलाड के मालवनी में किया जाएगा।सरोजके परिवार में उनके पति बी. सोहनलाल, बेटा हामिद खान, दोबेटियां हिना और सुकन्या हैं।

40 साल के करियर मेंसरोज खान ने करीब दोहजार गाने कोरियोग्राफ किए। उन्होंने तीन बार नेशनल अवॉर्ड भी जीता।श्रीदेवी और माधुरी दीक्षित समेत बॉलीवुड की तमाम बड़ी एक्ट्रेस उनके निर्देशन में थिरकती नजर आईं। इसके अलावा साउथ की कई फिल्मों में भी उन्होंने एक्टर्स को डांस स्टेप्स सिखाए।

पहली फिल्म गीता मेरा नाम थी
1974 में आई गीता मेरा नाम पहली फिल्म थी, जिसमें सरोज खान ने कोरियोग्राफ किया था। उस फिल्म में हेमामालिनी लीड रोल में थीं।मिस्टर इंडिया का हवा-हवाई (1987), एक दो तीन (तेजाब) का बेहद हिट रहा। 1988 में आई इस फिल्म से माधुरी दीक्षित छा गईं थीं। 1992 में आई बेटा का गीत धक-धक करने लगा और डोला रे डोला (2002) उनके हिट नंबर हैं।

आखिरी फिल्म माधुरी के साथ
सरोज खान ने आखिरी गाना पिछले साल करण जौहर की फिल्म कलंक के लिए कोरियोग्राफ किया था। इसके बोल थे ‘तबाह हो गए’। इस गाने में भी उनकी फेवरेट एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित नजर आईं थीं।

24 जून को अस्पताल में भर्ती हुईं थीं
24 जून से ही सरोज की तबीयत खराब थी। उन्हें मुंबई के गुरु नानक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी। इसके बाद कोरोना टेस्ट कराया गया। ये निगेटिव रहा।

कोरोना से बचने के लिए शेयर किया था वीडियो
मई में कोरियोग्राफर सरोज खान ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया थे। इसमें वे देशवासियों से कोरोनावॉरियर्स की रिस्पेक्ट करते अपील करते हुए नजर आ रही थीं। सरोज ने इस वीडियो में कहा था- आप क्यों नहीं समझते हैं। बच्चों से जिंदगी मत छीनो। कुछ तो रिस्पेक्ट दिखाओ। भगवान के वास्ते, अल्लाह के वास्ते अपनी देखभाल करो। घर पर रहो।

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सरोज खान ने कुछ दिन पहले इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर कोरोना से बचने का मैसेज दिया था।

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स्वरा भास्कर बोलीं- मैं उन्हीं किरदारों को निभाती हूं जो शायद कोई और ना करना चाहे, सुशांत मामले में कहा- हमने उन्हें दो बार मारा है

एक्ट्रेस स्वरा भास्कर हाल ही में अमेजन प्राइम पर स्ट्रीम हुई वेब सीरीज 'रसभरी' में नजर आईं हैं और इसे लेकर सुर्खियां बटोर रही हैं। हाल ही में दैनिक भास्कर के साथ बातचीत में उन्होंने इस वेब सीरीज में अपने रोल, सुशांत आत्महत्या मामले और नेपोटिज्म जैसे कई विषयों पर खुलकर बात की। साथ ही अपने किरदार से जुड़े कुछ रोचक किस्से भी साझा किए।

'रसभरी' में निभाए अपने दो किरदारों के बारे में बताते हुए स्वरा ने कहा, 'इस वेब सीरीज मैंने दो किरदार निभाए हैं जहां एक किरदार इंग्लिश स्कूल टीचर का है, वहीं दूसरा एक ऐसी आउट ऑफ कंट्रोल महिला का है, जिसका नाम 'रसभरी' है और जिसे खुद भी नहीं पता कि वह क्या और क्यों करती है।'

'इन दोनों किरदारों में जो स्विच था वह बहुत ही इंटरेस्टिंग था। जहां एक तरफ शानू सीधी-साधी दिखाई दी, वहीं दूसरी तरफ 'रसभरी' के किरदार को ऐसे निभाना था जो वल्गर ना लगे। साथ ही इस सीरीज में एक टीचर और एक स्टूडेंट के उस पवित्र रिश्ते को भी दिखाया गया है जहां रिस्पेक्ट है, केयर है और अंडरस्टैंडिंग है।'

सवाल- कई बार जवाब आप कुछ ऐसे रोल निभाती हैं जिसके लिए आपको सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जाता है?

स्वरा- 'मुझे लगता है कि मैं उन्हीं किरदारों को निभाती हूं जो शायद और कोई ना करना चाहे। 'रसभरी' नाम का जो मेरा किरदार है, वो एक तो बहुत बेबाक है और दूसरा जो हमारे समाज हमारे देश की मानसिकता है उससे काफी हटकर है। मुझे हमेशा से पता था कि इस किरदार को करने के बाद मुझे सोशल मीडिया पर बहुत ट्रोल किया जाएगा।'

'मेरी फिल्म 'वीरे दी वेडिंग' के समय भी मेरे एक सीन को लेकर सोशल मीडिया पर काफी बवाल मचा था। इस सीरीज के डायरेक्टर ने इस बात का ख्याल रखा कि स्क्रिप्ट इस तरह से हो कि यह पूरी कहानी दर्शकों को वल्गर ना लगे।'

सवाल- सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर क्या कहना चाहेंगीं?

स्वरा- 'सबसे पहले तो मैं यह कहना चाहूंगी कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत बेहद ही दुखद है। मुझे लगता है कि एक कलाकार होने के नाते सुशांत को एक बहुत लंबा सफर तय करना था क्योंकि वे बहुत प्रतिभावान थे। बहुत दुख होता है जब एक ऐसा व्यक्ति जो हर पैमाने पर सक्सेसफुल है इतनी जल्दी गुजर जाए।'

'मुझे बहुत धक्का लगा सुशांत सिंह की मौत की खबर सुनकर क्योंकि मैं उनकी कहानी से बहुत रिलेट कर सकती हूं। मैं भी एक आउटसाइडर हूं, अकेली रहती हूं। लेकिन उनकी मौत से दरअसल इस चकाचौंध वाली दुनिया से पर्दा हट गया है।'

'आप चाहे बहुत सक्सेसफुल हों, 200 करोड़ की फिल्म करके बैठे हों, आपने पैसे भी बना लिए हों, आप लोगों के आइडल भी हो और अपना मुकाम बना चुके हों। बाहरी रूप से देखा जाए तो आप सफलता की टेक्स्ट बुक हैं लेकिन फिर भी डिप्रेशन एक ऐसी बीमारी है जो किसी को भी पकड़ सकती है।'

'मुझे लगता है कि सुशांत ने एक पर्दाफाश किया है हमारे समाज का और हमारी मानसिकता का, क्योंकि हमें पता ही नहीं है कि हमारे दिल की गहराइयों में कैसी और क्या बातें छुपी हुई हैं। जिसे हम कभी टटोल कर नहीं देखते और जिसके बारे में कभी बात भी नहीं की जाती। लेकिन डिप्रेशन किसी को भी हो सकता है, क्योंकि डिप्रेशन पैसा देखकर नहीं आता, आपका ओहदा देखकर नहीं आता।'

'मैं बस यही कहना चाहूंगी कि सुशांत सिंह राजपूत को हमने दो बार मारा है। जिस तरीके से उनकी मौत के बाद लोगों ने अपने पर्सनल एजेंडा निकाले और तू-तू मैं-मैं शुरू कर दी, यह वक्त नहीं था यह सब करने का। मेरे ख्याल से यह वक्त था सुशांत को याद करने का, सुशांत को सेलिब्रेट करने का और हमने इस शोरगुल में वो मौका खो दिया है।'

'बहुत ही इनसेंसेटिव तरीके से इस मैटर को हैंडल किया गया है और सब उनकी मौत पर अपनी रोटियां सेंक रहे हैं। हमने सुशांत की मौत में भी उनको अकेला नहीं छोड़ा।'

सवाल- सुशांत की मौत के बाद करण जौहर को बहुत ट्रोल किया जा रहा है। आप भी एक आउटसाइडर रही हैं, आप इस पर क्या कहना चाहेंगी?

स्वरा- 'बॉलीवुड में मुझसे बड़ा आउटसाइडर नहीं है क्योंकि मैंने वो हरकतें की हैं जो कोई स्टार नहीं करता। कभी पॉलिटिक्स के बारे में बोल दिया, कभी सामाजिक मुद्दों के बारे में बोल दिया, पंगे ले लिए यहां-वहां, हम सभी जानते हैं कि इंडस्ट्री में नेपोटिज्म एग्जिस्ट करता है। जिस किस्म का लॉन्च आलिया भट्ट, सोनाक्षी सिन्हा और सोनम कपूर को मिला है, उस किस्म का लॉन्च मुझे नहीं मिला।'

'जिस मुकाम पर वे लोग 1 साल में पहुंच जाते हैं, वहां पहुंचने में मुझे 10 साल लगते हैं, लेकिन इसका यह मतलब तो नहीं है कि करण जौहर, आलिया भट्ट या सोनम कपूर, सुशांत सिंह राजपूत के कातिल हैं? किसी बेवकूफी भरे चैट शो में किसी मजाकिया बात को सुनकर सुशांत ने अपनी जान ले ली। यह सब सरासर बकवास है। ना आप डिप्रेशन को समझ पा रहे हैं, ना आप सुशांत के दुख की गंभीरता को समझ पा रहे हैं।'

'बॉलीवुड चाहे लाख बुरी हो लेकिन इस इंडस्ट्री की ये खासियत है कि टैलेंट छुपता नहीं है यहां और इसका सबसे बड़ा प्रमाण है अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण, प्रियंका चोपड़ा, इरफान खान, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, राजकुमार राव, ऋचा चड्ढा, हुमा कुरैशी और मैं, हम सभी आउटसाइडर हैं लेकिन सबने इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई है।'

'मुझे लगता है कि आखिर में जनता ही तो स्टार किड्स को बढ़ावा देती है। धड़क, स्टूडेंट ऑफ द ईयर और हीरोपंती जैसी फिल्मों को देखने दर्शक थिएटर में पहुंचते हैं, लेकिन हमारी फिल्में घर पर डाउनलोड करके देखी जाती हैं। राजकुमार राव की फिल्म ट्रैप, ऋचा चड्डा कि 'आर्टिकल 375' इन फिल्मों को देखने के लिए लोग सिनेमाघरों में क्यों नहीं आते?

सवाल- जब कभी आपकी फिल्म फ्लॉप होती है या आप बहुत लो फील करती हैं तो अपने आप को उस माहौल से उबारने के लिए क्या करती हैं?

स्वरा- 'मैं बस यही कहना चाहूंगी कि चकाचौंध की दुनिया कितनी खोखली है यह तो हमें सुशांत की मौत के बाद पता चल ही गया है और उनकी मौत के बाद ये भी साबित हुआ है कि कामयाबी, पैसा, शोहरत, 200 करोड़ की फिल्में, टॉप प्रोड्यूसर के साथ काम और खुशी का कोई लेना-देना नहीं है।'

'मैं बॉलीवुड को दुनिया का एक बहुत छोटा हिस्सा मानती हूं और उसके अलावा भी मेरी जिंदगी में कई सारे पहलू और कई सारे काम हैं, जो मुझे करने हैं। इसीलिए मैं दोनों चीजों को बैलेंस करने की कोशिश करती हूं। मेरा परिवार और मेरे दोस्त, मेरी जिंदगी में हमेशा रहते हैं और किसी तरह की कोई नेगेटिविटी मेरे आस-पास आने नहीं देते।'

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Swara Bhaskar said - I play the same characters that no one else wants to do, in the Sushant case - we have killed them twice

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