फिल्मी सेट्स पर कलाकारों के साथ सरोज खान की थी बेहद अच्छी बॉन्डिंग, देखें अनसीन फोटोज बॉलीवुड की दिग्गज कोरियोग्राफर सरोज खान अब हमारे बीच नहीं हैं। गुरुवार की रात दिल का दौरा पड़ने से मुंबई में उनका निधन हो गया। वे 71 साल की थीं और पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं। सरोज के परिवार में उनके पति बी. सोहनलाल, बेटा हामिद खान, दो बेटियां हिना और सुकन्या हैं। 40 साल से ज्यादा समय के अपने करियर में उन्होंने दो हजार से ज्यादा गानों और सैकड़ों स्टार्स को कोरियोग्राफ किया। श्रीदेवी, माधुरी दीक्षित, मीनाक्षी शेषाद्री, ऐश्वर्या राय समेत कई एक्ट्रेसेस उनके निर्देशन में थिरकती नजर आईं और इन स्टार्स की सफलता का बड़ा क्रेडिट सरोज खान को भी जाता है। बॉलीवुड स्टार्स उन्हें प्यार से मास्टरजी कहकर बुलाते थे। सरोज खान का जन्म 22 नवंबर 1948 को किशनचंद संधू सिंह और नोनी संधू सिंह के घर पर हुआ था। उनका असली नाम निर्मला था, उनके जन्म के बाद उनका परिवार पाकिस्तान से भारत आ गया था। सरोज खान ने तीन साल की उम्र में फिल्म 'नजराना' में बाल कलाकार के रूप में काम शुरू किया था। इस फिल्म में वे श्यामा के रूप में नजर आई थीं। जब सरोज 13 साल की हुईं तो प्रसिद्ध शास्त्रीय नर्तक और कोरियोग्राफरसोहनलाल की असिस्टेंट बन गईं। जिनके साथ रहकर सरोज ने अपनी कला को और निखारा। सोहनलाल के साथ काम करते हुए सरोज उन्हें दिल दे बैठीं, और फिर दोनों ने शादी कर ली। उस वक्त सरोज की उम्र सिर्फ 13 साल थी, जबकिसोहनलाल 41 साल के थे और पहले से शादीशुदा होने के साथ ही 4 बच्चों के पिता भी थे। इसके सालभर बाद ही सरोज मां भी बन गईं। 50 के दशक में सरोज ने बैकग्राउंड डांसर के रूप में नई पारी की शुरुआत की। उधर पति से हुए विवाद के बाद1965 में वे उनसे अलग हो गईं, हालांकिपति को आए हार्ट अटैक के बाद ये दोनों फिर एक हो गए। सोहनलाल कुछ वक्त बाद सरोज और उनके दो बच्चों को छोड़कर मद्रास (चेन्नई) चले गए थे, जिसके बाद उन्होंने सरदार रोशन खान से शादी कर ली थी।एक इंटरव्यू में सरोज ने बताया था कि उन्होंने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म कुबूल किया था। कुछ सालों तक बतौर बैकग्राउंड डांसर काम करने के बाद सरोजअसिस्टेंट डायरेक्टर बनीं और 1974 में आई फिल्म 'गीता मेरा नाम' से उन्हें बतौर स्वतंत्र कोरियोग्राफर पहला ब्रेक मिला था। उस फिल्म में हेमामालिनी लीड रोल में थीं। अपने करियर में उन्होंने करीब 2 हजार से ज्यादा गानों को कोरियोग्राफ किया, जिसके चलते कोरियोग्राफी के मामले में उन्हें 'मदर ऑफ डांस' भी कहा जाता है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Photo gallery of Saroj Khan unseen photos of Mother of Dance with Bollywood stars https://ift.tt/31RR7QT

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बॉलीवुड की दिग्गज कोरियोग्राफर सरोज खान अब हमारे बीच नहीं हैं। गुरुवार की रात दिल का दौरा पड़ने से मुंबई में उनका निधन हो गया। वे 71 साल की थीं और पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं। सरोज के परिवार में उनके पति बी. सोहनलाल, बेटा हामिद खान, दो बेटियां हिना और सुकन्या हैं। 40 साल से ज्यादा समय के अपने करियर में उन्होंने दो हजार से ज्यादा गानों और सैकड़ों स्टार्स को कोरियोग्राफ किया। श्रीदेवी, माधुरी दीक्षित, मीनाक्षी शेषाद्री, ऐश्वर्या राय समेत कई एक्ट्रेसेस उनके निर्देशन में थिरकती नजर आईं और इन स्टार्स की सफलता का बड़ा क्रेडिट सरोज खान को भी जाता है। बॉलीवुड स्टार्स उन्हें प्यार से मास्टरजी कहकर बुलाते थे।


सरोज खान का जन्म 22 नवंबर 1948 को किशनचंद संधू सिंह और नोनी संधू सिंह के घर पर हुआ था। उनका असली नाम निर्मला था, उनके जन्म के बाद उनका परिवार पाकिस्तान से भारत आ गया था।

सरोज खान ने तीन साल की उम्र में फिल्म 'नजराना' में बाल कलाकार के रूप में काम शुरू किया था। इस फिल्म में वे श्यामा के रूप में नजर आई थीं।

जब सरोज 13 साल की हुईं तो प्रसिद्ध शास्त्रीय नर्तक और कोरियोग्राफरसोहनलाल की असिस्टेंट बन गईं। जिनके साथ रहकर सरोज ने अपनी कला को और निखारा।

सोहनलाल के साथ काम करते हुए सरोज उन्हें दिल दे बैठीं, और फिर दोनों ने शादी कर ली। उस वक्त सरोज की उम्र सिर्फ 13 साल थी, जबकिसोहनलाल 41 साल के थे और पहले से शादीशुदा होने के साथ ही 4 बच्चों के पिता भी थे। इसके सालभर बाद ही सरोज मां भी बन गईं।

50 के दशक में सरोज ने बैकग्राउंड डांसर के रूप में नई पारी की शुरुआत की।

उधर पति से हुए विवाद के बाद1965 में वे उनसे अलग हो गईं, हालांकिपति को आए हार्ट अटैक के बाद ये दोनों फिर एक हो गए।

सोहनलाल कुछ वक्त बाद सरोज और उनके दो बच्चों को छोड़कर मद्रास (चेन्नई) चले गए थे, जिसके बाद उन्होंने सरदार रोशन खान से शादी कर ली थी।एक इंटरव्यू में सरोज ने बताया था कि उन्होंने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म कुबूल किया था।

कुछ सालों तक बतौर बैकग्राउंड डांसर काम करने के बाद सरोजअसिस्टेंट डायरेक्टर बनीं और 1974 में आई फिल्म 'गीता मेरा नाम' से उन्हें बतौर स्वतंत्र कोरियोग्राफर पहला ब्रेक मिला था। उस फिल्म में हेमामालिनी लीड रोल में थीं।

अपने करियर में उन्होंने करीब 2 हजार से ज्यादा गानों को कोरियोग्राफ किया, जिसके चलते कोरियोग्राफी के मामले में उन्हें 'मदर ऑफ डांस' भी कहा जाता है।



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