25 साल के फिल्मी करियर में जब नहीं मिली सफलता तो निराश हो गए थे बॉबी, बोले-'मुझे खुद पर दया आती थी, शराब के नशे में डूब गया था'

बॉबी देओल क्लास ऑफ़ 83 के जरिए ओटीटी प्लेटफॉर्म पर डेब्यू करने जा रहे हैं। यह वेबसीरीज 21 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम होनी शुरू हो जाएगी। बॉबी बॉलीवुड के उन एक्टर्स में से हैं जिन्हें उनकी प्रतिभा के मुताबिक काम नहीं मिला। ऐसे में ओटीटी प्लेटफॉर्म उनके करियर में नई जान फूंक सकता है। ऐसी उम्मीद की जा रही है। बॉबी ने फिल्म इंडस्ट्री में 25 साल गुजार लिए हैं लेकिन इसके बावजूद उन्हें वो मुकाम हासिल नहीं हुआ जैसी उन्हें उम्मीद थी। हाल ही में एक इंटरव्यू में बॉबी ने करियर के इन्हीं उतार-चढ़ावों पर बात की है।

शराब की लगी लत
बॉलीवुड हंगामा को दिए इंटरव्यू में बॉबी ने कहा, 'जब आपको अपने पर दया आती है तो आप अपने आसपास की दुनिया को कोसने लगते हैं। यही मेरे साथ दो-तीन सालों तक हुआ। मुझे खुद पर दया आने लगी थी और मैं सोचने लगा था कि कोई मेरे साथ काम नहीं करना चाहता। इसी वजह से मैं शराब में डूबता गया। फिर एक दिन जब मैंने अपने बच्चों को देखा तो मुझे समझ आया कि मैं गलती कहां कर रहा हूं।'

'उनकी आंखों को देखकर मुझे लगा कि वो सोच रहे थे कि पापा तो दिन भर घर पर ही रहते हैं। यही इमोशन मेरी मां और पत्नी की भी आंखों में दिखे तो मेरे अंदर जैसे कुछ बदला और मुझे लगा कि अब आगे बढ़ना चाहिए। मैं किसी और के भरोसे नहीं रह सकता, मुझे खुद ही अकेले आगे बढ़ना होगा। तब मैंने खुद पर काम करना शुरू किया और फिर पिछले दो-तीन सालों से खूब बिजी हूं।'

'धर्मेंद्र का बेटा होना मेरा सौभाग्य'

बॉलीवुड में इनसाइडर-आउटसाइडर की डिबेट पर बॉबी ने कहा, 'इंडस्ट्री में बैकिंग जैसी कोई चीज नहीं होती। जब काम की बारी आती है तो इसका मतलब ये नहीं कि मेरी फैमिली इंडस्ट्री से तो मुझे उनका सपोर्ट मिलेगा। अगर ऐसा होता तो मैं कई बड़ी फिल्मों में काम कर चुका होता। ये मेरा सौभाग्य है कि मैं धर्मेंद्र का बेटा हूं लेकिन मैंने उनके साथ केवल पहली फिल्म में ही काम किया। इसके बाद मुझे जो भी ऑफर मिले वो मुझे मेरी परफॉरमेंस के दम पर मिले।'

फ्लॉप रहीं कई फिल्में

बॉबी सबसे पहले पिता की फिल्म 'धरम वीर' में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट नजर आए थे। इसके बाद उन्होंने फिल्म 'बरसात' से बतौर हीरो डेब्यू किया। इसके बाद वह 'और प्यार हो गया', 'करीब', 'गुप्त', 'बिच्छू', 'चोर मचाए शोर' जैसी फिल्मों में नजर आए जो कि फ्लॉप रहीं।

इसके बाद बॉबी घोर निराशा में डूब गए क्योंकि उन्हें कई साल खाली बैठना पड़ा। बॉबी को 2018 में आई 'रेस 3' से वापसी का मौका मिला था जिसमें उनके काम को सराहा भी गया था। इसके बाद बॉबी 2019 में आई फिल्म 'हाउसफुल: 4' में भी नजर आए थे।

'क्लास ऑफ 83' के बाद बॉबी एक और वेब सीरीज 'आश्रम' में भी नजर आएंगे। इस सीरीज में वह एक आध्यात्मिक गुरु की भूमिका में दिखेंगे।

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Bobby Deol on career failure: ‘Started pitying myself, turned to alcohol’

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देश की गंगा-जमुनी तहजीब को बेहद सलीके से दिखाती है 'मी रकसम', बाप-बेटी के रिश्ते के इर्द-गिर्द बुनी गई इसकी कहानी

फिल्म: 'मी रकसम'
निर्देशक: बाबा आजमी
रेटिंग: 4/5
स्टार कास्ट: नसीरुद्दीन शाह, अदिति सुबेदी, दानिश हुसैन, श्रद्धा कौल, राकेश चतुर्वेदी ओम, सुदीप्त सिंह, कौस्तुभ शुक्ला
म्यूजिक डायरेक्टर: रिपुल शर्मा
प्लेटफार्म: ZEE5
अवधि: 1.35 घंटा

ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर रिलीज हुई फिल्म 'मी रकसम' सही मायने में भारत की गंगा-जमुनी तहजीब को आईना दिखाती है। इसकी कहानी एक बाप-बेटी के इर्द-गिर्द बुनी गई है। इसमें एक तरफ पिता का संघर्ष दिखाया गया है तो दूसरी तरफ बेटी अपने सपनों को पूरा करना चाहती है। लेकिन उनके इस सफर में बाधाएं ही बाधाएं आती हैं।

कहानी के अनुसार एक मुस्लिम लड़की मरियम (अदिति सुबेदी) अपनी पढ़ाई और जुनून के साथ भरतनाट्यम नृत्य सीखना चाहती है। बेटी का सपना पूरा करने के लिए उसका अब्बू सलीम (दानिश हुसैन) जो कि पेशे से दर्जी है, हरसंभव कोशिश करता है।

पिता देता है बेटी का साथ

सलीम अपनी बेटी का दाखिला भरतनाट्यम नृत्य सिखाने वाली टीचर उमा (सुदीप्त सिंह) की क्लास में करवा देता है। लेकिन ऐसा करने से उसके रूढ़िवादी रिश्तेदार, उसके समुदाय के लोग और बड़े हाशिम सेठ (नसीरुद्दीन शाह) नाराज होकर उसके खिलाफ हो जाते हैं।
दूसरी तरफ भरतनाट्यम अकादमी के मुख्य संरक्षक जयप्रकाश (राकेश चतुर्वेदी ओम) को भी ये बात अखरती है कि एक मुस्लिम लड़की होने के बाद भी मरियम बड़े जुनून के साथ भरतनाट्यम सीख रही है।

फैसले से पीछे नहीं हटता पिता

मरियम के सपने को चकनाचूर करने के लिए दोनों पक्ष अपनी-अपनी तरफ से खूब अड़ंगा लगाते हैं। लेकिन इसके बाद भी मरियम के अब्बू अपने फैसले से बिल्कुल पीछे नहीं हटते हैं। तो क्या इतने दबाव के बाद भी मरियम अपना सपना पूरा कर पाने में सफल हो पाती है या समाज का कहना मान भरतनाट्यम सीखने का सपना छोड़ देती है, यही आगे फिल्म में बताया गया है।

बेहतरीन संगीत, उम्दा अभिनय

फिल्म की कहानी को ऐसे ताने-बाने के साथ बुना गया है कि समाज की रूढ़िवादिता पर कुठाराघात करते हुए गंगा-जमुनी तहजीब की सीख दे जाती है। निर्देशन के क्षेत्र में पहली बार उतरे बाबा आजमी ने एक-एक सीन को बखूबी फिल्माया है। लोकेशन की बात की जाए तो कहानी के मुताबिक सारे सीन एकदम नेचुरल लगते हैं।

फिल्म के संगीत में शास्त्रीय और सूफी का ऐसा बेहतरीन मिश्रण किया गया है, जो नया और हटकर है। म्यूजिक डायरेक्टर रिपुल शर्मा की यह नई कोशिश कानों को पसंद आती है।

अभिनय की बात की जाए तो नवोदित अदाकारा अदिति में भविष्य की स्टार बनने की काबिलियत नजर आती है। वहीं दूसरी तरफ दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के सामने दानिश हुसैन की परफारमेंस बड़ी दमदार लगती है।

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'मी रकसम' का प्रीमियर ओटीटी प्लेटफॉर्म ZEE5 पर 21 अगस्त को हो चुका है।

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शिवसेना को क्यों डर लग रहा है सुशांत केस में सीबीआई जांच से? कहीं महाराष्ट्र में सरकार जाने का डर तो नहीं?

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले ने शिवसेना को परेशानी में डाल दिया है। जिस तरह सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर शिवसेना का रिएक्शन आया, उससे कई सवाल उठ रहे हैं कि सीबीआई की जांच से सब खुश हैं तो महाराष्ट्र की सत्तासीन पार्टी को उसमें क्या दिक्कत हो रही है। खैर, सुशांत की कथित आत्महत्या को लेकर महाराष्ट्र में सियासी घमासान शुरू हो गया है, यह तय है।

कुछ लोग मराठी माणुस यानी मुंबई पुलिस की क्षमता पर सवाल उठाए जाने को शिवसेना की बौखलाहट से जोड़ रहे हैं। जबकि, बात इससे भी बढ़कर है। सुशांत की मौत को लेकर कई तरह की कहानियां सोशल मीडिया में आईं और जो सबसे ज्यादा चर्चित हुई, उसमें उनकी पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की आत्महत्या से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और राज्य के मंत्री आदित्य ठाकरे का गहरा कनेक्शन बताया जा रहा है।

मुंबई में शिवसेना की पॉलिटिक्स को 25 वर्षों से कवर कर रहे वरिष्ठ पत्रकार चंद्रकांत शिंदे का कहना है कि आदित्य ठाकरे का फिल्मी कनेक्शन सबको पता है। यह कोई नई बात नहीं है। वह पहले भी फिल्मी पार्टियों का हिस्सा बनते आए हैं। बॉलीवुड में कई स्टार उनके दोस्त हैं। इससे पहले भी आदित्य का नाम बॉलीवुड की एक एक्ट्रेस के साथ जोड़ा गया था।

यह तो साफ है कि आदित्य का अपना सर्कल है और उसमें फिल्मी सितारे भी हैं। सोशल मीडिया पर चल रही कहानियों में एक पोर्टल इंटरव्यूटाइम्स.नेट पर प्रकाशित कहानी के कुछ तथ्य सच भी साबित हुए हैं। इसमें ही आदित्य ठाकरे के कनेक्शन को मजबूती से स्थापित किया गया है। सुशांत का घर छोड़ने से पहले रिया चक्रवर्ती की महेश भट्ट से हुई बातचीत भी इसी पोर्टल पर सबसे पहले सार्वजनिक हुई थी। अब वायरल पोस्ट इसे सही साबित कर रही हैं।

एक और कहानी यह भी चल रही है कि दिशा सालियान केस से जुड़े कुछ दस्तावेज पुलिस थाने से गुम हो गए हैं। मुंबई पुलिस के बहानों पर किसी को भी यकीन नहीं हो रहा और उंगलियां उस पर ही उठ रही हैं। साफ है कि किसी राजनीतिक दबाव के बिना ऐसा नहीं हुआ होगा।

अब जब जांच सीबीआई के हाथ आ ही गई है तो इस कहानी की सच्चाई भी जल्द ही सामने आएगी, ऐसी उम्मीद है। लेकिन, सवाल है कि महाराष्ट्र की सियासत में क्या हो रहा है? दरअसल, इस मुद्दे पर शिवसेना को सत्ता में सहयोगी पार्टियां एनसीपी और कांग्रेस ने अकेला खड़ा कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर महाराष्ट्र के गौरव की झंडाबरदारी जिस तरह शिवसेना ने की, उतना दमखम कांग्रेस और एनसीपी ने नहीं दिखाया।

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एनसीपी चीफ शरद पवार के पोते और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार तो इस मामले में विपक्ष के साथ खड़े दिखाई दिए। पहले तो उन्होंने सीबीआई जांच की मांग कर दी, फिर जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तो ‘सत्यमेव जयते’ लिखकर ट्वीट भी किया। भाजपा के नेता नारायण राणे और उनके बेटे नितेश राणे ने तो इस मामले में आदित्य ठाकरे पर ही मुंबई पुलिस पर दबाव बनाने के आरोप लगाए। राणे ने जूनियर ठाकरे को लेकर #BabyPenguinresign हैशटेग शुरू किया और देखते-देखते यह ट्विटर पर वायरल हो गया।

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दिव्य मराठी के स्टेट एडिटर संजय आवटे की माने तो कहानी यहां थमने वाली नहीं है। इस मामले में सबसे ज्यादा फायदा भाजपा को ही होने वाला है। मान लो कि सीबीआई को आदित्य ठाकरे की कोई भूमिका नजर न आए, लेकिन यदि उसे पूछताछ के लिए बुला लिया तो शिवसेना की किरकिरी हो जाएगी। तब दो संभावनाएं बनेंगी। पहली, सहयोगी पार्टियां आदित्य और उद्धव पर इस्तीफे के लिए दबाव भी बना सकती हैं। ऐसे में भाजपा को शिवसेना पर दबाव बनाकर साथ आने के लिए मजबूर करने का मौका मिलेगा। दूसरा, एनसीपी शिवसेना का साथ छोड़कर भाजपा के साथ जा सकती है। अजित पवार पहले भी ऐसा कर चुके हैं और आधी रात को देवेंद्र फडणवीस के साथ सरकार भी बना चुके हैं।

जो बात आवटे कह रहे हैं, वह मुंबई के कई पत्रकार कह रहे हैं। कारण यह है कि महाराष्ट्र में सरकार बनने के नौ महीने बाद भी शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार स्थिर नहीं हो सकी है। तीनों में समन्वय बन ही नहीं पा रहा। तभी तो निगम-मंडलों में होने वाली राजनीतिक नियुक्तियां अब भी अधर में हैं। इतना ही नहीं, विधानमंडल में 12 नामांकित विधायकों की नियुक्ति का मामला भी आगे नहीं बढ़ पाया है। सरकार अब तक नाम ही फाइनल नहीं कर पाई है। महत्वपूर्ण बात यह है कि शिवसेना के कई कार्यकर्ता भी अपनी सरकार में खुश नहीं है। लेकिन, बोल कुछ नहीं सकते।

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Sushant Singh Rajput Case CBI Probe | Why Is Shiv Sena Party And Uddhav Thackeray Maharashtra Government Afraid And Scared Of CBI

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अभिनेता ने कहा- सुशांत सिंह राजपूत केस में कंगना की थ्योरी गलत साबित हुई, उन्हें अपना पद्मश्री अवॉर्ड लौटा देना चाहिए

फिल्म अभिनेता आदित्य पंचोली का कहना है कि सुशांत सिंह राजपूत केस में कंगना रनोट की थ्योरी गलत साबित हुई है। इसलिए वादे के मुताबिक उन्हें अपना पद्मश्री अवॉर्ड सरकार को लौटा देना चाहिए। दरअसल, कंगना सुशांत की मौत के बाद से इस मुद्दे पर खुलकर बोल रही। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि सुशांत ने बॉलीवुड में फैले नेपोटिज्म की वजह से आत्महत्या जैसा कदम उठाया। एक्ट्रेस ने यह भी कहा था कि अगर वे अपने दावे साबित नहीं कर पाईं तो अपना पद्मश्री लौटा देंगी।

कंगना ने सभी का समय बर्बाद किया: आदित्य

55 साल के आदित्य पंचोली ने आज तक से बातचीत में कंगना पर तंज कसा और कहा, "उससे कहो कि अपना पद्मश्री लौटा दे, क्योंकि सुशांत सिंह राजपूत मामले में वह गलत साबित हुई है। उनके पिता ने पटना में एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें नेपोटिज्म जैसे किसी एंगल का जिक्र नहीं किया। उन्होंने स्पष्ट तौर पर रिया चक्रवर्ती पर सेक्शन 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) का मामला बनवाया है। इंडस्ट्री के लोगों का नाम लेकर कंगना सभी का समय बर्बाद कर रही थीं।"

'जिस थाली में खाते हैं उसमें छेद नहीं करते'

आदित्य ने कंगना पर निशाना साधते हुए आगे कहा, "जिस थाली में खाते हैं, उसमें छेद नहीं करते। उस औरत के बारे में क्या बोल सकते हैं? उस पर हमारा मानहानि का केस भी चल रहा है। उसे मेरे और मेरे परिवार के बारे में नहीं बोलना चाहिए।" आदित्य के मुताबिक, वे जानना चाहते हैं कि कंगना बॉलीवुड के किस नेपोटिज्म के बारे में बात करती रहती हैं।

तीन साल पहले आदित्य ने मानहानि का केस किया था

आदित्य पंचोली और उनकी पत्नी जरीना वहाब ने तीन साल पहले कंगना के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। आदित्य ने दो केस दर्ज करवाए, जिनमें से एक सिविल और दूसरा क्रिमिनल डेफमेशन का था। एक इंटरव्यू में आदित्य ने कहा था, "मैं गुस्सा नहीं हूं, लेकिन कंगना ने जो किया उससे मैं बहुत दुखी हूं। कंगना और उनकी बहन रंगोली ने मेरी पत्नी और बच्चों को इस मामले में घसीटा है, जो बिल्कुल भी ठीक नहीं है।"

दरअसल, तब रजत शर्मा के शो 'आप की अदालत' में कंगना ने आदित्य पंचोली पर आरोप लगाया था कि जब वो दोनों रिलेशनशिप में थे। तब आदित्य उनके साथ अब्यूजिव लैंग्वेज का इस्तेमाल किया करते थे और उन्होंने उनका शोषण भी किया था।

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आदित्य पंचोली ने तीन साल पहले कंगना रनोट के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था।

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शादीशुदा होते हुए भी परवीन बाबी से रहा एक्स्ट्रा-मेरिटल अफेयर, धर्म बदलकर की दूसरी शादी, बेटी पूजा के साथ सुर्खियों में रहा विवादित फोटोशूट

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद फिल्ममेकर महेश भट्ट लगातार राडार पर हैं। खबरें थीं कि महेश ने ही रिया चक्रवर्ती को सुशांत से रिश्ता तोड़ने की सलाह दी थी। महेश की सलाह पर ही रिया ने 8 जून को सुशांत का घर छोड़ दिया था। घर छोड़ने के बाद रिया ने महेश भट्ट को मैसेज किए थे जिसके स्क्रीनशॉट सामने आ चुके हैं। ऐसे में सुशांत के फैन्स उनकी संदिग्ध मौत के मामले महेश भट्ट पर लगातार सवाल उठा रहे हैं और वह एक बार फिर विवादों में फंस गए हैं।

71 साल के महेश भट्ट डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और स्क्रीन राइटर हैं। उन्होंने हिंदी सिनेमा को कई बेहतरीन फिल्मों से नवाजा है लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि उनकी पर्सनालिटी बेहद विवादित है।

आज हम नजर डालेंगे महेश भट्ट की विवादित लाइफ पर...

20 सितंबर 1948 को मुंबई में जन्मे महेश भट्ट के पिता हिंदू तो मां मुस्लिम थीं। उनकी स्‍कूली पढ़ाई डॉन बोस्‍को हाई स्‍कूल, माटुंगा, मुंबई से हुई थी। स्‍कूल के दौरान ही उन्‍होंने पैसा कमाने के लिए समर जॉब्‍स शुरू कर दी थी। उन्‍होंने प्रोडक्‍ट विज्ञापन भी बनाए।

लोरिएन ब्राइट से की पहली शादी

लोरिएन ब्राइट के साथ महेश भट्ट।

महेश भट्ट खासकर अपनी लव लाइफ को लेकर सुर्खियों में रहे। वह जब 20 साल की उम्र में कॉलेज में पढ़ रहे थे तो लोरिएन नाम की लड़की पर उनका दिल आ गया था। लोरिएन कैथोलिक थीं और मुंबई के अनाथालय में रहकर पढ़ती थीं।

एक इंटरव्यू में महेश भट्ट ने कहा था, ''मैं अनाथालय की दीवार कूदकर उनसे मिलने जाता था, लेकिन एक बार जब हम पकड़े गए तो उन्हें वह जगह छोड़नी पड़ी। मैंने YWCA में उनका एडमिशन करवा दिया ताकि वो टाइपिस्ट बनकर अपने लिए कुछ कर सकें। मैं भी काम करता रहा। मैंने डालडा और लाइफ ब्वॉय के लिए एड बनाए।'

इसके बाद 20 साल की उम्र में लोरिएन और महेश ने 20 साल की उम्र में शादी कर ली। लोरिएन ने अपना नाम बदलकर किरण रख लिया। शादी के बाद लोरिएन ने बेटी पूजा भट्ट को जन्म दिया लेकिन जल्द ही लोरिएन-महेश के रिश्तों में दरार आ गई। दोनों अलग हो गए लेकिन तलाक नहीं लिया।

परवीन बाबी से रहा एक्स्ट्रा-मेरिटल अफेयर

दो साल रिलेशन में रहे महेश-परवीन।

लोरियन से तलाक लिए बिना महेश परवीन बाबी के साथ एक्स्ट्रा-मेरिटल अफेयर में आ गए। परवीन महेश से तब मिलीं जब वह अपने करियर के पीक पर थीं। दोनों लिव इन में साथ रहने लगे। लेकिन इस प्यार भरी कहानी का अंत बेहद दर्दनाक हुआ।

डॉक्टरों के अनुसार, परवीन मानसिक रूप से बीमार थीं और उस बीमारी का इलाज भी संभव नहीं था। महेश ने अमेरिका तक में उनका इलाज करवाया, लेकिन वो ठीक नहीं हुईं। इससे परेशान होकर महेश ने परवीन को छोड़ दिया और पहली पत्नी किरण के पास वापस लौट आए। इस दौरान बेटे राहुल भट्ट का जन्म हुआ।

इसके बाद महेश पर परवीन के स्टारडम का फायदा उठाने और उन्हें इस्तेमाल करने का आरोप तक लगा। इसी दौरान महेश ने फिल्म ‘अर्थ’ लिखनी शुरू की थी, जो उनकी जिंदगी की सच्चाई थी। परवीन ने अपनी जिंदगी के अंतिम दिन अकेले ही काटे और जनवरी 22, 2005 को मौत की आगोश में चली गईं। तब उनकी डेड बॉडी क्लैम करने के लिए महेश भट्ट ही आगे आए थे।

धर्म बदलकर की सोनी राजदान से शादी

पत्नी सोनी राजदान, बेटियों शाहीन और आलिया के साथ महेश।

परवीन से दूरी बनाने के बाद महेश भट्ट की सोनी राजदान से नजदीकियां बढ़ीं। सोनी ने उनकी फिल्म सारांश में काम किया था। दोनों एक-दूसरे से प्यार कर बैठे और सोनी ने महेश को पिछले दो रिश्तों की बुरी यादों से बाहर निकाला।

सोनी ने पिता ने महेश भट्ट से कहा कि बेटी से शादी करने से पहले वह किरण से अपनी पहली शादी तोड़ दें लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। तब महेश ने इस्लाम धर्म अपनाकर सोनी से शादी कर ली। इसके बाद महेश बेटी शाहीन और आलिया के पिता बने।

बेटी के साथ फोटोशूट ने मचाया बवाल

80 के दशक में बेटी पूजा के साथ महेश भट्ट के फोटोशूट की फोटो।

महेश भट्ट का बेटी पूजा के साथ एक मैगजीन के लिए कराया गया फोटोशूट सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा था। सालों पहले स्टारडस्ट मैगजीन के लिए उन्होंने पूजा के साथ लिपलॉक सीन दिया था। ये फोटोशूट मैगजीन ने कवर पेज पर छापा था। इस कवर पेज की हेडलाइन थी-''अगर पूजा मेरी बेटी ना होती तो मैं उससे शादी कर लेता।'' इस फोटो ने इतना विवाद खड़ा किया कि पूजा और महेश भट्ट, दोनों ने इस फोटो को फेक बताया था।

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A sneek-peak into Controversial life of mahesh bhatt

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एक्ट्रेस ने कहा- सुशांत सिंह राजपूत मामले में मैंने इसकी ताकत देखी, लोगों ने मेरे यहां नहीं होने का बहुत फायदा उठाया

एक्ट्रेस कंगना रनोट ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर को ज्वॉइन कर लिया है। उनका कहना है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में अबतक जो कुछ भी हुआ है उससे उन्हें सोशल मीडिया की ताकत का अहसास हो गया है। जिसके बाद उन्होंने यहां एंट्री ले ली। कंगना ने कहा कि वे इस नई यात्रा के लिए बेहद उत्साहित हैं।

अपना एक वीडियो शेयर करते हुए कंगना के लिखा, 'ये मेरे ट्विटर परिवार के लिए'। वीडियो में कंगना ने बताती हैं कि करीब 15 साल के उनके करियर में ऐसे कई मौके आए जब उन्हें सोशल मीडिया पर आने के लिए कहा गया। यहां तक कि उनके नहीं होने का फायदा उठाते हुए कई लोगों ने उन पर घिनौने आरोप भी लगाए। लेकिन फिर भी वे नहीं आईं।

सोशल मीडिया पर आने के बाद खुद को बेहद उत्साहित बताते हुए कंगना ने कहा कि यहां मुझे इतने सारे अद्भुत लोगों को जानने का मौका मिलेगा, साथ ही नए भारत के लिए हम जो बदलाव चाहते हैं, यहां हम उसके लिए भी आवाज उठा सकते हैं।

'मैंने करोड़ों की डील्स को ठुकराया'

कंगना ने वीडियो में कहा 'नमस्कार दोस्तों, मुझे फिल्मों में काम करते हुए करीब 15 साल हो गए हैं और इन 15 सालों में ऐसे बहुत सारे मौके आए हैं, जब मुझ पर बहुत दबाव रहा है कि मैं सोशल मीडिया ज्वॉइन करूं। एजेंट्स ये जानते हैं, ब्रांड्स ये जानते हैं कि अक्सर ऐसे मौके आए हैं जब करोड़ों की डील्स, जहां पर सिर्फ एक ही क्लॉज था कि मुझे सोशल मीडिया पर आना पड़ेगा लेकिन मैंने जाने दिए हैं।'

'लोगों ने मेरे यहां नहीं होने का फायदा उठाया'

आगे उन्होंने कहा, 'लोगों ने कहा कि मैं चुड़ैल हूं और मेरे पैर उल्टे हैं, इस बात का फायदा उठाया कि मैं सोशल मीडिया पर नहीं हूं। मगर फिर भी मैंने कभी सोशल मीडिया पर मैं आई नहीं, क्योंकि मुझे कभी अपने ऑडियन्स से वो दूरी महसूस नहीं हुई और मुझे लगा कि अगर मुझे कुछ कहना है तो मैं इस तरह से क्यों कहूं?'

'फिल्मों के जरिए मैंने वुमन एम्पॉवरमेंट के बारे में इतना कुछ कहा, मैंने नेशनलिज्म के बारे में इतना कुछ कहा। तो मैं आर्टिस्टिक तरीके से कहूंगी, मैं डायरेक्टली ऐसे तरीके से क्यों कहूं, मैं तो आर्टिस्ट हूं। तो मेरा हमेशा एक ये इसके बारे में ये नजरिया रहा है।'

इस साल सोशल मीडिया की ताकत देखी

आगे कंगना ने कहा, 'मगर दोस्तों इस साल जो मैंने देखा है, मैंने पहली बार सोशल मीडिया की ताकत देखी है। और मैंने देखा है कि कैसे सारा विश्व एकसाथ आकर, हम सब सुशांत के लिए हम लोगों ने जिस तरह से फाइट की और उसमें सफलता पाई है।'

इससे मुझे बहुत उम्मीदें हो गई हैं, मुझे बहुत आशाएं हैं, कि हम सब मिलकर इस तरह से जो भी हम न्यू इंडिया के लिए बदलाव चाहते हैं उसके लिए आवाज उठा सकते हैं और इसलिए इस महीने मैंने सोशल मीडिया पर आने का फैसला लिया और मैं पहली बार मैं ट्विटर पर आई हूं।'

'एक नए रिश्तों की शुरुआत हो रही है'

'मैं बहुत उत्साहित हूं, मुझे आपका सहयोग चाहिए। मैं इस यात्रा के लिए उत्सुक हूं जहां पर इतने सारे अद्भुत लोग हैं और उनको जानने का मौका मिल रहा है। और एक नए रिश्तों की शुरुआत हो रही है। तो बहुत-बहुत धन्यवाद इस मौके को देने के लिए। मैं यहां अच्छा समय बिताने का काफी समय से इंतजार कर रही हूं।'

अबतक टीम संभाल रही थी ये अकाउंट

ट्विटर पर आने के लिए कंगना ने नया अकाउंट नहीं बनाया है, बल्कि अपनी टीम के पुराने अकाउंट को ही अपने नाम से वेरिफाई कराया है। इससे पहले तक उनकी टीम ही इस अकाउंट को संभाल रही थी और उनकी ओर से कमेंट्स, फोटोज, वीडियोज और अन्य सामग्री ट्वीट करती थी। अबतक 'टीम कंगना' के नाम से पहचाने जाने वाले उसी अकाउंट का नाम अब 'कंगना रनोट' के नाम पर हो गया है। इस अकाउंट के फिलहाल 7 लाख 32 हजार फॉलोअर्स हैं।

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इससे पहले तक कंगना अपनी टीम के जरिए अपनी बात सोशल मीडिया पर रख रही थीं। कंगना ने अपनी टीम के अकाउंट को ही अपने नाम से वेरिफाई कराया है।

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हॉस्पिटल की मोर्चरी में सुशांत की डेड बॉडी के साथ 45 मिनट तक रही थीं रिया चक्रवर्ती, सुब्रह्मण्यम स्वामी ने पूछा- क्या वे सबूतों से छेड़छाड़ कर रही थीं?

सीबीआई ने मुंबई में सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस की जांच शुरू कर दी है। वहीं, इसे लेकर नए-नए दावे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब एक रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि सुशांत की मौत के अगले दिन रिया चक्रवर्ती कूपर हॉस्पिटल की मोर्चरी में उनकी डेड बॉडी के पास करीब 45 मिनट तक रही थीं। इससे संबंधित एक वीडियो भी सामने आने का दावा किया जा रहा है।

वीडियो में रिया के साथ तीन अन्य लोग भी दिखे

टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक, उनके हाथ रिया का एक वीडियो लगा है, जिसमें वे अस्पताल की मोर्चरी में जा रही हैं और वहां से करीब 45 मिनट बाद बाहर निकलती हैं। वीडियो 15 जून की सुबह का बताया जा रहा है। इसमें रिया के साथ दो लड़के और एक लड़की भी नजर आ रही है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि इनमें जो लड़की है, वह श्रुति मोदी है। जबकि दोनों लड़कों में एक रिया का भाई शोविक और दूसरा सुशांत का हाउस मैनेजर सैमुअल मिरांडा है।

वीडियो सामने आने के बाद सवाल उठ रहा है कि रिया को मोर्चरी में जाने की इजाजत कैसे मिली? क्योंकि मोर्चरी प्रतिबंधित क्षेत्र होता है, जिसके अंदर बिना पुलिस और मृतक के फैमिली मेंबर्स की इजाजत के कोई भी नहीं जा सकता? वह भी तब, जबकि कोरोना वायरस के चलते सरकार और प्रशासन द्वारा तमाम तरह के एहतियात बरतने पर जोर दिया जा है।

सुब्रह्मण्यम स्वामी का सवाल- क्या सबूतों से छेड़छाड़ की?

वायरल वीडियो देखने के बाद भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भी सवाल उठाया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, "जब आर. सी. कूपर हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम चल रहा था, तब रिया वहां 45 मिनट के लिए लिव-इन-गर्ल थी। क्या जब पोस्टमॉर्टम चल रहा था, तब वह रूम के अंदर थी और सबूतों से छेड़छाड़ कर रही थी? उसका निकनेम फेमी फेटल (मैन-ईटर या खलनायिका) कर देना चाहिए।"

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सीबीआई ने पूछताछ के लिए कुक को हिरासत में लिया

इधर, सीबीआई ने सुशांत सिंह राजपूत के कुक नीरज को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। नीरज वह शख्स हैं, जिन्होंने दावा किया था कि 14 जून की सुबह उन्होंने सुशांत को जूस दिया था। सीबीआई की एक टीम जानकारी जुटाने बांद्रा डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे के ऑफिस पहुंची।

क्या मुंबई पुलिस पर सीबीआई को नहीं भरोसा?

रिपोर्ट की मानें तो सीबीआई के 15 सदस्य मुंबई पहुंचे हैं। उन्हें डिफेन्स मिनिस्ट्री के अंतर्गत आने वाले कलीना के डीआरडीओ गेस्ट हाउस में ठहराया गया है। दावा किया जा रहा है कि सीबीआई के अफसरों को महाराष्ट्र सरकार और वहां की पुलिस पर भरोसा नहीं है। इसलिए उन्होंने किसी होटल या राज्य सरकार के गेस्ट हाउस की बजाय डिफेन्स मिनिस्ट्री के गेस्टहाउस में ठहरने का फैसला लिया है।

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3. सुशांत की मौत का मामला:जिम पार्टनर का दावा- शाहरुख ने धोखे में रखकर अवॉर्ड शो में बुलाया और अपमानित किया था, सलमान -करण ने भी बर्बाद करने की साजिश रची

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बताया जा रहा है कि रिया चक्रवर्ती 15 जून की सुबह तीन अन्य लोगों के साथ कूपर हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखी सुशांत सिंह राजपूत की डेड बॉडी के पास पहुंची थीं।

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जब छोटे भाई असलम खान की फोटो वायरल हुई तो लोग उन्हें दिलीप कुमार समझ बैठे थे, ट्रेजेडी किंग को देनी पड़ी थी सफाई

दिलीप कुमार के छोटे भाई असलम खान का इंतकाल हो गया है। वे कोविड-19 से जूझ रहे थे। दिग्गज अभिनेता के एक अन्य भाई एहसान खान भी कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। रिपोर्ट्स की मानें तो वे लीलावती हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर हैं। असलम खान पिछले साल दिसंबर में चर्चा में रहे थे, जब उनकी एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी और लोग उन्हें दिलीप कुमार समझ बैठे थे।

दिलीप कुमार के सम्मान की थी फोटो

दरअसल, दिलीप कुमार को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड, लंदन द्वारा सम्मानित किया गया था। लेकिन खुद दिलीप साहब यह सम्मान रिसीव करने नहीं जा पाए थे। इसलिए उनके परिवार से पत्नी सायरा बानो, भाई असलम खान और बहनें सईदा खान और फरीदा खान ने जाकर सम्मान स्वीकार किया था। फोटो में असलम खान हाथ में सर्टिफिकेट थामे चेयर पर बैठे नजर आए थे और बाकी फैमिली मेंबर्स उनके इर्द-गिर्द खड़े थे।

लोगों ने कहा था- दिलीप साहब पहचान में नहीं आ रहे

जब फोटो वायरल हुई तो सोशल मीडिया यूजर्स ने असलम खान को दिलीप कुमार समझ लिया था। एक यूजर ने लिखा था, "क्या ये दिलीप कुमार है? इंटरनेट पर नई फोटो वायरल हो रही है। इंडस्ट्री पर राज करने वाले ट्रेजेडी किंग 97 साल के हो गए हैं और अब पहचान में नहीं आ रहे। बगल में उनकी चार्मिंग वाइफ सायरा और उनके हाथ में जो तख्ती नजर आ रही है, उस पर उनका नाम लिखा हुआ है।"

दिलीप कुमार को देनी पड़ी थी सफाई

जब सोशल मीडिया यूजर्स ने लगातार कमेंट किए तो दिलीप कुमार की ओर सफाई आई। उनके ट्विटर अकाउंट मैनेजर ने ट्वीट किया, जिसमें लिखा था, "जो इंसान तख्ती पकड़े हुए हैं, वे दिलीप साहब के छोटे भाई असलम खान है। इस फोटो में दिलीप कुमार नहीं हैं।"

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अभिनेता दिलीप कुमार के भाइयों को कोरोना:सबसे छोटे भाई असलम खान का लीलावती हॉस्पिटल में निधन, दूसरे भाई एहसान खान की हालत भी बनी गंभीर

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यही फोटो वायरल हुई थी, जो तब की है जब दिलीप कुमार को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड, लंदन द्वारा सम्मानित किया गया था और उनका सर्टिफिकेट असलम खान ने रिसीव किया था।

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सबसे छोटे भाई असलम खान का लीलावती हॉस्पिटल में निधन, दूसरे भाई एहसान खान की हालत भी बनी गंभीर

अभिनेता दिलीप कुमार के भाई असलम खान(88) का मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमण से निधन हो गया है। देर रात से ही उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी और वे वेंटीलेटर सपोर्ट पर थे। उनके दूसरे भाई ईशान खान(90) की भी तबियत नाजुक बनी हुई है। हॉस्पिटल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उन्हें भी क्रिटिकल केयर यूनिट में रखा गया है। दोनों भाइयों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके बाद उन्हें आर्टिफिशियल ब्रिथिंग सपोर्ट लगाया गया था।

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दोनो भाई रेपिड एंटिजन टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

लीलावती हॉस्पिटल के डॉक्टर जलील पार्कर ने असलम के निधन की पुष्टि करते हुए कहा,"महान अभिनेता दिलीप कुमार के छोटे भाई असलम खान का डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और इस्केमिक हृदय रोग के साथ कोविडी-19 के कारण लीलावती अस्पताल में आज सुबह निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे।"

दिलीप कुमार-सायरा सुरक्षित हैं

एहसान और असलम खान अलग घर में रहते थे इसलिए दिलीप कुमार और सायरा बानो कोरोना संक्रमण से सुरक्षित हैं। हालांकि, इनमें कोरोना की पुष्टि के बाद दोनों का टेस्ट भी करवाया गया था। दिलीप कुमार ने अप्रैल में अपने फैन्स से अपील करता हुए एक पोस्ट भी शेयर किया था, जिसमें लिखा था कि मैं आपसे निवेदन करता हूं कि इस कोरोना महामारी के समय में आप अपने घर पर ही सुरक्षित रहें।

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ब्राउन कुरते में अभिनेता दिलीप कुमार के पास खड़े उनके भाई असलम खान-फाइल फोटो।

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सीन को रिक्रिएट करने से लेकर मुंबई पुलिस कमिश्नर से मुलाकात तक आज सीबीआई करेगी यह काम; फिलहाल नहीं होगी किसी की गिरफ्तारी

सुप्रीम कोर्ट द्वारा अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच का आदेश आने के दूसरे दिन गुरुवार शाम को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष जांच टीम (एसआईटी) मुंबई पहुंच गई। शुक्रवार को टीम ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है।

दिल्ली सीएफएसएल के 12 विशेषज्ञों के साथ पुलिस अधीक्षक (एसपी) नूपुर प्रसाद के नेतृत्व में तीन जांच अधिकारियों की टीम मुंबई पुलिस से दस्तावेज एकत्र करेगी और सुशांत की मौत की जांच करने वाले अधिकारियों से मुलाकात करेगी।अधिकारी दिवंगत अभिनेता के बांद्रा स्थित आवास पर भी जाएंगे, जहां उनका शव 14 जून को लटका हुआ पाया गया था। डॉक्टरों की टीम प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से अबतक हुई जांच का ब्योरा भी मांगेगी। इस बीच, बीएमसी अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि शहर में रहने के दौरान सीबीआई टीम को क्वारैंटाइन नहीं किया जाएगा। इससे पहले मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह गुरुवार, दोपहर बाद मंत्रालय में गृहमंत्री अनिल देशमुख से मुलाकात करने पहुंचे थे।

जांच के लिए इन जगहों पर जाएगी सीबीआई की टीम

मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के ऑफिस में सीबीआई का एक अधिकारी आकर पत्र सौंपेंगे कि वे मुंबई में जांच शुरू करने का रहे हैं। मुंबई पुलिस से दस्तावेज की मांग करेंगे।

सुशांत के बांद्रा स्थित घर पर क्राइम के रीक्रिएशन के लिए सीबीआई की टीम पहुंचेगी। वहां लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की जायेगी और पड़ोसियों का बयान दर्ज भी होगा।

रिया चक्रवर्ती की दोस्त के घर जायेगी सीबीआई की टीम, वे बांद्रा में अपनी एक दोस्त के साथ पिछले 15 दिनों से रह रही हैं।

सीबीआई की टीम उलवी में रिया के पिता के फ्लैट पर भी जा सकती है। वहां वह परिवार के सदस्यों यानी भाई शोविक, पिता इन्द्रजीत और मां का बयान लेगी। ये सभी सीबीआई की एफआईआर में नामजद हैं।

फिलहाल नहीं होगी किसी की गिरफ्तारी

इस बीच, न्यूज एजेंसी एनएनआई को सीबीआई अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि वे सुशांत की मौत के मामले में किसी भी संदिग्ध को तब तक गिरफ्तार नहीं करेंगे जब तक कि उनके खिलाफ कोई ठोस और ठोस सबूत नहीं मिलता। इस बीच मुंबई पुलिस के डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे को सीबीआई और मुंबई पुलिस के बीच नोडल अफसर बनाया गया है। इस मामले में वे हर संभव मदद सीबीआई को देंगे।

सीबीआई को इन पॉइंट्स का पता लगाना है

सीबीआई की जांच बिहार पुलिस की एफआईआर पर बेस्ड होगी। इसमें आत्महत्या के लिए उकसाने, धोखाधड़ी और साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया गया था। उस एफआईआर में आईपीसी की धारा 341, 348, 380, 406, 420, 306 और 120बी शामिल हैं। इसके अलावा, सीबीआई को इन पॉइंट्स का पता लगाना है।

सुशांत सिंह राजपूत की मौत खुदकुशी है या मर्डर? दोनों के पीछे का कारण।

सुशांत की मौत में रिया, उनके परिवार, बॉलीवुड से जुड़े लोग और उसके घर पर काम करने वाले लोगों की क्या भूमिका थी?

पैसों के लेन-देन, कमाई और सुशांत के पिता द्वारा लगाये आरोपों की जांच करना।

सुशांत की बीमारी, उनके डिप्रेशन की थ्योरी और उनके डॉक्टर्स के दावों की पड़ताल करना। पिता ने डॉक्टर्स पर भी संदेह जताया है।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की सच्चाई को परखना और फॉरेंसिक रिपोर्ट से इसका मिलान करना।

कॉल डिटेल्स की पड़ताल और इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस के सहारे इस केस की तह तक जाने का प्रयास किया जाएगा।

13 और 14 जून का पूरा सच सामने लाने की पूरी जिम्मेदारी भी सीबीआई के कंधों पर रहेगी।

सीबीआई के सामने 3 चुनौतियां

1. सुशांत की मौत को 60 से ज्यादा दिन हो गए हैं। क्राइम सीन पर साक्ष्य पूरी तरह मिट चुके होंगे। सीबीआई के पास सिर्फ मौके से ली गई तस्वीरें ही सहारा होंगी।

2. मुंबई पुलिस का पूरा रिकॉर्ड मराठी भाषा में है और उसे मराठी से इंग्लिश में ट्रांसलेशन कराने में लंबा वक्त लग सकता है। इनमें 56 गवाहों के बयान भी शामिल हैं।

3. सुशांत की मौत का कोई भी चश्मदीद गवाह नहीं है। केवल एक आदमी है जिसने डेड बॉडी को लटके देखा और उसने भी डेड बॉडी उतार दी। ऐसे में डेड बॉडी कहां और कैसे लटकी हुई थी उसके पैर कहां पर थे इन बातों को समझने के लिए भी सीबीआई को मशक्कत करनी पड़ेगी।

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सीबीआई की टीम गुरुवार शाम को मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंची और फिलहाल एयरफोर्स के गेस्टहाउस में रुकी है।

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