एक्स गर्लफ्रेंड अंकिता लोखंडे ने कहा- खुद भर रही थी फ्लैट की ईएमआई, सुशांत के खाते से ईएमआई जाने की बात गलत

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के हवाले से हर दिन नए खुलासे सामने आ रहे हैं। ताजा मामले में दावा किया जा रहा है कि सुशांत सिंह राजपूत अपनी एक्स गर्लफ्रेंड अंकिता लोखंडे के एक फ्लैट की ईएमआई भर रहे थे। मुंबई के मलाड में स्थित इस फ्लैट की वर्तमान में कीमत करीब 4.5 करोड़ रुपए है। अंकिता ने दावा किया है कि उन्होंने यह फ्लैट अपने पैसों से 1.35 करोड़ रुपए में खरीदा है।

मीडिया में आ रही इन खबरों का खुद अभिनेत्री अंकिता लोखंडे ने खंडन किया और अपने कुछ दस्तावेज ट्विटर पर शेयर किए हैं। सुशांत और अंकिता लगभग 6 साल तक एक दूसरे के साथ थे। दोनों इसी घर में लिव इन रिलेशनशिप में भी रहते थे।

अंकिता में दस्तावेज के साथ पेश की सफाई
अंकिता ने फ्लैट के कागज और अपने अकाउंट से हर महीने कटने वाली किश्त का ब्यौरा दिया। अंकिता के मुताबिक, इस फ्लैट की किश्त वो खुद भर रही हैं। और इस फ्लैट की कीमत 1.35 करोड़ रुपए है।

अंकिता ने ट्वीट करते हुए कहा- ‘यहां मैं सभी अटकलों को विराम देती हूं। मैं इससे ज्यादा पारदर्शी नहीं हो सकती। यहां मैं अपने फ्लैट के रजिस्ट्रेशन और एक जनवरी 2019 से एक मार्च 2020 तक अपने बैंक खातों का पूरी डिटेल दिखा रही हूं। मेरे अकाउंट से महीनेवार सभी ईएमआई के पैसे कटे हैं। मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकती। सुशांत को न्याय मिले।’

अंकिता लोखंडे का ट्वीट ...

सुशांत का परिवार अंकिता के साथ खड़ा नजर आया

अंकिता के इस खुलासे पर सुशांत का परिवार भी उनके साथ खड़ा नजर आ रहा है। अमेरिका में रहने वाली बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने अंकिता का सपोर्ट किया है। श्वेता ने लिखा है- आप एक आत्मनिर्भर महिला हो और मुझे तुम पर गर्व है लड़की। इस पर अंकिता ने लिखा है- शुक्रिया दी, लव यू।

अंकिता लोखंडे के इंस्टाग्राम पर कई दस्तावेज पोस्ट कर सफाई दी। श्वेता ने इसी के रिप्लाई में यह बात कही है।

4 साल से सुशांत के टच में नहीं होने का दावा किया था
अंकिता लोखंडे और सुशांत धारावाहिक पवित्र रिश्ता के सेट पर मिले थे। इस दौरान दोनों एक दूसरे के करीब आ गए थे। लेकिन इस रिश्ते के 6 साल बाद दोनों 2016 में अलग हो गए। अंकिता ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि सुशांत से वे 2016 के बाद से टच में नहीं थी। उनके पास अभिनेता का नंबर भी नहीं था। अंकिता ने यह भी बताया कि उन्हें नहीं पता कि सुशांत की लाइफ में रिया कब आईं, लेकिन दोनों एक साल से साथ थे और इसी दौरान सुशांत अपने परिवार के साथ नहीं था। उन्होंने कहा था- ‘सुशांत अपनी लाइफ में खुश था और मैं अपनी लाइफ में।’

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सुशांत सिंह राजपूत द्वारा फ्लैट की ईएमआई भरने की खबरों का अंकिता लोखंडे ने खंडन किया। उन्होंने अपनी फ्लैट की रजिस्ट्री के पेपर सोशल मीडिया में पोस्ट किए हैं।

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जब फिरोज खान ने लाहौर में कहा- 'भारत के मुस्लिम तरक्की कर रहे, पाकिस्तान में मुस्लिम ही मुस्लिम को काट रहे', बौखलाए पाक ने लगाया था उनकी एंट्री पर बैन

भारत और पाकिस्तान हमेशा अपने तल्ख रिश्ते की वजह से चर्चा में रहते हैं। यह सिलसिला सालों से चला आ रहा है। भारतीयों ने हमेशा पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। इससे बौखलाकर पाकिस्तान ने कई बार हमारी फिल्मों को बैन किया तो कभी बॉलीवुड स्टार्स को। दिवंगत अभिनेता फिरोज खान बॉलीवुड के उन्हीं स्टार्स में से एक थे, जिन्हें पाकिस्तान ने उनके एक बयान की वजह से बैन कर दिया था।

फिरोज ने पाकिस्तान को उसकी औकात याद दिलाई थी

घटना फिरोज खान के निधन से महज तीन साल पहले यानी अप्रैल 2006 की है। फिरोज अपने भाई अकबर खान की फिल्म ‘ताजमहल’ के प्रमोशन के लिए पाकिस्तान के लाहौर में थे। इस दौरान उन्हें छेड़ने के इरादे से कहा गया कि भारत में मुस्लिमों की हालत बहुत खराब है। इस पर फिरोज ने करारा जवाब देते हुए कहा, "इंडिया एक सेकुलर देश है। वहां मुस्लिम तरक्की कर रहे हैं। हमारे राष्ट्रपति मुस्लिम हैं, प्रधानमंत्री सिख हैं। पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर बनाया गया। लेकिन देखो कैसे यहां मुस्लिम ही मुस्लिम को काट रहे हैं।"

'तुम्हारी सरकार हमारी फिल्मों को नहीं रोक सकती'

फिरोज खान ने इवेंट के दौरान कहा था, "मैं यहां खुद नहीं आया हूं, मुझे बुलाया गया है। हमारी फिल्में बहुत पावरफुल होती हैं। इसलिए तुम्हारी सरकार इन्हें ज्यादा दिन तक नहीं रोक सकती।" इवेंट में मौजूद इंडियन डेलिगेशन में मौजूद सदस्यों ने इस बात की पुष्टि उस वक्त मीडिया से बातचीत में की थी।

एक्ट्रेस पर एंकर के आपत्तिजनक कमेंट से भड़क उठे थे फिरोज

इसी इवेंट के दौरान एक्ट्रेस मनीषा कोइराला पर एंकर फख्र-ए-आलम ने जब आपत्तिजनक कमेंट किया तो फिरोज खान भड़क उठे थे। दरअसल, एंकर मनीषा से बात कर रहा था तो वे कुछ झिझक रही थीं। इसी दौरान एंकर ने कहा, "मैम आप कांप रही हैं...इसलिए मैं आपसे सवाल नहीं पूछूंगा।" फिरोज मनीषा के बगल में ही बैठे हुए थे। उन्हें गुस्सा आ गया और उन्होंने एंकर को फटकार लगाते हुए कहा, "बेहतर होगा कि तुम एक्ट्रेस से माफी मांग लो, वरना मैं तुम्हारी ऐसी-तैसी कर दूंगा।"

महेश भट्ट ने फिरोज की ओर से मांगी थी फख्र-ए-आलम से माफी

पूरे घटनाक्रम के बाद डायरेक्टर महेश भट्ट ने एंकर फख्र-ए-आलम और पाकिस्तानी आवाम से फिरोज खान की ओर से माफी मांगी थी। महेश भट्ट ने कहा था, "खान के व्यवहार के लिए मैं फख्र-ए-आलम और पाकिस्तानी आवाम से माफी मांगता हूं। उम्मीद है कि वे हमें माफ कर देंगे।"

महेश भट्ट उस वक्त इंडियन डेलिगेशन का हिस्सा थे। डेलिगेशन में शामिल बाकी लोगों ने भी पाकिस्तान से माफी मांगी थी। इंडिया से पाकिस्तान गए इस डेलिगेशन में फिरोज के साथ उनके भाई अकबर खान, संजय खान के अलावा पहलाज निहलानी, फरदीन खान, श्याम श्रॉफ, शत्रुघ्न सिन्हा, महेश भट्ट, विकास मोहन और 'ताज महल' फिल्म के कई स्टार्स शामिल थे।

परवेज मुशर्रफ ने लगा दिया था एंट्री पर बैन

फिरोज खान का व्यवहार फख्र-ए-आलम और महफिल में बैठे अन्य पाकिस्तानियों को इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने फिरोज के पाकिस्तान में आने पर ही रोक लगवा दी थी। तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने भारत में पाकिस्तानी हाई कमिश्नर को ऑर्डर दिया था कि खान को पाक का वीजा न दिया जाए। 27 अप्रैल 2009 को बेंगलुरु में लंग कैंसर से फिरोज का निधन हो गया था।

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फिरोज खान अपने भाई अकबर खान की फिल्म ‘ताजमहल’ के प्रमोशन के लिए पाकिस्तान के लाहौर गए थे।

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सोनू सूद के लिए जरूरतमंदों की मदद करना ही आजादी का असली उत्सव, बोले- इसे स्‍कूल-कॉलेजों में एक विषय की तरह पढ़ाना चाहिए

देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अभिनेता सोनू सूद ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। इस मौके पर उन्होंने बताया कि उनके लिए आजादी के मायने जरूरतमंदों की मदद करते हुए उन्हें उनके दुखों से आजाद करना है। उनके मुताबिक मदद करने के बारे में बच्चों को स्कूल-कॉलेज में पढ़ाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि उनका फोकस अभी फिल्मों पर नहीं बल्कि लोगों की मदद करने पर है।

सोनू ने कहा, 'लॉकडाउन में कई स्क्रिप्‍ट्स तो आई हैं, मगर उन्‍हें पढ़ने का दिल नहीं करता है। मेरे पास मदद मांगने से जुड़े रोजाना 1500 से ज्‍यादा ईमेल आ रहे हैं। अभी की बात करूं तो इसी हफ्ते हम फिलीपींस के एक से चार साल उम्र तक के ऐसे बच्चों को भारत लेकर आए हैं, जिनका लिवर ट्रांसप्लांट होना है।'

सोनू के लिए ये है सेलिब्रेशन

'ये ऑपरेशन दिल्‍ली के मैक्‍स अस्‍पताल में होता है। लॉकडाउन की वजह से फ्लाइट्स नहीं चल रही थीं, तो उनके परिजनों ने मुझसे गुहार लगाई। जिसके बाद हम इसी शुक्रवार को उन्हें लेकर आए हैं, वो भी कुल 39 डोनर्स के साथ। मेरे लिए यही सब आजादी का सेलिब्रेशन है। उनकी जिंदगी में फर्क ला सकूं।'

डॉक्टर्स से की मदद की अपील

आगे उन्होंने बताया, 'एक जैवलिन थ्रो प्‍लेयर हैं सुदामा। हांगकांग में प्रैक्टिस के दौरान उनका कंधा चोटिल हो गया था। किसी ने उनकी मदद नहीं की। मजबूरन उन्‍हें घर बैठना पड़ गया। किसी ने मुझे उनके बारे में बताया। जिसके बाद मैंने उनकी मदद करने की ठानी।'
'मैं डॉक्‍टर्स से भी गुहार लगाता रहता हूं कि कम से एक एक पेशेंट को अडॉप्‍ट करते हुए उनका ऑपरेशन और उनकी सर्जरी स्‍पॉन्‍सर करें।'

नजर आ रहा है बदलाव

सोनू के मुताबिक 'मुझे बदलाव नजर भी आ रहा है। एक डॉक्‍टर ने मुझे टैग करते हुए बताया कि उन्‍होंने कोविड के चार पेशेंट को एडॉप्‍ट करते हुए उनका इलाज किया और अब वो रिकवर कर रहे हैं। मेरे ख्‍याल से अगर मैं इस तरह एक भी इंसान को इंस्‍पायर कर पाया तो यही मेरे लिए उपलब्धि है।'

स्कूल-कॉलेज में इसका एक विषय हो

'मेरी तो ख्‍वाहिश है कि स्‍कूल और कॉलेज के सिलेबस में एक सब्‍जेक्‍ट ही जोड़ा जाना चाहिए, जिसके तहत दूसरों की मदद कैसे करें, पढ़ाया जाए। लोगों के जहन में बस जाए कि इंजीनियर, डॉक्‍टर बनना कामयाबी नहीं। नारे लगाना मेरे लिए देशभक्ति नहीं है। लोगों की मदद करना देशभक्ति है।'

स्क्रिप्ट पढ़ने का मन नहीं करता

आगे उन्होंने कहा, 'इस बीच में मेरे पास कई स्क्रिप्‍ट्स आईं, लेकिन उनके सिर्फ दो या तीन पन्‍ने ही पढ़ पाता हूं। उन्‍हें पढ़ने का दिल नहीं करता। थोड़ी बहुत कहानियां पढ़ता हूं, पर फिर वापस से लोगों की मदद करने के काम में लग जाता हूं। लोगों की ट्रीटमेंट, एजुकेशन, वेलफेयर के बारे में काम करता रह जाता हूं।'

अपने बारे में सोचने का समय नहीं मिल रहा

'मेरे ख्‍याल से लोगों के जीवन में इतने दुख देख रहा हूं कि अपने बारे में सोचने का वक्‍त ही नहीं मिल रहा है। मेरे प्रोजेक्‍ट बैकफुट पर चले गए हैं। यह जो समय है, वह देश के बारे में सोचने का है। अपने बारे में नहीं।'

लोग हर तरह की समस्या मुझे बता रहे

सोनू ने बताया, 'रोजाना मुझे डेढ़ से दो हजार ईमेल्स आ रही हैं। लोग हर तरह की समस्या के लिए मुझसे गुहार लगा रहे हैं। छोटी से बड़ी सब तरह की। मैंने अपनी वाइफ और बच्‍चों की ड्यूटी भी ईमेल पढ़ने पर लगा दी है। चार-पांच दोस्‍तों को सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए कहा है। ताकि कोई भी इमरजेंसी वाली चीज छूट ना जाए। मैं भी भगवान से प्रार्थना करता रहता हूं कि वो मुझे उन लोगों से जरूर कनेक्‍ट करते रहें, जिनकी समस्‍या सच में वाजिब हो।'

हमें खुद अपना मिनिस्टर बनना होगा

उन्होंने कहा, 'मैं बाकी लोगों से भी अपील करूंगा कि वो भी आगे बढ़ें और जरूरतमंदों की मदद करें। बड़े लोगों के आगे आने का इंतजार करते रहेंगे तो सारी उम्र निकल जाएगी। इस सोच से बाहर निकलना होगा कि अरे हम तो टैक्‍स भरते हैं, तो सरकार क्‍यों नहीं करती है। विधायक, सांसद क्‍यों नहीं करता। हमें अपनी समस्‍याओं का निराकरण करने के लिए खुद अपना मिनिस्‍टर बन जाना चाहिए।'

लोग खुद ब खुद मदद करने लगे

अपने अभियान के बारे में बताते हुए सोनू ने कहा, 'लोगों को मैसेज गया कि एक इंसान मदद को निकला हुआ है। ऐसे में एयरपोर्ट वगैरह पर क्‍लीयरेंस आसानी से मिलने लगे हैं। मैं दूतावास में बातें कर रहा हूं। ब्‍यूरोक्रेट्स से बातें कर रहा हूं। उनकी तरफ से भी सही रिस्‍पॉन्‍स मिल रहा है। इस तरह विदेशों से लोगों को यहां लाने में आसानी हो रही है।'

सोनू के मुताबिक 'झंडे को लहराता हुआ देख जो फीलिंग आती है जहन में, उसे शब्‍दों में बयान नहीं कर सकता। लगता है कि हम पैदा ही हुए हैं, तिरंगे को सैल्‍यूट करने के लिए।'

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सोनू सूद हाल ही में फिलीपींस से एक से चार साल की उम्र के बच्चों को लिवर ट्रांसप्लांट के लिए भारत लेकर आए हैं।

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डायरेक्टर रमेश सिप्पी बोले- धरम जी गब्‍बर और ठाकुर दोनों का रोल करने के इच्छुक थे, पर जब कहा कि बसंती नहीं मिलेगी तो वीरू के लिए मान गए

भारतीय फिल्म इतिहास की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक 'शोले' की रिलीज को 45 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर फिल्म के डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। उन्होंने बताया कि फिल्म की असली रिलीज डेट 14 अगस्‍त 1975 है, क्योंकि इसी दिन फिल्म मुंबई के मिनरवा थिएटर में लगी थी। इसके बाद 15 अगस्‍त से देश के बाकी इलाकों में रिलीज हुई थी।

सिप्पी ने बताया तब फिल्‍में आज की तरह एक ही समय पर पैन इंडिया रिलीज नहीं होती थी। टेरेटरी के हिसाब से होती थीं। तब अगस्‍त में यह मुंबई, बंगाल और हैदराबाद के सेंटर्स पर रिलीज हुई थी। फिर दिल्‍ली और बाकी सेंटर्स पर यह दीपावली पर रिलीज हुई थी।

शुरू में क्रिटिक्स ने फ्लॉप करार दिया था

सिप्पी के मुताबिक, 'मिनरवा थिएटर में ये फिल्म पांच साल तक चली थी। रिलीज की शुरूआत में ट्रेड क्रिटिक्‍स ने तो फिल्‍म का मर्सिया ही पढ़ दिया था। ट्रेड पेपरों में तो पांच हफ्तों तक बैनर हेडलाइन रहा था कि ‘शोले’ के चलते इंडस्‍ट्री डूब जाएगी। इसकी वजह भी थी। शुरू में थिएटर में दर्शकों की तालियां नहीं बज रही थीं। इसके बाद अपने डाउट मिटाने के लिए मैंने सिनेमाघरों में जाना शुरू किया। मुझे भी साइलेंस ही मिला।'

इंटरवेल में कोई स्टॉल पर नहीं जाता था

'कुछ दिनों के बाद वर्ली सिनेमाघर वाले ने इंटरवल में मुझे बुलाया। उन्‍होंने कहा कि इंटरवल में स्‍टॉल पर कोई समोसे वगैरह लेने नहीं आता। मेरा दिल बैठा। पर संचालक ने असलियत बताई कि ठाकुर के हाथ कटने वाले सीन से लेकर बाकी कोई सीन ऑडिएंस मिस नहीं करना चा‍हती। वो बस गानों में स्‍टॉल्‍स पर आकर ठंडा व समोसा लेते हैं।'

उस वक्त अपनी तरह की पहली फिल्म थी 'शोले'

'उस दिन के बाद से लगा कि बड़े पैमाने पर साउंडट्रैक, एडिटिंग और विजुअल्‍स को देख दर्शक हैरान थे। उस तरह के स्‍पेशल इफेक्‍ट्स लोगों ने तब देखे नहीं थे। शोले में उस तरह का पहला एक्‍सपीरिएंस था। वो काम दरअसल लंदन में हुआ था। टेक्‍नीकलर में 70 एमएम प्रिंट्स भी लंदन में ही तैयार हुए थे। लिहाजा फिल्‍म ने जब रफ्तार पकड़ी तो आज आइकॉनिक बन सबके सामने है।'

अमिताभ और धर्मेंद्र दोनों गब्बर का रोल चाहते थे

आगे उन्होंने बताया, 'धरम जी और अमिताभ दोनों चाहते थे कि ठाकुर या गब्‍बर का रोल निभाने को मिले। धरम जी ने तो ठाकुर न मिलने पर गब्‍बर भी अटेंम्‍प्‍ट किया था, क्‍योंकि वो बड़ा ही कलरफुल रोल था। इस पर मैंने उन्‍हें कहा कि अगर आप करना चाहते हैं तो करिए पर बाद में मत कहिएगा कि हेमा मालिनी का क्या हुआ। तब जाकर उन्‍होंने वीरू का रोल स्‍वीकार किया।'

हमने अलग तरह का रोमांस दिखाया था

'फिल्म में दोनों की केमिस्‍ट्री खूब उभर कर आई थी। आम के बगीचे में वीरू का बसंती को पिस्‍टल सिखाने का आइडिया दोनों में रोमांस के रंग भरने को लेकर था। हमने उसे अलग तरह से फिल्‍माया। रोमांस सिर्फ जुल्‍फें उड़ाने और पेड़ों के इर्द-गिर्द घूमने को लेकर नहीं होता है न। यहां निशाना लगाने के बहाने बसंती के नजदीक आने का अलग तरीका रखा गया।'

गब्बर का कैरेक्टर रियल लाइफ से प्रेरित था

'गब्‍बर सिंह तो रियल लाइफ कैरेक्‍टर से इंस्‍पायर्ड था। चंबल में उन दिनों में गब्‍बर नाम का डकैत होता था। उसका सरनेम सिंह नहीं था। वो तो वहां घाटियों में जीप वगैरह पर घूमा करता था। मगर हमने क्रिएटिव लिबर्टी ली। जीप के बजाय डकैतों को घोड़ों पर दौड़वाया। घोड़ा खूबसूरत जानवर है। उसकी सवारी अलग समां बांधती है।'

शोले के लिए कई फिल्मों से प्रेरणा ली थी

'यह फिल्‍म सिर्फ ‘सेवेन समुराई’ से इंस्‍पायर्ड तो नहीं थी। हमने तो वह फिल्‍म उस वक्‍त देखी भी नहीं थी। उसके बारे में सुना भर था। ‘सेवेन समुराई’ से इंस्‍पायर्ड होकर एक फिल्‍म बनी थी, ‘मैग्निफिसेंट सेवेन’। हम एक फिल्‍म से इंस्‍पायर नहीं हुए। वो जॉनर फिल्‍म का था। हम ‘मकैनर्स गोल्‍ड’ से भी इंस्‍पायर हुए थे। फिर सर्जियो लियोन की ‘फ्यू डॉलर्स मोर’ का भी अक्‍स था। इंस्‍पि‍रेशन तो कहीं से हो सकती है न।'

हमने 'शोले' की स्पेलिंग बदलकर टाइटल इस्तेमाल किया

इस फिल्म का टाइटल बीआर चोपड़ा की फिल्म ‘शोले’ से आया था। वो एक मैच्‍योर लव स्‍टोरी थी। बहुत बड़ी हिट नहीं थी। पर हमें वो टाइटल बहुत पसंद आया। उनकी शोले की अंग्रेजी स्‍पेलिंग के अंत में ‘LEY’ था। हमने उसे बदल दिया। हमारी स्पेलिंग के लास्‍ट में ‘LAY’ था।'

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फिल्म 'शोले' के कलाकार और फिल्म के डायरेक्टर रमेश सिप्पी (दाएं)।

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डायरेक्टर रमेश सिप्पी बोले- धर्मेंद्र को पसंद आया था गब्‍बर और ठाकुर दोनों का रोल, पर जब कहा कि बसंती नहीं मिलेगी तो वीरू के लिए मान गए

भारतीय फिल्म इतिहास की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक 'शोले' की रिलीज को 45 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर फिल्म के डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। उन्होंने बताया कि फिल्म की असली रिलीज डेट 14 अगस्‍त 1975 है, क्योंकि इसी दिन फिल्म मुंबई के मिनरवा थिएटर में लगी थी। इसके बाद 15 अगस्‍त से देश के बाकी इलाकों में रिलीज हुई थी।

सिप्पी ने बताया तब फिल्‍में आज की तरह एक ही समय पर पैन इंडिया रिलीज नहीं होती थी। टेरेटरी के हिसाब से होती थीं। तब अगस्‍त में यह मुंबई, बंगाल और हैदराबाद के सेंटर्स पर रिलीज हुई थी। फिर दिल्‍ली और बाकी सेंटर्स पर यह दीपावली पर रिलीज हुई थी।

शुरू में क्रिटिक्स ने फ्लॉप करार दिया था

सिप्पी के मुताबिक, 'मिनरवा थिएटर में ये फिल्म पांच साल तक चली थी। रिलीज की शुरूआत में ट्रेड क्रिटिक्‍स ने तो फिल्‍म का मर्सिया ही पढ़ दिया था। ट्रेड पेपरों में तो पांच हफ्तों तक बैनर हेडलाइन रहा था कि ‘शोले’ के चलते इंडस्‍ट्री डूब जाएगी। इसकी वजह भी थी। शुरू में थिएटर में दर्शकों की तालियां नहीं बज रही थीं। इसके बाद अपने डाउट मिटाने के लिए मैंने सिनेमाघरों में जाना शुरू किया। मुझे भी साइलेंस ही मिला।'

इंटरवेल में कोई स्टॉल पर नहीं जाता था

'कुछ दिनों के बाद वर्ली सिनेमाघर वाले ने इंटरवल में मुझे बुलाया। उन्‍होंने कहा कि इंटरवल में स्‍टॉल पर कोई समोसे वगैरह लेने नहीं आता। मेरा दिल बैठा। पर संचालक ने असलियत बताई कि ठाकुर के हाथ कटने वाले सीन से लेकर बाकी कोई सीन ऑडिएंस मिस नहीं करना चा‍हती। वो बस गानों में स्‍टॉल्‍स पर आकर ठंडा व समोसा लेते हैं।'

उस वक्त अपनी तरह की पहली फिल्म थी 'शोले'

'उस दिन के बाद से लगा कि बड़े पैमाने पर साउंडट्रैक, एडिटिंग और विजुअल्‍स को देख दर्शक हैरान थे। उस तरह के स्‍पेशल इफेक्‍ट्स लोगों ने तब देखे नहीं थे। शोले में उस तरह का पहला एक्‍सपीरिएंस था। वो काम दरअसल लंदन में हुआ था। टेक्‍नीकलर में 70 एमएम प्रिंट्स भी लंदन में ही तैयार हुए थे। लिहाजा फिल्‍म ने जब रफ्तार पकड़ी तो आज आइकॉनिक बन सबके सामने है।'

अमिताभ और धर्मेंद्र दोनों गब्बर का रोल चाहते थे

आगे उन्होंने बताया, 'धरम जी और अमिताभ दोनों चाहते थे कि ठाकुर या गब्‍बर का रोल निभाने को मिले। धरम जी ने तो ठाकुर न मिलने पर गब्‍बर भी अटेंम्‍प्‍ट किया था, क्‍योंकि वो बड़ा ही कलरफुल रोल था। इस पर मैंने उन्‍हें कहा कि अगर आप करना चाहते हैं तो करिए पर बाद में मत कहिएगा कि हेमा मालिनी का क्या हुआ। तब जाकर उन्‍होंने वीरू का रोल स्‍वीकार किया।'

हमने अलग तरह का रोमांस दिखाया था

'फिल्म में दोनों की केमिस्‍ट्री खूब उभर कर आई थी। आम के बगीचे में वीरू का बसंती को पिस्‍टल सिखाने का आइडिया दोनों में रोमांस के रंग भरने को लेकर था। हमने उसे अलग तरह से फिल्‍माया। रोमांस सिर्फ जुल्‍फें उड़ाने और पेड़ों के इर्द-गिर्द घूमने को लेकर नहीं होता है न। यहां निशाना लगाने के बहाने बसंती के नजदीक आने का अलग तरीका रखा गया।'

गब्बर का कैरेक्टर रियल लाइफ से प्रेरित था

'गब्‍बर सिंह तो रियल लाइफ कैरेक्‍टर से इंस्‍पायर्ड था। चंबल में उन दिनों में गब्‍बर नाम का डकैत होता था। उसका सरनेम सिंह नहीं था। वो तो वहां घाटियों में जीप वगैरह पर घूमा करता था। मगर हमने क्रिएटिव लिबर्टी ली। जीप के बजाय डकैतों को घोड़ों पर दौड़वाया। घोड़ा खूबसूरत जानवर है। उसकी सवारी अलग समां बांधती है।'

शोले के लिए कई फिल्मों से प्रेरणा ली थी

'यह फिल्‍म सिर्फ ‘सेवेन समुराई’ से इंस्‍पायर्ड तो नहीं थी। हमने तो वह फिल्‍म उस वक्‍त देखी भी नहीं थी। उसके बारे में सुना भर था। ‘सेवेन समुराई’ से इंस्‍पायर्ड होकर एक फिल्‍म बनी थी, ‘मैग्निफिसेंट सेवेन’। हम एक फिल्‍म से इंस्‍पायर नहीं हुए। वो जॉनर फिल्‍म का था। हम ‘मकैनर्स गोल्‍ड’ से भी इंस्‍पायर हुए थे। फिर सर्जियो लियोन की ‘फ्यू डॉलर्स मोर’ का भी अक्‍स था। इंस्‍पि‍रेशन तो कहीं से हो सकती है न।'

हमने 'शोले' की स्पेलिंग बदलकर टाइटल इस्तेमाल किया

इस फिल्म का टाइटल बीआर चोपड़ा की फिल्म ‘शोले’ से आया था। वो एक मैच्‍योर लव स्‍टोरी थी। बहुत बड़ी हिट नहीं थी। पर हमें वो टाइटल बहुत पसंद आया। उनकी शोले की अंग्रेजी स्‍पेलिंग के अंत में ‘LEY’ था। हमने उसे बदल दिया। हमारी स्पेलिंग के लास्‍ट में ‘LAY’ था।'

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फिल्म शोले के प्रमुख कलाकार और डायरेक्टर रमेश सिप्पी (दायां फोटो)।

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आमिर की अनाउंसमेंट बाद बाकी स्‍टार्स में भी रिलीज डेट बुक करने को लेकर मचेगी होड़, ईद, दीपावली, 15 अगस्‍त और 26 जनवरी पर होगा जोर

इस हफ्ते का आगाज आमिर खान की फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' की नई रिलीज डेट की घोषणा के साथ हुआ, जो कि अगले साल क्रिसमस पर आएगी। इसके साथ ही अब बाकी स्‍टार्स और प्रोड्यूसर्स के बीच अगले साल की अन्य अहम तारीखों को बुक करने की होड़ मचने जा रही है। ट्रेड विश्‍लेषकों और वितरक बिरादरी का कहना है कि अब सब जल्‍द से जल्‍द ईद, दीपावली, रिपब्लिक-डे और इंडिपेंडेंस-डे को बुक करना चाहेंगे।

ट्रेड जानकारों का कहना है कि आमिर खान ने काफी सोच समझकर अगली क्रिसमस को बुक किया है। वे चाहते तो अगली ईद या दीपावली वगैरह पर आ सकते थे, लेकिन उन्‍होंने वैसा नहीं किया। ईद सलमान के लिए, तो दिवाली अक्षय कुमार या अजय देवगन आदि की फिल्‍मों के लिए छोड़ी है। बड़े प्रोड्यूसर ऐसा आपसी समझदारी के साथ करते हैं। ये बात ‘छिछोरे’ के वक्‍त दिए इंटरव्‍यू में फिल्ममेकर साजिद नाडियाडवाला ने कही थी।

उन्‍होंने कहा था, 'हॉलीवुड में भी ऐसा ही होता है। बड़े स्‍टूडियो आपसी सहमति के साथ दो या तीन साल की एडवांस रिलीज डेट बुक करते हैं। वो इसलिए क्योंकि उन सबके करोड़ों रुपए दांव पर लगे होते हैं। बड़े बजट की फिल्‍मों को खास डेट चाहिए होती है। ताकि उनका निवेश किया पैसा रिकवर हो सके।'

राज बंसल ने आमिर के फैसले को स्मार्ट डिसीजन कहा

चार दशकों से डिस्‍ट्रीब्‍यूशन में सक्रिय राज बंसल आमिर खान के कदम को स्‍मार्ट डिसीजन बताते हैं। वो कहते हैं, 'आमिर अभी बस रेकी के लिए तुर्की गए हैं। उन्‍हें पता है कि सितंबर-अक्‍टूबर से फिल्‍म की शूटिंग तभी मुमकिन है, जब तुर्की और यहां दोनों जगह हालात सामान्‍य हों।'

'वर्ना अगले साल फरवरी से अप्रैल तक बफर स्‍टॉक रहेगा। उन महीनों में भी फिल्‍म की शूटिंग हो सकेगी। फिर फिल्‍म में हैवी VFX है। इस तरह मई-जून तक का वक्‍त उनके दिमाग में होगा कि फिल्‍म तैयार हो सकेगी। तभी उन्‍होंने ईद या इंडिपेंडेंस-डे की बजाय सीधे क्रिसमस पर आना तय किया।'

अक्षय राठी बोले- अगले साल बड़ी फिल्मों की भरमार होगी

डिस्‍ट्रीब्‍यूटर अक्षय राठी कहते हैं, 'रिलीज की तारीखों पर इस वक्‍त कुछ भी बता पाना बहुत मुश्किल है। प्रबल संभावनाएं जरूर हैं कि सितंबर से सिनेमाघर खुलें, पर अभी भी इस पर कुछ भी निश्चित नहीं है। यह जरूर है कि नए साल में बड़े सितारों की फिल्‍मों की भरमार रहेगी। पांच से छह फिल्‍में तो अकेले अक्षय कुमार की रहेंगी। तीन से चार अजय देवगन की तो शाहरुख खान भी अपनी यशराज के साथ वाली फिल्‍म जरूर लाएंगे।'

ईद पर आ सकती है सलमान की 'राधे'

ट्रेड पंडित अतुल मोहन के शब्‍दों में 'अगली ईद पर यानी 13 मई को ‘राधे’ के आने की ही प्रबल संभावना है। वो इसलिए कि अब तक उनकी ‘राधे’ की शूटिंग ही बाकी है। वो अक्‍टूबर के बाद होने की चर्चा है। फिर वो सूरज बड़जात्‍या की फिल्‍म होती है कि साजिद नाडियाडवाला की फिल्‍म या आदित्‍य चोपड़ा की ‘टाइगर’ फ्रेंचाइजी उस पर सबकी नजरें रहेंगी।

रिपब्लिक-डे के आसपास आएगी 'ब्रह्मास्त्र'

उधर, अयान मुखर्जी के करीबियों का कहना है कि अगले साल रिप‍ब्लिक-डे वाली तारीख के आसपास उनकी फिल्‍म 'ब्रह्मास्‍त्र' आ सकती है। जिसमें रणबीर कपूर लीड रोल में हैं। अयान ने अब तक 12 घंटे का कंटेंट फिल्‍मा लिया है लेकिन वो आगे और भी कंटेंट शूट करना चाहते हैं। हालांकि रणबीर ने उन्‍हें इस बात के लिए मना लिया है कि वे उस 12 घंटे के कंटेंट में से ही एडिट कर ढाई घंटे की फिल्‍म निकाल लेंगे।

रणबीर की फिल्म से टकरा सकती है विक्की और जॉन की फिल्म

रिपब्लिक-डे वाली तारीख पर रणबीर कपूर को विक्‍की कौशल की ‘सरदार ऊधम सिंह’ से टकराना पड़ सकता है। ‘बच्‍चन पांडे’ भी उसी तारीख पर आने वाली थी। पर उसकी संभावना कम है। वो इसलिए क्योंकि अगले एक दो महीनों में तो अक्षय अभी स्‍कॉटलैंड में ही शूटिंग खत्‍म करेंगे। फिर उन्‍हें ‘पृथ्‍वीराज चौहान’ की शूटिंग भी पूरी करनी है। उसका लंबा चंक शूट होना बाकी है।

इंडिपेंडेंस-डे पर हो सकती है जॉन और अजय की टक्कर

रिपब्लिक डे के आसपास लंबे वीकेंड खाली हैं। जाहिर तौर पर वहां जॉन अब्राहम की ‘मुंबई सागा’ भी अपनी दावेदारी पेश कर सकती है। उनकी एक और फिल्म ‘सत्‍यमेव जयते-2’ इंडिपेंडेंस डे यानी 15 अगस्त पर दांव लगा सकती है। मगर वहां उनकी टक्कर अजय देवगन की 'मैदान से हो सकता है।

आमिर खान की तरह अजय देवगन ने भी अपनी इस फिल्म को एक साल आगे बढ़ा दिया था। अजय देवगन को उसके तुंरत बाद 'गोलमाल 5' भी शूट करनी है। उसे भी वो अगले साल दिवाली पर लाना चाहेंगे। उस तारीख पर आने के लिए अक्षय कुमार की 'पृथ्‍वीराज चौहान' की भी अनाउंसमेंट हो सकती है।

फिलहाल तख्त के शुरू होने की संभावना कम

क्रिसमस पर 'तख्‍त' के आने की भी संभावना थी, मगर करन जौहर को लेकर बने प्रतिकूल माहौल के चलते उसके शुरू होने के चांसेंज कम हैं। ऐसे में आमिर खान के लिए वह सोलो रिलीज होती नजर आ रही है।

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आमिर खान की अगली फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' अगले साल क्रिसमस पर रिलीज होगी।

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'मेरे साईं' में लोकमान्य तिलक बने नजर आएंगे अनंत महादेवन, बोले- मैं वाकई चाहता हूं कि आज की पीढ़ी इस कथा के महत्व को जानें

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर टीवी शो 'मेरे साईं' के मेकर्स ने हिंदी और मराठी सिनेमा के एक्टर अनंत महादेवन को लोकमान्य तिलक का रोल निभाने के लिए चुना है। सीरियल के इस ट्रैक में लोकमान्य तिलक और साईं बाबा की भेंट के बारे में बताया जाएगा। साईं बाबा ने लोकमान्य तिलक का अपहरण होने से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसके बाद साईं के प्रति तिलक की आस्था और मजबूत हो गई थी।

इस बारे में बताते हुए अनंत ने कहा, 'इस शो का हिस्सा बनना मेरे लिए एक बड़ा अनुभव और खास अवसर है। मैं इस शो के निर्माताओं का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे लोकमान्य तिलक का प्रसिद्ध किरदार निभाने के लिए चुना। यह साईं चरित्र की बड़ी लोकप्रिय कहानी है। मैंने बचपन में इस कथा के बारे में सुना था।'

महादेवन ने बताया, 'सीरियल में साईं की भूमिका निभा रहे तुषार और मैं लंबे समय से एक-दूसरे को जानते हैं, लेकिन हमें कभी साथ काम करने का मौका नहीं मिला। उनके साथ काम करने के लिए यह सही अवसर है और मैं उम्मीद करता हूं कि दर्शकों को यह ट्रैक पसंद आएगा।

महादेवन के मुताबिक 'साईं और लोकमान्य तिलक की भेंट तिलक के जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। मैं वाकई यह चाहता हूं कि आज की पीढ़ी इस कथा के महत्व को जानें।' अनंत महादेवन खिलाड़ी, बाजीगर, बादशाह और यस बॉस जैसी कई फिल्मों में नजर आ चुके हैं।

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अनंत महादेवन खिलाड़ी, बाजीगर, बादशाह और यस बॉस जैसी कई फिल्मों में नजर आ चुके हैं।

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अब खुद को सुशांत की गर्लफ्रेंड बता रहीं रिया चक्रवर्ती, उनकी मौत से दो महीने पहले अफेयर की बात से कर रही थीं इनकार

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से रिया चक्रवर्ती खुद को उनकी गर्लफ्रेंड बता रही हैं और दावा कर रही हैं कि वे उनके साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थीं। लेकिन अभिनेता की मौत से दो महीने पहले ही अप्रैल में उन्होंने उनके साथ अफेयर की खबर से इनकार किया था। दरअसल, उनसे पूछा गया था कि क्या वे सुशांत को डेट कर रही हैं? जवाब में उन्होंने कहा था- नहीं यह सही नहीं है।

रिया ने कहा था- सुशांत और मैं अच्छे दोस्त हैं

रिया ने कहा था- न तो कभी मैंने और न ही सुशांत इसे स्वीकार किया। इसलिए यह सही नहीं है। सुशांत और मैं वाकई अच्छे दोस्त हैं। मैं उन्हें आठ साल से जानती हूं। हम यशराज फिल्म्स में साथ थे और लंबे समय तक हमारी मैनेजर भी एक ही रही है। इन सालों में हमारी दोस्ती बढ़ी है। मैं अपने सभी दोस्तों को बहुत प्यार करती हूं और इसे छुपाती नहीं हूं।

मैं अपनी जिंदगी में शामिल लोगों के प्रति प्यार को लेकर बहुत पब्लिक हूं। फिर चाहे वह लड़की हो या फिर लड़का। जहां तक सुशांत की बात है तो वे मैं जिन लोगों को जानती हूं, उनमें वे सबसे अच्छे और कूल इंसान हैं। मैं उनके बारे में नहीं जानती। लेकिन वे मेरे लिए सुपर क्यूट और अट्रेक्टिव हैं। हालांकि, मैं नहीं जानती कि वे मेरे बारे में क्या सोचते हैं।

सुशांत की वह एक आदत, जो रिया को पसंद नहीं थी

जब रिया से पूछा गया कि क्या सुशांत की ऐसी कोई आदत है, जो उन्हें पसंद नहीं? तो जवाब में उन्होंने कहा था, "सुशांत बहुत समझदार हैं। वे हर चीज के बारे में बहुत ज्यादा जानते हैं। यह आदत नहीं है, वे ऐसे ही हैं। तब आपको थोड़ा गुस्सा आ सकता है, जब आपको लगता है कि आप बहुत स्मार्ट हैं, लेकिन सुशांत से बातचीत के बाद आपको अपने बारे में दोबारा सोचना पड़ता है।"

रिया से शादी करना चाहते थे सुशांत

अगस्त 2019 में ऐसी खबरें आई थीं कि सुशांत अपनी प्लेब्वॉय रेपुटेशन से निकलने के लिए रिया से शादी करना चाहते थे। लेकिन रिया कुछ और वक्त चाहती थीं। इससे पहले सुशांत ने एक इंटरव्यू में रिया के साथ अपने रिलेशनशिप पर बात की थी।

उन्होंने कहा था, "फिलहाल, कुछ भी कहना सही नहीं है। लोगों को ऐसी चीजों के बारे में बात नहीं करनी चाहिए, जो अभी शुरू ही हुई हों। अगर आप मेरे बारे में सवाल करेंगे तो मैं जवाब दे सकता हूं। लेकिन आप किसी और के बारे में पूछेंगे तो मुझे उससे पूछना पड़ेगा।" गौरतलब है कि रिया से पहले सुशांत का नाम अंकिता लोखंडे, कृति सेनन और सारा अली खान से जुड़ चुका है।

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When Rhea Chakraborty Denies Relationship With Sushant Singh Rajput

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सोनाक्षी और भूमि ने बताया बचपन में किस तरह मनाते थे आजादी का जश्न, कोरोना के चलते इस बार घर में ही सेलिब्रेट करने की अपील की

देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दैनिक भास्कर ने कुछ बॉलीवुड एक्ट्रेसेस से बात करते हुए इस दिन से जुड़ी उनकी खास यादों के बारे में बात की। इस दौरान सोनाक्षी सिन्हा, भूमि पेडणेकर और वाणी कपूर ने इस त्योहार से जुड़ा अपना अनुभव शेयर किया। सोनाक्षी ने बताया कि वे ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद भी तिरंगे को सलामी देने के लिए कॉलेज जाया करती थीं।

बिजी शेड्यूल का बहाना बनाकर खुद को वक्त नहीं दिया

सोनाक्षी सिन्हा ने कहा, 'इस बार आजादी दिवस पर हम लोग यकीनन ढेर सारी चीजें मिस कर रहें हैं। लॉकडाउन के चलते ये भी जरूर महसूस हो रहा है कि हम लोगों ने पूरी जिंदगी फैमिली को कम वक्त दिया। अपनी आजादी को बहुत हल्के में लिया। अपने स्‍वास्‍थ्‍य का ख्‍याल कम रखा। खुद की पसंद-नापसंद का भी बारीकी से कम ध्‍यान रखा और इसके लिए बिजी शेड्यूल का बहाना बनाते रहे। अब इन सब बातों का भान लॉकडाउन ने करवा दिया।'

कोविड के जाने तक संभल कर रहना होगा

उन्होंने आगे कहा, 'ये जरूर है कि हम सब इतने लंबे समय तक घर पर बैठे रहने के आदी नहीं रहे हैं और हर कोई बाहर निकलकर काम करने की आजादी चाह रहा है। लेकिन हमें इस बात का ख्‍याल भी रखना होगा कि बाहर निकलने की आजादी हमारी जान की कीमत पर ना हो। जब तक कोविड-19 काबू में नहीं आता, तब तक हम-आप सभी को जरा धीरज रखना होगा।'

छोटी-छोटी चीजें करते हुए देशप्रेम जाहिर कर सकते हैं

सोनाक्षी के मुताबिक, 'इस साल तो आजादी का जश्‍न मनाने के लिए बाहर ना ही निकलें, क्योंकि वो बिल्कुल भी सेफ नहीं होगा। घर पर अपनी फैमिली के साथ रहकर ही इसे सेलिब्रेट करें। देश के प्रति अपना प्‍यार घर से ही जाहिर करें। देश को सपोर्ट करें।'

उन्होंने कहा, 'हम सब छोटी-छोटी चीजें करते हुए भी अपना देशप्रेम जाहिर कर सकते हैं। साफ-सफाई और जरूरतमंदों का ध्‍यान रखकर भी ये काम कर सकते हैं। एक-दूसरों को आगे बढ़ाने में सहायता कर देश को महान मुल्‍क बना सकते हैं।'

ग्रेजुएशन होने के बाद भी कॉलेज जाती थी

सोनाक्षी ने कहा, 'स्‍कूल-कॉलेज में ध्‍वजारोहण को बहुत पसंद करती थी। ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद भी तिरंगे को सलामी देने के लिए कॉलेज जाया करती थी। वो इसलिए क्योंकि ग्रुप में जो देशभक्ति की फीलिंग होती थी, उसे मिस करती थी। अपने साथी कलाकारों के साथ राष्‍ट्रगान में शामिल होना मिस करती थी। इसके अलावा हाल के बरसों में भी मौका मिलने पर कॉलेज जाया करती थी।'

सोनाक्षी सिन्हा और भूमि पेडणेकर।

भूमि बोलीं- इस बार सबको आजादी के मायने पता चले

एक्ट्रेस भूमि पेडणेकर ने कहा, 'तालाबंदी के कारण इस बार हम सब घरों में बंद हैं और सभी को स्वतंत्रता के मायने पता चल रहे हैं। इस बार तो तिरंगे को सलामी देना भी मुश्किल होगा साथ ही स्कूल के साथियों, कार्यालय के सहयोगियों या अपने पड़ोसियों का साथ भी नहीं मिलेगा। यह एहसास दिलाता है कि आजादी के अधिकार हम सभी में नैसर्गिक भाव से आते रहते हैं।'

कोरोना के खिलाफ हर भारतीय को योद्धा बनना होगा

भूमि के मुताबिक 'अनगिनत भारतीयों ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लड़ाई लड़ी थी और आज हम कोरोनोवायरस के खिलाफ एक और लड़ाई लड़ रहे हैं। इसे हराने के लिए हम सभी को योद्धा बनना होगा। हम सावधान रहते हुए सामाजिक दूरी बनाए रखकर और हर समय मास्‍क पहनकर भारत को कोविड 19 के खिलाफ लड़ाई में जीत दिला सकते हैं। हर कोई ऐसा करने की शक्ति रखता है।'

अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करते हुए सेलिब्रेट करें

स्वतंत्रता दिवस मनाने का तरीका बताते हुए भूमि ने कहा, 'इस माहौल में स्वतंत्रता दिवस पर प्राउड इंडियन महसूस करने के लिए ये जरूरी नहीं है कि हमें एक साथ मिलकर ही सेलिब्रेट करना है। इसकी बजाए राष्ट्रगान को अपने घर में जोर-शोर से गाएं और उन अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करें, जो ज्ञात और अज्ञात सभी स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों के कारण हैं।'

बचपन में दिन बन जाता था

बचपन की याद शेयर करते हुए उन्होंने कहा 'मेरे स्कूल में हम सुबह-सुबह झंडे को सलामी देने के लिए इकट्ठा होते थे। बच्चों के रूप में हमें जल्दी जागना कठिन लगता था, लेकिन उत्सव में हमारे शिक्षकों और दोस्तों के साथ समय बिताने का मौका मिलने से दिन बन जाता था। स्‍कूल में भी वो एक ब्रेक सा दिन लगता था।'

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Sonakshi Sinha and Bhumi Pednekar told how they celebrated independence in childhood, this time due to Corona, they appealed to celebrate at home.

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वाणी कपूर बोलीं- इस दिन से जुड़ी बचपन की यादें शानदार, ये आजादी दिवस हम कोरोना वॉरियर्स को सलाम कर सेलिब्रेट करें

74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक्ट्रेस वाणी कपूर ने दैनिक भास्कर के साथ इस खास दिन से जुड़ी अपनी बचपन की यादों को शेयर किया। उन्होंने बताया कि हमारी बचपन की यादें कुछ ऐसी हैं, जिन्हें हम हमेशा संजोकर रखते हैं। अपने दिलों के करीब रखते हैं। हमारे स्कूल के दिनों में भी इस शुभ अवसर पर ध्वजारोहण और उसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम होते थे।

वाणी ने कहा, 'उन कार्यक्रमों की तैयारियों में हम आयोजन से एक हफ्ते पहले जुट जाते थे। प्रदर्शन के लिए खुद को तैयार करने के दौरान हम काफी एन्जॉय करते थे। हम मार्च-पास्ट, भाषण, नृत्य, खेल, सांस्कृतिक गतिविधियों और अन्य चीजों की तैयारियों के सिलसिले में अभ्यास करने के लिए लंच ब्रेक के बाद उसी में जुट जाते थे।'

उन्होंने कहा, 'लॉकडाउन के कारण इस बार हम सभी घरों में बंद हैं। जाहिर तौर पर इस बार व्यावहारिक और भावनात्मक चुनौतियां हैं, जिनसे हमें बंद के दौरान जूझना पड़ा है। हालांकि इसने हमें उन चीजों के महत्व से अवगत कराया है जिन्‍हें हम बहुत कैजुअली लेते थे।'
'उदाहरण के लिए, मैं दोस्तों और परिवार के साथ अचानक वाली छुट्ट‍ियां प्‍लान करने से रह गई हूं। मैंने अपने माता-पिता को इतने लंबे समय तक नहीं देखा और मैं उन्हें बहुत मिस करती रही हूं।'

वाणी के मुताबिक 'इस माहौल में हमें फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी सलामी देते हुए इस स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाना चाहिए। हम कोरोनोवायरस के साथ युद्ध में हैं और मैं सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स- मेडिकल स्टाफ, पुलिस, सैनिटाइजेशन वर्कर्स और हर किसी को सलाम करती हूं जो हमारे लिए खुद को जोखिम में डाल रहे हैं।'

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एक्ट्रेस वाणी कपूर आखिरी बार ऋतिक रोशन के अपोजिट फिल्म 'वॉर' में नजर आई थीं।

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‘Boys State’ Shows Perils of Modern Democracy
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डिप्रेशन की थ्योरी को गलत साबित करते हैं ये वीडियो, परिवार संग एन्जॉय करते, भजन गाते और कार ड्राइव करते नजर आ रहे हैं सुशांत

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन के तकरीबन 2 महीने बाद शुक्रवार को उनके कई वीडियो सामने आये। इन वीडियो को देख कोई भी नहीं कह सकता है कि सुशांत डिप्रेशन से जूझ रहे थे। वीडियो में सुशांत परिवार के साथ मस्ती करते, कार ड्राइव करते और भजन गाते हुए नजर आ रहे हैं।

पहला वीडियो : आज सामने आये पहले वीडियो में सुशांत भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन होकर भजन गा रहे हैं। वीडियो में सुशांत 'श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी' और 'अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं' गुनगुनाते नजर आ रहे हैं।

दूसरे वीडियो: इसमें सुशांत अपनी बहन मीतू सिंह के साथ एक कार में चंडीगढ़ के लिए जाते हुए नजर आ रहे हैं। कार चलाने के दौरान दोनों एक गाने को गुनगुनाते हुए और कार की पिछली सीट पर संभवतः उनके जीजा बैठे नजर आ रहे हैं।

तीसरे वीडियो: अभिनेता सुशांत परिवार के साथ जन्मदिन मनाते हुए नजर आ रहे हैं। इसे देख कहीं से ऐसा नहीं लगता कि सुशांत के अपने परिवार के साथ रिश्ते खराब थे। वीडियो में वे अपनी बहनों और बहनोई के साथ हंसी-मजाक करते नजर आ रहे हैं। आईपीएस ओपी सिंह भी इसमें नजर आ रहे हैं।

परिवार ने रिलीज किए यह वीडियो

ये वीडियो इस साल जनवरी 2020 का बताया जा रहा है। सुशांत अपनी बहन के साथ जनवरी में पंचकुला गए थे। वहीं का ये वीडियो बताया जा रहा है। इन ताजा वीडियोज में सुशांत परिवार के साथ काफी खुश और मस्‍ती करते हुए नरज आ रहे हैं। आज सुशांत की मौत को 2 महीने पूरे हो गए जिसके चलते परिवार ने उनकी याद में ये वीडियो रिलीज किए हैं।

सुशांत सिंह राजपूत का शव 14 जून को उनके बांद्रा स्थित फ्लैट में लटकता हुआ मिला था। इसके 50 दिन बार पिता ने पटना में रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के खिलाफ धोखाधड़ी, आत्महत्या के लिए उकसाने और मानसिक रूप से परेशान करने का केस दर्ज करवाया है। मुंबई और बिहार पुलिस के साथ सीबीआई और ईडी भी इस मामले में जांच कर रही है।

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सुशांत कार चलाते हुए(बाएं), भजन गाते हुए (बीच में) और परिवार संग मस्ती करते(दाएं) नजर आ रहे हैं।

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सुशांत की मौत के 24 दिन बाद उनका फोन फोरेंसिक जांच के लिए भेजा, फोन के लिए ईडी ने चार लेटर लिखे, लेकिन नहीं दिया गया

सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस में मुंबई पुलिस पर बड़ा आरोप लग रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो पुलिस ने अभिनेता के फोन को फोरेंसिक जांच के लिए भेजने की बजाय तीन सप्ताह तक अपने पास रखा। कहा यहां तक जा रहा है कि देरी से मिलने के कारण फोरेंसिक लैब ने फोन की जांच करने से इनकार कर दिया था। एक न्यूज चैनल ने सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है।

टाइम्स नाउ की खबर के मुताबिक, एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट से जुड़े सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की कि मुंबई पुलिस ने सुशांत का फोन उनकी मौत के 24 दिन बाद फोरेंसिक जांच के लिए भेजा था। इसी रिपोर्ट में यह लिखा गया है कि सबूत को फोरेंसिक लैब ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया और मुंबई पुलिस से देरी को लेकर सवाल किया।

ईडी फोन के लिए मुंबई पुलिस को 4 लेटर लिख चुका

इस बीच खबर यह भी आ रही है कि सुशांत मामले में मनी लॉन्डरिंग एंगल से जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अभिनेता के फोन और कॉल डिटेल्स की जरूरत है। इस बारे में मुंबई पुलिस को 4 लेटर लिखे जा चुके हैं। लेकिन पुलिस की ओर से एक बार भी जवाब नहीं दिया गया।

क्या मुंबई पुलिस ईडी की जांच में अड़ंगा लगा रही?

सुशांत के परिवार के वकील विकास सिंह की मानें तो मुंबई पुलिस ईडी की जांच में अड़ंगा लगा रही है। उन्होंने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा कि आखिर किस आधार पर मुंबई पुलिस ईडी को सुशांत का मोबाइल फोन देने से इनकार कर रही है।"

सिंह के मुताबिक, मुंबई पुलिस ईडी को कोई भी चीज देने से इनकार नहीं कर सकती, क्योंकि ईडी के अधिकार को माना जाता है। एफआईआर दर्ज होने के बाद उनके पास जांच का पूर्ण स्वतंत्र अधिकार होता है। उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि मुंबई में अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, इसलिए वहां कोई जांच नहीं है।

सुशांत की कजिन ने मुंबई पुलिस को घेरा

सुशांत के चचेरे भाई और विधायक नीरज सिंह बबलू ने भी मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा- दो महीने का वक्त हो गया है और पूरा देश कह रहा है कि सीबीआई जांच होनी चाहिए। लेकिन मुंबई पुलिस कह रही है कि हम जांच कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने उस जगह तक को सील नहीं किया, जहां सुशांत की मौत हुई थी। अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की है। केस में किसी का नाम नहीं लाए हैं। ऐसे में समझ ही नहीं आ रहा कि वह कौन-सी जांच कर रही है।

दूसरी बात ईडी उनसे जो कागजात और सामान मांग रहा है, वह उन्हें देने से इनकार कर रहे हैं। ईडी को सपोर्ट नहीं कर रहे हैं। खुद भी जांच नहीं कर रहे हैं। फिर वे चाहते क्या हैं? क्या वे मामला खत्म करना चाहते हैं? ये मामला खत्म होने वाला नहीं है। ये मामला सीबीआई में जाएगा।

पूरा देश चाहता है कि सीबीआई जांच करे। मुंबई पुलिस का चेहरा उजागर हो गया है कि वह नहीं चाहती कि कोई चीज सामने आए। वह चाहती है कि किसी भी तरह इस मामले को दबा दिया जाए। लग रहा है कि कोई न कोई बड़े लोग इसमें फंसने वाले हैं।

भाजपा विधायक का महाराष्ट्र सरकार पर निशाना

घाटकोपर से भाजपा विधायक राम कदम ने फोन को फोरेंसिक के लिए भेजने में हुई देरी को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, "सुशांत सिंह राजपूत के मामले मे अब यह बात सामने आई है कि उसका फोन पुलिस ने अपने पास 24 दिन तक रखा था। फोरेंसिक लैब को नही दिया ? क्या कारण है अपने पास रखने के? महाराष्ट्र सरकार सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर रही है, यह भावना सुशांत के परिवार और देश के सुशांत के करोड़ों फैन्स की हो चुकी है।"

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रिपोर्ट्स की मानें तो मुंबई पुलिस सुशांत की मौत के बाद तीन सप्ताह तक उनका फोन अपने पास रखे रही।

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