सुशांत की मौत के 24 दिन बाद उनका फोन फोरेंसिक जांच के लिए भेजा, फोन के लिए ईडी ने चार लेटर लिखे, लेकिन नहीं दिया गया सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस में मुंबई पुलिस पर बड़ा आरोप लग रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो पुलिस ने अभिनेता के फोन को फोरेंसिक जांच के लिए भेजने की बजाय तीन सप्ताह तक अपने पास रखा। कहा यहां तक जा रहा है कि देरी से मिलने के कारण फोरेंसिक लैब ने फोन की जांच करने से इनकार कर दिया था। एक न्यूज चैनल ने सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है। टाइम्स नाउ की खबर के मुताबिक, एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट से जुड़े सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की कि मुंबई पुलिस ने सुशांत का फोन उनकी मौत के 24 दिन बाद फोरेंसिक जांच के लिए भेजा था। इसी रिपोर्ट में यह लिखा गया है कि सबूत को फोरेंसिक लैब ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया और मुंबई पुलिस से देरी को लेकर सवाल किया। ईडी फोन के लिए मुंबई पुलिस को 4 लेटर लिख चुका इस बीच खबर यह भी आ रही है कि सुशांत मामले में मनी लॉन्डरिंग एंगल से जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अभिनेता के फोन और कॉल डिटेल्स की जरूरत है। इस बारे में मुंबई पुलिस को 4 लेटर लिखे जा चुके हैं। लेकिन पुलिस की ओर से एक बार भी जवाब नहीं दिया गया। क्या मुंबई पुलिस ईडी की जांच में अड़ंगा लगा रही? सुशांत के परिवार के वकील विकास सिंह की मानें तो मुंबई पुलिस ईडी की जांच में अड़ंगा लगा रही है। उन्होंने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा कि आखिर किस आधार पर मुंबई पुलिस ईडी को सुशांत का मोबाइल फोन देने से इनकार कर रही है।" सिंह के मुताबिक, मुंबई पुलिस ईडी को कोई भी चीज देने से इनकार नहीं कर सकती, क्योंकि ईडी के अधिकार को माना जाता है। एफआईआर दर्ज होने के बाद उनके पास जांच का पूर्ण स्वतंत्र अधिकार होता है। उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि मुंबई में अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, इसलिए वहां कोई जांच नहीं है। सुशांत की कजिन ने मुंबई पुलिस को घेरा सुशांत के चचेरे भाई और विधायक नीरज सिंह बबलू ने भी मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा- दो महीने का वक्त हो गया है और पूरा देश कह रहा है कि सीबीआई जांच होनी चाहिए। लेकिन मुंबई पुलिस कह रही है कि हम जांच कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने उस जगह तक को सील नहीं किया, जहां सुशांत की मौत हुई थी। अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की है। केस में किसी का नाम नहीं लाए हैं। ऐसे में समझ ही नहीं आ रहा कि वह कौन-सी जांच कर रही है। दूसरी बात ईडी उनसे जो कागजात और सामान मांग रहा है, वह उन्हें देने से इनकार कर रहे हैं। ईडी को सपोर्ट नहीं कर रहे हैं। खुद भी जांच नहीं कर रहे हैं। फिर वे चाहते क्या हैं? क्या वे मामला खत्म करना चाहते हैं? ये मामला खत्म होने वाला नहीं है। ये मामला सीबीआई में जाएगा। पूरा देश चाहता है कि सीबीआई जांच करे। मुंबई पुलिस का चेहरा उजागर हो गया है कि वह नहीं चाहती कि कोई चीज सामने आए। वह चाहती है कि किसी भी तरह इस मामले को दबा दिया जाए। लग रहा है कि कोई न कोई बड़े लोग इसमें फंसने वाले हैं। भाजपा विधायक का महाराष्ट्र सरकार पर निशाना घाटकोपर से भाजपा विधायक राम कदम ने फोन को फोरेंसिक के लिए भेजने में हुई देरी को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, "सुशांत सिंह राजपूत के मामले मे अब यह बात सामने आई है कि उसका फोन पुलिस ने अपने पास 24 दिन तक रखा था। फोरेंसिक लैब को नही दिया ? क्या कारण है अपने पास रखने के? महाराष्ट्र सरकार सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर रही है, यह भावना सुशांत के परिवार और देश के सुशांत के करोड़ों फैन्स की हो चुकी है।" ## सुशांत केस से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ सकते हैं... 1. सुशांत केस में ईडी की जांच:अभिनेता के खाते से 15 करोड़ रुपए निकाले तो गए, लेकिन पैसा रिया के खाते में डायरेक्ट ट्रांसफर नहीं हुआ 2. रिया चक्रवर्ती के सपने बड़े थे: आइलैंड और प्राइवेट जेट खरीदना चाहती थीं रिया, होटल्स की मालकिन बनने का सपना भी देख रही थीं, वीडियो वायरल 3. सुशांत के फैमिली वकील ने सिद्धार्थ पिठानी को बताया इंटेलिजेंट क्रिमिनल, बोले- उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए तो असली सच्चाई सामने आ जाएगी Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today रिपोर्ट्स की मानें तो मुंबई पुलिस सुशांत की मौत के बाद तीन सप्ताह तक उनका फोन अपने पास रखे रही। https://ift.tt/33Zdq87

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सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस में मुंबई पुलिस पर बड़ा आरोप लग रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो पुलिस ने अभिनेता के फोन को फोरेंसिक जांच के लिए भेजने की बजाय तीन सप्ताह तक अपने पास रखा। कहा यहां तक जा रहा है कि देरी से मिलने के कारण फोरेंसिक लैब ने फोन की जांच करने से इनकार कर दिया था। एक न्यूज चैनल ने सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है।

टाइम्स नाउ की खबर के मुताबिक, एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट से जुड़े सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की कि मुंबई पुलिस ने सुशांत का फोन उनकी मौत के 24 दिन बाद फोरेंसिक जांच के लिए भेजा था। इसी रिपोर्ट में यह लिखा गया है कि सबूत को फोरेंसिक लैब ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया और मुंबई पुलिस से देरी को लेकर सवाल किया।

ईडी फोन के लिए मुंबई पुलिस को 4 लेटर लिख चुका

इस बीच खबर यह भी आ रही है कि सुशांत मामले में मनी लॉन्डरिंग एंगल से जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अभिनेता के फोन और कॉल डिटेल्स की जरूरत है। इस बारे में मुंबई पुलिस को 4 लेटर लिखे जा चुके हैं। लेकिन पुलिस की ओर से एक बार भी जवाब नहीं दिया गया।

क्या मुंबई पुलिस ईडी की जांच में अड़ंगा लगा रही?

सुशांत के परिवार के वकील विकास सिंह की मानें तो मुंबई पुलिस ईडी की जांच में अड़ंगा लगा रही है। उन्होंने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा कि आखिर किस आधार पर मुंबई पुलिस ईडी को सुशांत का मोबाइल फोन देने से इनकार कर रही है।"

सिंह के मुताबिक, मुंबई पुलिस ईडी को कोई भी चीज देने से इनकार नहीं कर सकती, क्योंकि ईडी के अधिकार को माना जाता है। एफआईआर दर्ज होने के बाद उनके पास जांच का पूर्ण स्वतंत्र अधिकार होता है। उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि मुंबई में अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, इसलिए वहां कोई जांच नहीं है।

सुशांत की कजिन ने मुंबई पुलिस को घेरा

सुशांत के चचेरे भाई और विधायक नीरज सिंह बबलू ने भी मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा- दो महीने का वक्त हो गया है और पूरा देश कह रहा है कि सीबीआई जांच होनी चाहिए। लेकिन मुंबई पुलिस कह रही है कि हम जांच कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने उस जगह तक को सील नहीं किया, जहां सुशांत की मौत हुई थी। अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की है। केस में किसी का नाम नहीं लाए हैं। ऐसे में समझ ही नहीं आ रहा कि वह कौन-सी जांच कर रही है।

दूसरी बात ईडी उनसे जो कागजात और सामान मांग रहा है, वह उन्हें देने से इनकार कर रहे हैं। ईडी को सपोर्ट नहीं कर रहे हैं। खुद भी जांच नहीं कर रहे हैं। फिर वे चाहते क्या हैं? क्या वे मामला खत्म करना चाहते हैं? ये मामला खत्म होने वाला नहीं है। ये मामला सीबीआई में जाएगा।

पूरा देश चाहता है कि सीबीआई जांच करे। मुंबई पुलिस का चेहरा उजागर हो गया है कि वह नहीं चाहती कि कोई चीज सामने आए। वह चाहती है कि किसी भी तरह इस मामले को दबा दिया जाए। लग रहा है कि कोई न कोई बड़े लोग इसमें फंसने वाले हैं।

भाजपा विधायक का महाराष्ट्र सरकार पर निशाना

घाटकोपर से भाजपा विधायक राम कदम ने फोन को फोरेंसिक के लिए भेजने में हुई देरी को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, "सुशांत सिंह राजपूत के मामले मे अब यह बात सामने आई है कि उसका फोन पुलिस ने अपने पास 24 दिन तक रखा था। फोरेंसिक लैब को नही दिया ? क्या कारण है अपने पास रखने के? महाराष्ट्र सरकार सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर रही है, यह भावना सुशांत के परिवार और देश के सुशांत के करोड़ों फैन्स की हो चुकी है।"

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सुशांत केस से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ सकते हैं...

1. सुशांत केस में ईडी की जांच:अभिनेता के खाते से 15 करोड़ रुपए निकाले तो गए, लेकिन पैसा रिया के खाते में डायरेक्ट ट्रांसफर नहीं हुआ

2. रिया चक्रवर्ती के सपने बड़े थे: आइलैंड और प्राइवेट जेट खरीदना चाहती थीं रिया, होटल्स की मालकिन बनने का सपना भी देख रही थीं, वीडियो वायरल

3. सुशांत के फैमिली वकील ने सिद्धार्थ पिठानी को बताया इंटेलिजेंट क्रिमिनल, बोले- उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए तो असली सच्चाई सामने आ जाएगी



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रिपोर्ट्स की मानें तो मुंबई पुलिस सुशांत की मौत के बाद तीन सप्ताह तक उनका फोन अपने पास रखे रही।


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