जब लताजी ने धोनी से कहा था- देश को आपके खेल की जरूरत है और ये मेरी भी रिक्वेस्ट है, रिटायरमेंट का विचार भी आप मन में मत लाइए

धोनी ने संन्यास ले लिया। इंटरनेशनल क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट से। अब माही मैदान पर टीम इंडिया की ब्लू ब्रिगेड का हिस्सा नहीं हाेंगे। क्रिकेट के हर फैन को धोनी के रिटायरमेंट की खबर ने दुखी कर दिया है। इन सबके बीच क्रिकेट की बड़ी प्रशंसक माने जाने वालीं स्वरकोकिला यानि लता मंगेशकर के रिएक्शन का हर किसी को इंतजार है। क्योंकि ठीक साल भर पहले लताजी ने धोनी से रिटायरमेंट न लेने की अपील की थी।

लताजी ने कहा था- कृपया ऐसा मत सोचिए

11 जुलाई 2019 को किए इस ट्वीट में लता जी ने लिखा था- नमस्कार, एमएस धोनी जी। आजकल मैं सुन रही हूं कि आप रिटायर होना चाहते हैं। कृपया ऐसा मत सोचिए। देश को आपके खेल की जरूरत है। और ये मेरी भी रिक्वेस्ट है कि रिटायरमेंट का विचार भी आप मन में मत लाईए। उस वक्त लताजी की यह रिक्वेस्ट धोनी तक पहुंच गई थी और उन्होंने संन्यास का ऐलान नहीं किया था।

साल भर पहले से चर्चाएं हुई थीं शुरू

पिछले 6 महीनों से भारतीय क्रिकेट टीम को कोई भी मैच नहीं हुआ है और धोनी की टीम इंडिया में वापसी को लेकर भी कई बार बहस होती रही है। ऐसे में उन्होंने रिटायरमेंट का फैसला लेकर फिर हैरान कर दिया। दरअसल 2019 के वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड से मिली हार के बाद से ही धोनी के संन्यास की खबरें आ रही थीं। जिस पर लताजी ने यह रिएक्शन दिया था।

बॉलीवुड के अन्य सेलेब्स के रिएक्शन

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धोनी ने रिटायरमेंट का ऐलान 1976 में आई अमिताभ बच्चन की फिल्म 'कभी-कभी' में मुकेश के गाए गाने 'मैं पल दो पल का शायर हूं..' पर अपनी फोटोज का वीडियो कोलाज बनाकर किया।

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बाबा रामदेव बोले- ये आजादी हमने इसीलिए पाई कि सभी को न्याय मिले, सुशांत को न्याय दिलाने के लिए उनका परिवार दर-दर ठोकर खा रहा

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर संदेह जताते हुए उन्हें इंसाफ दिलाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। शनिवार को योग गुरु बाबा रामदेव ने भी अभिनेता के परिवार को इंसाफ दिलाने की मांग उठाई। योग गुरु ने हरिद्वार स्थित पतंजलि योग पीठ में सुशांत की आत्मा की शांति के लिए एक यज्ञ किया।

15 अगस्त पर बाबा रामदेव ने एक वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा,"मैंने श्री सुशांत जी के परिजन से बात की। उनका दर्द सुना तो मेरी भी रूह कांप उठी, हम सब पतंजलि में उस दिवंगत आत्मा के लिये प्रार्थना कर रहे हैं, सुशांत राजपूत और उनके परिजन को न्याय मिले।"

बाबा रामदेव का ट्वीट

वीडियो में बाबा रामदेव ने कहा, "आज हम स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं और ये आजादी हमने इसीलिए पाई है ताकि सभी को न्याय मिले। किसी के लिए भी अन्याय न हो। सभी को जीने के लिए सुखद जीवन मिले। सुशांत के जीवन को कातिलों ने छीन लिया। अब कम से कम उसकी दिवंगत आत्मा को न्याय मिल जाए। उस परिवार को तो न्याय मिल जाए जो दर-दर की ठोकरें खा रहा है। हम लोग यही प्रार्थना करते हैं कि जल्द से जल्द सुशांत को न्याय मिले।"

सुशांत के लिए हुई ग्लोबल प्रेयर

आज ही सुशांत की बहन ने एक ग्लोबल प्रेयर का आयोजन किया। सुशांत की एक्स गर्लफ्रेंड अंकिता लोखंडे ने #GlobalPrayersForSSR में शामिल होने की अपील लोगों से की है। इस अपील का असर ट्विटर पर देखने को भी मिल रहा है। हजारों लोग सोशल मीडिया में सुशांत की मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर आवाज उठा रहे हैं।

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हरिद्वार स्थित पतंजलि योग पीठ पर आज सुशांत के लिए बाबा रामदेव ने यज्ञ किया था।

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सुशांत सिंह राजपूत की मौत के दो महीने बाद करन जौहर ने की पहली पोस्ट, ट्रोलिंग से परेशान होकर हुए थे इस प्लेटफॉर्म से दूर

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद सोशल मीडिया से गायब हुए करन जौहर ने दो महीने बाद वापसी कर ली है। शनिवार दोपहर उन्होंने तिरंगे की फोटो साझा की और स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी। करन ने कैप्शन में लिखा है, "हमारे महान देश के लिए, जो संस्कृति, विरासत और इतिहास का खजाना है। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं। जय हिंद।" करन की पोस्ट को दो घंटे के अंदर 61 हजार से ज्यादा व्यू मिले। हालांकि, कमेंट चुनिंदा लोगों के ही आए। क्योंकि उन्होंने अपने कमेंट सेक्शन को लिमिटेड कर रखा है।

14 जून को आई थी करन की पिछली पोस्ट

इससे पहले करन जौहर ने 14 जून को सुशांत की मौत के बाद पोस्ट की थी, जिसमें उन्होंने दिवंगत अभिनेता को याद किया था। करन ने लिखा था- पिछले एक साल से तुम्हारे संपर्क में नहीं रहने पर मैं खुद को दोषी मानता हूं। मैंने कई बार ऐसा महसूस किया है कि आपको अपनी बातें साझा करने के लिए कई बार लोगों की जरूरत रहती है। लेकिन कहीं न कहीं मैं इस बात को अपने जीवन में नहीं उतार सका। अब मैं वह गलती दोबारा नहीं करूंगा।

हम बहुत ऊर्जावान और शोरगुल वाले समय में हैं, फिर भी बेहद अलग-थलग हैं। हम में से कुछ इन चुप्पियों के सामने झुक जाते हैं और उम्मीद छोड़ देते हैं। इसलिए हमें सिर्फ रिश्ते ही नहीं बनाने हैं, बल्कि साथ में उनका लगातार पोषण भी करना है।

सुशांत का दुर्भाग्यपूर्ण निधन मेरे अलावा मेरी सहानुभूति के स्तर और रिश्तों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा के लिए मुझे जगाने वाला साबित हुआ। मुझे उम्मीद है कि ये आप सबको भी समझ में आ गया होगा। हमें तुम्हारा मुस्कुराता चेहरा और तुम्हारा वो बड़ा सा हग हमेशा याद आएगा।

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सुशांत की मौत के बाद हुई थी करन की ट्रोलिंग

सुशांत की मौत के बाद यह बात सामने आई थी कि वे डिप्रेशन में थे। इसके बाद सोशल मीडिया पर यह चर्चा शुरू हुई कि सुशांत बॉलीवुड में फैले नेपोटिज्म की वजह से डिप्रेशन में आए थे और इसे बढ़ावा देने के लिए करन जौहर को जिम्मेदार ठहराया गया। सोशल मीडिया यूजर्स ने करन को भला-बुरा कहना शुरू कर दिया। परेशान होकर जौहर ने न केवल सोशल मीडिया से दूरी बना ली थी, बल्कि अपना मोबाइल नंबर तक बदल लिया था।

ट्विटर पर दोस्तों को किया था अन-फॉलो

लगातार ट्रोलिंग से परेशान होकर करन ने अपने ट्विटर अकाउंट से कई लोगों को अन-फॉलो कर दिया है, जिनमें आलिया भट्ट, वरुण धवन, सिद्धार्थ मल्होत्रा और काजोल समेत कई सेलेब्स शामिल हैं। फिलहाल करन महज 8 लोगों को ही फॉलो कर रहे हैं जिनमें उनके प्रोडक्शन हाउस से जुड़े लोगों के अलावा पीएम नरेंद्र मोदी, महानायक अमिताभ बच्चन, अभिनेता अक्षय कुमार और शाहरुख खान शामिल हैं।

करन जौहर ट्विटर पर सिर्फ 8 लोगों को फॉलो कर रहे हैं।

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करन जौहर पर बॉलीवुड में नेपोटिज्म को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है।

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देश प्रेम को पर्दे पर लाने वाले पहले स्टार थे मनोज कुमार, अक्षय कुमार ने भी 8 देश भक्ति से भरी फिल्मों में किया काम

देश भक्ति की भावना जगाने में बॉलीवुड फिल्में कभी पीछे नहीं रहीं। साथ ही इन फिल्मों में काम करने वाले स्टार्स ने भी एक से बढ़कर एक परफॉरमेंस देकर दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया। कई फिल्मी सितारे ऐसे हैं जिनके करियर में देश भक्ति से भरी फिल्मों का बेहतरीन स्थान रहा।

लोगों ने इन स्टार्स को देश भक्ति से ओत-प्रोत किरदारों में जमकर सराहा। आज नजर डालते हैं कुछ ऐसे ही सेलेब्स पर जिन्होंने अपने करियर में सबसे ज्यादा देश भक्ति कीं।

मनोज कुमार

1967 में आई 'उपकार' में मनोज कुमार।

गुजरे जमाने के अभिनेता और निर्देशक मनोज कुमार ने पूरा जीवन यह संदेश देने में लगा दिया कि देश प्रेम कितना महत्वपूर्ण है। वह देशप्रेम को पर्दे पर उतारने वाले पहले स्टार थे। पूरब और पश्चिम, उपकार, शहीद और क्रांति जैसी 4 फिल्मों में दमदार अभिनय से प्रशंसकों ने उन्हें ‘भारत कुमार’ कहना शुरू कर दिया था। 2015 में उन्हें प्रतिष्ठित फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। देश भक्ति वाली फिल्मों पर इनकी पकड़ को देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने इनसे 'जय जवान जय किसान' नारे पर एक फिल्म बनाने का आग्रह किया था।

अक्षय कुमार

2015 में आई 'बेबी' के एक सीन में अक्षय।

अक्षय को मौजूदा दौर का मनोज कुमार कहा जाता है। उन्होंने केसरी, गोल्ड, बेबी, एयर लिफ्ट, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों, हॉलिडे : ए सोल्जर इज नेवर आउट ऑफ ड्यूटी, गब्बर, रुस्तम जैसी देश भक्ति से भरपूर कुल 8 फिल्मों में काम किया।

आमिर खान

2006 में आई 'रंग दे बसंती' में आमिर खान।

साल में एक फिल्म में काम करने वाले आमिर खान ने करियर में 4 ऐसी फिल्मों में काम किया जिसमें देश भक्ति का जज्बा देखने को मिला। सरफरोश, मंगल पांडे, रंग दे बसंती, लगान में उनके काम को जमकर सराहा गया। आमिर ने फिल्मों के अलावा सामाजिक मुद्दों पर सत्यमेव जयते भी बनाया जिसे टीवी पर बेहद पसंद किया गया।

शाहरुख खान

2007 में आई 'चक दे इंडिया' में शाहरुख

किंग ऑफ रोमांस के नाम से मशहूर शाहरुख ने स्वदेस, चक दे इंडिया जैसी देश भक्ति से भरपूर फ़िल्में कीं। ‘फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’ एक हल्की-फुल्की फिल्म थी जिसके क्लाइमेक्स में देश भक्ति की झलक देखने को मिली थी। वहीं, हैप्पी न्यू ईयर, वीर-जारा में भी देश भक्ति की झलक देखने को मिली।

सन्नी देओल

2001 में आई गदर में सन्नी देओल।

सन्नी देओल एक ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने 5 बेहतरीन देश भक्ति की फिल्मों में काम किया। उनकी गरजती आवाज में जब देश भक्ति की डायलॉग स्क्रीन पर सामने आए तो दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे। सन्नी ने बॉर्डर, गदर एक प्रेम कथा, इंडियन, मां तुझे सलाम, हीरोज जैसी देश भक्ति से भरपूर फिल्में दीं।

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Manoj Kumar was the first star to bring Desh Prem on screen, Akshay Kumar also worked in 8 films full of patriotism.

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जब एक एक्ट्रेस ने भगत सिंह को डाकू बताया तो मनोज कुमार ने बनाई थी फिल्म 'शहीद', बोले- मुझे भगत सिंह की मां के पैर छूने का सौभाग्य मिला था

'हर नागरिक का कर्तव्य है कि यह आजादी जो कइयों के बलिदान के बाद हासिल हुई है, इसे बचाने के किए वे भी बलिदान देने को तैयार रहें। लेकिन हम सोचते हैं कि हम सिक्योर हैं।' यह कहना है 83 साल के अभिनेता मनोज कुमार का, जिन्हें उनकी देशभक्ति से भरी फिल्मों के चलते भारत कुमार के नाम से भी जाना जाता है। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में उन्होंने अपनी जिंदगी के कुछ अनुभव साझा किए, जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से जुड़े हुए हैं।

जब एक एक्ट्रेस ने भगत सिंह को डाकू बताया

मनोज कुमार कहते हैं- गुलामी में हम पर जो बीता, देश पर जो बीता, वह आज के दौर के लोगों ने नहीं देखा। जो देश की खातिर फंदे पर झूले , जिन्होंने लाठियां खाईं, जिन्होंने काला पानी की सजा काटी, उनकी जीवनी स्कूल-कॉलेज में पढ़ने के लिए नहीं मिलीं। एक बात बताता हूं, लेकिन यह किसी की निंदा नहीं है। मैं एक फिल्म की शूटिंग कर रहा था और मेरे साथ जानी-मानी हीरोइन थीं। शॉट के बीच में मुझे टाइम मिलता था तो लिखने बैठ जाता था। लंच टाइम में भी लिखता था।

उन्होंने मुझसे पूछा कि आप क्या लिख रहे हैं? मैंने कहा कि भगत सिंह पर कहानी लिख रहा हूं। मैंने उनसे पूछा- आप जानती हैं कि भगत सिंह कौन थे? उन्होंने कहा- जाहिरतौर पर जानती हूं। वे डाकू थे। उसी वक्त मैंने फैसला कर लिया कि अब तह फिल्म जरूर बनाऊंगा। फिर मैंने अपने मित्र केवल कश्यप के साथ मिलकर फिल्म 'शहीद' बनाई, तब लोगों को पता चला कि भगत सिंह कौन थे।

भगत सिंह की मां के पैर छूने का सौभाग्य मिला

बकौल मनोज- मैं 1956 में मुंबई आया। शिवाजी पार्क में रहता था। पता लगा कि वीर सावरकर जी नजदीक में ही रहते हैं। कई बार उनसे मिलने गया तो उनके पांव दबाने का मौका मिला। मैं पंजाब में गांव गया तो भगत सिंह की माता जी के पांव छूने को मिले। उनके लिए हॉस्पिटल भी गया। बटुकेश्वर दत्त से मिला।

मैंने 1947 का बंटवारा देखा है। जानता हूं कि लाहौर से दिल्ली आते वक्त हमारे घर वालों का कैसे कत्ल कर दिया गया था? कैसे हम लाशों के बीच खून से लथपथ होकर घर से रिफ्यूजी कैंप में आए थे? हमारे तन-मन पर बीती है। आज की पीढ़ी को जितने जतन से यह सब दिखाना चाहिए, हम नहीं दिखा पाए।

हमारी सरकारों ने भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्लाह खान जैसे क्रांतिकारियों के बारे में बच्चों को पढ़ने नहीं दिया। बच्चों ने तो यही सुना है कि दे दी हमें आजादी बिना खडग़ बिना ढाल। वे समझते हैं कि उन्हें ऐसे आजादी ऐसे ही मिल गई। बलिदान से जो आजादी हासिल की है, उसे कायम रखना, उसको अच्छा बनाना चाहिए। इसके लिए अगर बलिदान देना पड़े, तो भी हमें हिचकना नहीं चाहिए।

मैं कहता हूं कि जो विपक्षी पार्टियां हैं, उन्हें सरकार से सवाल करना चाहिए। संसद में करें, विधानसभा में सवाल करें। सेना पर तो शक न करें। आज सेना पर शक होता है, जनरल की बात पर शक होता है, इससे उनका मनोबल टूटता है। वे बर्फ की चट्टानों पर रात-दिन ठिठुर कर हमारी रक्षा करते हैं, तब हम चैन से सोते हैं। फिर उनकी बहादुरी, उनकी दिलेरी पर शक क्यों करना?

हम सैनिक नहीं बन सकते तो कम से कम सैनिक की जय करने वाले तो बनें। कभी-कभी लगता है कि अभी इस देश में बहुत से जयचंद हैं, जो पृथ्वीराज चौहान को धोखा देते हैं। 'जीवन जिएं तो ऐसा जिएं कि जिसमें कुछ आस तो हो, कृष्ण की थोड़ी लीला हो राम का कुछ बनवास तो हो।'

मनोज कुमार का पसंदीदा गीत

मनोज ने बताया- यह फिल्म 'तलाक' (1958) का गाना है। इसमें राजेंद्र कुमार, कामिनी कदम थीं। हनी ईरानी की पहली पिक्चर थी। महेश कौल इसके डायरेक्टर थे। गीत के बोल महाकवि प्रदीप के थे, जो इस प्रकार हैं:-

कहनी है एक बात हमें, इस देश के पहरेदारों से।
संभल के रहना अपने घर में, छिपे हुए गद्दारों से।।
झांक रहे हैं अपने दुश्मन, अपनी ही दीवारों से।
संभल के रहना अपने घर में, छिपे हुए गद्दारों से।।

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Independence Day 2020: Manoj Kumar Shares His Experience About Freedom Fighters

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बिहार और असम के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए एक-एक करोड़ देने की शपथ ली, दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने जताया आभार

अक्षय कुमार बाढ़ से जूझ रहे बिहार और असम की मदद के लिए आगे आए हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो उन्होंने दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्री रिलीफ फंड में एक-एक करोड़ रुपए देने की शपथ ली है। बताया जा रहा है कि 13 अगस्त को इस संदर्भ में उन्होंने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की थी। दोनों ही मुख्यमंत्रियों ने उनकी इस उदारता के लिए उनका आभार जताया और मदद के लिए उनकी सराहना की।

कोरोना काल में अक्षय ने दिन खोलकर मदद की

इससे पहले अक्षय कुमार कोविड-19 से लड़ाई के लिए पीएम केयर्स फंड में 25 करोड़ रुपए का योगदान दे चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने 3 करोड़ रुपए बीएमसी को मास्क, पीपीई और रेपिड फायर किट्स खरीदने के लिए दिए थे। मुंबई पुलिस फाउंडेशन में भी वे 2 करोड़ रुपए जमा करा चुके हैं। इतना ही नही, उन्होंने दिहाड़ी मजदूरों की मदद के लिए सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (सिंटा) में 45 लाख रुपए का योगदान दिया था।

पहले भी कई बार मदद के लिए आगे आए अक्षय

जनवरी 2017 में अक्षय ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था। जिसमें उन्होंने कहा वो शहीद परिवारों के लिए एक ऐसी वेबसाइट या मोबाइल एप लेकर आना चाहते हैं, जिसके जरिए आम जनता भी शहीद के परिवारों की मदद कर सके। इसके बाद उन्होंने गृह मंत्रालय जाकर वहां के अफसरों से इस बारे में चर्चा की थी और इसके ढाई महीने बाद उनका सपना साकार हो गया था। अप्रैल 2017 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 'भारत के वीर' मोबाइल एप और पोर्टल की शुरुआत की। जिसके जरिए देश का कोई भी नागरिक 1 रुपए से लेकर अपनी क्षमता के मुताबिक राशि सैनिकों की मदद के लिए दान कर सकता है। इस राशि का इस्तेमाल शहीदों के परिवार और सेना की मदद के लिए किया जाता है।

फरवरी 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर हुए हमले में 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद अक्षय ने गृह मंत्रालय की ओर से फंड जुटाने के लिए बनाए गए भारत के वीर ट्रस्ट में 5 करोड़ रुपए दान किए थे।

जुलाई 2019 में असम में आई भयानक बाढ़ की वजह से जमकर तबाही मची थी। जिसके बाद अक्षय ने मुख्यमंत्री राहत कोष और काजीरंगा नेशनल पार्क के बाढ़ राहत कोष में 1-1 करोड़ रुपए दान दिए थे। उन्होंने लिखा था- 'असम में बाढ़ से हुई तबाही के बारे में जानकर दिल बेहद दुखी है। इस मुश्किल की घड़ी में मनुष्य या जानवर दोनों को ही मदद की बेहद जरूरत है। मैं सीएम राहत कोष में और काजीरंगा नेशनल पार्क के रेस्क्यू दोनों के लिए 1-1 करोड़ रुपए दान करना चाहता हूं, और दूसरों से भी मदद की अपील कर रहा हूं।'

साल 2018 में केरल में भीषण बाढ़ आई थी, उस वक्त भी अक्षय कुमार ने आगे आकर मुख्यमंत्री राहत कोष में दिल खोलकर दान दिया था। मदद का चेक उन्होंने अपने दोस्त प्रियदर्शन के हाथों केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के पास भिजवाया था। हालांकि उन्होंने कितनी रकम दान में दी थी, इस बात का खुलासा किसी ने नहीं किया।

मार्च 2020 में अक्षय ने चेन्नई में बनने वाले देश के पहले ट्रांसजेंडर शेल्टर होम के लिए 1.5 करोड़ रुपए की राशि अपनी ओर से दान में दी थी। वे ट्रांसजेंडरों पर बन रही फिल्म 'लक्ष्मी बॉम्ब' में काम भी कर रहे हैं। जिसके डायरेक्टर राघव लॉरेंस हैं।

मई 2019 में आए फैनी तूफान ने देश के विभिन्न तटीय इलाकों में जमकर तबाही मचाई थी। सबसे ज्यादा नुकसान ओडिशा को झेलना पड़ा था, उस वक्त भी अक्षय कुमार ने सीएम राहत कोष में 1 करोड़ रुपए दान दिए थे।

दिसंबर 2015 में चेन्नई शहर में आई भीषण बाढ़ ने भी जमकर तबाही मचाई थी। उस वक्त भी अक्षय ने चेन्नई बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए भूमिका ट्रस्ट को 1 करोड़ रुपए दान दिए थे।

अक्षय ने पुलवामा हमले के शहीदों को 5 करोड़ देने के अलावा इसी हमले में शहीद हुए जीत राम गुर्जर की पत्नी सुंदरी देवी को 15 लाख रुपए की आर्थिक मदद भी की थी। जीत राम उनके परिवार में कमाने वाले इकलौते सदस्य थे। ये राशि अक्षय ने भारत के वीर ट्रस्ट के जरिए दी थी।

2020 में सबसे ज्यादा कमाने वाले बॉलीवुड एक्टर

पिछले दिनों फोर्ब्स मैगजीन ने 2020 में दुनिया के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले एक्टर्स की लिस्ट जारी की थी। इसमें बॉलीवुड से अकेले अक्षय कुमार को जगह मिली थी। उनकी कमाई 362 करोड़ रुपए बताई गई थी और उन्हें लिस्ट में छठा स्थान मिला था। उन्होंने कमाई के मामले में लिन मैनुअल, विल स्मिथ, एडम सैंडलर और जैकी चैन जैसे विदेशी एक्टर्स को पीछे छोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि उनकी ज्यादातर कमाई ब्रांड एंडोर्समेंट से हुई है।

अक्षय कुमार से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ सकते हैं...

स्वतंत्रता दिवस पर बॉलीवुड सेलेब्स के संदेश:अमिताभ बच्चन ने कोरोना वॉरियर्स को सलाम कर लिखा- आज से आजाद अपना देश फिर से, अक्षय कुमार ने की रेहड़ी वालों की मदद की अपील

देश के लिए बड़ा दिल:सैनिक हो या बाढ़ के मारे गरीब, संकट के कई मौकों पर अक्षय आगे आकर दे चुके करोड़ों की मदद

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फोर्ब्स की ताजा लिस्ट के मुताबिक, अक्षय कुमार 2020 में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले बॉलीवुड एक्टर हैं।

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अमिताभ बच्चन ने कोरोना वॉरियर्स को सलाम कर लिखा- आज से आजाद अपना देश फिर से, अक्षय कुमार ने की रेहड़ी वालों की मदद की अपील

देशभर में स्वतंत्रता दिवस की 74वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस मौके पर सभी एक-दूसरे को बधाई और शुभकामनाएं दे रहे हैं और आजादी दिलाने वाले सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन कर रहे हैं। बॉलीवुड सेलेब्स ने भी सोशल मीडिया के जरिए फैन्स के नाम अपने संदेश छोड़े हैं।

महानायक ने किया कोविड वॉरियर्स को सलाम

महानायक अमिताभ बच्चन ने इस मौके पर एक कविता साझा की है और कोरोना वॉरियर्स के खिलाफ जंग लड़ रहे लोगों का आभार जताया है। बिग बी ने कैप्शन में लिखा है, "कोविड के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे सच्चे योद्धाओं को सलाम और आजादी के इस शुभ दिन पर शांति और समृद्धि की कामना है।" बिग बी ने कविता को 'आज से आजाद अपना देश फिर से' टाइटल दिया है।

अक्षय ने की जरूरतमंदों की मदद की अपील

अक्षय कुमार ने एक वीडियो साझा किया है, जिसमें वे फुटपाथ पर रेहड़ी लगाने वालों, सब्जी-चाय की दुकान वालों, चौराहों पर छोटे-मोटे सामान बेचने वालों की मदद करने के लिए कह रहे हैं, जिनकी आजीविका कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते प्रभावित हुई है।

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अक्षय ने कैप्शन में लिखा है, "हम इन सभी लोगों को जानते हैं, हम सभी की जिंदगी में इनकी अहम भूमिका है। इस स्वतंत्रता दिवस उनके लिए साथ आइए, देश के लिए साथ आइए, जिससे जितनी हो सके, उतनी मदद कीजिए। बस नजरअंदाज मत कीजिए। देखभाल का अपना तरीका साझा कीजिए। जय हिंद।"

अजय देवगन का 'तान्हाजी' सैल्यूट

अजय देवगन ने वीर जवानों को अपने अंदाज में सैल्यूट किया है। उन्होंने लिखा है, "74वें स्वतंत्रता दिवस पर हर एक वीर और अनसंग हीरो को तान्हाजी सलाम करते हैं।" इसके आगे उन्होंने अपनी फिल्म 'तान्हाजी : द अनसंग वॉरियर' का प्रमोशन किया है, जो एक मूवी चैनल पर टेलीकास्ट हो रही है।

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अनुपम ने की देश के फलने-फूलने की कामना

अनुपम खेर ने देशवासियों को बधाई देते हुए लिखा है, "हम सभी को हमारे देश भारतवर्ष के स्वतंत्रता दिवस की बहुत-बहुत बधाई। मेरी भगवान से हमेशा ये प्रार्थना रहेगी कि हमारा देश हजारों साल तक फूले-फले और प्रगति की ऊंचाइयों को हमेशा छुए। भारत माता की जय। जय हिंद। हम सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!"

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लता मंगेशकर ने साझा किया गीत

स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने अपने गीत 'सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा' की यूट्यूब लिंक साझा कर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने लिखा है, "नमस्कार, आप सबको स्वतंत्रता दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। जय हिंद।"

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इसी तरह विक्की कौशल, स्वरा भास्कर, सुनील ग्रोवर समेत कई अन्य सेलेब्स ने भी देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

विक्की कौशल ने लिखा- 74वें स्वतंत्रता दिवस को शुभकामनाएं।

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स्वरा भास्कर ने लिखा- सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं।

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सुनील ग्रोवर ने लिखा- स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं। हमें गर्व है कि हम भारतीय हैं।

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On Independence Day, Amitabh Bachchan salutes Covid Warriors, Akshay Kumar appeal to help the needy

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ये हैं बॉलीवुड फिल्मों के बेहतरीन डायलॉग्स जिन्हें सुनते ही दिल में भर जाता है देशभक्ति का जोश

देश आजादी की 74वीं सालगिरह मना रहा है। कोरोना के चलते इस बार जश्न भले ही पहले जैसा ना हो लेकिन हर भारतीय के मन में जोश की लहरें उठ रही हैं। मन में जोश जगाने का काम हमारी बॉलीवुड फिल्मों के जोशीले डायलॉग्स ने खूब किया है। ऐसे में आइए नजर डालते हैं कुछ बेहतरीन देशभक्ति से भरे डायलॉग्स पर...

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These are the best dialogues of Bollywood films, which fills patriotism on hearing

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एक्स गर्लफ्रेंड अंकिता लोखंडे ने कहा- खुद भर रही थी फ्लैट की ईएमआई, सुशांत के खाते से ईएमआई जाने की बात गलत

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के हवाले से हर दिन नए खुलासे सामने आ रहे हैं। ताजा मामले में दावा किया जा रहा है कि सुशांत सिंह राजपूत अपनी एक्स गर्लफ्रेंड अंकिता लोखंडे के एक फ्लैट की ईएमआई भर रहे थे। मुंबई के मलाड में स्थित इस फ्लैट की वर्तमान में कीमत करीब 4.5 करोड़ रुपए है। अंकिता ने दावा किया है कि उन्होंने यह फ्लैट अपने पैसों से 1.35 करोड़ रुपए में खरीदा है।

मीडिया में आ रही इन खबरों का खुद अभिनेत्री अंकिता लोखंडे ने खंडन किया और अपने कुछ दस्तावेज ट्विटर पर शेयर किए हैं। सुशांत और अंकिता लगभग 6 साल तक एक दूसरे के साथ थे। दोनों इसी घर में लिव इन रिलेशनशिप में भी रहते थे।

अंकिता में दस्तावेज के साथ पेश की सफाई
अंकिता ने फ्लैट के कागज और अपने अकाउंट से हर महीने कटने वाली किश्त का ब्यौरा दिया। अंकिता के मुताबिक, इस फ्लैट की किश्त वो खुद भर रही हैं। और इस फ्लैट की कीमत 1.35 करोड़ रुपए है।

अंकिता ने ट्वीट करते हुए कहा- ‘यहां मैं सभी अटकलों को विराम देती हूं। मैं इससे ज्यादा पारदर्शी नहीं हो सकती। यहां मैं अपने फ्लैट के रजिस्ट्रेशन और एक जनवरी 2019 से एक मार्च 2020 तक अपने बैंक खातों का पूरी डिटेल दिखा रही हूं। मेरे अकाउंट से महीनेवार सभी ईएमआई के पैसे कटे हैं। मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकती। सुशांत को न्याय मिले।’

अंकिता लोखंडे का ट्वीट ...

सुशांत का परिवार अंकिता के साथ खड़ा नजर आया

अंकिता के इस खुलासे पर सुशांत का परिवार भी उनके साथ खड़ा नजर आ रहा है। अमेरिका में रहने वाली बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने अंकिता का सपोर्ट किया है। श्वेता ने लिखा है- आप एक आत्मनिर्भर महिला हो और मुझे तुम पर गर्व है लड़की। इस पर अंकिता ने लिखा है- शुक्रिया दी, लव यू।

अंकिता लोखंडे के इंस्टाग्राम पर कई दस्तावेज पोस्ट कर सफाई दी। श्वेता ने इसी के रिप्लाई में यह बात कही है।

4 साल से सुशांत के टच में नहीं होने का दावा किया था
अंकिता लोखंडे और सुशांत धारावाहिक पवित्र रिश्ता के सेट पर मिले थे। इस दौरान दोनों एक दूसरे के करीब आ गए थे। लेकिन इस रिश्ते के 6 साल बाद दोनों 2016 में अलग हो गए। अंकिता ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि सुशांत से वे 2016 के बाद से टच में नहीं थी। उनके पास अभिनेता का नंबर भी नहीं था। अंकिता ने यह भी बताया कि उन्हें नहीं पता कि सुशांत की लाइफ में रिया कब आईं, लेकिन दोनों एक साल से साथ थे और इसी दौरान सुशांत अपने परिवार के साथ नहीं था। उन्होंने कहा था- ‘सुशांत अपनी लाइफ में खुश था और मैं अपनी लाइफ में।’

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सुशांत सिंह राजपूत द्वारा फ्लैट की ईएमआई भरने की खबरों का अंकिता लोखंडे ने खंडन किया। उन्होंने अपनी फ्लैट की रजिस्ट्री के पेपर सोशल मीडिया में पोस्ट किए हैं।

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जब फिरोज खान ने लाहौर में कहा- 'भारत के मुस्लिम तरक्की कर रहे, पाकिस्तान में मुस्लिम ही मुस्लिम को काट रहे', बौखलाए पाक ने लगाया था उनकी एंट्री पर बैन

भारत और पाकिस्तान हमेशा अपने तल्ख रिश्ते की वजह से चर्चा में रहते हैं। यह सिलसिला सालों से चला आ रहा है। भारतीयों ने हमेशा पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। इससे बौखलाकर पाकिस्तान ने कई बार हमारी फिल्मों को बैन किया तो कभी बॉलीवुड स्टार्स को। दिवंगत अभिनेता फिरोज खान बॉलीवुड के उन्हीं स्टार्स में से एक थे, जिन्हें पाकिस्तान ने उनके एक बयान की वजह से बैन कर दिया था।

फिरोज ने पाकिस्तान को उसकी औकात याद दिलाई थी

घटना फिरोज खान के निधन से महज तीन साल पहले यानी अप्रैल 2006 की है। फिरोज अपने भाई अकबर खान की फिल्म ‘ताजमहल’ के प्रमोशन के लिए पाकिस्तान के लाहौर में थे। इस दौरान उन्हें छेड़ने के इरादे से कहा गया कि भारत में मुस्लिमों की हालत बहुत खराब है। इस पर फिरोज ने करारा जवाब देते हुए कहा, "इंडिया एक सेकुलर देश है। वहां मुस्लिम तरक्की कर रहे हैं। हमारे राष्ट्रपति मुस्लिम हैं, प्रधानमंत्री सिख हैं। पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर बनाया गया। लेकिन देखो कैसे यहां मुस्लिम ही मुस्लिम को काट रहे हैं।"

'तुम्हारी सरकार हमारी फिल्मों को नहीं रोक सकती'

फिरोज खान ने इवेंट के दौरान कहा था, "मैं यहां खुद नहीं आया हूं, मुझे बुलाया गया है। हमारी फिल्में बहुत पावरफुल होती हैं। इसलिए तुम्हारी सरकार इन्हें ज्यादा दिन तक नहीं रोक सकती।" इवेंट में मौजूद इंडियन डेलिगेशन में मौजूद सदस्यों ने इस बात की पुष्टि उस वक्त मीडिया से बातचीत में की थी।

एक्ट्रेस पर एंकर के आपत्तिजनक कमेंट से भड़क उठे थे फिरोज

इसी इवेंट के दौरान एक्ट्रेस मनीषा कोइराला पर एंकर फख्र-ए-आलम ने जब आपत्तिजनक कमेंट किया तो फिरोज खान भड़क उठे थे। दरअसल, एंकर मनीषा से बात कर रहा था तो वे कुछ झिझक रही थीं। इसी दौरान एंकर ने कहा, "मैम आप कांप रही हैं...इसलिए मैं आपसे सवाल नहीं पूछूंगा।" फिरोज मनीषा के बगल में ही बैठे हुए थे। उन्हें गुस्सा आ गया और उन्होंने एंकर को फटकार लगाते हुए कहा, "बेहतर होगा कि तुम एक्ट्रेस से माफी मांग लो, वरना मैं तुम्हारी ऐसी-तैसी कर दूंगा।"

महेश भट्ट ने फिरोज की ओर से मांगी थी फख्र-ए-आलम से माफी

पूरे घटनाक्रम के बाद डायरेक्टर महेश भट्ट ने एंकर फख्र-ए-आलम और पाकिस्तानी आवाम से फिरोज खान की ओर से माफी मांगी थी। महेश भट्ट ने कहा था, "खान के व्यवहार के लिए मैं फख्र-ए-आलम और पाकिस्तानी आवाम से माफी मांगता हूं। उम्मीद है कि वे हमें माफ कर देंगे।"

महेश भट्ट उस वक्त इंडियन डेलिगेशन का हिस्सा थे। डेलिगेशन में शामिल बाकी लोगों ने भी पाकिस्तान से माफी मांगी थी। इंडिया से पाकिस्तान गए इस डेलिगेशन में फिरोज के साथ उनके भाई अकबर खान, संजय खान के अलावा पहलाज निहलानी, फरदीन खान, श्याम श्रॉफ, शत्रुघ्न सिन्हा, महेश भट्ट, विकास मोहन और 'ताज महल' फिल्म के कई स्टार्स शामिल थे।

परवेज मुशर्रफ ने लगा दिया था एंट्री पर बैन

फिरोज खान का व्यवहार फख्र-ए-आलम और महफिल में बैठे अन्य पाकिस्तानियों को इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने फिरोज के पाकिस्तान में आने पर ही रोक लगवा दी थी। तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने भारत में पाकिस्तानी हाई कमिश्नर को ऑर्डर दिया था कि खान को पाक का वीजा न दिया जाए। 27 अप्रैल 2009 को बेंगलुरु में लंग कैंसर से फिरोज का निधन हो गया था।

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फिरोज खान अपने भाई अकबर खान की फिल्म ‘ताजमहल’ के प्रमोशन के लिए पाकिस्तान के लाहौर गए थे।

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सोनू सूद के लिए जरूरतमंदों की मदद करना ही आजादी का असली उत्सव, बोले- इसे स्‍कूल-कॉलेजों में एक विषय की तरह पढ़ाना चाहिए

देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अभिनेता सोनू सूद ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। इस मौके पर उन्होंने बताया कि उनके लिए आजादी के मायने जरूरतमंदों की मदद करते हुए उन्हें उनके दुखों से आजाद करना है। उनके मुताबिक मदद करने के बारे में बच्चों को स्कूल-कॉलेज में पढ़ाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि उनका फोकस अभी फिल्मों पर नहीं बल्कि लोगों की मदद करने पर है।

सोनू ने कहा, 'लॉकडाउन में कई स्क्रिप्‍ट्स तो आई हैं, मगर उन्‍हें पढ़ने का दिल नहीं करता है। मेरे पास मदद मांगने से जुड़े रोजाना 1500 से ज्‍यादा ईमेल आ रहे हैं। अभी की बात करूं तो इसी हफ्ते हम फिलीपींस के एक से चार साल उम्र तक के ऐसे बच्चों को भारत लेकर आए हैं, जिनका लिवर ट्रांसप्लांट होना है।'

सोनू के लिए ये है सेलिब्रेशन

'ये ऑपरेशन दिल्‍ली के मैक्‍स अस्‍पताल में होता है। लॉकडाउन की वजह से फ्लाइट्स नहीं चल रही थीं, तो उनके परिजनों ने मुझसे गुहार लगाई। जिसके बाद हम इसी शुक्रवार को उन्हें लेकर आए हैं, वो भी कुल 39 डोनर्स के साथ। मेरे लिए यही सब आजादी का सेलिब्रेशन है। उनकी जिंदगी में फर्क ला सकूं।'

डॉक्टर्स से की मदद की अपील

आगे उन्होंने बताया, 'एक जैवलिन थ्रो प्‍लेयर हैं सुदामा। हांगकांग में प्रैक्टिस के दौरान उनका कंधा चोटिल हो गया था। किसी ने उनकी मदद नहीं की। मजबूरन उन्‍हें घर बैठना पड़ गया। किसी ने मुझे उनके बारे में बताया। जिसके बाद मैंने उनकी मदद करने की ठानी।'
'मैं डॉक्‍टर्स से भी गुहार लगाता रहता हूं कि कम से एक एक पेशेंट को अडॉप्‍ट करते हुए उनका ऑपरेशन और उनकी सर्जरी स्‍पॉन्‍सर करें।'

नजर आ रहा है बदलाव

सोनू के मुताबिक 'मुझे बदलाव नजर भी आ रहा है। एक डॉक्‍टर ने मुझे टैग करते हुए बताया कि उन्‍होंने कोविड के चार पेशेंट को एडॉप्‍ट करते हुए उनका इलाज किया और अब वो रिकवर कर रहे हैं। मेरे ख्‍याल से अगर मैं इस तरह एक भी इंसान को इंस्‍पायर कर पाया तो यही मेरे लिए उपलब्धि है।'

स्कूल-कॉलेज में इसका एक विषय हो

'मेरी तो ख्‍वाहिश है कि स्‍कूल और कॉलेज के सिलेबस में एक सब्‍जेक्‍ट ही जोड़ा जाना चाहिए, जिसके तहत दूसरों की मदद कैसे करें, पढ़ाया जाए। लोगों के जहन में बस जाए कि इंजीनियर, डॉक्‍टर बनना कामयाबी नहीं। नारे लगाना मेरे लिए देशभक्ति नहीं है। लोगों की मदद करना देशभक्ति है।'

स्क्रिप्ट पढ़ने का मन नहीं करता

आगे उन्होंने कहा, 'इस बीच में मेरे पास कई स्क्रिप्‍ट्स आईं, लेकिन उनके सिर्फ दो या तीन पन्‍ने ही पढ़ पाता हूं। उन्‍हें पढ़ने का दिल नहीं करता। थोड़ी बहुत कहानियां पढ़ता हूं, पर फिर वापस से लोगों की मदद करने के काम में लग जाता हूं। लोगों की ट्रीटमेंट, एजुकेशन, वेलफेयर के बारे में काम करता रह जाता हूं।'

अपने बारे में सोचने का समय नहीं मिल रहा

'मेरे ख्‍याल से लोगों के जीवन में इतने दुख देख रहा हूं कि अपने बारे में सोचने का वक्‍त ही नहीं मिल रहा है। मेरे प्रोजेक्‍ट बैकफुट पर चले गए हैं। यह जो समय है, वह देश के बारे में सोचने का है। अपने बारे में नहीं।'

लोग हर तरह की समस्या मुझे बता रहे

सोनू ने बताया, 'रोजाना मुझे डेढ़ से दो हजार ईमेल्स आ रही हैं। लोग हर तरह की समस्या के लिए मुझसे गुहार लगा रहे हैं। छोटी से बड़ी सब तरह की। मैंने अपनी वाइफ और बच्‍चों की ड्यूटी भी ईमेल पढ़ने पर लगा दी है। चार-पांच दोस्‍तों को सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए कहा है। ताकि कोई भी इमरजेंसी वाली चीज छूट ना जाए। मैं भी भगवान से प्रार्थना करता रहता हूं कि वो मुझे उन लोगों से जरूर कनेक्‍ट करते रहें, जिनकी समस्‍या सच में वाजिब हो।'

हमें खुद अपना मिनिस्टर बनना होगा

उन्होंने कहा, 'मैं बाकी लोगों से भी अपील करूंगा कि वो भी आगे बढ़ें और जरूरतमंदों की मदद करें। बड़े लोगों के आगे आने का इंतजार करते रहेंगे तो सारी उम्र निकल जाएगी। इस सोच से बाहर निकलना होगा कि अरे हम तो टैक्‍स भरते हैं, तो सरकार क्‍यों नहीं करती है। विधायक, सांसद क्‍यों नहीं करता। हमें अपनी समस्‍याओं का निराकरण करने के लिए खुद अपना मिनिस्‍टर बन जाना चाहिए।'

लोग खुद ब खुद मदद करने लगे

अपने अभियान के बारे में बताते हुए सोनू ने कहा, 'लोगों को मैसेज गया कि एक इंसान मदद को निकला हुआ है। ऐसे में एयरपोर्ट वगैरह पर क्‍लीयरेंस आसानी से मिलने लगे हैं। मैं दूतावास में बातें कर रहा हूं। ब्‍यूरोक्रेट्स से बातें कर रहा हूं। उनकी तरफ से भी सही रिस्‍पॉन्‍स मिल रहा है। इस तरह विदेशों से लोगों को यहां लाने में आसानी हो रही है।'

सोनू के मुताबिक 'झंडे को लहराता हुआ देख जो फीलिंग आती है जहन में, उसे शब्‍दों में बयान नहीं कर सकता। लगता है कि हम पैदा ही हुए हैं, तिरंगे को सैल्‍यूट करने के लिए।'

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सोनू सूद हाल ही में फिलीपींस से एक से चार साल की उम्र के बच्चों को लिवर ट्रांसप्लांट के लिए भारत लेकर आए हैं।

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डायरेक्टर रमेश सिप्पी बोले- धरम जी गब्‍बर और ठाकुर दोनों का रोल करने के इच्छुक थे, पर जब कहा कि बसंती नहीं मिलेगी तो वीरू के लिए मान गए

भारतीय फिल्म इतिहास की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक 'शोले' की रिलीज को 45 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर फिल्म के डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। उन्होंने बताया कि फिल्म की असली रिलीज डेट 14 अगस्‍त 1975 है, क्योंकि इसी दिन फिल्म मुंबई के मिनरवा थिएटर में लगी थी। इसके बाद 15 अगस्‍त से देश के बाकी इलाकों में रिलीज हुई थी।

सिप्पी ने बताया तब फिल्‍में आज की तरह एक ही समय पर पैन इंडिया रिलीज नहीं होती थी। टेरेटरी के हिसाब से होती थीं। तब अगस्‍त में यह मुंबई, बंगाल और हैदराबाद के सेंटर्स पर रिलीज हुई थी। फिर दिल्‍ली और बाकी सेंटर्स पर यह दीपावली पर रिलीज हुई थी।

शुरू में क्रिटिक्स ने फ्लॉप करार दिया था

सिप्पी के मुताबिक, 'मिनरवा थिएटर में ये फिल्म पांच साल तक चली थी। रिलीज की शुरूआत में ट्रेड क्रिटिक्‍स ने तो फिल्‍म का मर्सिया ही पढ़ दिया था। ट्रेड पेपरों में तो पांच हफ्तों तक बैनर हेडलाइन रहा था कि ‘शोले’ के चलते इंडस्‍ट्री डूब जाएगी। इसकी वजह भी थी। शुरू में थिएटर में दर्शकों की तालियां नहीं बज रही थीं। इसके बाद अपने डाउट मिटाने के लिए मैंने सिनेमाघरों में जाना शुरू किया। मुझे भी साइलेंस ही मिला।'

इंटरवेल में कोई स्टॉल पर नहीं जाता था

'कुछ दिनों के बाद वर्ली सिनेमाघर वाले ने इंटरवल में मुझे बुलाया। उन्‍होंने कहा कि इंटरवल में स्‍टॉल पर कोई समोसे वगैरह लेने नहीं आता। मेरा दिल बैठा। पर संचालक ने असलियत बताई कि ठाकुर के हाथ कटने वाले सीन से लेकर बाकी कोई सीन ऑडिएंस मिस नहीं करना चा‍हती। वो बस गानों में स्‍टॉल्‍स पर आकर ठंडा व समोसा लेते हैं।'

उस वक्त अपनी तरह की पहली फिल्म थी 'शोले'

'उस दिन के बाद से लगा कि बड़े पैमाने पर साउंडट्रैक, एडिटिंग और विजुअल्‍स को देख दर्शक हैरान थे। उस तरह के स्‍पेशल इफेक्‍ट्स लोगों ने तब देखे नहीं थे। शोले में उस तरह का पहला एक्‍सपीरिएंस था। वो काम दरअसल लंदन में हुआ था। टेक्‍नीकलर में 70 एमएम प्रिंट्स भी लंदन में ही तैयार हुए थे। लिहाजा फिल्‍म ने जब रफ्तार पकड़ी तो आज आइकॉनिक बन सबके सामने है।'

अमिताभ और धर्मेंद्र दोनों गब्बर का रोल चाहते थे

आगे उन्होंने बताया, 'धरम जी और अमिताभ दोनों चाहते थे कि ठाकुर या गब्‍बर का रोल निभाने को मिले। धरम जी ने तो ठाकुर न मिलने पर गब्‍बर भी अटेंम्‍प्‍ट किया था, क्‍योंकि वो बड़ा ही कलरफुल रोल था। इस पर मैंने उन्‍हें कहा कि अगर आप करना चाहते हैं तो करिए पर बाद में मत कहिएगा कि हेमा मालिनी का क्या हुआ। तब जाकर उन्‍होंने वीरू का रोल स्‍वीकार किया।'

हमने अलग तरह का रोमांस दिखाया था

'फिल्म में दोनों की केमिस्‍ट्री खूब उभर कर आई थी। आम के बगीचे में वीरू का बसंती को पिस्‍टल सिखाने का आइडिया दोनों में रोमांस के रंग भरने को लेकर था। हमने उसे अलग तरह से फिल्‍माया। रोमांस सिर्फ जुल्‍फें उड़ाने और पेड़ों के इर्द-गिर्द घूमने को लेकर नहीं होता है न। यहां निशाना लगाने के बहाने बसंती के नजदीक आने का अलग तरीका रखा गया।'

गब्बर का कैरेक्टर रियल लाइफ से प्रेरित था

'गब्‍बर सिंह तो रियल लाइफ कैरेक्‍टर से इंस्‍पायर्ड था। चंबल में उन दिनों में गब्‍बर नाम का डकैत होता था। उसका सरनेम सिंह नहीं था। वो तो वहां घाटियों में जीप वगैरह पर घूमा करता था। मगर हमने क्रिएटिव लिबर्टी ली। जीप के बजाय डकैतों को घोड़ों पर दौड़वाया। घोड़ा खूबसूरत जानवर है। उसकी सवारी अलग समां बांधती है।'

शोले के लिए कई फिल्मों से प्रेरणा ली थी

'यह फिल्‍म सिर्फ ‘सेवेन समुराई’ से इंस्‍पायर्ड तो नहीं थी। हमने तो वह फिल्‍म उस वक्‍त देखी भी नहीं थी। उसके बारे में सुना भर था। ‘सेवेन समुराई’ से इंस्‍पायर्ड होकर एक फिल्‍म बनी थी, ‘मैग्निफिसेंट सेवेन’। हम एक फिल्‍म से इंस्‍पायर नहीं हुए। वो जॉनर फिल्‍म का था। हम ‘मकैनर्स गोल्‍ड’ से भी इंस्‍पायर हुए थे। फिर सर्जियो लियोन की ‘फ्यू डॉलर्स मोर’ का भी अक्‍स था। इंस्‍पि‍रेशन तो कहीं से हो सकती है न।'

हमने 'शोले' की स्पेलिंग बदलकर टाइटल इस्तेमाल किया

इस फिल्म का टाइटल बीआर चोपड़ा की फिल्म ‘शोले’ से आया था। वो एक मैच्‍योर लव स्‍टोरी थी। बहुत बड़ी हिट नहीं थी। पर हमें वो टाइटल बहुत पसंद आया। उनकी शोले की अंग्रेजी स्‍पेलिंग के अंत में ‘LEY’ था। हमने उसे बदल दिया। हमारी स्पेलिंग के लास्‍ट में ‘LAY’ था।'

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फिल्म 'शोले' के कलाकार और फिल्म के डायरेक्टर रमेश सिप्पी (दाएं)।

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डायरेक्टर रमेश सिप्पी बोले- धर्मेंद्र को पसंद आया था गब्‍बर और ठाकुर दोनों का रोल, पर जब कहा कि बसंती नहीं मिलेगी तो वीरू के लिए मान गए

भारतीय फिल्म इतिहास की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक 'शोले' की रिलीज को 45 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर फिल्म के डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। उन्होंने बताया कि फिल्म की असली रिलीज डेट 14 अगस्‍त 1975 है, क्योंकि इसी दिन फिल्म मुंबई के मिनरवा थिएटर में लगी थी। इसके बाद 15 अगस्‍त से देश के बाकी इलाकों में रिलीज हुई थी।

सिप्पी ने बताया तब फिल्‍में आज की तरह एक ही समय पर पैन इंडिया रिलीज नहीं होती थी। टेरेटरी के हिसाब से होती थीं। तब अगस्‍त में यह मुंबई, बंगाल और हैदराबाद के सेंटर्स पर रिलीज हुई थी। फिर दिल्‍ली और बाकी सेंटर्स पर यह दीपावली पर रिलीज हुई थी।

शुरू में क्रिटिक्स ने फ्लॉप करार दिया था

सिप्पी के मुताबिक, 'मिनरवा थिएटर में ये फिल्म पांच साल तक चली थी। रिलीज की शुरूआत में ट्रेड क्रिटिक्‍स ने तो फिल्‍म का मर्सिया ही पढ़ दिया था। ट्रेड पेपरों में तो पांच हफ्तों तक बैनर हेडलाइन रहा था कि ‘शोले’ के चलते इंडस्‍ट्री डूब जाएगी। इसकी वजह भी थी। शुरू में थिएटर में दर्शकों की तालियां नहीं बज रही थीं। इसके बाद अपने डाउट मिटाने के लिए मैंने सिनेमाघरों में जाना शुरू किया। मुझे भी साइलेंस ही मिला।'

इंटरवेल में कोई स्टॉल पर नहीं जाता था

'कुछ दिनों के बाद वर्ली सिनेमाघर वाले ने इंटरवल में मुझे बुलाया। उन्‍होंने कहा कि इंटरवल में स्‍टॉल पर कोई समोसे वगैरह लेने नहीं आता। मेरा दिल बैठा। पर संचालक ने असलियत बताई कि ठाकुर के हाथ कटने वाले सीन से लेकर बाकी कोई सीन ऑडिएंस मिस नहीं करना चा‍हती। वो बस गानों में स्‍टॉल्‍स पर आकर ठंडा व समोसा लेते हैं।'

उस वक्त अपनी तरह की पहली फिल्म थी 'शोले'

'उस दिन के बाद से लगा कि बड़े पैमाने पर साउंडट्रैक, एडिटिंग और विजुअल्‍स को देख दर्शक हैरान थे। उस तरह के स्‍पेशल इफेक्‍ट्स लोगों ने तब देखे नहीं थे। शोले में उस तरह का पहला एक्‍सपीरिएंस था। वो काम दरअसल लंदन में हुआ था। टेक्‍नीकलर में 70 एमएम प्रिंट्स भी लंदन में ही तैयार हुए थे। लिहाजा फिल्‍म ने जब रफ्तार पकड़ी तो आज आइकॉनिक बन सबके सामने है।'

अमिताभ और धर्मेंद्र दोनों गब्बर का रोल चाहते थे

आगे उन्होंने बताया, 'धरम जी और अमिताभ दोनों चाहते थे कि ठाकुर या गब्‍बर का रोल निभाने को मिले। धरम जी ने तो ठाकुर न मिलने पर गब्‍बर भी अटेंम्‍प्‍ट किया था, क्‍योंकि वो बड़ा ही कलरफुल रोल था। इस पर मैंने उन्‍हें कहा कि अगर आप करना चाहते हैं तो करिए पर बाद में मत कहिएगा कि हेमा मालिनी का क्या हुआ। तब जाकर उन्‍होंने वीरू का रोल स्‍वीकार किया।'

हमने अलग तरह का रोमांस दिखाया था

'फिल्म में दोनों की केमिस्‍ट्री खूब उभर कर आई थी। आम के बगीचे में वीरू का बसंती को पिस्‍टल सिखाने का आइडिया दोनों में रोमांस के रंग भरने को लेकर था। हमने उसे अलग तरह से फिल्‍माया। रोमांस सिर्फ जुल्‍फें उड़ाने और पेड़ों के इर्द-गिर्द घूमने को लेकर नहीं होता है न। यहां निशाना लगाने के बहाने बसंती के नजदीक आने का अलग तरीका रखा गया।'

गब्बर का कैरेक्टर रियल लाइफ से प्रेरित था

'गब्‍बर सिंह तो रियल लाइफ कैरेक्‍टर से इंस्‍पायर्ड था। चंबल में उन दिनों में गब्‍बर नाम का डकैत होता था। उसका सरनेम सिंह नहीं था। वो तो वहां घाटियों में जीप वगैरह पर घूमा करता था। मगर हमने क्रिएटिव लिबर्टी ली। जीप के बजाय डकैतों को घोड़ों पर दौड़वाया। घोड़ा खूबसूरत जानवर है। उसकी सवारी अलग समां बांधती है।'

शोले के लिए कई फिल्मों से प्रेरणा ली थी

'यह फिल्‍म सिर्फ ‘सेवेन समुराई’ से इंस्‍पायर्ड तो नहीं थी। हमने तो वह फिल्‍म उस वक्‍त देखी भी नहीं थी। उसके बारे में सुना भर था। ‘सेवेन समुराई’ से इंस्‍पायर्ड होकर एक फिल्‍म बनी थी, ‘मैग्निफिसेंट सेवेन’। हम एक फिल्‍म से इंस्‍पायर नहीं हुए। वो जॉनर फिल्‍म का था। हम ‘मकैनर्स गोल्‍ड’ से भी इंस्‍पायर हुए थे। फिर सर्जियो लियोन की ‘फ्यू डॉलर्स मोर’ का भी अक्‍स था। इंस्‍पि‍रेशन तो कहीं से हो सकती है न।'

हमने 'शोले' की स्पेलिंग बदलकर टाइटल इस्तेमाल किया

इस फिल्म का टाइटल बीआर चोपड़ा की फिल्म ‘शोले’ से आया था। वो एक मैच्‍योर लव स्‍टोरी थी। बहुत बड़ी हिट नहीं थी। पर हमें वो टाइटल बहुत पसंद आया। उनकी शोले की अंग्रेजी स्‍पेलिंग के अंत में ‘LEY’ था। हमने उसे बदल दिया। हमारी स्पेलिंग के लास्‍ट में ‘LAY’ था।'

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फिल्म शोले के प्रमुख कलाकार और डायरेक्टर रमेश सिप्पी (दायां फोटो)।

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