एक्टर के करीबी फ्रेंड दीपेश से पुलिस ने की पूछताछ, मामले में सबसे महत्वपूर्ण गवाह सिद्धार्थ पिठानी से भी आज होगी पूछताछ

बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के कथित आत्महत्या मामले की जांच के लिए लगातार आगे बढ़ रही बिहार पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 160 के अंतर्गत सुशांत के मित्र दीपेश और सिद्धार्थ पठानी को नोटिस भेजा था। इसके बाद दीपेश रविवार की रात बिहार पुलिस के सामने हाजिर हुए जबकि सिद्धार्थ ने भी पुलिस से फोन पर संपर्क किया है। आज उनसे भी पूछताछ हो सकती है।

पटना रेंज के पुलिस महानिरीक्षक संजय सिंह ने सोमवार को बताया कि रविवार को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत दोनों को नोटिस भेजा गया था तथा दोनों को नोटिस के तहत आमने-सामने बैठकर बयान दर्ज कराने को कहा गया था। दीपेश रात को बिहार पुलिस के समक्ष हाजिर हो गए लेकिन सिद्धार्थ का आना बाकी है।

सिद्धार्थ इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण गवाह
उन्होंने कहा कि हर हाल में सिद्धार्थ को भी पुलिस के सामने आना होगा। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ अगर नहीं आते हैं, तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। कहा जाता है कि सिद्धार्थ ने ही सबसे पहले सुशांत की डेडबॉडी देखी थी और वे सुशांत के साथ ही रहते थे।

पटना के एसपी को 14 दिनों के लिए क्वारैंटाइन किया गया
इस बीच, मामले की जांच में को आगे बढ़ाने गए आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को जबरन क्वारैंटाइन करने के मामले में सिंह ने कहा कि बिहार पुलिस इन मामलों को भी देख रही है। विनय तिवारी रविवार दोपहर मुंबई पहुंचे थे। वहां पहुंचते ही विनय तिवारी अपना पहला बड़ा कदम उठा पाते उससे पहले ही बीएमसी ने उन्हें क्वारैंटाइन कर दिया। बिहार पुलिस के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने देर रात अपने आफिशियल ट्वीटर हैंडल से विनय तिवारी को जबरदस्ती क्वारंटीन करने का खुलासा किया था।

विनय तिवारी ने मुम्बई हवाई अड्डे पर ही कहा था कि सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले की जांच सही दिशा में आगे जा रही है। इसके बाद वह अपने चार साथियों के साथ गोरेगांव के एक गेस्टहाउस में गए जहां उनकी साथियों के साथ लम्बी बातचीत हुई। सोमवार को उन्हें बांद्रा जोन-9 के डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे से मिलना था। त्रिमुखे ही सुशांत की संदिग्ध मौत के बाद उनसे जुड़ा मामला देख रहे हैं।

बांद्रा में 14 जून को सुशांत ने की थी आत्महत्या
पटना के रहने वाले सुशांत का शव उनके मुंबई के बांद्रा स्थित फ्लैट में 14 जून को मिला था। इसके बाद इस मामले की जांच मुबई पुलिस कर रही थी। इसके बाद सुशांत के पिता केक सिंह ने उसकी मित्र रिया चक्रवर्ती, उनके परिवार के सदस्यों सहित और छह अन्य लोगों के खिलाफ उनके बेटे को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला 25 जुलाई को पटना में दर्ज कराया। इस मामले की जांच के लिए बिहार पुलिस की एक टीम मुंबई में है।

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दीपेश और सिद्धार्थ दोनों सुशांत के करीबी दोस्त थे और अक्सर खाली समय में तीनों साथ रहते थे।

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सिद्धार्थ पिठानी का खुलासा- जनवरी में टूट गया था सुशांत का दिल, शहर की चकाचौंध से भाग जाना चाहते थे, मुझसे कहा था- वापस आ जाओ मेरे पास कोई नहीं है

सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। सबसे पहली उनकी डेड बॉडी देखने वाले दोस्त सिद्धार्थ पिठानी की मानें तो जनवरी में अभिनेता का दिल टूट गया था और वे शहर की चकाचौंध भरी जिंदगी से भाग जाना चाहते थे। उन्होंने उन्हें कॉल किया था और कहा था कि वापस आ जाओ मेरे पास कोई नहीं है। पिठानी ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में यह दावा किया।

'सुशांत ने कहा था- मैं तुम्हे सैलरी दूंगा'

सिद्धार्थ पिठानी ने कहा, "सुशांत ने मुझे जनवरी के पहले सप्ताह में फोन किया था। उन्होंने मुझसे कहा था कि प्लीज वापस आ जाओ। मुझे लगता है कि हम साथ मिलकर कुछ कर सकते हैं। मैं एक्टिंग नहीं करना चाहता। हम वर्चुअल रियलिटी और दूसरे फील्ड में कुछ कर सकते थे। मुझे यकीन है कि तुम इसके लिए सही इंसान हो। अपना जॉब छोड़ो, मैं तुम्हे वही सैलरी दूंगा।"

'उन्हें देख ऐसा लगा जैसे वे बुरी तरह टूटे हुए थे'

सिद्धार्थ की मानें तो जब वे सुशांत के घर पहुंचे तो उन्होंने उन्हें बुरी तरह टूटा हुआ पाया। उनके मुताबिक सुशांत रो रहे थे और उनसे कह रहे थे, "मेरे पास फिलहाल कोई नहीं है।" सिद्धार्थ ने बताया कि सुशांत ने उन्हें उनके साथ रहने के लिए कहा था। वे उनका और उनके परिवार का ध्यान रखने के लिए भी तैयार थे। पिठानी के अनुसार सुशांत बहुत सिंपल जिंदगी जीना चाहते थे और अपनी खिड़की से सड़क पर नजर आने वाली भीड़ को देखकर परेशान रहते थे। उनसे बात करते हुए वे बहुत इमोशनल हो गए थे और कह रहे थे, 'ये सब एक्टर्स हैं। सब एक्टिंग कर रहे हैं।'

'सुशांत ने कहा था- मेरा कोई नहीं है'

पिठानी के मुताबिक, सुशांत ने उनसे कहा था, "मेरा कोई नहीं है। हम इससे बहुत दूर चले जाएंगे। हम पावना चले जाएंगे।" पिठानी ने बताया कि पावना में सुशांत का फार्महाउस है, जहां वे सैरसपाटे के लिए जाते थे और ट्रैकिंग, साइकिलिंग जैसे एडवेंचरस करते थे। वहां पूल टेबल भी हैं। सिद्धार्थ के अनुसार, सुशांत ने कहा था, "हम खेती कर सकते हैं और एक बजट पर जी सकते हैं।"

वकील का दावा- सुशांत ने सबसे पहले देखी थी डेड बॉडी

सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह के वकील विकास सिंह ने पिछले दिनों एक इंटरव्यू में कहा था, "यह लड़का (सिद्धार्थ) सुशांत के साथ ही रहता था और इसने ही सबसे पहले उनकी डेड बॉडी देखी थी। इसलिए जब उन्होंने दरवाजा बंद पाया तो उन्होंने उसे तब तक नहीं खोला, जब तक कि उनकी बहन नहीं आ गई। उसने डेढ़ घंटे तक इंतजार किया।"

दरअसल, सिद्धार्थ ने मुंबई पुलिस को मेल किया था कि सुशांत का परिवार उन पर रिया के खिलाफ बयान देने का आरोप लगा रहा है। इस पर विकास सिंह ने उन्हें घेरा था और कहा था, "25 जुलाई तक वह परिवार के संपर्क में था और यह कहते हुए मदद की कोशिश कर रहा था कि सुशांत के साथ जो हुआ, उसके लिए रिया चक्रवर्ती जिम्मेदार है।"

"अचानक से उसका व्यवहार बदल गया। मुझे नहीं पता कि क्या हुआ? लेकिन उम्मीद है कि पुलिस जल्दी ही मामले की तह तक जाएगी और पता लगा लेगी कि इस केस में पिठानी की क्या भूमिका है और उनके पास ऐसी कौन-सी जानकारी है, जो उन्होंने साझा नहीं की।"

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सुशांत सिंह राजपूत और सिद्धार्थ पिठानी। सुशांत के वकील ने दावा किया था कि सिद्धार्थ ने ही सुशांत की डेड बॉडी सबसे पहले देखी थी।

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जांच के लिए पटना से मुंबई पहुंचे आईएपीएस विनय तिवारी को बीएमसी ने किया क्वारैंटाइन, बिहार के डीजीपी ने लगाया जबरदस्ती का आरोप

सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या केस में धीरे-धीरे नए ट्विस्ट और टर्न सामने आ रहे हैं। इस मामले की जांच में अब महाराष्ट्र और बिहार पुलिस आमने-सामने आती नजर आ रही है। जांच के लिए रविवार को मुंबई पहुंचे पटना के एसपी विनय तिवारी को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने क्वारैंटाइन कर दिया है। उनके हाथ पर क्वारैंटाइन की मुहर लगाते हुए उन्हें अगले आदेश तक एक घर में रहने को कहा गया है। इसका मतलब साफ है कि वे अब जांच के लिए किसी से मिल नहीं सकेंगे।

बिहार पुलिस का आरोप जबरदस्ती क्वारैंटाइन किया गया
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने ट्वीट किया, 'आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी आज पुलिस टीम का नेतृत्व करने के लिए आधिकारिक ड्यूटी पर पटना से मुंबई पहुंचे, लेकिन उन्हें रात 11 बजे बीएमसी के अधिकारियों ने जबरन क्वारैंटाइन कर दिया। अनुरोध के बावजूद उन्हें आईपीएस मेस में रहने की व्यवस्था नहीं की गई और अब उन्हें गोरेगांव के एक गेस्ट हाउस में रखा गया है।'

बीएमसी ने कहा- नियम के हिसाब से क्वारैंटाइन किया गया
इस मामले में बीएमसी की ओर से कहा गया है कि सामने सरकारी आदेशों का पालन किया है और नियम के हिसाब से उन्हें क्वारैंटाइन किया गया है। अगर उनमें किसी तरह के कोरोना के लक्षण नजर आते हैं तो आने वाले समय में उनका स्वाब टेस्ट भी करवाया जाएगा।

रिया चक्रवर्ती को तलाश रही है बिहार पुलिस
इससे पहले बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने एक निजी चैनल के साथ बात करते हुए कहा कि रिया चक्रवर्ती तीन-चार दिनों से लापता है और उनका फोन भी बंद है। हम चाहते हैं कि रिया सामने आएं और जांच में साथ दें। हम उनसे कुछ सवाल करना चाहते हैं। ऐसा नहीं है कि उनके सामने आते ही हम उन्हें सूली पर लटका देंगे।

डीजीपी पांडे ने आगे यह भी कहा कि इमोशनल वीडियो डालने से कुछ नहीं होता है। आप अगर सच्चे हैं तो पुलिस से आकर बात करें और सच जानने में उनका साथ दें। उन्होंने रिया चक्रवर्ती से अपील करते हुए कहा कि सुशांत मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

मुंबई पुलिस और बिहार पुलिस में कोआर्डिनेशन: विनय तिवारी
रविवार को मुंबई हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए आईपीएस विनय तिवारी ने कहा था कि मुंबई पुलिस और बिहार पुलिस में पूरा कोआर्डिनेशन है। तिवारी ने कहा, "ऐसा नहीं है कि कोआर्डिनेशन नहीं हो रहा था। बीते एक सप्ताह से हमारी टीम यहां काम कर रही है। क्योंकि, जांच की एक प्रक्रिया होती है और उसका अगला स्टेप सुपरविजन होता है। इसके लिए किसी सीनियर अफसर को आना होता है को उसी क्रम में मुझे यहां भेजा गया है।

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2015 बैच के आईपीएस विनय तिवारी बिहार पुलिस के एक तेजतर्रार अफसर माने जाते हैं। फिलहाल, वह पटना में तैनात हैं। उन्हें सुशांत केस की जांच को लीड करने के लिए मुंबई भेजा गया था। बीएमसी ने उनके हाथ पर क्वारैंटाइन की मुहर लगाईं है (दाएं)।

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ग्रेसी सिंह, शुभांगी अत्रे से लेकर ऐश्वर्या सखूजा तक, लॉकडाउन में वर्चुअल रक्षाबंधन मनाएंगे सेलेब

इस साल लॉकडाउन की वजह से कई लोगों के रक्षाबंधन का त्यौहार मनाने की प्लानिंग में बदलाव आए हैं। हाल ही में दैनिक भास्कर ने कुछ जाने-माने टेलीविजन पर्सनालिटीज से बात की और जाना कि वे लॉकडाउन में कैसे इस त्यौहार को सेलिब्रेट कर रहे हैं। इस दौरान कई सेलेब्स ने इस त्यौहार से जुडी कुछ खास यादें भी हमसे साझा की हैं।

ग्रेसी सिंह: दुर्भाग्यवश स्थिति ऐसी है कि हम साथ में नहीं होंगे।

हर साल इस खास दिन को अपने परिवार के साथ मनाने के लिए मैं दिल्ली अपने घर जाती थी, लेकिन इस साल महामारी के कारण ऐसा नहीं हो पाएगा। यह एक वर्चुअल सेलिब्रेशन की तरह होगा। मैंने पहले से ही अपने भाई के लिए एक सुंदर राखी और स्पेशल उपहार खरीदकर कोरियर करवा दिया है। मैं उसके साथ रहना अधिक पसंद करती, लेकिन दुर्भाग्यवश स्थिति ऐसी है कि हम साथ में नहीं होंगे। मैं इंतजार कर रही हूं कि मैं उससे जल्द से जल्द मिलूं और हम बहुत सारी मस्ती करें। तब तक हम एक-दूसरे के साथ वीडियों कॉल के द्वारा जुड़े रहेंगे। वह मेरे बच्चे की तरह है और मेरे दिल के बहुत करीब है। कभी-कभी जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं तो चाहती हूं कि वही बचपन वापस आ जाए।

भाई के साथ राखी सेलिब्रेट करतीं ग्रेसी। पुरानी तस्वीर।

राहुल शर्मा: मुझे खुद ही तिलक लगाना पड़ेगा

मैं चाहे कितना भी व्यस्त क्यों ना रहूं मगर रक्षा बंधन, होली और दीवाली पर घर जरूर जाता हूं। यह पहली बार होगा जब मैं रक्षा बंधन पर नहीं जा पा रहा हूं। बहनें राजस्थान में हैं और मैं मुंबई में हूं | मगर इस बार हम वीडियो कॉल पर राखी का त्योहार मनाएंगे। मेरी बहनें राखी भेजेंगी और एक वीडियो कॉल पर हम एक साथ जश्न मनाएंगे। मुझे खुद ही तिलक लगाना पड़ेगा | मेरी दो सगी बहनों के अलावा गर आप सभी की गिनती करे तो मेरी कुल 26 बहने हैं। हर साल वे घर पर इकट्ठी होती थीं। मैं घर नहीं जा पाता था तो थे सब मुंबई आ जाती थीं। मेरी पूरी कलाई राखियों से भर जाती थी। जब भी उन्हें देखता हूँ तो एक प्यारा-सा अहसास होता है। हम रक्षाबंधन के दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं।

शुभांगी अत्रे: अपनी बहनों और पिताजी को राखी कुरियर कर दी है

मेरी दो बड़ी बहनें हैं और कोई भाई नहीं है। हर साल हम तीनों बहनें अपने पिताजी की कलाई पर राखी बांधती हैं कि वह सभी मुसीबत, संकट और विपरीत हालात में हमारी रक्षा करेंगे। हम बहनों के बीच जो खूबसूरत रिश्ता है, उसे जाहिर करने के लिए हम तीनों एक दूसरे की कलाई पर भी राखी बांधती हैं। इस साल मैंने अपने होमटाउन में अपनी बहनों और पिताजी को राखी कोरियर कर दी है। मैं नहीं जानती थी कि किसी समय हमारे लिए वीडियो कॉल इतनी महत्वपूर्ण हो जाएगी, जो हमारे सारे परिवार को एक दूसरे से कनेक्ट करेगी। इस खुशी के मौके पर मेरी घर पर ही मिठाइयां बनाने की योजना है।

पिता और बहन के साथ शुभांगी।

प्रणिता पंडित: भाई के साथ ये त्यौहार मानना चाहती थी क्योंकि मैं गर्भवती हूं

इस साल का रक्षाबंधन मैं वाकई में अपने भाई के साथ मानना चाहती थी क्योंकि मैं गर्भवती हूं। लेकिन मेरी ये इच्छा पूरी नहीं होगी। मैं सिर्फ वीडियो कॉल पर ही उससे बात कर पाउंगी। मेरी बहन, जो दिल्ली में रहती है, मेरी तरफ से राखी बांधकर चली जाएगी। मेरा भाई मुझे हमेशा सच्चाई और अपनी ईमानदार राह पर चलने की सलाह देता है, वो खुद भी बहुत सरल स्वभाव का हैं। आज तक मैंने ये त्यौहार हमेशा उसके साथ मनाया हैं लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से ऐसा नहीं होगा।

पुरानी तस्वीर में भाई के साथ पोज करती हुईं प्रनिथा।

ऐश्वर्या सखूजा: वीडियो कॉल जिंदाबाद

दुःख तो है कि इस साल अपने भाई और भाभी के साथ रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मना पाउंगी हालांकि वीडियो कॉल जिंदाबाद (हंसते हुए) हां, ये एक अच्छी बात हैं कि टेक्नोलॉजी मुझे और मेरे भाई को आमने-सामने स्क्रीन पर देखने का मौका देंगी। ये त्यौहार मेरे लिए बहुत स्पेशल हैं क्योंकि मैं अपने भाई और भाभी के बहुत करीब हूं। सच कहूं तो इस बार कोई भी त्यौहार मनाने की इच्छा नहीं है। पूरी दुनिया एक बुरे दौर से गुजर रही हैं और हम सभी बस इस बुरे दौर से निकल जाए, मैं बस यही हर दिन दुआ करती हूं।

कामना पाठक: मां से खीर बनाने के लिए कहा जिससे हम एक दूसरे को मिस न करें

यह लॉकडाउन वाकई हमारे लिए एक इम्तिहान जैसा था क्योंकि मैं इंदौर में अपने परिवार के साथ थी और वह थिएटर में होने वाले नाटक के सिलसिले में चंडीगढ़ मैं था। मैं इस लाॅकडाउन में उससे मिलने के लिए बेहद उतावली थी और उसके साथ आर्ट, थिएटर, एक्टिंग के साथ-साथ लॉकडाउन में खोजी गई नई चीजों के बारे में बात करना चाहती थी। बदकिस्मती से इस साल हमें रक्षाबंधन वर्चुअल तरीके से ही मनाना होगा क्योंकि मैं अपने शो की शूटिंग के लिए मुंबई लौट चुकी हूं और वह चंडीगढ़ से परिवार के पास वापस इंदौर लौट चुका है। मैंने खासतौर से अपनी मां से कहा है कि वह रक्षाबंधन के दिन हमारी मनपसंद खीर जरूर बनाए, जिससे इस खास दिन पर हम दोनों एक दूसरे को मिस न करें। उसने मुझे एक खास उपहार भी भेजा है।

कामना पाठक और उनके भाई।

मीरा देवस्थले : अब मुझे भाई से मिलने के लिए एक साल और इंतजार करना होगा

मेरा भाई पिछले तीन वर्षों से कनाडा में है। इसलिए हर साल राखी पर हम एक दूसरे को उपहार भेजते हैं। मैं यहां मुंबई से उसके लिए राखी और मिठाई भेजती तो दूसरी तरफ भाई मेरे लिए ढेर सारे गिफ्ट्स कनाडा से भेजता। लेकिन इस साल हमारा प्लान था एक साथ रक्षाबंधन मनाने का। भाई कनाडा से घर आने वाला था लेकिन इस महामारी की वजह से ये प्लान कामयाब नहीं हो पाएगा। अब मुझे एक साल और इंतजार करना होगा उससे मिलने के लिए। मुझे याद हैं इस खास मौके पर भी हम एक दूसरे से लड़ना नहीं छोड़ते। छोटी-छोटी बातों पर लड़ते लेकिन जल्द्द से जल्द पैच-अप भी कर लेते। बचपन की ये यादें हमेशा स्पेशल रहेंगी।

परिवार के साथ मीरा।

शरमन जैन: इंडस्ट्री से सरगुन मेहता और सनाया ईरानी मुझे राखी बांधती हैं

जीवन में पहली बार मेरे लिए वर्चुअल रक्षा बंधन होगा। पंजाबी होने के नाते, राखी हमेशा हमारे लिए खास रही है क्योंकि आप और आपकी बहन उस दिन आकर्षण का केंद्र होते हैं। यह एक शानदार अहसास है। इंडस्ट्री से सरगुन मेहता और सनाया ईरानी मुझे राखी बांधती हैं। पिछले साल, मैं और शरगुन, हम दोनों यूके में अपनी पंजाबी फिल्म की शूटिंग में थे इसलिए उन्होंने सेट पर मुझे राखी बांधी। लेकिन इस साल वह पंजाब में है और मैं यहां मुंबई में। वही सनाया भी अपने भाई से मिलने गई है। इस साल मैं अकेला रहूंगा और मैं वास्तव में सभी को याद करूंगा।

सनाया ईरानी के साथ शरमन।

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From Gracie Singh, Shubhangi Atre to Aishwarya Sakhuja, will celebrate celebrations of virtual Raksha Bandhan in lockdown

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'राधिका आप्टे का कई फिल्‍मों में ऑडिशन लिया है मगर नवाजुद्दीन का कभी नहीं लिया'- रात अकेली है फिल्म डायरेक्टर हनी त्रेहान

हफ्ते भर के अंतराल में इंडस्‍ट्री से दो बड़े कास्टिंग डायरेक्‍टरों का बतौर डायरेक्‍टर डेब्‍यू हुआ है। मुकेश छाबड़ा ने पिछले हफ्ते ‘दिल बेचारा’ दी थी। 31 को हनी त्रेहान ‘रात अकेली है’ लेकर आए हैं। हनी ने दैनिक भास्‍कर से बातचीत के दौरान फिल्म की मेकिंग और कास्टिंग से जुड़ी बातें शेयर की हैं।

-इसका आईडिया कैसे आया था?

इसका आईडिया मुझे नहीं आया था। इसे स्मिता सिंह ने लिखा था। उनकी स्क्रिप्‍ट अच्‍छी लगी थी। कहानी जिस कल्‍चर में सेट है, मैं वहीं का पला बढ़ा हूं। इस तरह के किरदारों और पृष्‍ठभूमि को अच्‍छे से जानता हूं। तभी इसे डायरेक्‍ट करने का मन बनाया।

- इसका टाइटल 'रात अकेली है' रखने के पीछे क्या वजह थी?

इसका टाइटिल स्मिता ने ही तय किया था। मेरी फिल्‍म में रात बहुत अहम किरदार निभा रही है। ज्‍यादातर घटनाक्रम रात में ही घट रहे हैं। रात का अपना एक्‍सप्रेशन है। हर किसी को आजादी देता है कि रात को कैसे इन्‍टरप्रेट करना है। इसे जब हम बोलते हैं तो एक मूड है इसमें।

- बतौर डायरेक्टर आप की ग्रूमिंग किनसे हुई है?

प्रैक्टिली कहें तो विशाल भारद्वाज मेरे मेंटर और गुरू हैं। इसका पहला बीज वैसे बैरी जॉन ने मुझमें डाला था। तब मैं विशाल सर से मिला। उन्‍होंने मुझे गाइड किया। हमेशा मदद की कि न केवल अच्‍छा डायरेक्‍टर बनूं, बल्कि बेहतर इंसान भी।

फिल्म डायरेक्टश की तैयारी कब से चल रही थी?

मेरी तो तैयारी डायरेक्‍टर बनने की ही थी। दिल्‍ली के थिएटर के दिनों में मैं प्‍ले डायरेक्‍ट किया करता था विशाल सर के साथ। मैं उनका असिस्‍टेंट था। उन्‍होंने ही मुझसे कहा था कि मैं उनकी फिल्‍मों की कास्टिंग भी करूं। बतौर कास्टिंग डायरेक्‍टर ही उन्‍होंने मुझे क्रेडिट देना भी शुरू किया। उन्‍हीं दिनों की बात है, जब मुकेश छाबड़ा को मैंने असिस्‍टेंट लिया था। ‘ब्‍लू अंब्रेला’ और ‘कमीने’ वगैरह पर उन्‍होंने मुझे असिस्‍ट किया था। मुझे उस वक्‍त से ही पता था कि मुकेश भी डायरेक्‍शन में आना चाहते हैं। मुकेश की उन दिनों भी एनएसडी में जॉब थी। वह बच्‍चों के साथ थिएटर और प्‍ले डायरेक्‍ट किया करते थे। वह भी बड़ी खूबसूरती से अपने भीतर के डायरेक्‍टर को ला पाए हैं।

- कब डिसाइड किया कि फिल्म को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ले जाना है?

हम लोग तो थिएटर में ही आना चाहते थे, पर पेंडेमिक आ गया। सिनेमाहॉल के खुलने के आसार कम ही लगे। उसी वक्‍त नेटफ्ल‍िक्‍स वालों ने भी इसे देखा। उन्‍हें अच्‍छी लगी और उन्‍होंने कहा कि इसे वर्ल्‍ड प्रीमियर करते हैं। इससे अच्‍छी बात और हो भी क्‍या सकती है, जब आप की फिल्‍म कंप्‍यूटर या मोबाइल के एक क्लिक पर 190 देशा में देखी जा सकती है।

स्टार कास्ट और डेब्‍यू डायरेक्‍टर के तौर पर देखा जाए तो यह छोटी फिल्‍म है। इसका भविष्‍य सुरक्षित है कि नहीं, वह एक बड़ा सवाल था। उस मोर्चे पर एक अनचाहा सा कंपीटिशन था जरूर। तो ओटीटी के आने से एक फायदा हुआ है। वह यह कि यहां स्‍टार की फिल्‍में भी आ रही हैं। पर यहां फिल्‍में अपनी मेरिट और कंटेंट पर अपने नाम का डंका बजाती हैं। यहां सिर्फ स्‍टार की वजह से फिल्‍में नहीं चलेंगे। किसी भी तरह के कंटेंट को उनका ड्यू क्रेडिट ओटीटी प्‍लेटफॉर्म दिलाएंगे।

-क्या नवाज़- राधिका जैसे एक्टर के ऑडिशन की जरूरत नहीं पड़ती?

इस फिल्‍म के लिए तो कभी नहीं लिया। मैंने नवाज को किसी दूसरी फिल्‍मों के लिए भी ऑडिशन नहीं लिया। राधिका का जरूर मैंने किन्‍हीं दूसरी फिल्‍मों के लिए ऑडिशन लिया है।

-थोड़ी क्रूरता दिखाई गई है उस पर नेटफ्लिक्स वालों का क्या टेक था?

क्रूरता हमारी सोसाइटी का हिस्‍सा है। उसे दिखाने में मैं नहीं हिचकूंगा। मुझे लगता है कि उस हेंचमैन की जिंदगी की सच्‍चाई भी है। हेंचमैन को फिल्‍म में आप दो बार देखते हो। एक बार शुरू में और दूसरी बार इंटरवल पॉइंट पर। सवा घंटे के अंतराल के बाद दोबारा देखने पर हेंचमैन इसलिए ही याद रहता है कि वह क्रूर था।

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'Radhika Apte has auditioned in many films but never taken Nawazuddin' - Night alone is film director Honey Trehan

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लता मंगेशकर के राखी भाई संगीतकार मदन मोहन की दिलचस्प कहानी: मदन ने किया था वादा उनकी हर फिल्म में लता ही गाना गाएंगी; जिसे मौत के बाद भी निभाया

रक्षाबंधन, भाई की कलाई पर बहनों के प्यार और विश्वास के धागे सजने का दिन। इस रिश्ते पर बनी बॉलीवुड की फिल्में और गाने अमर हैं। ना केवल फिल्में और गाने, बल्कि बॉलीवुड में कुछ रिश्ते भी इसी राखी की डोर से सदा के लिए बंध गए। ऐसा ही एक बंधन है स्वरकोकिला लता मंगेशकर और संगीतकार मदन मोहन का। मदन मोहन, लताजी के राखी भाई थे और उन्होंने अपनी बहन से वादा किया था कि उनकी हर फिल्म में लताजी ही गाना गाएंगी। रक्षा बंधन के मौके पर जानिए इस रिश्ते की कहानी, जिसके लिए लताजी को दिया वचन मदन मोहन की मौत के बाद भी निभाया गया।

12 नवंबर 2004 को रिलीज हुई यश चोपड़ा की फिल्म वीरजारा मदन मोहन के संगीत से सजी आखिरी फिल्म थी।

इस तरह जुड़ा था भाई-बहन का रिश्ता

लता और मदन मोहन के रिश्ते के जुड़ने की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। उस दिन रक्षाबंधन था। मदन मोहन इस बात से बेहद दुखी थे कि उनकी पहली फिल्म में लता मंगेशकर कोई गाना नहीं गा सकीं थीं। मदन मोहन, लता को अपने घर ले आए। वहां उन्होंने एक राखी लता को दी और कहा- आज राखी है। ये लो इसे मेरी कलाई पर बांध दो।

इसके बाद मदन मोहन ने लताजी को याद दिलाते हुए कहा- जब हम पहली बार मिले थे तब हमने भाई-बहन का ही गीत गाया था। आज से तुम मेरी छोटी बहन और मैं तुम्हारा मदन भैया। मैं वचन देता हूं, आज से तुम अपने भाई की हर फिल्म में गाओगी।

मरने के बाद भी निभाया गया वादा

यतीन्द्र नाथ मिश्र की किताब ‘लता सुर गाथा’ में इस वाकये का जिक्र किया गया है। लता से किया हुआ वादा मदन मोहन की मौत के बाद भी पूरा किया गया। दरअसल जब 2004 में फिल्म वीरजारा में मदन मोहन के कम्पोजिशन का इस्तेमाल किया गया तब फिल्म के सारे गाने लता मंगेशकर ने ही गाए थे और हर बार की तरह भाई-बहन की इस जोड़ी ने कालजयी गीतों की रचना कर दी।

लताजी को मदन भैया हमेशा याद आते हैं

लता मंगेशकर ने पिछले महीने मदन मोहन की पुण्यतिथि पर भी एक इमोशनल ट्वीट करते उन्हें याद किया था। लताजी ने एक गाना शेयर करते हुए लिखा था- कुछ लोग दुनिया से जल्दी चले जाते हैं लेकिन अपनों के पास हमेशा रहते हैं। इसी तरह मदन भैया उनके बच्चों के साथ और मेरे साथ हमेशा रहते हैं। हमेशा याद आते है। आज उनकी पुण्यतिथि पर मैं उनको विनम्र अभिनंदन करती हूं।

इसके अलावा 25 जून को मदन मोहन की जयंती पर भी लता जी ने उनकी एक फोटो के साथ पोस्ट शेयर किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था- महान संगीतकार और मेरे राखी भाई मदन मोहन जी की आज जयंती है। मैं उनको कोटि-कोटि प्रणाम करती हूं।

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Rakshabandhan Special: Lata Mangeshkar And Her Rakhi Brother Music Composer Madan Mohan Interesting Story

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दिशा के केस की कोई फाइल डिलीट नहीं हुई, ये हमारे रिकॉर्ड में हैं; इस मामले का सुशांत सिंह के केस से कोई संबध नहीं

दिशा सलियन खुदकुशी मामले में मुंबई पुलिस ने उन रिपोर्ट्स को खारिज किया है, जिसमें मामले को सुशांत सुसाइड केस से जोड़ा जा रहा था। इसके अलावा कहा जा हा था कि दिशा मामले से जुड़ी फाइल के डिलीट हो हैं। मुंबई पुलिस ने रविवार को रिपोर्ट्स को खारिज किया और कहा कि दिशा मामले की सारी फाइलें और दस्तावेज हमारे पास रिकॉर्ड में हैं। इसके अलावा यह भी कहा कि इस केस का सुशांत केस से कोई संबंध नहीं है।

लोगों से अपील है अफ‌वाहों पर भरोसा ना करें- पुलिस

सुशांत की पूर्व मैनेजर दिशा ने 8 जून को मलाड की एक बहुमंजिल इमारत से कूदकर खुदकुशी कर ली थी। इसके ठीक 5वें दिन सुशांत ने भी खुदकुशी कर ली। अब सुशांत की खुदकुशी पर सवाल उठ रहे हैं और बिहार में सुशांत की गर्लफ्रैंड रहीं रिया चक्रवर्ती और उनकी फैमिली के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। एक भाजपा विधायक ने पुलिस को खत लिखकर कहा था कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि सुशांत के घर हुई पार्टी में दिशा भी तो नहीं शामिल हुई थीं?मुंबई पुलिस ने कहा कि इस मामले की जांच जारी है।

कुछ लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं और दिशा के परिवार ने किसी के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। इस मामले में सोशल मीडिया पर कई अफवाहें हैं। मामले को सुशांत केस से जोड़ा जा रहा है। हमारी लोगों से अपील है कि इन पर भरोसा ना किया जाए।

बिहार पुलिस चाहती थी दिशा मामले की जानकारी

सुशांत केस की जांच के सिलसिले में बिहार पुलिस मुंबई में है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार पुलिस दिशा मामले की डिटेल जानने के लिए मालवानी पुलिस स्टेशन गई थी। यहां उन्हें बताया गया कि इस केस से जुड़ा फोल्डर गलती से डिलीट हो गया है और अब इसे दोबारा हासिल नहीं किया जा सकता है। बिहार पुलिस दिशा के घर भी गई थी, ताकि उनके परिवारवालों का स्टेटमेंट रिकॉर्ड कर सके। लेकिन, घर पर कोई मिला नहीं था।

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दिशा सलियन की मौत 8 जून को बिल्डिंग की 14वीं मंजिल से गिरने से हुई थी, जबकि सुशांत की मौत 14 जून को हुई थी। -फाइल फोटो

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कोरोना से जंग जीतकर घर पहुंचे अमिताभ बच्चन, सोशल मीडिया पर बधाई देते हुए लोग बोले- आज के दिन 38 साल पहले कोमा से बाहर आए थे बिग बी

बॉलीवुड के महानायक के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद से पूरा देश उनके लिए दुआएं कर रहा था जो अब कबूल हो चुकी हैं। बिग बी रविवार को कोरोना से जंग जीतने के बाद नानावटी अस्पताल से अपने घर पहुंच चुके हैं। 22 दिनों बाद बिग बी के ठीक होने पर सोशल मीडिया पर खुशी की लहर है। तमाम सेलेब्स समेत देशवासी भी उनको बधाई दे रहे हैं।

अमिताभ बच्चन ने रविवार शाम अपनी कोविड 19 टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने और अस्पताल से डिस्चार्ज होने की जानकारी दी है। इसके बाद ही लोगों ने उनकी बेहतर रिकवरी और सलामती के लिए बेस्ट विशेज दी हैं। कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में बताया गया है कि आज की तारीख में ही अमिताभ 38 सालों पहले कोमा से बाहर आए थे। एक महिला ने लिखा, 'दिलचस्प है, ठीक इसी दिन 38 सालों पहले अमिताभ कूली के सेट में हुए एक्सीडेंट के बाद कोमा से बाहर आए थे'।

मेगास्टार ने दिखाई कोरोना के खिलाफ अपनी ताकत

एक ट्विटर यूजर ने बिग बी की सराहना करते हुए लिखा, 'अमिताभ बच्चन कोविड 19 नेगेटिव हो गए हैं। 77 साल के मेगास्टार ने कोरोना के खिलाफ अपनी असल ताकत दिखाई है'।

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एक ट्विटर यूजर ने अमिताभ बच्चन की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, '102 नहीं फोरएवर नॉट आउट। अमिताभ बच्चन उर्फ शहंशाह वापस आ गए हैं'।

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अमिताभ बच्चन ने सेट किया उदाहरण

एक यूजर ने बिग बी की तारीफ करते हुए लिखा, ये जानकर खुशी हुई कि अमिताभ बच्चन जी अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए हैं और कोरोना से रिकवर हो गए हैं। एक बेहतरीन उदाहरण है उन लोगों के लिए जो अपने शरीर से प्यार नहीं करते। वो एक परफेक्ट उदाहरण है जिंदगी को अनुशासित करने और डाइट, योगा करने वालों के लिए। पहले खुदसे प्यार करो।

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Amitabh Bachchan reached home after winning the battle from Corona, people said on social media - Big B came out of coma 38 years ago today

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38 साल बाद जिंदगी में दूसरी बार इतने दिन हॉस्पिटल में रहे अमिताभ, इससे पहले कुली हादसे के बाद हॉस्पिटल में 61 दिन तक रहे थे एडमिट

कोरोना संक्रमण से उबर चुके अमिताभ बच्चन 2 अगस्त को नानावटी हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर घर पहुंच गए हैं। अमिताभ के जीवन में यह दूसरा मौका था जब वे इतने लम्बे समय तक हॉस्पिटल में एडमिट रहे। इसके पहले 1982 में कुली की शूटिंग के दौरान हुए हादसे के बाद अमिताभ करीब 61 दिन तक डॉक्टर्स की निगरानी में थे। अमिताभ ने घर आते ही सबसे पहले अपने फैन्स का शुक्रिया अदा किया।

38 साल पहले भर्ती हुए थे अमिताभ

अमिताभ के साथ ये हादसा 24 जुलाई, 1982 को बेंगलुरु में हुआ था। फिल्म 'कुली' ले एक फाइट सीन की शूटिंग चल रही थी। सीन शूट हुआ।लोगों ने तालियां बजाईं और अमिताभ भी मुस्कुराए। लेकिन तभी उनके पेट में हल्का दर्द शुरू हुआ। टेबल का एक कोना उनके पेट में बुरी तरह चुभ गया था। 25 जुलाई को यह दर्द कम होने की बजाय बढ़ गया। 26 जुलाई को अमिताभ की स्थिति और बिगड़ गई।

28 जुलाई यानी ऑपरेशन के एक दिन बाद अमिताभ को निमोनिया भी हो गया। उनके शरीर में जहर फैलता जा रहा था, खून पतला हो रहा था। बाद में डॉक्टर्स के कहने पर एयरबस से 31 जुलाई की सुबह करीब 5 बजे मुंबई लाया गया। बिग बी को ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल की दूसरी मंजिल पर स्पेशल विजिलेंस वॉर्ड में रखा गया। 1 अगस्त की सुबह तक उनकी हालत में काफी सुधार था।

2 अगस्त को अचानक अमिताभ की कंडीशन फिर बिगड़ गई। शरीर में लगातार जहर फैल रहा था। डॉक्टर्स के मुताबिक, दोबारा ऑपरेशन करना जरूरी हो गया था। 3 घंटे तक ऑपरेशन चला और डॉक्टर्स ने पहली बार कहा कि अमिताभ की हालत नाजुक है। उन्हें दवाओं के साथ दुआओं की भी जरूरत है। तीन दिन बाद, बच्चन पहली बार फिजियोथैरेपिक मसाज, वॉकमैन पर हल्के जैज सुनने और परिवार के सदस्यों के लिए नोट लिखने के लिए बैठने में सक्षम हुए। और 24 सितंबर को आखिरकार अमिताभ को ब्रीच कैंडी अस्पताल से छुट्टी मिल गई।

2020 में कोरोना ने जकड़ा

महानायक को 38 साल में दूसरी बार इतने लम्बे वक्त तक नानावटी हाॅस्पिटल में एडमिट रहना पड़ा। इन 22 दिनों के दौरान वे लगातार सोशल मीडिया पर सक्रिय रहे। विट्‌ठल भगवान की तस्वीर, रामचरित मानस के दोहे, गीता के श्लोक, हरिवंशराय बच्चन की रचनाएं और कई कोटेशन शेयर किए। ट्रोलर्स को जवाब भी दिया। मीडिया में उड़ी अफवाहों पर प्रतिक्रिया भी दी। हालांकि अभिषेक अभी भी कोरोना से संक्रमित हैं। इसलिए केवल अमिताभ ही घर वापस आए हैं।

बिग बी और हॉस्पिटल की टाइमलाइन

9 फरवरी 2018 में भी बिग बी को रूटीन चेकअप के लिए लीलावती अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उन्हें गर्दन और रीढ़ में दर्द की समस्या थी।

इसके पहले 2012 में भी सर्जरी के कारण, उन्हें 12 दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 2000 में एक रूटीन चेकअप में यह बात सामने आई थी कि उन्हें हेपेटाइटिस बी का संक्रमण हुआ था।

2008 में भी अमिताभ के बर्थडे के चंद दिनों बाद उन्हें लीलावती अस्पताल में एडमिट करवाया गया था। उन्हें लगातार एबडॉमिनल पेन की शिकायत थी।

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after coolie accident Amitabh Bachchan second time Spend many days in hospital

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अमिताभ की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव, 22 दिन बाद हॉस्पिटल से डिस्चार्ज; अभिषेक ने कहा- दुआओं के लिए सभी का शुक्रिया

22 दिन तक नानावटी हॉस्पिटल में कोविड-19 का इलाज करा रहे अमिताभ बच्चन की रिपोर्ट निगेटिव आई है और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। इस बात की जानकारी उनके बेटे अभिषेक ने ट्विटर पर दी। अभिषेक ने ट्विटर पर लिखा है, ‘मेरे पिता का आखिरी कोविड-19 टेस्ट निगेटिव आया है और वे अस्पताल से डिस्चार्ज हो रहे हैं। अब वे घर में रहेंगे और आराम करेंगे। सभी की दुआओं और शुभकामनाओं के लिए शुक्रिया।’

अभिषेक को अभी अस्पताल में रहना होगा

अभिषेक ने अगले ट्वीट में अपनी हेल्थ अपडेट भी दी है। उन्होंने लिखा है, ‘दुर्भाग्य से कुछ कॉमरेडिटी के कारण मैं कोविड-19 पॉजिटिव हूं और अभी अस्पताल में ही रहूंगा। मेरे परिवार के लिए सतत दुआ और प्रार्थनाओं के लिए आपका एक बार फिर शुक्रिया। बहुत विनम्र और आभारी। मैं इसे हरा दूंगा और स्वस्थ होकर लौटूंगा।’

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11 जुलाई को अस्पताल में भर्ती हुए थे पिता-पुत्र

77 साल के अमिताभ और 44 वर्षीय अभिषेक 11 जुलाई को अस्पताल में भर्ती हुए थे। दोनों ने ट्विटर के जरिए फैन्स को यह जानकारी दी थी। अमिताभ ने लिखा था, ‘‘मैं कोरोना पॉजिटिव पाया गया हूं। अस्पताल में भर्ती हो चुका हूं। मेरे परिवार और स्टाफ के लोगों का टेस्ट हुआ है। उनकी रिपोर्ट का इंतजार है। पिछले 10 दिनों में मेरे संपर्क में आने वाले सभी लोगों से गुजारिश है कि वे अपना टेस्ट कराएं।’’

इसी तरह अभिषेक ने भी पिता और अपने कोविड पॉजिटिव होने की खबर फैन्स को दी थी और पैनिक न होने की अपील भी की थी। उन्होंने लिखा था, ‘‘आज हम दोनों, मेरे पिता और मैं कोविड 19 पॉजिटिव पाए गए हैं। हम दोनों को हल्के लक्षण थे, जिसके बाद हम अस्पताल में भर्ती हो गए हैं। हमने सभी जरूरी अथॉरिटीज को जानकारी दे दी है और हमारे परिवार और स्टॉफ के सदस्यों का टेस्ट कराया जा रहा है। मैं सभी से शांत रहने और पैनिक न फैलाने की गुजारिश करता हूं। धन्यवाद।’’

ऐश्वर्या आराध्या को 10 दिन बाद मिली थी छुट्टी

अमिताभ और अभिषेक के अस्पताल में भर्ती होने के 6 दिन बाद 17 जुलाई को 46 साल की ऐश्वर्या और 8 साल की आराध्या को तबियत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 10 दिन वे वहां एडमिट रहीं और 11वें दिन यानी 27 जुलाई को ठीक होकर घर लौटीं। दोनों के ठीक होने की जानकारी भी अभिषेक ने ही ट्विटर परा साझा की थी।

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Amitabh Bachchan Tested Negative For COVID-19

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रिया चक्रवर्ती पर आरोप लगते देख फिक्रमंद हुए हंसल मेहता, बोले- 'अगर वो खुदको नुकसान पहुंचा लेगी तो कौन जवाबदार होगा'

सुशांत सिंह राजपूत मामले में लगातार उनकी गर्लफ्रेंड रह चुकीं रिया चक्रवर्ती पर आरोप लगाए जा रहे हैं। हाल ही में उनके कुछ पुराने वीडियोज भी सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहे हैं जिसमें वो सुशांत को कंट्रोल करने पर उनका मजाक उड़ा रही हैं। इसके बाद से ही लगातार मीडिया डिबेट और सोशल मीडिया पर रिया को दोषी ठहराया जा रहा है। लोगों को इस तरह का जजमेंट करते देख अब फिल्म मेकर हंसल मेहता रिया के लिए फिक्रमंद हुए हैं। उनका मानना है कि जब तक कोर्ट उन्हें दोषी साबित नहीं करता तब तक लोगों को उन्हें दोषी नहीं ठहराना चाहिए।

इस बारे में हंसल मेहता ने लिखा, 'भगवान ना करे मगर आरोप लगाए जाने और मीडिया द्वारा मुद्दा बनाए जाने से उसने खुदको नुकसान पहुंचा लिया तो क्या अरनब या मीडिया डिबेट में बुलाए जाने वाले लोग जवाबदार होंगे। भगवान के लिए कोर्ट को ही उसे दोषी या निर्दोष साबित करने दो'।

मीडिया डिबेट में बुलाए जाने वाले एक्सपर्ट का केस से लेना-देना नहीं

हंसल मेहता ने आगे ट्वीट में रिया का समर्थन करते हुए लिखा, 'पिछली रात मैं कुछ लोगों से मिला जिनका इंडस्ट्री से कोई लेना देना भी नहीं था और वो लोग रिया को जज करके अपने स्टेटमेंट दे रहे थे। ये परिणाम है उन शोषक और बेशरम मीडिया का जो अपनी खुदकी अदालत चलाते हैं अपनी दिलचस्पी के लिए। किस कीमत पर'।

आगे उन्होंने लिखा, 'अचानक ही लोग मेंटल हेल्थ, काला जादू, कानून और एथिक के एक्सपर्ट बन चुके हैं। यहां कुछ एक्सपर्ट हैं जो सही और इंसाफ करने का काम करते हैं। मीडिया के लोग, दोस्त एक्सपर्ट नहीं थे और ना ही दूर तक इनका केस की जांच से कोई लेना देना है'।

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रिया चक्रवर्ती पर लगाए जा रहे काला जादू करने के आरोप

बिहार पुलिस के हाथ केस आने के बाद से ही रिया चक्रवर्ती के एंगल पर जांच जारी है। इसी बीच उनपर आरोप लगाए जा रहे हैं कि रिया ने सुशांत के पैसों का इस्तेमाल कर उन्हीं पर काला जादू करवाया था। खबरें हैं कि एक साल पहले सुशांत के अकाउंट में 15 करोड़ रुपए थे जिन्हें रिया इस्तेमाल कर रही थीं। फिलहाल इस एंगल में भी जांच जारी है। एक पोर्टल को दिए इंटरव्यू में सुशांत की बहन ने बताया कि रिया उनके घर तांत्रित भी बुलाती थीं।

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On seeing Riya Chakraborty being accused, Hansal Mehta said, 'If she will harm herself, then who will be responsible'

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थेरेपिस्ट ने सुशांत को बताया बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित, भड़के जीजा ने पूछा- 'इतने जल्दी कैसे पता लगा लिया', रिया चक्रवर्ती पर भी दागे सवाल

सुशांत सिंह राजपूत के जीजा विशाल कृति ने थेरेपिस्ट सुसान वॉकर को फटकार लगाई है, जिन्होंने एक इंटरव्यू में अभिनेता को मानसिक रूप से बीमार बताया था। सुसान के मुताबिक, सुशांत डिप्रेशन और बाइपोलर डिसऑर्डर से जूझ रहे थे। विशाल कृति ने उनके इस स्टेटमेंट के जवाब में लंबा सा ब्लॉग लिखा है। उनकी मानें तो थेरेपिस्ट का इस तरह किसी की मेंटल हेल्थ के बारे में खुलकर बात करना न केवल अनैतिक है, बल्कि अवैध भी है। साथ ही सवाल उठाया है कि उन्होंने इतने जल्दी उनके बाइपोलर डिसऑर्डर का पता कैसे लगा लिया?

विशाल सुशांत की बहन श्वेता सिंह कृति के पति हैं, जो अमेरिका में सेटल हैं। उन्होंने लिखा है, "मेंटल हेल्थ की जानकारी कानून के दायरे में आती है। किसी साइकैट्रिस्ट/ साइकोलॉजिस्ट द्वारा इसे उजागर करना न केवल अनैतिक है, बल्कि अवैध है। मैं यह अपने ससुर केके सिंह पर छोड़ता हूं कि वे इस मामले में थेरेपिस्ट पर चार्जेस लगाते हैं या नहीं?"

इतने जल्दी बाइपोलर डिसऑर्डर का पता कैसे कर लिया?

विशाल ने ब्लॉग में यह सवाल भी उठाया कि आखिर दो महीने से भी कम समय में थेरेपिस्ट ने यह पता कैसे लगा लिया कि सुशांत बाइपोलर डिसऑर्डर से जूझ रहे थे? वे कहते हैं, "मेंटल डिसऑर्डर का पता लगाना बहुत मुश्किल काम है। किसी के बाइपोलर (I या II) के बारे में पता करना और भी मुश्किल। न केवल आपको किसी इंसान को करीब से जांचना होता है, बल्कि उसे काफी लंबे समय (शुरुआती लक्षणों से डाइग्नोज होने तक करीब 6 साल का वक्त लगता है) तक भी देखना होता है। सुसान ने दो महीने से भी कम समय में (कुछ ही अप्वाइंटमेंट में) इसके बारे में पता कर लिया।"

'ट्रीटमेंट की मांग रिया ने की थी, सुशांत ने नहीं'

विशाल लिखते हैं, "सुसान ने न केवल पब्लिक डोमेन में जानकारी लीक करने का दुस्साहस किया है, बल्कि अपने बयान में स्पष्ट रूप से यह भी कहा है कि ट्रीटमेंट की मांग रिया ने की थी, खुद सुशांत ने नहीं। अक्टूबर-नवंबर- 2019 से पहले जो लोग सुशांत के साथ रहे हैं, उनमें से तो किसी ने उनकी मेंटल हेल्थ के बारे में कोई शिकायत नहीं की थी।"

रिया की भूमिका पर उठाया सवाल

विशाल ने रिया की भूमिका पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने लिखा है, "एफआईआर में दावा किया गया है कि रिया सुशांत को साइकोट्रोपिक ड्रग्स देती थीं (संभवतः उनकी जानकारी के बगैर)। 21वीं सदी में गुप्त और धोखे से किया गया इलाज भी गैरकानूनी है। अक्टूबर-नवंबर- 2019 में अचानक शुरू हुए इन मेंटल हेल्थ इश्यूज के कई स्पष्टीकरण हो सकते हैं। हो सकता है कि यह गुप्त और मनोवैज्ञानिक दवाओं का असर हो और फिर शायद इस बहाने से उन्हें साइकोथेरेपिस्ट के पास ले जाया गया हो?"

रिया ने क्यों संभालकर रखे मेडिकल हेल्थ इश्यूज के सबूत?

विशाल के मुताबिक, रिया सुशांत को थेरेपिस्ट के पास ले जाती थीं और उनके सेशंस के वक्त वहां मौजूद रहती थीं। शायद इसलिए कि वे उनकी बातचीत पर ध्यान रख सकें। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि रिया ने मेंटल हेल्थ इश्यूज के एविडेंस अपने पास संभालकर रखे, ताकि वे इनका इस्तेमाल उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए सकें।

वे लिखते हैं, "थेरेपिस्ट के ऑफिस में रिया की मौजूदगी मतलब, सुशांत के पास डिस्कशन करने के लिए कोई प्राइवेसी नहीं थी। अगर वे किसी बात को लेकर चिंतित थे तो वह था रिया का गैसलाइटिंग और ब्लैकमेल करना। ऐसा लगता है कि सुशांत को पब्लिक डोमेन में मौजूद जानकारी के आधार पर रिया के हाथों गैसलाइटिंग का सामना करना पड़ा।"

'रिया इस केस में प्राइम सस्पेक्ट हैं'

बकौल विशाल, "पब्लिक डोमेन में मौजूद सबूतों और एफआईआर में किए गए दावों के मुताबिक, रिया इस केस में प्राइम सस्पेक्ट हैं। अगर कोर्ट में यह पाया जाता है कि सुशांत के उनके परिवार और दोस्तों के साथ सभी रिश्ते खत्म करने वाली रिया चक्रवर्ती उन्हें सच्चा प्यार करती थीं, मौका परस्त नहीं थीं। तो यह पूरे देश के लिए चौंकाने वाला होगा।"

क्या कहा था सुसान वॉकर ने?

शनिवार को एक इंटरव्यू में सुसान ने दावा किया कि सुशांत बाइपोलर डिसऑर्डर से जूझ रहे थे। उन्होंने कहा, "सुशांत डिप्रेशन और हाइपोमेनिया के दौरों के कारण बहुत तकलीफ में थे। रिया उन्हें बहुत सपोर्ट कर रही थीं। पहली बार जब मैं उनसे बतौर कपल मिला तो सुशांत के प्रति रिया की चिंता, प्यार और सपोर्ट देखकर प्रभावित हुआ था। यह इस बात का सबूत था कि वे दोनों एक-दूसरे के कितने करीब थे। रिया अप्वाइंट लेती थी और उन्हें हिम्मत बंधाती थी। जब वे गंभीर रूप से बीमार पड़े तो रिया ने उनका ख्याल मां की तरह रखा।"

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4. सुशांत सुसाइड केस:अभिनेता के सीए ने किया उनके पिता के आरोप का खंडन, बैंक डिटेल साझा कर बोले- सुशांत के खाते से रिया को कोई बड़ी रकम ट्रांसफर नहीं की गई

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सुशांत सिंह राजपूत के साथ विशाल कृति। फोटो 2014 की है। आखिरी बार दोनों की मुलाकात जुलाई 2017 में तब हुई थी, जब विशाल भारत यात्रा पर आए थे।

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सुशांत के घर में डेथ सीन को फिर एक बार रीक्रिएट करेगी बिहार पुलिस, मुंबई टीम से लिए जा रहे हैं फॉरेंसिक एविडेंस

बिहार में सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह द्वारा केस किए जाने के बाद से ही सुशांत मामले ने रफ्तार पकड़ ली है। बिहार की टीम लगातार कई एंगल से जांच कर रही है। अब बताया जा रहा है कि केस को बारीकी से समझने के लिए अब बिहार की टीम बांद्रा स्थित सुशांत के घर में फिर एक बार उनके डेथ सीन को रीक्रिएट करेगी। इसके लिए टीम मुंबई पुलिस से कुछ फॉरेंसिक एविडेंस भी ले रही है जिनके मिलने ही फॉरेंसिक टीम के सामने इसे किया जाएगा।

सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को अपने बांद्रा स्थित घर में फांसी लगा ली थी। हाउस वर्कर द्वारा सबसे पहले बहन को बुलाया गया जिसके बाद चाबी बनाने वालों को बुलाकर उनके कमरे का दरवाजा खुलवाया गया। रिपब्लिक टीवी की रिपोर्ट के अनुसार अब बिहार पुलिस के अफसर इसे दोहराने वाले हैं। मौत के बाद सुशांत के कमरे से बरामद किए गए सभी सामानों को फॉरेंसिक टेस्ट के लिए भेजा गया था जो फिलहाल मुंबई पुलिस के पास हैं ऐसे में बिहार पुलिस उन सभी एविडेंस को दोबारा इस्तेमाल करेगी।

बिहार पुलिस ने दिया लिखित आवेदन

न्यूज पोर्टल के करीबी सूत्र की मानें तो बिहार पुलिस ने बांद्रा पुलिस को लिखित आवेदन दिया है। इसके लिए अफसरों ने सुशांत की मौत के समय ली गईं तस्वीरें और वीडियोज भी मांगे हैं। साथ ही उनके बिस्तर की तस्वीर, दरवाजे पर मिले फिंगर प्रिंट्स, बैग,इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, डिवाइस और उनके कपड़े भी लिए जाएंगे। डेट सीन का रीक्रिएशन फॉरेंसिक टीम की मौजूदगी में किया जाएगा।

सुशांत सिंह राजपूत का घर।

बांद्रा पुलिस स्टेशन में दिए बयान में सुशांत के हाउस हेल्पर ने बताया था कि सुशांत सुबह रोज की तरह उठे थे। उन्होंने अनार का जूस पीने के बाद कुछ देर के लिए वीडियो गेम भी खेला था। बाद में वो अपने कमरे में चले गए थे। खाना बनाने का पूछने के लिए जब उन्होंने सुशांत के कमरे का दरवाजा खटकाया तो कोई आवाज या प्रतिक्रिया नहीं आई। लंबे समय के इंतजार के बाद हेल्पर ने सुशांत की बहन को कॉल किया जो मुंबई में ही रहती थीं। बाद में कमरे की नई चाबी बनवाकर जब दरवाजा खोला गया तो सुशांत फांसी के फंदे में लटके पाए गए थे।

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Bihar team will once again recreate sushant singh rajput's death scene in his bandra house, Forensic evidences are being taken from mumbai Police,

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