कंगना रनोट के साथ चल विवाद में शिवसेना सांसद संजय राउत ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। उनका कहना है कि न उन्होंने कंगना को गाली दी और न ही उन्हें धमकाया। संजय राउत की ओर से उनके वकील प्रदीप थोराट ने कंगना पर निशाना साधते हुए कहा, "उन्होंने साफ-सुथरे हाथों से अदालत का दरवाजा नहीं खटखटाया है। इसलिए वे किसी तरह की राहत की हकदार नहीं हैं।"
मैंने उन्हें सिर्फ बेईमान कहा था: राउत
संजय राउत के हलफनामे में लिखा है, "मैं इस बात से इनकार करता हूं कि मैंने 5 सितंबर को एक न्यूज वीडियो में याचिकाकर्ता को अपमानजनक और गाली भरे लहजे में धमकी दी थी। मैंने याचिकाकर्ता को न गाली दी और न ही उन्हें धमकाया। मैंने उन्हें सिर्फ बेईमान कहा था, क्योंकि उन्होंने मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर से की थी।" राउत ने यह भी कहा कि बीएमसी ने नागरिक कानून के तहत कंगना के खिलाफ जो कार्रवाई की है, उससे उनका कोई सरोकार नहीं है।
सोमवार को 'हरामखोर लड़की' कहे जाने पर बहस हुई थी
सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में कंगना रनोट की उस याचिका पर सुनवाई हुई थी, जो उन्होंने अपने ऑफिस पर बीएमसी की कार्रवाई के खिलाफ दायर की है। इस दौरान संजय राउत के 'हरामखोर' वाले बयान पर भी बहस हुई थी।
कंगना के वकील बीरेंद्र सराफ ने कोर्ट को बताया कि राउत ने इंटरव्यू में हरामखोर का मतलब नॉटी बताया था। इस पर जस्टिस एस कथावाला ने कहा, 'हमारे पास भी डिक्शनरी है, अगर इसका मतलब नॉटी है तो फिर नॉटी का मतलब क्या है?'
थोराट की दलील- राउत ने कंगना का नाम नहीं लिया
राउत के वकील प्रदीप थोराट ने सफाई देते हुए अदालत में कहा था कि संजय ने बयान में कंगना का नाम नहीं लिया था। इस पर बेंच ने कहा, 'क्या आप कह रहे हैं कि आपके मुवक्किल ने उसे हरामखोर लड़की नहीं कहा है? क्या हम यह बयान दर्ज कर सकते हैं कि आपने (राउत ने) याचिकाकर्ता का हरामखोर नहीं कहा है।' इसके जवाब में थोराट ने कहा कि वह इस संबंध में एक हलफनामा दायर करेंगे। यही हलफनामा मंगलवार को थोराट की ओर से कोर्ट में दिया गया।
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hi wite for you