Happy birthday: भारतीय क्रिकेट के 'दादा' 48 साल के हुए, जानिए उनके करियर से जुड़े कुछ यादगार पल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व भारतीय कप्तान और मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली आज अपना 48वां जन्मदिन मना रहे हैं। 8 जुलाई 1972 को कलकत्ता में जन्में सौरव, चंडीदास गांगुली और निरूपा गांगुली के दूसरे बेटे हैं। उन्हें कलकत्ता के प्रिंस, ऑफ साइड के भगवान और दादा के नाम से भी जाना जाता है। मैच फिक्सिंग स्कैंडल के बाद साल 2000 में उन्होंने भारत की कप्तानी संभाली। गांगुली को एक ऐसे कप्तान के रूप में जाना जाता है, जिसनें टीम को जीतने की आदत लगाई। युवराज सिंह, हरभजन सिंह, वीरेंद्र सहवाग और महेन्द्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ियों ने दादा की कप्तानी में ही डेब्यू किया था। एक बेहतरीन कप्तान के अलावा गांगुली को एक जबरदस्त बल्लेबाज के रूप में भी जाना जाता है।

गांगुली के करियर पर एक नजर
गांगुली ने अपना टेस्ट डेब्यू 20 जून 1996 को इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में किया था। जबकि आखिरी टेस्ट 6 नवंबर 2008 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। अपने करियर के 113 टेस्ट मैचों में 42.18 की औसत से 7212 रन बनाए, जिनमें 16 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं। वहीं सौरव ने वनडे डेब्यू 11 जनवरी 1992 को गाबा के मैदान पर वेस्ट इंडीज के खिलाफ किया था। जबकि सौरव ने आखिरी वनडे 15 नवंबर 2007 को पाकिस्तान के खिलाफ रूप सिंह स्टेडियम में खेला था। 311 वनडे मैचों में उन्होंने 40.73 की औसत से 11363 रन बनाए, जिनमें 22 शतक और 72 अर्धशतक शामिल हैं। आईपीएल की बात की जाए तो 18 अप्रैल 2008 को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ उन्होंने डेब्यू मैच खेला था जबकि आखिरी मैच कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ 19 मई 2012 को खेला था। 59 आईपीएल मैचों में उन्होंने 25.45 की औसत से 1349 रन बनाए हैं। इसमें 7 अर्धशतक भी शामिल है। 

गांगुली के करियर के कुछ यादगार पल
- गांगुली ने क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में टेस्ट डेब्यू किया था। 131 रन की पारी खेली। यह इस मैदान पर डेब्यू करते हुए किसी भी बल्लेबाज का सबसे बड़ा स्कोर है।

- 2002 का नेटवेस्ट फाइनल भला कौन भूल सकता है। भारतीय टीम ने 146 रनों पर 5 विकेट गंवाने के बाद इंग्लैंड के स्कोर 325 को पार किया था। भारत की इस जीत में युवा चेहरे मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके बाद गांगुली का लॉर्ड्स की बालकनी में शर्ट उतारकर लहराना तो क्रिकेटप्रेमी शायद ही कभी भूल पाएंगे।

- कनाडा में 1996-98 के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच पांच-पांच वनडे मैचों की द्विपक्षीय सीरीज सहारा कप खेला गया था। सहारा कप के दूसरे संस्करण (1997) में गांगुली ने अपनी अगुवाई में भारत को 4-1 से जोरदार जीत दिलाई थी। इस सीरीज में पांच मैन ऑफ द मैच खिताब भारत को मिले। इनमें से चार कप्तान गांगुली के खाते में आए।

- ऑस्ट्रेलियाई टीम 2000-2001 में टेस्ट क्रिकेट में लगातार 15 मैच जीतकर विजयी रथ पर सवार थी। कंगारू टीम का अगला दौरा भारत का था। तीन मैचों की सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने मुंबई में पहला टेस्ट आसानी से जीतकर सीरीज में बढ़त बना ली थी। लेकिन कोलकाता के ईडेन गार्डंस में भारत ने फॉलोऑन के बावजूद यह मैच जीतकर ऑस्ट्रेलिया के विजयी रथ को रोक दिया।

- 1998 में ढाका में हुए इंडिपेंडेंस कप में पाकिस्तान को पीटकर भारत ने खिताबी जीत हासिल की थी। इस टूर्नामेंट का पहला मैच भारत ने आठ विकेट से जीत लिया। दूसरा मैच पाक के नाम रहा और चैंपियन टीम का फैसला तीसरे मैच से होना था। निर्णायक जंग में पाक ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 48 ओवर में 314 रन बनाए। भारत ने एक गेंद शेष रहते इस मैच को जीत लिया।

- गांगुली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के बाद साल 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ 239 रन बनाए। बेंगलुरु में खेली गई यह पारी उनके अंतरराष्ट्रीय करियर का एकमात्र दोहरा शतक है।

- विदेशी जमीन पर दादा कप्तानी में भारत ने 28 टेस्ट मैच खेले, जिसमें से 11 में जीत हासिल की। वनडे में लगाए उनके 22 शतकों में से 18 विदेशी जमीन पर है। दादा वही कप्तान थे जो टीम इंडिया को 2003 में वर्ल्ड कप के फाइनल तक लेकर गए थे। भारत की ओर से वर्ल्ड कप में सबसे बड़ा स्कोर 183 उनके नाम है। गांगुली को 2004 में पद्म श्री सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।



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Happy birthday Sourav Ganguly, India's legendary former captain turns 48
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