शहर की फिल्ममेकर शर्ली अब्राहम को इस साल ऑस्कर ज्यूरी के लिए चयनित हुई हैं। वे डॉक्यूमेंट्रीज सेगमेंट की फिल्मों की सिलेक्शन ज्यूरी में रहेंगी। ऑस्कर की ज्यूरी तक पहुंचने वाली शर्ली अब्राहम ने दैनिक भास्कर से अपने सफर पर बातचीत की...
मजाक लगी थी सिलेक्शन की बात
शर्ली बताती हैं कि, 1 जुलाई की रात 3 बजे मेरी एक जर्नलिस्ट फ्रेंड ने मुझे ऑस्कर ज्यूरी की लिस्ट फॉरवर्ड की, जिसमें मेरा नाम था। साथ में, उसने बधाई संदेश लिखा था। मुझे लगा, लॉकडाउन में सबके पास समय अधिक है, दोस्त ने मेरे साथ कोई मजाक किया है। सच्चाई का अहसास तब हुआ जब सचमुच मुझे ऑस्कर से फोन आया और उन्होंनेमुझसे मेरी स्वीकृति के बारे में पूछा, तब जाकर विश्वास हुआ कि मुझे ऑस्कर के लिए चुना गया है। मैंने उन्हें फौरन अपनी सहमति दे दी।
मुझे किसने नॉमिनेट किया पता नहीं
मैनें कभी भी कोई फॉर्म नहीं भरा, ना ही रजिस्ट्रेशन किया। असल में, पुराने ज्यूरी मेम्बर्स हर साल आने वाले साल के लिए ज्यूरी चुनते हैं। मुझे तो यह भी अंदाजा नहीं है कि आखिर इतने बड़े अवॉर्ड फंक्शन में बतौर ज्यूरी मेरा नाम वहां नॉमिनेट और सिलेक्ट किसने किया होगा।
चुनी मुश्किल राह
द सिनेमा ट्रैवलर्स, सर्चिंग फॉर सरस्वती, द आर ऑफ लिंचिंग फिल्मों के लिए सम्मानित हो चुकीं शर्ली बताती हैं, फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ते ही सभी ने यही सलाह दी कि, अगर बड़ा फिल्म मेकर बनना है तो बड़े बैनर्स के साथ काम करना चाहिए। मेरे लिए फिल्म मेकिंग हमेशा से मेरे अंदर से आई है और इसीलिए मैंने इन्डिपेंडेंट्ली ही काम किया है। यह काफी मुश्किल था लेकिन, अब यकीन हो गया कि मेहनत का परिणाम मीठा ही होगा।
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hi wite for you