संजय राउत ने कहा- अक्षय कुमार को करना चाहिए था मुंबई को पाकिस्तान कहने वालों का विरोध, क्या यह शहर सिर्फ पैसा कमाने के लिए है

कंगना के मुंबई को पाकिस्तान बताने वाले कमेंट का विरोध न करने पर शिवसेना नेता संजय राउत ने अब अक्षय कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने पार्टी के मुख्य पत्र सामना में कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए सवाल उठाया है कि क्या मुंबई सिर्फ पैसा कमाने के लिए है?

मुंबई के अपमान पर सब गर्दन झुका लेते हैं: राउत

राउत ने लिखा है कि जब कंगना ने मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की, तब अक्षय कुमार जैसे एक्टर्स को सामने आकर कहना चाहिए था कि कंगना का मत पूरी फिल्म इंडस्ट्री का मत नहीं है। मुंबई ने उन्हें बहुत कुछ दिया है। सभी को दिया है। दुनियाभर के रईसों के घर मुंबई में हैं। लेकिन जब इस शहर को अपमानित किया जाता है तो सभी गर्दन झुकाकर बैठ जाते हैं।

उद्धव ठाकरे के लिए 'तू' कहने पर भी भड़के

बीएमसी द्वारा अपना ऑफिस तोड़े जाने के बाद कंगना रनोट ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा था। उन्होंने ठाकरे के लिए तू-तड़ाक वाली भाषा का इस्तेमाल किया था। इसे लेकर राउत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने लिखा है कि एक नटी (एक्ट्रेस) मुंबई में बैठकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के लिए तू-तड़ाक वाली भाषा बोलती है। लेकिन प्रदेश की जनता कोई रिएक्शन नहीं देती है। ये कैसी एकतरफा आजादी है।

'पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक पर छाती पीटती है'

राउत ने सामना में आगे लिखा है- जब कंगना के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलता है तो वह ड्रामा करने लगती है। इसे राम मंदिर बताने लगती है। उसने अपना यह अवैध निर्माण उसी के द्वारा घोषित पाकिस्तान में किया था।

पहले मुंबई को पाकिस्तान कहती है और जब उसी पाकिस्तान में गैरकानूनी तरीके से हुए निर्माण पर सर्जिकल स्ट्राइक होती है तो छाती पीटने लगती है। आखिर यह कैसा खेल है? पूरी फिल्म इंडस्ट्री को न सही, कम से कम आधी इंडस्ट्री को तो मुंबई के अपमान के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए थी।

घर के भेदी बाहरी लोगों को मजबूत बना रहे

राउत के मुताबिक, मुंबई को बाहरी लोगों का ग्रहण लग गया है। लेकिन ऐसे लोगों को स्ट्रॉन्ग हमेशा की तरह घर के भेदी ही बना रहे हैं। मुंबई को पाकिस्तान कहा गया। फिर जब मुंबई का अपमान करने वाली नटी के अवैध निर्माण पर बीएमसी की कार्रवाई होती है तो वह इसे बाबर कहने लगती है। दुर्भाग्य से यह कहना होगा कि मुंबई को पाकिस्तान और बाबर कहने वालों के पीछे महाराष्ट्र की भारतीय जनता पार्टी खड़ी हुई है।

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संजय राउत ने शिवसेना सामना में लिखा है कि मुंबई ने फिल्म जगत को बहुत कुछ दिया है। कम से कम आधी फिल्म इंडस्ट्री को कंगना के बयान का विरोध करना चाहिए था।

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अपनी-अपनी किस्मत, अपनी-अपनी चाहत; कई बार अनुभव की कमी बेहतर निर्णय लेने से रोक देती है

राज कपूर ने कभी कहा था कि हर फिल्म की अपनी नियति होती है जो किसी अंत:करण से प्रेरणा लेती है। हालांकि कभी-कभी फिल्म बनाने वाला अतिउत्साह में अपने अंत:करण को किनारे पर रखकर कोई और राह पकड़ लेता है। इस प्रक्रिया में वह खुद अपनी नियति का निर्धारक बन जाता है। कभी वह नियति बना लेता है तो कभी बिगाड़ लेता है।

कश्मीर में ‘कभी-कभी’ फिल्म की शूटिंग के दौरान यश चोपड़ा ने अपने प्रथम सहायक रमेश तलवार को निर्देशक के तौर पर लॉन्च करने की सोची और उनसे अपनी पहली फिल्म की योजना बनाने को कहा। तलवार ने अपने किसी खास मित्र द्वारा सुनाई गई एक कहानी को फिल्म का विषय बनाने का निर्णय ले लिया। यह कहानी एक ऐसी ‘दूसरी महिला’ की थी जो अनजाने में ही एक युवा जोड़े की प्रेम कहानी के बीच में आ जाती है। वह महिला उस युवा पुरुष की तरफ इसलिए आकर्षित होती है क्योंकि उसमें उसके प्रेमी जैसी ही कई समानताएं नजर आती हैं जिसकी कार हादसे में मृत्यु हो चुकी होती है।

‘दूसरा आदमी’ जो सितंबर 1977 में रिलीज हुई थी, में दिल का दर्द भी है तो दिलों के टूटने की कहानी भी। फिल्म में ऋषि कपूर और नीतू सिंह की शादी हुई ही होती है कि वह ‘दूसरी महिला’ उनकी जिंदगी में आ जाती है।

शर्मिला को लेना चाहते थे रमेश तलवार

इस दूसरी महिला की भूमिका में तलवार, शर्मिला टैगोर को लेना चाहते थे। लेकिन जैसे ही राखी को इस रोल के बारे में पता चला, उन्होंने खुद को ही इस तरह से प्रस्तुत कर दिया कि निर्देशक तलवार उनसे प्रभावित हुए बगैर नहीं रहे। इस तरह फिल्म में राखी की एंट्री हुई। शशि कपूर को गेस्ट अपीयरेंस के लिए तैयार किया गया क्योंकि अपने भतीजे ऋषि कपूर के साथ समानता दिखाने के लिए उनके जैसे ही किसी अभिनेता की जरूरत थी।

फिल्म में कई मुद्दों को उठाया गया था

‘दूसरा आदमी’ मूवी ने कई सामाजिक और मनोवैज्ञानिक मुद्दों जैसे शादी, विवाहेत्तर संबंधों, वर्किंग वूमन, सिंगल वूमन, प्रोफेशनल एटीकेट्स, मानसिक स्वास्थ्य के कई मसलों जैसे उपेक्षा, अवसाद, अकेलापन आदि को स्पर्श किया। फिल्म की तारीफ तो खूब हुई, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर कोई विशेष कमाल नहीं दिखा पाई।

इसकी एक वजह तो फिल्म का बोल्ड विषय था। दूसरी वजह यह थी कि दर्शकों ने राखी को घर तोड़ने वाली महिला की भूमिका में स्वीकार नहीं किया जो एक साल पहले आई ‘तपस्या’ में ममतामयी मां के तौर पर खूब सराही गई थी। और यहीं मुझे राज कपूर का ‘अंत:करण का सिद्धांत’ याद आता है।

अगर रमेश तलवार, राखी की जगह शर्मिला टैगोर को रख लेते तो क्या नतीजा कुछ और निकलता? इसका जवाब संभवत: हां भी हो सकता है और ना भी, लेकिन अगर निर्देशक फिल्म का क्लाइमैक्स बदलने की निर्माता की सलाह पर ध्यान देते तो परिणाम निश्चित तौर पर अलग ही होता।

भावना सोमाया, जानी-मानी फिल्म लेखिका, समीक्षक और इतिहासकार

अनुभव की कमी बेहतर निर्णय पर भारी पड़ती है

कई बार अनुभव की कमी बेहतर निर्णय लेने से रोक देती है, जैसा कि इस फिल्म के साथ हुआ। लेकिन कई बार अनुभवहीनता भी बाधाओं को पार करने से नहीं रोकती, जैसा कि आयुष्मान खुराना का उदाहरण हमारे सामने है जिनका इसी 14 सितंबर को जन्मदिवस है। उनका करियर परीकथा जैसा प्रतीत होता है।

टेलीविजन शो ‘रोडीज’ में एंकर के तौर पर सामने आए तो गायकी की प्रतिभा के दम पर उन्हें ‘विक्की डोनर’ फिल्म में काम करने का मौका मिला। इसके बाद तो उनके खाते में एक के बाद एक ऐसी कई फिल्में जमा होती चली गईं जिन्होंने उन्हें आज के जमाने के ‘कॉमन मैन’ के तौर पर प्रतिष्ठित कर दिया।

बदल गया मध्यमवर्गीय समाज का चेहरा

70 के दशक के सिनेमा के मध्यमवर्गीय चेहरे अमोल पालेकर के विपरीत आयुष्मान का ‘आम आदमी’ जटिल है और अक्सर अप्रासंगिक भी। उनके चरित्रों में असुरक्षा की भावना व्याप्त है। इसलिए ‘दम लगा के हईशा’ में टूटे हुए आत्मसम्मान, ‘बरेली की बर्फी’ में बिखरे हुए आत्मविश्वास, ‘शुभ मंगल सावधान’ में नपुंसकता की भावना के साथ फ्रस्टेटेड नजर आते हैं, तो ‘बधाई हो’ में भ्रमित, ‘बाला’ में अलग-थलग और ‘गुलाबो सिताबो’ में गुस्सैल के तौर पर।

क्या आयुष्मान यह बात अच्छी तरह जानते थे कि उनके चरित्रों का दर्शकों पर क्या असर पड़ेगा? मुझे नहीं लगता क्योंकि किसी अभिनेता के एक छवि में ढलने तक वह अपनी सफलता के सफर का आधा रास्ता पार कर चुका होता है। अगर आयुष्मान अपनी रचनात्मक पसंदों और उनके असर के बारे में पहले से ही सोच-विचार कर लेते तो शायद वे भयभीत ही ज्यादा होते। आयुष्मान इतना सबकुछ इसलिए कर पाए क्योंकि वे बहाव के साथ खुद को बहा पाने में सफल हुए।

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Talking Point with Bhawna Somaaya : Sometimes lack of experience prevents better decision making, Their own luck, their own desire

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एनसीबी अधिकारी का दावा- रिया के खिलाफ ठोस सबूत और केस मजबूत, उन्हें 20 साल की जेल हो सकती है

सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस से जुड़े ड्रग्स मामले में रिया चक्रवर्ती को 20 साल तक की सजा हो सकती है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के एक अधिकारी ने दैनिक भास्कर को ऑफ द रिकॉर्ड दिए इंटरव्यू में यह बताया। अधिकारी के मुताबिक, उनके पास रिया के खिलाफ ठोस सबूत हैं और केस काफी स्ट्रॉन्ग बन चुका है। यही वजह है कि लोअर और सेशन कोर्ट से रिया को जमानत नहीं मिल सकी। उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश :-

Q. रिया और शोविक ने बॉलीवुड के किन नामों का खुलासा किया है?
A. अभी उन नामों को रिवील नहीं कर सकते। क्योंकि जांच जारी है। पहले इसे किसी निष्कर्ष पर पहुंच जाने दीजिए। अभी उनका नाम उजागर करना उनकी अवमानना होगी।

Q. ड्रग्स की कितनी क्वांटिटी रिया ने कैरी की थी?
A. यह सिर्फ 59 ग्राम ड्रग्स की बात नहीं है, जिसके बारे में रिया ने बताया है। हमारी टीम ने अनुज केसवानी से कमर्शियल क्वांटिटी में ड्रग्स बरामद की है। हम इस लीड पर आगे बढ़ रहे हैं। हमारा केस मजबूत है। यही वजह है कि माननीय लोअर और सेशन कोर्ट से उनकी जमानत याचिका खारिज हुई है।

Q. पूरे मामले में रिया का डायरेक्ट इन्वॉल्वमेंट तो कहा ही जा सकता है?
A. इन्वॉल्वमेंट साजिश को लेकर है। चार्जेज उसी तौर पर लगे हैं। उससे रिलेटेड ऑर्डर भी सार्वजनिक हैं।

Q. लेकिन रिया बार-बार दावे कर रही हैं कि वो ड्रग्स नहीं लेती थीं। वे तो इसे सुशांत के कहने पर मंगवा रही थीं?
A. मैटर विचाराधीन है। इसलिए इस मसले पर कुछ भी कहना अभी सही नहीं होगा।

Q. सुशांत तो अब रहे नहीं, तो कैसे साबित करेंगे कि उन्‍होंने ड्रग्स कंज्यूम किया था?
A. यह साबित हो जाएगा। उसकी चिंता मत करें। वही तो हमारा जॉब है। तभी तो जांच प्रक्रिया पर हम कुछ भी नहीं कहना चाहते।

Q. क्‍या ड्रग्स मामले में कंगना का भी टेस्‍ट होगा?
A. वो हमें नहीं मालूम। हमारा फोकस इस केस (सीआर नं. 15) पर है। कंगना के बारे में हम कुछ नहीं कह सकते, क्‍योंकि उनका मामला हमारे केस से कनेक्टेड ही नहीं है।

Q. बीते सालों में आपके जो ऑपरेशन्स रहे हैं, उनमें बॉलीवुड से कौन से ए-लिस्‍टर्स के नाम आए थे? बड़ी मछलियों की धड़पकड़ हो पाएगी?
A. यह गलत हो रहा है कि सिर्फ एक सोसायटी का नाम लिया जा रहा है। हमारा मैंडेट इस सोशल प्रॉब्लम को ठीक करना है। महज एक सोसायटी के पीछे पड़ना नहीं। मुंबई में यह बुरी तरह फैला हुआ है। यह एक केस है, जिसे एनडीपीएस एक्ट के तहत सजा के दायरे में लाना है। हम सिर्फ कुछ लोगों को पकड़ने के पीछे नहीं लगे हैं। हम हर किसी को टार्गेट कर रहे हैं।

Q. क्‍या यह स्टेब्लिश हो चुका है कि रिया और शोविक ड्रग पैडलर्स के सतत संपर्क में थे?
A. इस वक्‍त क्‍या बोलूं। मैटर कोर्ट में है। सारे सबूत हमें कोर्ट में देने हैं। इसलिए जांच से जुड़ी कोई बात रिवील करना सही नहीं है।

Q. कोर्ट में सबूत कब प्रोड्यूस करेंगे?
A. अभी तो उनकी बेल रिजेक्ट हुई है। फिलहाल ट्रायल चलेगा। चार्जशीट फाइल करने के लिए एनसीबी के पास 180 दिनों का वक्‍त है। चूंकि कमर्शियल क्वांटिटी का मामला है। लिहाजा हम अपनी इनवेस्टीगेशन पूरी करेंगे। तब सबूत पेश करेंगे।

Q. लेमैन लैंग्वेज में कमर्शियल यूज को कैसे समझाएं?
A. एक होती है स्मॉल क्वांटिटी, दूसरी मिडिल और तीसरी कमर्शियल क्‍वांटिटी। कमर्शियल क्‍वांटिटी अगर साबित हो गई तो 20 साल की सजा हो सकती है। मिडिल क्वांटिटी है तो 10 और स्मॉल का मामला है तो 1 साल की सजा।

Q. रिया के मामले में बड़ी क्वांटिटी है?
A. जी हां। इसी केस में हमारे द्वारा गिरफ्तार किए गए उनके सप्लायर से हमें बड़ी क्वांटिटी मिली है।

Q. यह सप्लाई सुशांत की मौत तक होती रही है?
A. जिस पैडलर को हमने पकड़ा है, वह तो मेजर सप्लायर है ही। हम यह लिंक नहीं कर रहे है कि सप्लाई कब तक होती रही? हमने तो एक गैंग को बर्स्‍ट किया है।

Q. लेकिन रिया तो कुछ भी एक्सेप्ट नहीं कर रही हैं?
A. इस बारे में मैं कुछ नहीं बोल सकता। ऐसा करना कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट है।

Q. हालांकि शोविक ने तो बहुत जल्दी मान लिया था कि वो ड्रग्स लाया करते थे?
A. सच कहूं तो मीडिया में 90 फीसदी जानकारी गलत आ रही है। नामों को लेकर सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं। हमें हमारा काम करने दीजिए। चार्जशीट के टाइम पर सारे नाम सामने आ जाएंगे। अभी किसी का नाम लेने से जांच प्रभावित होगी।

Q. अगर लोकल पुलिस ने प्राइमरी लेवल पर ही सबूत टैंपर कर दिए हों तो जांच एजेंसियां गुनहगारों को कैसे पकड़ पाएंगी? सबूत टैंपर होने के चलते न तो आरुषि के हत्यारों का पता चल सका, न सुनंदा पुष्कर के?
A. हमें ऐसी कोई दिक्कत नहीं हुई। हमारा केस बहुत स्ट्रॉन्ग बन चुका है। हम साबित कर देंगे।

Q. क्‍या ड्रग्स की ज्यादा मात्रा लेने से मौत होती है?
A. इस पर मैं कुछ नहीं कह सकता। यह कहना बहुत जेनेरिक होगा। हरएक का इलाज अलग होता है। हर किसी के लक्षण भी अलग होते हैं।

Q. मारिजुआना तो बड़ा क्राइम नहीं है न?
A. हम हर तरह के ड्रग्स को समान भाव से देख रहे हैं। कमर्शियल क्वांटिटी के थ्रेशहोल्ड अलग-अलग होते हैं।

Q. पांच या दस साल पहले भी क्या कभी इस तरह के केसेज में बॉलीवुड से किसी का नाम आया था?
A. वह मैं अभी नहीं बोल सकता। यह जांच का विषय है।

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रिया चक्रवर्ती को एनसीबी ने 9 सितंबर को अरेस्ट किया था। फिलहाल, वे भायखला जेल में बंद हैं।

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एक्सपर्ट बोले- बिहारी वोटर्स में कंगना रनोट को लेकर क्यूरोसिटी नहीं, भाजपा बोली- हम मंच नहीं देंगे

सुशांत सिंह राजपूत के लिए न्याय की मांग कर रहीं कंगना रनोट लगातार मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार के निशाने पर हैं। इस बीच ऐसी खबरें हैं कि बिहार चुनाव के मद्देनजर वहां होने वाली वर्चुअल रैलियों में कंगना को लाया जा सकता है। हालांकि, बिहार के पत्रकार, साहित्यकार और खुद बीजेपी के नेताओं का मानना है कि कंगना को चुनाव प्रचार में उतारने से कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने इसके पीछे की वजह दैनिक भास्कर के साथ साझा की।

बिहार में जातिगत समीकरण आज भी हावी

राष्‍ट्रीय पुरस्कार से सम्‍मानित फिल्‍म समीक्षक और साहित्यकार विनोद अनुपम वोटर्स की सोच को डिकोड करते हैं। वे कहते हैं, "सुशांत सिंह राजपूत के लिए कंगना रनोट की लड़ाई और भाजपा के साथ बढ़ते उनके संबंध देख बिहार के चुनाव में उनकी सक्रियता की उम्मीद जरूर बढ़ गई है। लेकिन ऐसा नहीं कहा जा सकता कि बिहार के वोटर्स में इसे लेकर क्यूरोसिटी है। बल्कि यह कहना भी मुश्किल है कि सुशांत की मौत भी चुनावी मुद्दा रहेगी।"

कंगना सिर्फ जाति विशेष तक सीमित

अनुपम ने आगे कहा, "बिहार में हमेशा से ही चुनाव अलग धरातल, अलग मुद्दे पर होते रहे हैं। यहां सुनी सबकी जाती है, लेकिन अंतिम ध्रुवीकरण में जाति की भूमिका प्रबल हो जाती है। ऐसे में कंगना एक जाति विशेष को एकजुट करने के लिए भले बुलाई जा सकती हैं। लेकिन इस बात से सहमत नहीं हुआ जा सकता कि उनकी कोई बड़ी भूमिका होगी।"

सितारों के आने से कोई फर्क नहीं पड़ता

बकौल अनुपम, "बिहार के चुनाव में पहले भी सितारे आते रहे हैं। अजय देवगन से लेकर नगमा तक। लेकिन लोगों ने उन्हें बिल्कुल भी तवज्जो नहीं दी। 2015 के चुनावी प्रचार में अजय देवगन आए और चले गए। अगले दिन अखबारों में कायदे से खबर तक नहीं लग सकी थी। चर्चा में भी आए तो भगदड़ के चलते। बिहार भाजपा के नेताओं ने भी तव्वजो नहीं दी थी।"

अनुपम आगे कहते हैं, "बिहारी राजनेताओं के मुंह से मिमिक्री मंजूर करते हैं, लेकिन अभिनेताओं की परफॉरमेंस को वे भाव नहीं देते। प्रकाश झा तो विशेष राज्‍य की मांग को लेकर धरने पर भी बैठे थे, लेकिन उन्‍हें पार्टी से तव्वजो नहीं मिली थी।"

मिडिल क्‍लास आज भी निर्णायक नहीं

अनुपम के मुताबिक, "बिहार में मिडिल क्लास अभी भी चुनाव में निर्णायक नहीं है, जिन्हें कंगना या सुशांत से मतलब है। यहां निर्णायक जरूरतमंद वोटर हैं ,जिनका पहला सवाल होता है मिलेगा क्या? वैसे भी इस बार बिहार में चुनाव को लेकर वोटर्स में अजीब सी निरपेक्षता देखी जा रही है।

राजनीतिक दलों के लिए चुनाव बाध्यता है और वोटर्स को लग रहा वे निरर्थक ही खतरे में धकेले जा रहे हैं। ऐसे में दलों का सारा जोर बूथ प्रबंधन पर है। एक बात यह भी कि जब सारी रैलियां वर्चुअल हो रही हैं और कंगना पहले से ही हर दिन वर्चुअल दिखाई दे ही रही हैं। ऐसे में बिहार के वोटर्स उनकी प्रतीक्षा क्यों करेंगे?

पॉलिटिकल वैल्यू बनी रहना बड़ी बात

जाने-माने पत्रकार पुष्य मित्र भी विनोद अनुपम से इत्तफाक रखते हैं। वे कहते हैं, "टीवी मीडिया में छाए रहने से कंगना की पॉलिटिकल वैल्यू जरूर काफी बढ़ गई है। लेकिन यह दावे के साथ नहीं कहा जा सकता कि यह सब बिहार चुनाव के प्रचार अभियान तक बरकरार रहेगा। अमूमन ऐसा देखा गया है कि टीवी मीडिया द्वारा तैयार किए गए स्टार की मियाद बहुत कम रहती है।

ज्यादा खींचा जा चुका सुशांत का मुद्दा

पुष्य मित्र ने आगे कहा, "सुशांत के मुद्दे को उसकी उम्र से ज्यादा खींचा जा चुका है। अब ज्यादातर लोग ऊबने लगे हैं। यह मुद्दा अब जितने दिन खींचा जाएगा, लोगों में बिहार के असली और जमीनी मुद्दों जैसे बाढ़, बेरोजगारी, पलायन, स्वास्थ्य सुविधाएं आदि के प्रति तड़प बढ़ती चली जाएगी। मुमकिन है यह मुद्दा बैक फायर कर जाए। यह बात जरूर है कि गांव-गांव तक यह मुद्दा पहुंच गया है और पॉलिटिकल डिबेट में शामिल हो गया है। लेकिन बिहार में सरकार के प्रति लोगों में नाराजगी है। भाजपा समर्थक भी नाराज हैं। हालांकि, लोगों के सामने दूसरा विकल्प नजर नहीं आ रहा है।"

भाजपा कंगना को मंच प्रदान नहीं करेगी

बिहार भाजपा के प्रदेश महामंत्री देवेश कुमार ने कहा, "कंगना आती हैं तो उनका स्वागत है। यह लोकतंत्र है, लेकिन भाजपा उन्हें मंच प्रदान नहीं करेगी। हमारी पार्टी का अपना सिस्टम है। हम उन्‍हें क्‍यों लाएंगे? हमारे प्रधानमंत्री और बड़े नेता हमारे स्‍टार प्रचारक हैं। बिहार की जनता का मूड पीएम मोदी और नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार चाहती है।

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एक्सपर्ट का कहना है कि बिहार में मिडिल क्लास अभी भी चुनाव में निर्णायक नहीं है, जिन्हें कंगना या सुशांत से मतलब है।

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रिया चक्रवर्ती की जिम पार्टनर रह चुकीं रकुलप्रीत सिंह, एक्स्ट्रा पॉकेट मनी के लिए की थी पहली फिल्म, साउथ में कमाया खूब नाम लेकिन बॉलीवुड में रहीं फ्लॉप

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में ड्रग एंगल सामने आने के बाद उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती जेल की हवा खा रही हैं। इस बीच खबरें हैं कि उन्होंने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को 25 बॉलीवुड सेलेब्स के नाम बताए हैं जो ड्रग्स लेते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिया ने एक्ट्रेस सारा अली खान, कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा, सुशांत की दोस्त रोहिणी अय्यर, फैशन डिजाइनर सिमोन खंबाटा सहित एक्ट्रेस रकुल प्रीत सिंह के नाम लिए हैं।रकुल रिया की जिम पार्टनर रह चुकी हैं। इन्हें कई बार मुंबई में जिम आते-जाते हुए साथ देखा गया है।

ड्रग्स केस में रकुल का नाम सामने आते ही वह सोशल मीडिया पर ट्रेंड होने लगी हैं। इस बीच आइए नजर डालते हैं उनसे जुड़े कुछ फैक्ट्स पर…

दिल्ली में पली-बढ़ी हैं रकुल

-30 साल की रकुल दिल्ली की पंजाबी फैमिली से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता का नाम राजेंदर सिंह और मां का नाम कुलविंदर सिंह है। पिता के नाम के 'र' और मां के नाम से 'कुल' जोड़कर उनका नाम रकुल रखा गया।

-रकुल की स्कूलिंग आर्मी पब्लिक स्कूल, धौलाकुआं, दिल्ली से हुई। उनके पिता इंडियन आर्मी में थे। रकुल ने जीसस एंड मैरी कॉलेज, दिल्ली से ही ग्रेजुएशन किया।

पॉकेट मनी के लिए की थी पहली फिल्म

रकुल कॉलेज के दौरान से ही एक्टर बनना चाहती थीं। यही वजह है कि उन्होंने 18 साल की उम्र में कॉलेज में रहते हुए ही मॉडलिंग शुरू कर दी थी। 2009 में उन्होंने कन्नड़ फिल्म गिल्ली से एक्टिंग डेब्यू किया।

-रकुल ने इस फिल्म को इसलिए साइन किया था क्योंकि वह कुछ एक्स्ट्रा पॉकेट मनी कमाना चाहती थीं। वह यह भी नहीं जानती थीं कि साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री कितनी बड़ी है। गिल्ली में निभाए रोल के लिए रकुल को तारीफें मिलीं। 2011 में उन्होंने फेमिना मिस इंडिया पेजेंट में हिस्सा लिया जिसमें उन्होंने पांच टाइटल अपने नाम किए।

साउथ इंडस्ट्री में खूब कमाया नाम

-इसके बाद साउथ फिल्मों में करियर बनाने के लिए रकुल हैदराबाद शिफ्ट हो गई थीं। उन्होंने तेलुगू फिल्मों में केरतम और तमिल फिल्मों में ठदाईयारा थाक्का से डेब्यू किया, इसके बाद वह वेंकटद्री एक्सप्रेस, करेंट थीगा, रफ, किक 2, ध्रुवा, स्पाइडर जैसी फिल्मों में नजर आईं।

-साउथ इंडस्ट्री में जाना-माना नाम बनने के बाद रकुल 2017 में तेलंगाना राज्य सरकार की ओर से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की ब्रांड एम्बेसडर चुनी गई थीं।

फ्लॉप रही बॉलीवुड में शुरुआत

-साउथ में नाम कमाने के बाद रकुल ने 2014 में बॉलीवुड में कदम रखा। फिल्म यारियां उनकी डेब्यू फिल्म थी जो कि फ्लॉप साबित हुई। इसके चार साल बाद उन्हें अय्यारी में देखा गया था।

-2019 में दे दे प्यार दे, मरजावां में भी देखा गया था। वहीं, 2020 में उनकी फिल्म शिमला मिर्च रिलीज हुई थी।

-रकुल फिटनेस फ्रीक हैं। वह दो जिम की ओनर हैं। एक जिम हैदराबाद तो दूसरी विशाखापट्नम में है।

-रकुल नेशनल लेवल की गोल्फ प्लेयर रह चुकी हैं। उन्होंने स्पोर्ट्स में अपना करियर इसलिए नहीं बनाया क्योंकि वह शोबिज में आना चाहती थीं।

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Rhea Chakraborty Reportedly Names Rakul Preet Singh In Drug Case: All You Need To Know About the actress

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डेनमार्क बेस्ड सिंगर का खुलासा- गरीबों की मदद के लिए एआई पर बेस्ड ऐप बना रहे थे सुशांत, सालभर पहले साझा किया था कॉन्सेप्ट

सुशांत सिंह राजपूत अपनी मौत से करीब एक साल पहले देश के गरीबों की मदद के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट (एआई) बेस्ड एक ऐप डेवलप कर रहे थे। इस बात का खुलासा डेनमार्क बेस्ड सिंगर और एंटरप्रन्योर एरियन रोमल ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में किया।

'उनकी बनाई कोई चीज जरूर होनी चाहिए'

रोमल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा- आखिरी बार सुशांत से मेरी बात करीब एक साल पहले मार्च-अप्रैल में मुंबई में एक पार्टी के दौरान हुई थी। हमने टेक्नोलॉजी को लेकर चर्चा की थी। 2020 तक ऐसा कुछ जरूर होना चाहिए, जो उन्होंने बनाया होगा। वह कहां है?

उन्होंने एआई का इस्तेमाल कर कुछ ऐसा बनाया था, जो भारत के गरीबों की मदद कर सके। उन्होंने इसके बारे में बात की थी, लेकिन ज्यादा कुछ नहीं बताया था। क्योंकि यह एक आइडिया था, जो चोरी हो सकता था। लेकिन उन्होंने मुझे कॉन्सेप्ट के बारे में बताया था। उनका लक्ष्य ऐप के जरिए गरीबों की मदद करना था।

अपना प्रभाव छोड़ने वाले लोगों में से थे सुशांत

रोमल ने आगे बताया- कई लोग ऐसे होते हैं, जो आप पर प्रभाव छोड़ जाते हैं। सुशांत उन्हीं में से एक थे। मैं ऐप बनाता हूं। इसलिए मुझे यह चर्चा बहुत रोचक लगी। एआई और हमारी जरूरत की टेक्नोलॉजी के बारे में एक एक्टर की इतनी दिलचस्पी और नॉलेज हैरान करता है। क्योंकि वे इस दुनिया में नहीं रहते। वे अलग तरह के इंसान थे। वे जानते थे कि सही शब्द और सही सवाल क्या हैं?

जब सुशांत ने शराब पीने से मना कर दिया था

रोमल ने बताया- मैं विदेश में रहता हूं। लेकिन चार साल पहले सुशांत से मुंबई में तब मेरी मुलाकात हुई थी, जब मैं किसी काम से वहां गया था। सुशांत मलाड में रहते थे। मुझे याद है कि मैं पहली बार उनसे एक टीवी एक्टर की पार्टी में मिला था।

मैं अपनी ड्रिंक के साथ उनकी बगल में बैठा हुआ था। लेकिन नहीं जानता था कि वे कौन हैं? मैंने ऐसे ही पूछ लिया कि आपकी ड्रिंक कहां हैं? उन्होंने कहा, 'नहीं भाई मैंने सिर्फ अपना डाइट मील लिया है।' वे अपना टिफिन बॉक्स लाए थे, जिसमें बॉयल चिकन था। उन्होंने सिर्फ अपना डाइट फूड खाया, जबकि बाकी सभी शराब पी रहे थे और मस्ती कर रहे थे।

मैंने उनसे कहा कि उन्हें एक ड्रिंक तो लेना ही चाहिए। लेकिन उन्होंने यह कहकर इनकार कर दिया कि इससे उनके रोल की तैयारी प्रभावित होगी। काम के प्रति उनकी गंभीरता और अनुशासन से मैं काफी प्रभावित हुआ था।

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एरियन रोमल ने पूछा- 2020 तक ऐसा कुछ जरूर होना चाहिए, जो सुशांत सिंह राजपूत ने बनाया होगा। वह कहां है?

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ड्रग्स केस में नाम सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहीं सारा अली खान, यूजर्स ने कहा-बच्ची ने पटौदी परिवार का नाम रोशन कर दिया

ड्रग्स केस में रिया चक्रवर्ती की गिरफ्तारी के बाद से लगातार ऐसा दावा किया जा रहा है कि उन्होंने एनसीबी के सामने 25 बॉलीवुड सेलेब्स के नाम लिए हैं। अब इस मामले में एक्ट्रेस सारा अली खान, रकुल प्रीत सिंह, फैशन डिजाइनर सिमोन खंबाटा और सुशांत की दोस्त रोहिणी अय्यर के अलावा कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा का नाम भी सामने आ रहा है।

इसमें सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम सारा अली खान का है जिन्होंने 2018 में सुशांत सिंह राजपूत के साथ फिल्म केदारनाथ से डेब्यू किया था। कुछ रिपोर्ट्स में सारा को लेकर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने तब ड्रग्स लिया था, जब वे 2018 में सुशांत सिंह राजपूत के साथ थाइलैंड ट्रिप पर गई थीं। ड्रग्स केस में नाम सामने आने के बाद से ही सारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्रेंड कर रही हैं। लोग उनपर गुस्सा निकाल रहे हैं और भला-बुरा कह रहे हैं।

जमकर ट्रोल हो रहीं सारा

ट्विटर पर एक यूजर ने गार्नियर, कोकाकोला, प्यूमा और वीट जैसी कंपनियों से सारा को अपने विज्ञापनों से हटाने की मांग की क्योंकि सारा इन कंपनियों की ब्रांड एंबेसडर हैं। निधि नाम की इस ट्विटर यूजर ने ट्वीट में आगे लिखा, हम नेपोटिज्म और ड्रग्स लेने वालों से ऊब चुके हैं। अगर कंपनियां चाहती हैं कि हम उनके प्रोडक्ट इस्तेमाल करें तो तुरंत एक्शन लें।

एक इंस्टाग्राम यूजर ने सारा के लेटेस्ट इंस्टाग्राम पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा, बधाई हो, हमने न्यूज देखी, आपका नाम टॉप पर था, लगता है आप रिया की बहुत अच्छी दोस्त हैं। एनसीबी के साथ नई यात्रा के लिए बधाई।

एक और यूजर ने लिखा, आज पटौदी परिवार बहुत खुश हो रहा होगा, बच्ची ने नाम रोशन कर दिया।

कई मीम्स भी वायरल हो रहे हैं।

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वायरल हुईं हॉलिडे की फोटो

इसी बीच सारा की कुछ हॉलिडे फोटो भी वायरल हो गई हैं। वह 12 अगस्त को अपने जन्मदिन के मौके पर अपने भाई इब्राहिम अली खान और दोस्तों के साथ गोवा ट्रिप पर गई थीं। वायरल हुई तस्वीरों में सारा गोवा में बीच किनारे मौज-मस्ती करती नजर आ रही हैं।

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सारा को प्रपोज करने वाले थे सुशांत

सुशांत सिंह राजपूत के केयरटेकर रहे रईस ने पिछले दिनों खुलासा किया था कि अभिनेता सारा अली खान को प्रपोज करने वाले थे। बकौल रईस, "सारा ने 2018 में सुशांत सर के साथ फार्महाउस पर आना शुरू किया था। वे जब भी आते थे, तीन से चार दिन रुकते थे। दिसंबर 2018 में अपनी थाइलैंड ट्रिप से लौटने के बाद सुशांत सर और सारा मैम एयरपोर्ट से सीधे फार्महाउस आए थे। उस वक्त रात के करीब 10 या 11 बज रहे थे। उनके साथ उनके दोस्त थे भी थे।"

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Sara Ali Khan,trolled on social media after Rhea Chakraborty names her in drugs probe

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एक्ट्रेस रागिनी द्विवेदी ने ड्रग टेस्ट में धोखा देने के लिए यूरिन में पानी मिलाया, पहले वकील से पूछे बिना नहीं देना चाहती थीं सैंपल

ड्रग पैडलिंग के आरोप में गिरफ्तार हुई कन्नड़ एक्ट्रेस रागिनी द्विवेदी ने अपनी यूरीन में पानी मिलाकर ड्रग टेस्ट में धोखा देने की कोशिश की। हालांकि, डॉक्टर्स ने सैंपल में पानी की पहचान कर ली। बाद में एक्ट्रेस को पानी पिलाकर दोबारा उनका यूरीन सैंपल लिया गया। इस दौरान सेंट्रल क्राइम ब्रांच ( CCB) के अधिकारियों ने यह श्योर किया कि वे फिर से इसमें पानी न मिला सकें। रागिनी का ड्रग टेस्ट गुरुवार को बेंगलुरु के केसी जनरल हॉस्पिटल में हुआ।

'रागिनी का व्यवहार शर्मनाक'

सीसीबी के अधिकारियों ने रागिनी के इस व्यवहार को शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। शुक्रवार को उन्होंने घटना का जिक्र मजिस्ट्रेट के सामने किया, जिनसे उन्होंने एक्ट्रेस की पुलिस कस्टडी बढ़ाने की मांग की थी। जज ने उन्हें एक्ट्रेस से पूछताछ के लिए तीन और दिन दिए हैं।

यूरीन में पानी मिलाने से क्या होता है?

यूरीन टेस्ट के जरिए यह पता किया जाता है कि क्या पिछले कुछ दिनों में संबंधित इंसान ने ड्रग लिया है। पानी की मात्रा यूरीन के टेम्प्रेचर को कम कर देती है, जो कि लगभग बॉडी टेम्प्रेचर के बराबर होता है।

रागिनी के घर होती थी ड्रग की डिलीवरी

सीसीबी को लगता है कि रागिनी ने सिर्फ अपने करीबी दोस्त बी के रवि शंकर से ही ड्रग्स नहीं मंगवाया था। बल्कि वे साइमन नाम के एक अमेरिकी शख्स से भी ड्रग्स ले रही थीं। साइमन ने एमडीएमए की गोलियां उनके घर पर डिलीवर की थीं।

ड्रग टेस्ट में नखरे भी दिखाए

पिछले दिनों खबर थी कि इसी मामले में अरेस्ट हुईं कन्नड़ एक्ट्रेस संजना गलरानी ने बेंगलुरु पुलिस से बहस की थी। लेकिन सीसीबी की मानें तो रागिनी ने भी पुलिस के सामने नखरे दिखाए थे। उन्होंने अधिकारियों से बहस की और बिना अपने वकील से पूछे टेस्ट कराने से इनकार कर दिया था।

4 सितंबर को अरेस्ट हुई थीं रागिनी

4 सितंबर की सुबह सीसीबी की टीम ने रागिनी के घर छापा मारकर उन्हें हिरासत में ले लिया था। इसी शाम पूछताछ के बाद उन्हें अरेस्ट कर लिया गया था। तब से वे लगातार पुलिस कस्टडी में हैं।

21 अगस्त को सामने आया मामला

21 अगस्त को एनसीबी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कर्नाटक में ड्रग्स रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए कई ड्रग पैडलर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद इसके तार सैंडलवुड से जुड़े होने की बात सामने आई। मामले में अब तक रागिनी के अलावा संजना गलरानी, नियाज, रवि शंकर, राहुल, वीरेन खन्ना , एक अफ्रीकन पैडलर, प्रशांत रांका समेत कई लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है।

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रागिनी ने कन्नड़ में 'वीर मदाकरी', 'शकर आईपीएस', 'विलेन', 'विक्ट्री' और 'शिवा' जैसी फिल्मों में काम किया है। वे शाहिद कपूर स्टारर बॉलीवुड फिल्म 'आर...राजकुमार' में स्पेशल अपीयरेंस दे चुकी हैं।

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35 साल की उम्र में किडनी फेल होने से आदित्य पौडवाल का निधन, पंकज उदास, अरमान मलिक से लेकर शंकर महादेवन ने जताया शोक

पॉपुलर प्लेबैक सिंगर अनुराधा पौडवाल के बेटे आदित्य पौडवाल अब इस दुनिया में नहीं हैं। म्यूजिक कम्पोजर आदित्य कई दिनों से अस्पताल में भर्ती अपना इलाज करवा रहे थे इसी बीच किडनी फेल होने के कारण शनिवार सुबह उनका निधन हो गया। महज 35 साल के एक यंग टैलेंट को खोकर इंडस्ट्री सदमे में है।

ये खबर सुनकर सदमे में हूंः शंकर महादेवन

शंकर महादेवन ने कम्पोजर आदित्य पौडवाल के साथ कई सारे गाने बनाए हैं। मौत के कुछ दिनों पहले भी आदित्य ने शंकर के लिए एक गाना प्रोग्राम किया था। आदित्य की मौत की खबर सुनकर शंकर ने शोक जताते हुए लिखा, 'यह खबर सुनकर सदमे में हूं कि प्यारे आदित्य पौडवाल अब हमारे बीच नहीं हैं। मुझे यकीन नहीं हो रहा। वह बेहतरीन म्यूजिशियन और अच्छे इंसान थे। दो दिन पहले ही मैंने एक गाना गाया है जो आदित्य ने खूबसूरत तरीके से प्रोग्राम किया था। मैं भरोसा नहीं कर पा रहा हूं कि वे अब नहीं रहे। लव यू ब्रदर। मिस यू'।

डेब्यू के दौरान हुई थी आदित्य से मुलाकातः अरमान मलिक

अरमान मलिक ने आदित्य की मौत की खबर सुनकर लिखा, 'मैं वाकई सदमे में हूं। एक बेहद टैलेंटेड आत्मा आज हमें छोड़ गई। मुझे अच्छी तरह याद है कि मैं साल 2014 में आपके स्टूडियो आया था अपना डेब्यू एलबम प्ले करवाने के लिए। इस खबर को झेल नहीं पा रहा हूं। आपकी आत्मा को शांति मिले। आपको बहुत याद किया जाएगा प्यारे भाई। कोई शब्द नहीं हैं'।

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उनका एनर्जेटिक चेहरा भूल नहीं पाऊंगाः पंकज उदास

सीनियर सिंगर पंकज उदास भी आदित्य पौडवाल के निधन की खबर सुनकर सदमे में हैं। उन्होंने आदित्य की तस्वीर शेयर करते हुए भावुक नोट में लिखा, 'अचानक आदित्य की मौत की खबर सुनकर सदमे में हूं। हम कभी उसके चमकते और एनर्जेटिक चेहरे को भूल नहीं पाएंगे। भगवान उन्हें शांति दे और उनके परिवार को असामयिक मौत को कहने की ताकत दे। हमारा संवेदना परिवार के साथ है'।

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बहुत टैलेंटेड इंसान थेः हर्षदीप कौर

सिंगर हर्षदीप कौर ने इस खबर पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, 'बहुत ही बुरी खबर है। वो वाकई एक टैलेंटेड और स्वीट इंसान था। उनकी आत्मा को शांति मिले'।

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Aditya Paudwal passed away due to kidney failure at the age of 35, Pankaj udas, Armaan Malik to Shankar Mahadevan expressed grief

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6 साल की उम्र में ही पिता को खो चुके थे आदित्य पौडवाल, मौत से 38 दिन पहले सोशल मीडिया पर शेयर की थी फैमिली फोटो

प्लेबैक सिंगर अनुराधा पौडवाल के बेटे आदित्य का 35 साल की उम्र में निधन हो गया है। उनकी मौत किडनी फेल होने की वजह से हुई है। आदित्य म्यूजिक कंपोजर और अरेंजर थे। उन्होंने 2019 में आई फिल्म ठाकरे के गाने साहेब तू को कंपोज किया था। यह फिल्म शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे पर आधारित थी जिसमें नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने मुख्य भूमिका निभाई थी।

आदित्य पिछले कुछ समय से किडनी की परेशानी से जूझ रहे थे।

4 अगस्त को शेयर की थी फैमिली फोटो

आदित्य 19 अगस्त तक सोशल मीडिया पर एक्टिव थे। उन्होंने गणेश चतुर्थी के मौके पर 19 अगस्त को खुद की कंपोज की एक गणेश वंदना के बारे में जानकारी देते हुए एक पोस्ट शेयर की थी। आदित्य अपने प्रोजेक्ट्स से जुड़ी जानकारियां अक्सर सोशल मीडिया पर ज्यादा शेयर करते थे लेकिन मौत से 38 दिन पहले यानी 4 अगस्त को उन्होंने एक फैमिली फोटो शेयर की थी।

इस फोटो के साथ आदित्य ने कैप्शन दिया था-होप यानी उम्मीद।

इस फोटो में आदित्य अपनी मां अनुराधा, पिता अरुण, बहन कविता के साथ नजर आ रहे थे। फोटो के साथ आदित्य ने कैप्शन दिया था-होप यानी उम्मीद।

आदित्य अपने स्वर्गीय पिता अरुण पौडवाल को बेहद मिस करते थे। उनके पिता का निधन 1 नवंबर 1991 को एक एक्सीडेंट की वजह से हो गया था। आदित्य तब केवल 6 साल के थे। अरुण भी म्यूजिक कंपोजर थे। वह सचिन देव बर्मन के म्यूजिक असिस्टेंट हुआ करते थे।

मां से थे प्रभावित

एक इंटरव्यू में जब आदित्य से पूछा गया था कि उनकी मां अनुराधा पौडवाल ने दिल है कि मानता नहीं, मुझे नींद ना आए जैसे सैंकड़ों हिट गाने बॉलीवुड को दिए हैं। इसके बावजूद वह भजन गायिकी की तरफ मुड़ गईं तो आदित्य ने कहा था, मेरी मां ने भक्ति संगीत में बेहतरीन मुकाम हासिल किया है। लोग अब भी उनकी आवाज सुनकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। मैंने उनकी गाई आरती और मंत्रों से कई लोगों की जिंदगियां बदलते देखी हैं इसलिए मैं उनकी बॉलीवुड सिंगिंग को मिस नहीं करता।

अनुराधा पौडवाल की बात की जाए तो उन्होंने अमिताभ और जया बच्चन की फिल्म 'अभिमान' के जरिए 1973 में सिंगिग करियर शुरू किया था। इस फिल्म में उन्होंने संस्कृत के कुछ श्लोक गाए थे जिसके बाद उनकी किस्मत चमक गई और उन्हें कई फिल्मों में सिंगिंग का मौका मिला। बॉलीवुड और हिंदी भजनों के अलावा अनुराधा ने पंजाबी, बंगाली, मराठी, तमिल, तेलुगू, उड़िया और नेपाली भाषा में भी गाने गाए हैं।

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आदित्य ने यह फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की थी जिसमें वह स्वर्गीय पिता अरुण पौडवाल के साथ तीन साल की उम्र में तबला बजाते नजर आ रहे हैं।

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एनसीबी की लिस्ट में सुशांत की लास्ट फिल्म के डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा का नाम होने का दावा, दो नामी एक्ट्रेसेस भी चर्चा में

सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म 'दिल बेचारा' के निर्देशक मुकेश छाबड़ा का नाम ड्रग्स मामले में सामने आ रहा है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो उन्हें पूछताछ के लिए बुला सकता है। केआरके के नाम से मशहूर फिल्म क्रिटिक कमाल राशिद खान ने अपने ट्वीट में यह दावा किया है।

चार अन्य लोगों के नाम भी आ रहे सामने

ड्रग्स केस में रिया चक्रवर्ती की गिरफ्तारी के बाद से लगातार ऐसा दावा किया जा रहा है कि उन्होंने एनसीबी के सामने 25 बॉलीवुड सेलेब्स के नाम लिए हैं। अब इस मामले में मुकेश छाबड़ा के अलावा एक्ट्रेस सारा अली खान, रकुल प्रीत सिंह, फैशन डिजाइनर सिमोन खंबाटा और सुशांत के स्टाफ की पूर्व मेंबर और उनकी दोस्त रोहिणी अय्यर का नाम भी सामने आ रहा है।

रिया ने 20 पेज का स्टेटमेंट दर्ज कराया है

टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक, रिया चक्रवर्ती ने एनसीबी को दिए 20 पेज लंबे स्टेटमेंट में माना है कि सारा अली खान, रकुल प्रीत सिंह और सिमोन खंबाटा ने ड्रग्स लिया है। इस बारे में जब हमने एनसीबी के अधिकारियों से जानना चाहा तो उन्होंने इसकी पुष्टि नहीं की। लेकिन उन्होंने खंडन भी नहीं किया।

सारा, रकुल, सिमोन को लेकर यह दावा भी

कुछ रिपोर्ट्स में सारा को लेकर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने तब ड्रग्स लिया था, जब वे 2018 में सुशांत सिंह राजपूत के साथ थाइलैंड ट्रिप पर गई थीं। वहीं, रकुल का नाम रिया ने एनसीबी की पूछताछ में लिया। सिमोन का नाम रिया के साथ हुई उनकी वॉट्सऐप चैट से सामने आया था।

22 सितंबर तक जेल में रहेंगी रिया

9 सितंबर को रिया ड्रग्स की खरीद-फरोख्त के आरोप में गिरफ्तार हुई थीं। एनसीबी के सामने उन्होंने यह बात कबूल की थी कि वे सुशांत के लिए सैमुअल मिरांडा और शोविक चक्रवर्ती के जरिए ड्रग्स मंगवाती थीं। उन्हें 22 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। रिया ने सेशन कोर्ट में अर्जी लगाई थी, जो शुक्रवार को खारिज कर दी गई। अगले सप्ताह उनके वकील सतीश मानशिंदे हाईकोर्ट में जमानत की याचिका लगा सकते हैं।

रिया और ड्रग्स से जुड़ी ये ख़बरें भी पढ़ सकते हैं...

1. एक न्यूज चैनल का दावा:लॉकडाउन में रिया के घर कुरियर से गया था आधा किलो ड्रग्स, सुशांत के स्टाफ मेंबर ने घरेलू सामान के बीच रख कर भेजा था

2. रिया का जेल में चौथा दिन:एक्ट्रेस की पिछली 3 रातें बिना पंखे के गुजरीं, जमीन पर चटाई बिछाकर सोईं; आज हाईकोर्ट में जमानत की अपील कर सकती हैं

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सुशांत सिंह राजपूत तब से मुकेश छाबड़ा के दोस्त थे, जब उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू भी नहीं किया था। सुशांत की पहली फिल्म 'काई पो छे' के कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा ही थे।

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सुशांत सिंह राजपूत की याद में देशभर के गरीबों को खिलाया जा रहा है खाना, बहन श्वेता सिंह कृति की पहल #FeedFood4SSR से जुड़े 60 हजार से ज्यादा लोग

सुशांत सिंह राजपूत की मौत से लेकर आज तक हर कोई उनके लिए न्याय मांग रहा है। इसी बीच उनकी बहन श्वेता सिंह कृति ने सुशांत के नाम पर गरीबों का खाना खिलाने की खूबसूरत पहल की शुरुआत की है। #FeedFood4SSR पहल में उन्हें अंकिता लोखंडे समेत कई लोगों का समर्थन मिल है। इस बारे में जानकारी देते हुए श्वेता ने सुशांत के सभी फैंस से इसका हिस्सा बनने की भी अपील की है।

फीड फॉर सुशांत सिंह राजपूत- 12 सितम्बर

श्वेता सिंह कृति ने अपनी इस पहल की जानकारी देते हुए लिखा, 'चलो अपने थोड़ी सी मेहनत से गरीबों और बेघरों को खाना खिलाते हैं। और जब हम ये करें तो आंखें बंद करें और दुआ करें। दुआ करें कि सच्चाई जल्द से जल्द बाहर आ जाए और भगवान हमें सही दिशा दिखाए। चलो दुआ करते हैं और अपने प्यारे सुशांत के लिए कुछ अच्छा करते हैं'।

कैसे बनेंगे पहल का हिस्सा

अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए श्वेता ने सुशांत के लिए जारी इस जंग में लोगों से मदद मांगी है। श्वेता की इस पहल में हिस्सा लेने वालों को 12 सितम्बर को सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति या जानवर को खाना खिलाना है। इसके बाद हैशटैग #FeedFood4SSR का इस्तेमाल कर इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करना है। साथ ही सुशांत के परिवार के कुछ सदस्यों को भी इसमें टैग करना है।

देशभर के 60 हजार लोग बन चुके हैं पहल का हिस्सा

गराबों को खाना खिलाने की इस पहल में अब तक देश और विदेश के 60 हजार से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं। 12 सितम्बर को #FeedFood4SSR लगातार ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है। लोग लगातार गरीबों का खाना खिलाते हुए तस्वीरें और वीडियोज शेयर कर रहे हैं। कुछ लोगों ने सुशांत के नाम पर बड़ा दान भी किया है। हर कोई श्वेता की इस खूबसूरत पहल के लिए सराहना कर रहा है।

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प्लांट फॉर सुशांत सिंह राजपूत- 13 सितम्बर

सुशांत सिंह राजपूत 1000 पेड़ लगाना चाहते थे। अब उनके गुजर जाने के बाद उनकी बहन श्वेता सिंह कृति फैंस के जरिए उनकी ये अधूरी इच्छा पूरी कर रही हैं। #Plant4SSR पहल को 13 सितम्बर को किया अंजाम दिया जाएगा।

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Food is being fed to the poor people across the country in memory of Sushant Singh Rajput, more than 60 thousand people associated with shweta singh kriti's initiative #FeedFood4SSR

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अनुराधा पौडवाल के बेटे आदित्य का 35 वर्ष की उम्र में निधन, लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे

बॉलीवुड प्लेबैक सिंगर अनुराधा पौडवाल के बेटे आदित्य पौडवाल का शनिवार सुबह निधन हो गया है। वह 35 साल के थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह पिछले कुछ महीनों से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे।

पति का भी हो चुका निधन

अनुराधा पौडवाल की शादी अरुण पौडवाल से हुई थी। अरुण संगीतकार एसडी बर्मन के असिस्टेंट थे। नब्बे के दशक में अनुराधा पौडवाल अपने करियर के शिखर पर थीं, उसी समय उनके पति अरुण की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। अब बेटी भी साथ छोड़कर चला गया। उनकी एक बेटी है जिसका नाम कविता पौडवाल है।

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Anuradha Paudwal's Son Aditya Paudwal Passes Away at the age of 35

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