मुंबई पुलिस ने करन जौहर की बजाय उनके मैनेजर को पूछताछ के लिए बुलाया, कंगना की टीम ने लिखा- सुशांत हत्याकांड का मजाक बनाना बंद करो

सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस में मुंबई पुलिस ने हाल ही में फिल्ममेकर करन जौहर के मैनेजर को पूछताछ के लिए समन भेजा है। इस बात को लेकर एक्ट्रेस कंगना रनोट भड़क गईं हैं और उन्होंने पुलिस से सुशांत हत्याकांड की जांच का मजाक नहीं बनाने के लिए कहा है। ये बात उनकी टीम ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखी।

टीम कंगना ने रविवार दोपहर दो ट्वीट किए। जिनमें से पहले ट्वीट में लिखा, 'तो करन जौहर के मैनेजर को समन भेजा गया है, लेकिन आदित्य ठाकरे के बेस्ट फ्रेंड करन जौहर को नहीं। मुंबई पुलिस सुशांत सिंह राजपूत हत्याकांड की जांच का मजाक बनाना बंद करो।'

पुलिस इतनी बेशर्मी कैसे दिखा सकती है?

अपने अगले ट्वीट में टीम ने लिखा, 'समन जारी करने में भी मुंबई पुलिस खुलेआम इतनी बेशर्मी किस तरह दिखा सकती है? कंगना को समन भेजा गया, ना कि उसकी मैनेजर को, लेकिन मुख्यमंत्री के बेटे के सबसे अच्छे दोस्त के मैनेजर पूछताछ के लिए बुलाया गया है, क्यों? साहेब को परेशानी ना हो इसलिए?'

एक-दो दिन में भट्ट से होगी पूछताछ

इससे पहले रविवार को ही महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने करन के मैनेजर को समन भेजने की जानकारी देते हुए बताया था, 'अबतक 37 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं, एक-दो दिन में महेश भट्ट भी अपना बयान दर्ज कराएंगे। कंगना रनोट को भी बयान रिकॉर्ड कराने के लिए समन भेजा गया है। करन जौहर के मैनेजर को भी बुलाया गया है, अगर जरूरत पड़ी तो करन को भी बुलाया जाएगा।'

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कंगना ने साधा था महाराष्ट्र सरकार पर निशाना

इस केस में अबतक करन जौहर से पूछताछ नहीं होने पर शनिवार को कंगना रनोट की टीम ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने लिखा था कि 'पुलिस उन्हें कभी नहीं बुलाएंगी, क्योंकि वे आदित्य उद्धव ठाकरे के बेस्ट फ्रेंड हैं। यह उनकी सरकार है और उन्होंने कंगना के इंटरव्यू से पहले यह केस बंद कर दिया था। यह इस बात का सबूत है कि वे अपने दोस्तों को बचा रहे हैं।'

यूजर ने पूछा था- अबतक करन को क्यों नहीं बुलाया?

समित ठाकुर नाम के यूजर ने करन की फोटो शेयर करते हुए लिखा था, '35 दिन हो चुके हैं और सुशांत सिंह राजपूत केस के सबसे बड़े संदिग्ध और शातिर चौकड़ी के करन जौहर को अबतक पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया है। मैं मुंबई पुलिस के खिलाफ माननीय बॉम्बे हाईकोर्ट में एडवोकेट रसपाल सिंह रेणु जी के माध्यम से जनहित याचिका लगा रहा हूं। ताकि सार्वजनिक हित में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच हो सके।'

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कंगना कई इंटरव्यू में उठा चुकीं सवाल

सुशांत की मौत के बाद कंगना कई इंटरव्यू में यह सवाल उठा चुकी हैं कि पुलिस करन जौहर से पूछताछ क्यों नहीं कर रही है? पिछले दिनों एक इंटरव्यू में उन्होंने करन के अलावा आदित्य चोपड़ा, राजीव मसंद और महेश भट्ट का नाम भी गुटबाजी करने वालों में जोड़ा था और कहा था कि मुंबई पुलिस को इनसे पूछताछ करनी चाहिए। इतना ही नहीं, कंगना यह भी कह चुकी हैं कि अगर वे अपने दावे साबित नहीं कर पाईं, तो अपना पद्मश्री सरकार को वापस करने के लिए तैयार हैं।

अब तक 37 लोगों से हो चुकी पूछताछ

सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को अपने मुंबई स्थित फ्लैट में मृत पाए गए थे। पोस्टमॉर्टम और विसरा रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो चुका है कि उन्होंने आत्महत्या की थी। साथ पुलिस जांच में उनके डिप्रेशन में होने की बात सामने आई है। सुशांत डिप्रेशन में क्यों थे? और उन्होंने सुसाइड जैसा कदम क्यों उठाया? इन सवालों के जवाब जानने के लिए पुलिस 37 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। इनमें आदित्य चोपड़ा, संजय लीला भंसाली और शेखर कपूर जैसे कई बड़े नाम शामिल हैं।

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करन जौहर की बजाए उनके मैनेजर को पूछताछ के लिए समन भेजे जाने से नाराज कंगना ने मुंबई पुलिस से सुशांत हत्याकांड का मजाक नहीं बनाने के लिए कहा।

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अगस्त में खुल सकते हैं सिनेमाघर, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने गृह मंत्रालय को भेजा प्रस्ताव

31 जुलाई को अनलॉक-2 खत्म हो रहा है। ऐसे में सरकार ने अनलॉक-3 की एसओपी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, इस बार इसमें कई अन्य चीजों के साथ सिनेमा हॉल्स की ओपनिंग को शामिल किया जा सकता है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से इस संदर्भ में एक प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजा गया है।

प्रस्ताव में अगस्त में सिनेमा हॉल्स खोलने की रिक्वेस्ट की गई है। सूचना और प्रसारण सेक्रेटरी अमित खरे ने शुक्रवार को सीआईआई मीडिया कमिटी के साथ हुई क्लोज डोर मीटिंग में ये संकेत दिए। हालांकि, इस पर अंतिम कॉल होम सेक्रेटरी का होगा।

1 अगस्त से सिनेमा हॉल खोलने की सिफारिश

खरे के मुताबिक, उन्होंने सिफारिश की है कि सिनेमा हॉल्स को 1 अगस्त से या कम से कम 31 अगस्त के आसपास फिर से खोलने की अनुमति दी जा सकती है। इसके लिए एक फॉर्मूला भी बनाया गया है, जिसके तहत सलाह दी गई है कि पहली कतार में अल्टरनेट सीट और उसकी अगली कतार को खाली रखा जाए और इसी क्रम में आगे बढ़ा जाए। खरे के मुताबिक, उनकी मिनिस्ट्री ने दो मीटर की दूरी के नॉर्म को मंजूरी देने की अपील की है। हालांकि, अभी होम मिनिस्ट्री से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

सिनेमा हॉल मालिक चाहते हैं 50 फीसदी ऑडियंस

इस मामले में सिनेमा हॉल मालिकों की सूचना और प्रसारण मंत्रालय के साथ मीटिंग हो चुकी है। वे मिनिस्ट्री के फॉर्मूला से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि अगर इस फॉर्मूले से चलते हैं तो सिर्फ 25 फीसदी ऑडियंस ही ऑडिटोरियम में बैठ पाएगी। जबकि वे चाहते हैं कि उन्हें 50 फीसदी ऑडियंस के साथ थिएटर्स खोलने की अनुमति मिले।

अगर थिएटर्स खुले तो कुछ ऐसा होगा उनका स्वरूप

अगर सिनेमा हॉल्स खुलते हैं तो उनका स्वरूप बदला हुआ नजर आएगा। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ सिनेमा हॉल्स का रेगुलर सैनेटाइजेशन, पेपरलेस टिकट, ऑडियंस की मास्क के साथ एंट्री जैसे नियम लागू किए जाएंगे।

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Unlock 3: Cinemas May be allowed to reopen in August

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'दिल बेचारा' के लिए नवाजुद्दीन और अमित साध ने की फिल्म क्रिटिक से रिव्यू ना करने की अपील, बोले- 'इसे ट्रिब्यूट मानकर उनके जादू को सेलिब्रेट किया जाए'

सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म 'दिल बेचारा' 24 जुलाई को डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हो चुकी है। 14 जून को दुनिया को अलविदा कह चुके सुशांत की आखिरी फिल्म कई लोगों को इमोशनल कर गई है। इसी बीच अब नवाजुद्दीन सिद्दीकी और अमित साध ने भी क्रिटिक से इस फिल्म का रिव्यू ना करने की अपील की है। उनका मानना है कि इसे सुशांत के लिए एक ट्रिब्यूट माना जाए।

नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने सुशांत के लिए अपील करते हुए इस बारे में ट्विटर पर लिखा, 'मैं सभी माननीय फिल्म क्रिटिक से विनती करना चाहता हूं कि कृप्या दिल बेचारा को रहने दें और इस फिल्म को सुशांत के लिए एक ट्रिब्यूट समझें और इसे मिलकर सेलिब्रेट करें'।

नवाजुद्दीन की ही तरह सुशांत के काय पो छे को-स्टार अमित साध ने भी क्रिटिक्स से अनुरोध किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'क्या हम प्लीज इस हफ्ते की रेटिंग ना दें। प्लीस। लोगों और क्रिटिक सिर्फ थोड़ा प्यार, स्मरण और उनके जादू की सराहना करें'।

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सुशांत की फिल्म ने तोड़े रिकॉर्ड

दिल बेचारा फिल्म 24 जुलाई को शाम 7ः30 बजे रिलीज हुई है। रिलीज के महज आधे घंटे बाद ही 21 हजार लोगों ने इसे आईएमडीबी में रेटिंग दी, जिसके बाद फिल्म की रेटिंग 10 में से 10 हो गई थी। फिलहाल 64,787 लोगों के रिव्यू देने के बाद इस फिल्म की रेटिंग 9.6 बनी हुई है।

फिल्म रिलीज होत ही क्रेश हुआ हॉटस्टार

शुक्रवार को फिल्म रिलीज होते ही सुशांत के फैन्स इसे देखने के लिए टूट पड़े। यूजर्स की संख्या इतनी ज्यादा थी कि डिज्नी प्लस हॉटस्टार क्रैश हो गया। फिल्ममेकर हंसल मेहता ने ट्विटर के जरिए इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने लिखा, "और हॉटस्टार क्रैश हो गया।" मेहता के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए कई अन्य यूजर्स ने भी इसी तरह की समस्या आने की बात कही।

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For 'Dil Bechara', Nawazuddin and Amit Sadh pleaded not to review the film to Critic, saying - 'Celebrate their magic by treating it as a Tribute'

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14 दिन बाद बीएमसी ने तीनों बंगलों से हटाए कंटेंनमेंट जोन के पोस्टर, बिग बी और उनके बेटे के भर्ती होने के बाद लगाए गए थे

महानायक अमिताभ बच्चन के बंगले जलसा, जनक और प्रतीक्षा कंटेनमेंट जोन से मुक्त हो गए हैं। रविवार को बीएमसी की टीम ने जाकर सभी बंगलों के बाहर लगे कंटेनमेंट जोन के पोस्टर हटा दिए हैं। ये पोस्टर अमिताभ और उनके बेटे अभिषेक के नानावटी अस्पताल में भर्ती होने के अगले दिन बंगलों को सैनेटाइज करने के बाद लगाए गए थे।

14 दिन तक लगे रहे पोस्टर

कंटेनमेंट जोन को लेकर अलग-अलग शहरों के लिए अलग-अलग नियम हैं। कई शहरों में इसकी अवधि 28 दिन की है तो कई शहरों में यह 7-14 दिन तक लिए घोषित रहता है। अमिताभ के बंगले 14 दिन तक कंटेनमेंट जोन घोषित रहे। 12 जुलाई को बीएमसी ने उनके तीनों बंगलों के बाहर कंटेनमेंट जोन के पोस्टर लगाए थे, जो 26 जुलाई को हटा दिए गए।

6 दिन जलसा में ही क्वारैंटाइन थीं ऐश्वर्या-आराध्या

11 जुलाई को 77 साल के अमिताभ और उनके 44 वर्षीय बेटे अभिषेक का कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया था। उसी शाम दोनों नानावटी हॉस्पिटल में भर्ती हो गए। अगले दिन बिग बी की 46 साल की बहू ऐश्वर्या और 8 वर्षीय पोती आराध्या की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। हालांकि, लक्षण दिखाई न देने के कारण दोनों को होम क्वारैंटाइन किया गया था।

मां-बेटी 6 दिन तक जलसा में ही रहीं। लेकिन 17 जुलाई को उनकी तबियत बिगड़ी तो उन्हें भी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था। अस्पताल प्रबंधन या बच्चन फैमिली के सदस्यों द्वारा उनकी सेहत को लेकर अभी तक कोई अपडेट नहीं दी गई है।

जनक में हैं अमिताभ का ऑफिस

अमिताभ और उनके फैमिली मेंबर्स जिस बंगले (जलसा) में रहते हैं, वह उन्हें 1982 में 'सत्ते पे सत्ता' की सफलता के बाद डायरेक्टर राज एन. सिप्पी ने गिफ्ट किया था। प्रतीक्षा बिग बी का पहला बंगला है, जहां वे 1976 में शिफ्ट हुए थे। बाबूजी डॉ. हरिवंश राय बच्चन ने इसका नामकरण किया था। बच्चन का तीसरा बंगला जनक है, जिसका इस्तेमाल वे ऑफिस के तौर पर करते हैं।

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अमिताभ बच्चन का परिवार जलसा में रहता है, लेकिन फिलहाल जया बच्चन को छोड़कर बाकी चार सदस्य अस्पताल में भर्ती हैं।

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महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने कहा- 37 लोगों से पूछताछ हो चुकी है, करन जौहर के मैनेजर को बुलाया गया है, जरूरत पड़ी तो करन को भी बुलाएंगे

सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस में अब बॉलीवुड के बड़े नामों को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। नया नाम करन जौहर के मैनेजर का है, जिन्हें मुंबई पुलिस ने 27 जुलाई को पूछताछ के लिए समन भेजा है। रविवार को महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने इस बात की जानकारी दी। अनिल ने कहा अब तक 37 लोगों से पूछताछ हुई है। जरूरत पड़ती है तो करन जौहर को भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। वहीं महेश भट्ट से भी एक या दो दिन में पूछताछ होगी।

कंगना के बयान के बाद उठाया कदम

मुंबई पुलिस ने यह कदम कंगना रनोट के एक बयान के बाद उठाया है जिसमें उन्होंने आदित्य चोपड़ा, करन जौहर और महेश भट्ट पर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि सुशांत सिंह राजपूत बॉलीवुड के कुछ बड़े लोगों की गुटबंदी के शिकार हुए थे जिसके कारण वे डिप्रेशन में आ गए। यही बात अनिल देशमुख ने भी अपने बयान में कही है कि पूछताछ में ये पता लगाने कोशिश होगी कि क्या सुशांत वाकई गुटबंदी के शिकार हुए थे।

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पीएमओ से आया चिट्‌ठी का जवाब

इस बीच सांसद सुबमण्यम स्वामी द्वारा 15 जुलाई को भेजी गई चिट्‌ठी का जवाब पीएमओ से भेज दिया गया है। यह एक्नोलेजमेंट लैटर है। जिस पर पीएमओ की सील है। स्वामी ने सुशांत सिंह की मौत की सीबीआई जांच की मांग पीएम मोदी से की थी। सीबीआई जांच की मांग करने वालों में शेखर सुमन और गर्लफैंड रिया चक्रवर्ती का नाम भी शामिल है।

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Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh said Karan Johar’s manager summoned for questioning, director may be questioned next in sushant singh rajput suicide case

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कंगना रनोट की टीम का हमला - पुलिस करन जौहर को कभी पूछताछ के लिए नहीं बुलाएगी, क्योंकि वे आदित्य ठाकरे के दोस्त हैं

सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस में करन जौहर को पूछताछ के लिए न बुलाने पर कंगना रनोट की टीम ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है। उनका दावा है कि करन उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे के दोस्त हैं। इसलिए उन्हें उन्हें कभी पुलिस स्टेशन नहीं बुलाया जाएगा। टीम कंगना रनोट के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से यह दावा एक यूजर के ट्वीट पर दिए रिएक्शन में किया गया है।

यह था ट्विटर यूजर का सवाल

सुमित ठाकुर नाम के ट्विटर यूजर ने करन जौहर की फोटो साझा करते हुए लिखा था, "35 दिन हो गए हैं और अब भी सबसे बड़े सस्पेक्ट शातिर करन जौहर को सुशांत सिंह राजपूत केस में पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया है। मैं एडवोकेट रसपाल सिंह रेणु जी के जरिए मुंबई पुलिस के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल कर रहा हूं। ताकि सार्वजनिक हित में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच हो सके।"

टीम कंगना रनोट का रिएक्शन

ट्वीट के रिएक्शन में कंगना की टीम ने लिखा, "वे उन्हें कभी नहीं बुलाएंगे। क्योंकि वे आदित्य उद्धव ठाकरे के बेस्ट फ्रेंड हैं। यह उनकी सरकार है और उन्होंने कंगना के इंटरव्यू से पहले ही यह केस बंद कर दिया। यह इस बात का सबूत है कि वे अपने दोस्तों को बचा रहे हैं।"

कंगना कई इंटरव्यू में उठा चुकी सवाल

सुशांत की मौत के बाद कंगना कई इंटरव्यू में यह सवाल उठा चुकी हैं कि पुलिस करन जौहर से पूछताछ क्यों नहीं कर रही है? पिछले दिनों एक इंटरव्यू में उन्होंने करन के अलावा आदित्य चोपड़ा, राजीव समंद और महेश भट्ट का नाम भी कैम्पबाजी करने वालों में जोड़ा था और कहा था कि मुंबई पुलिस को इनसे पूछताछ करनी चाहिए। इतना ही नहीं, कंगना यह तक कह चुकी हैं कि अगर वे अपने दावे साबित नहीं कर पाएंगी तो अपना पद्मश्री सरकार को वापस करने के लिए तैयार हैं।

अब तक 37 लोगों से हो चुकी पूछताछ

सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को अपने मुंबई स्थित फ्लैट में मृत पाए गए थे। पोस्टमॉर्टम और विसरा रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो चुका है कि उन्होंने आत्महत्या की थी। साथ पुलिस जांच में उनके डिप्रेशन में होने की बात सामने आई है। सुशांत डिप्रेशन में क्यों थे? और उन्होंने सुसाइड जैसा कदम क्यों उठाया? इन सवालों के जवाब जानने के लिए पुलिस 37 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। इनमें कई बड़े नाम शामिल हैं:-

23 जुलाई को पुलिस ने सुशांत के दोस्त और फिल्ममेकर रूमी जाफरी को पुलिस स्टेशन बुलाया था। जाफरी ने पुलिस को बताया कि उन्हें 6 महीने पहले सुशांत के डिप्रेशन में होने की बात पता चली थी, अभिनेता की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती ने उन्हें ये बात बताई थी।

21 जुलाई को मुंबई पुलिस ने फिल्म क्रिटिक और वरिष्ठ पत्रकार राजीव मसंद से 8 घंटे से ज्यादा पूछताछ की थी। सुशांत के करीबियों ने आरोप लगाया है कि राजीव मसंद सुशांत की फिल्मों को निगेटिव रिव्यू देते थे। साथ ही वे किसी के इशारे पर उनके खिलाफ निगेटिव ब्लाइंड आर्टिकल भी लिख रहे थे। सुशांत इसे लेकर दुखी और परेशान रहते थे।

इससे पहले सुशांत का इलाज कर रहे तीन साइकैट्रिस्ट और एक साइकोथेरेपिस्ट के बयान दर्ज किए गए थे। एक साइकैट्रिस्ट ने बताया कि सुशांत बाइपोलर डिसऑर्डर नाम की बीमारी से जूझ रहे थे। वहीं, बाकी डॉक्टर्स के मुताबिक, उनकी जिंदगी काफी तनाव भरी थी। हालांकि, सुशांत को यह तनाव क्यों था? इसका जवाब कोई भी डॉक्टर नहीं दे सका।

यशराज फिल्म्स के मालिक और प्रोड्यूसर आदित्य चोपड़ा से मुंबई पुलिस ने वर्सोवा थाने में पूछताछ की थी। दरअसल, सुशांत ने चोपड़ा के साथ तीन फिल्में 'शुद्ध देसी रोमांस', 'डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी' और 'पानी' साइन की थी। लेकिन 'पानी' बन नहीं सकी। आदित्य से इसे लेकर ही सवाल-जवाब किए गए। इसमें उन्होंने कहा कि यह फिल्म डायरेक्टर शेखर कपूर के साथ क्रिएटिव डिफरेंस के चलते नहीं बन पाई।

शेखर कपूर अपना बयान मुंबई पुलिस को मेल कर चुके हैं। इसमें उन्होंने लिखा था कि 'पानी' बंद होने के बाद सुशांत को काफी सदमा लगा था। वे टूटकर डिप्रेशन में चले गए थे। क्योंकि इस फिल्म के लिए उन्होंने अपने कई साल दे दिए थे और कई बड़े ऑफर भी ठुकरा दिए थे। शेखर को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया जा सकता है।

'पानी' के लिए सुशांत ने संजय लीला भंसाली की चार फिल्में छोड़ी थीं। यह खुलासा भंसाली ने पुलिस को दिए बयान में किया। उन्होंने कहा, "मैंने सुशांत को जो चार फिल्में ऑफर की थीं, वे 'गोलियों की रासलीला रामलीला', 'बाजीराव-मस्तानी', 'रीड' (जो बनी नहीं) और 'पद्मावत' थीं। 'रामलीला' के वक्त सुशांत YRF के कॉन्ट्रेक्ट में बंधे थे और 'पानी' के लिए वर्कशॉप ले रहे थे। इसी तरह 'बाजीराव-मस्तानी', 'रीड', और 'पद्मावत' (शाहिद कपूर के निभाए रोल) के लिए भी मैंने सुशांत को अप्रोच किया था, लेकिन इन सभी फिल्मों की डेट भी उन्होंने पहले से 'पानी' को दे रखी थीं।'

इन सबके के अलावा यशराज फिल्म के कुछ पूर्व अधिकारी, कास्टिंग डायरेक्टर शानू शर्मा, टैलेंट मैनेजर रेशमा शेट्टी, गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती, उनके भाई शोविक चक्रवर्ती, सुशांत का घरेलू स्टाफ, मैनेजर, पीआर टीम, एक्स मैनेजर, दोस्त, को-स्टार और परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ ही चुकी है।

शेखर कपूर और कंगना रनोट ने अपने बयानों में सुशांत की मौत के लिए बॉलीवुड में फैले नेपोटिज्म को जिम्मेदार बताया है। कंगना ने पिछले दिनों एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके पास समन आया है, लेकिन फिलहाल वे अपने होमटाउन मनाली में हैं। इसलिए बयान दर्ज कराने नहीं जा सकतीं।

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कंगना रनोट कई इंटरव्यू में यह सवाल उठा चुकी हैं कि मुंबई पुलिस करन जौहर को पूछताछ के लिए क्यों नहीं बुला रही है।

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आउटसाइडर्स को सोनू सूद की सलाह- फौलादी नसें हों तभी यहां आएं, स्टार किड्स को हमेशा आसानी से एंट्री मिलती रहेगी

सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद से ही बॉलीवुड में इनसाइडर-आउटसाइडर के मुद्दे को लेकर बहस चल रही है। इसी बीच एक्टर सोनू सूद ने कहा है कि फिल्म इंडस्ट्री में आया आउटसाइडर हमेशा आउटसाइडर ही रहता है, हालांकि कुछ सालों बाद उसका संघर्ष थोड़ा कम हो जाता है लेकिन वो कभी खत्म नहीं होता। वहीं दूसरी तरफ स्टार किड्स का रास्ता आसान रहता है और वे जब चाहें तब आसानी से बॉलीवुड में एंट्री पा सकते हैं।

इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में सूद ने कहा, 'जब कोई आउटसाइडर शहर में आता है, और बड़ा नाम कमाता है, तो इस बात से हमें बहुत गर्व महसूस होता है और हर न्यूकमर को एक उम्मीद मिलती है। लेकिन जब ऐसा कुछ होता है तो ये हम सभी को तोड़ देता है।'

बाहरी लोगों को हमेशा डर रहता है
आगे उन्होंने कहा, 'वे लोग जो देश के अन्य हिस्सों से इस शहर में और इंडस्ट्री में आते हैं उन्हें हमेशा डर लगा रहता है कि यह जगह सुरक्षित नहीं है। माता-पिता में भी यही भाव रहता है। इसलिए जो हुआ वो सही नहीं था, क्योंकि अब वो माता-पिता अपने बच्चों को यहां भेजने से डरेंगे।'

'मुझे भी ऑफिसों में घुसने नहीं दिया गया'

इनसाइडर-आउटसाइडर के मुद्दे को लेकर राय देते हुए अभिनेता ने कहा, 'ये दबाव वास्तविक है। यहां हजारों लोग हर दिन काम की तलाश में शहर में आते हैं, लेकिन बहुत कम ऐसे हैं, जिन्हें बड़ा ब्रेक मिलता है। एक बाहरी हमेशा बाहरी रहेगा। जब मैं शहर में आया था, तो मेरे पास पहले से ही मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री थी, मुझे लगा कि इस वजह से मेरे प्रति लोगों का नजरिया अलग रहेगा। लेकिन ऐसा नहीं था। मुझे भी कभी ऑफिसों में घुसने तक नहीं दिया गया।'

नसों में फौलाद हो तभी इंडस्ट्री में आएं

अपने संघर्ष के बारे में बताते हुए सूद ने कहा, 'अपने शुरुआती 6-8 महीनों में मैंने जाना कि ये यात्रा बहुत कठिन होने वाली है। इसलिए केवल एक चीज जो मैं इस इंडस्ट्री में आने वाले आउटसाइडर्स से कह सकता हूं, कि तभी आएं जब आपकी नसें फौलाद की हों और चमत्कार होने की उम्मीद बिल्कुल भी ना रखें। सिर्फ इसलिए कि आप अच्छे दिखते हैं या आपकी काया बहुत अच्छी है, इसका ये मतलब नहीं है कि प्रोडक्शन हाउस का कोई व्यक्ति आपको खोजकर अपनी अगली फिल्म में ले लेगा।'
मेरे बच्चों की एंट्री शायद आसान रहेगी

दूसरी तरफ बड़े सितारों के बच्चों के बारे में सोनू ने बताया कि उनकी एंट्री हमेशा आसान थी और रहेगी। सोनू ने कहा, 'इस मामले में एक स्टार किड की पहुंच बिल्कुल आसान रहती है, पिता फोन उठाकर सीधे फिल्म के डायरेक्टर या प्रोड्यूसर से बात करता है और उन्हें ब्रेक मिल जाता है। अगर कल को मेरे बच्चे इंडस्ट्री में आना चाहें, तो शायद ये उनके लिए आसान होगा।'

आगे उन्होंने कहा, 'लेकिन जब आप वास्तव में इंडस्ट्री से नहीं हैं और आपने अपने दम पर खुद को बड़ा बनाया है तो ऐसे में आप एक उदाहरण बन जाते हैं और अन्य कई लोगों को प्रेरित करते हैं।'

झूठी लगी थी सुशांत की मौत की खबर

सुशांत की मौत के बारे में पता चलने पर पहली प्रतिक्रिया के बारे में बताते हुए सोनू ने कहा, 'सुशांत सिंह राजपूत की मौत की खबर बिल्कुल झूठी लगी थी। जब मैंने इसे सुना तो मुझे यकीन नहीं हुआ, मुझे लगा कि यह नकली है, इसके बाद मैंने कुछ कॉल्स किए और लोगों से बात की, जिन्होंने इस बात की पुष्टि की।' सोनू के मुताबिक 'सुशांत और मैं एक ही जिम में वर्कआउट करते थे, मैं उन्हें उनके टेलीविजन के दिनों से जानता था और मैं आपसे कह सकता हूं कि वो काफी मेहनती लड़का था।'

बता दें कि 14 जून को सुशांत सिंह राजपूत ने अपने मुंबई स्थित घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में पुलिस की जांच अब भी जारी है और कई सेलेब्स इसमें CBI जांच की मांग कर चुके हैं।

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Advice of Sonu Sood to outsiders Come only if you have nerves of steel, star kids will always have easy access’

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कोरोना पॉजिटिव ड्राइवर को इलाज के लिए बेड नहीं मिला तो आया फिल्म बनाने का आइडिया, अब 5 बड़े फिल्ममेकर अपने ही अंदाज में बनाएंगे फिल्म

पूरी दुनिया कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रही है। हर दिन ऐसे केस सामने आ रहे हैं जो लोगों को हैरान कर रहे हैं। इसी बीच बॉलीवुड से खुद को अलग कर चुके अनुभव सिन्हा, सुधीर मिश्रा, हंसल मेहता, केतन मेहता और सुभाष कपूर महामारी के बीच जीवन के अनुभवों पर फिल्म बनाने की तैयारी में हैं। ये पांचों फिल्म मेकर कोरोना से प्रभावित हुई मानवता की कहानियों पर काम कर रहे हैं।

ड्राइवर के कारण मिला आइडिया

टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में अनुभव सिन्हा ने बताया- यह बहुत ही इंटरेस्टिंग टाइम है, हालांकि इसे इंटरेस्टिंग कहना सही नहीं है। सुधीर भाई का ड्राईवर कोरोना पॉजिटिव था, लेकिन उसे हॉस्पिटल में एक बेड तक नहीं मिला। हम उसे अस्पताल में बिस्तर दिलाने के लिए हर कहीं फोन कर रहे थे। उस रात मेरे दिमाग में आया कि हमें उसको डॉक्यूमेंट करना चाहिए।

इसे करने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता था कि इसे अलग-अलग फिल्म मेकर अपने ढंग से देखें। सुधीर भाई के पिताजी की डेथ भी कोरोना टाइम में हुई। हमने इरफान को खोया और हम उनके जनाजे पर भी नहीं जा पाए। निकलूं कि नहीं निकलूं। तिग्मांशु को पुलिस से झगड़ा करना पड़ा। वह कह रहा था कि मैं तो जाऊंगा। भाई है मेरा।

कहानियों का ऐसा होगा एंगल

अनुभव ने आगे बताया कि वे अनुराग कश्यप को भी इसका हिस्सा बनाना चाहते थे, लेकिन अनुराग के दूसरे प्रोजेक्ट्स में फंसे होने के कारण यह संभव नहीं हो पाया। फिल्म में कौन किस कहानी पर काम कर रहा है, इसके बारे में अनुभव कहते हैं- हंसल की कहानी थोड़ी कॉमिक और थोड़ी ट्रेजिक रहेगी। सुधीर भाई पॉलिटिकल पॉइंट से बनाएंगे। सुभाष भी पॉलिटिकल हैं, लेकिन अलग कहानी होगी। मैं अभी भी अपनी कहानी के लिए संघर्ष कर रहा हूं। मैं रोमांस रहस्य और नॉस्टैल्जिया के साथ फिल्म बनाना चाहता हूं।

बाकी फिल्ममेकर्स की राय

प्रोजेक्ट के बारे में बात करते हुए सुभाष कपूर ने कहा- "दुनिया ने पहले कभी भी ऐसा कुछ नहीं देखा है। इस वक्त को लिखने और आसपास की कहानियों का पता लगाने के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण समय है। मैं इस तरह के दिमाग वाले दोस्तों के साथ इस यात्रा के लिए तत्पर हूं।"

सुधीर मिश्रा के अनुसार उन्हें नवंबर तक फिल्म के शुरू होने की उम्मीद है। वे कहते हैं- “अगर किसी को घर के अंदर शूटिंग करनी है, तो यह आसान है। लेकिन अगर कहानी आउटडोर शॉट्स, भीड़ की मांग करती है, जिसे आप एक राजनीतिक कहानी मानते हैं। तो हमें यह देखना होगा कि वह किस समय तक संभव है।

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Anubhav Sinha, Sudhir Mishra, Hansal Mehta, Ketan Mehta and Subhash Kapoor are working on an anthology about how Covid-19 affected everyone

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'दिल बेचारा' देख फिर इमोशनल हुईं कृति सैनन, बोलीं- 'मैनी के जरिए फिर एक बार तुम्हें जिंदा देखा'

सुशांत सिंह की मौत के बाद कृति सैनन कई मौकों पर भावुक होती देखी गई हैं। सुशांत की आखिरी फिल्म दिल बेचारा 24 जुलाई को डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हो चुकी है जिसे देखने के बाद एक्टर की एक्स रूमर्ड गर्लफ्रेंड कृति ने उनके लिए एक इमोशनल पोस्ट शेयर किया है। उनका कहना है कि दिल बेचारा फिल्म के जरिए उन्होंने फिर सुशांत को जिंदा देखा।

कृति सैनन ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से जरिए फिल्म देखकर इमोशनल पोस्ट शेयर की है। उन्होंने लिखा, ये सेरी (तमिल शब्द जिसका मतलब है ओके) नहीं है और अब ये नहीं ढूबेगा। इससे मेरा दिल दोबारा टूट गया। मैनी में मैंने कई मौकों पर तुम्हें जिंदा देखा। मैं बहुत अच्छे से जानती हूं कि तुमने कहां खुदको अपने किरदार को थोड़ा इस्तेमाल किया। और हमेशा की तरह तुम्हारा सबसे ज्यादा मेजिकल हिस्सा वो था जहां तुम खामोश थे। वो पल जहां तुम खामोश थे मगर तुमने फिर भी बहुत कुछ कहा।

मुकेश छाबड़ा संजना सांघी को दी गुड विश

कृति ने अपनी पोस्ट के जरिए मुकेश छाबड़ा और संजना सांघी को उनकी शुरुआत के लिए बधाई दी है। उन्होंने लिखा, मुकेश छाबड़ा मैं जानती हूं कि ये फिल्म तुम्हारे लिए बहुत जरूरी है जितना हमने सोचा था उससे बहुत ज्यादा। तुमने अपनी पहली फिल्म के जरिए हमें काफी इमोशन्स से रूबरू करवाया। तुम्हारी और संजना सांघी की खूबसूरत जर्नी की कामना करती हूं।

सुशांत की मौत पर लिखा था भावुक पोस्ट

सुशांत के दुनिया से चले जाने के बाद कृति ने लिखा, सुश,.मैं जानती थी कि तुम्हारा सबसे तेज दिमाग ही तुम्हारा सबसे अच्छा दोस्त और सबसे बुरा दुश्मन है, लेकिन यह जानकर मैं पूरी तरह से टूट चुकी हूं कि तुम्हारी जिंदगी में एक ऐसा भी पल आया जब तुम्हे जीने से बेहतर मरना ज्यादा आसान लगा। काश उस पल से बाहर निकालने के लिए तुम्हारे पास तुम्हारे अपने होते, काश तुमने उन्हें खुद से दूर न किया होता जो तुमसे बहुत प्यार करते थे, काश मैं उस चीज को ठीक कर पाती जिससे तुम अंदर ही अंदर घुटने पर मजबूर हुए,लेकिन मैं ऐसा नहीं कर पाई, मेरे दिल का एक हिस्सा तुम्हारे साथ ही चला गया है और एक हिस्सा तुम्हें हमेशा जिंदा रखेगा। हमेशा तुम्हारी खुशियों के लिए दुआएं मांगी है और हमेशा मांगूंगी।

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कृति सैनन ने साल 2017 में आई फिल्म राब्ता में सुशांत सिंह राजपूत के साथ काम किया था। फिल्म के बाद ही दोनों के रिलेशन की भी खबरें थीं। सुशांत की मौत के बाद उनके मनोचिकित्सक ने भी पुलिस स्टेटमेंट में बताया था कि एक्टर अपने लगातार टूटते रिश्तों के चलते भी काफी परेशान थे।

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Kriti Sanon became emotional again after watching 'Dil Bechara', said- 'Saw you alive once again through Manny'

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कंगना ने गली ब्वॉय को बोला वाहियात और नॉन डिसर्विंग, जवाब में जोया अख्तर बोलीं- खुद फिल्म अवॉर्ड बॉयकॉट करने के बाद स्टेटमेंट क्यों देती हैं

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से ही कंगना रनोट लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। सुशांत पर कंगना ने अपने दो वीडियो शेयर किए थे जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए थे। एक वीडियो में कंगना ने सुशांत को अवॉर्ड ना मिलने की बात करते हुए बताया था कि छिछोरे जैसी फिल्म को अवॉर्ड नहीं मिलता और गली ब्वॉय जैसी वाहियात फिल्म को सारे अवॉर्ड दिए जाते हैं। कंगना के इस बयान पर अब डायरेक्टर जोया अख्तर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। जोया का मानना है कि वो इस बयान से बिलकुल नहीं भड़कीं।

इंडिया टुडे से बातचीत में जोया ने बताया कि वो कंगना द्वारा फिल्म को डिसर्विंग ना कहे जाने से नाराज या भड़की नहीं हैं। बल्कि वो खुद उस अवॉर्ड फंक्शन में शामिल नहीं हुई थीं। जोया ने कहा, 'कंगना रनोट सभी फिल्म अवॉर्ड को बॉयकॉट कर चुकी हैं और अब भी उन अवॉर्ड्स के बारे में स्टेटमेंट दे रही हैं'। कंगना ने फिल्म को घटिया तक कह दिया था इसपर फिल्ममेकर ने कहा, 'हम डेमोक्रेसी वाले देश में रहते हैं और हर किसी को अपनी राय देने का अधिकार है। इसलिए उन्हें अपने काम के बारे में दिए गए लोगों के बयान से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता'।

सुशांत की मौत के बाद आए कंगना के वीडियो ने सनसनी मचा दी थी जिसमें उन्होंने कहा था, 'सुशांत जैसे बेहतरीन एक्टर ने अपने करियर में 'काय पो छे', 'केदारनाथ' और 'छिछोरे' जैसी बेहतरीन फिल्में की हैं। उन्हें डेब्यू के लिए भी कोई अवॉर्ड नहीं दिया गया। हमें आपसे फिल्में नहीं चाहिए मगर जो हम काम करते हैं उसके लिए एक्नॉलेजमेंट तो मिले। गली ब्वॉय जैसी वाहियात फिल्म को अवॉर्ड दिए जाते हैं मगर छिछोरे को नहीं। छिछोरे बेस्ट फिल्म थी, बेस्ट डायरेक्टर थे मगर उन्हें एक्नॉलेजमेंट नहीं दी गई। मेरे डायरेक्टन में बनी सुपरहिट फिल्मों को भी ये लोग फ्लॉप घोषिक तक देते हैं'।

साल 2019 में रिलीज हुई फिल्म गली ब्वॉय को अलग- अलग केटेगरी में फिल्मफेयर के 13 अवॉर्ड दिए गए थे। इसी के साथ फिल्म ने साल 2006 में आई फिल्म ब्लैक का रिकॉर्ड तोड़ दिया जिसे 11 अवॉर्ड मिले थे। इतना ही नहीं फिल्म को 26वें स्क्रीन अवॉर्ड और जी सिने अवॉर्ड में भी 11 और 9 अवॉर्ड मिले थे।

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Kangana called Gully Boy a Non-Dserving film, now zoya akhtar reacted on this and said- why does she give statement after boycotting film award

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बिग बी ने लिखा- जिस डॉक्टर की निगरानी में कोविड पेशेंट का इलाज चलता है, वह कभी करीब नहीं आता

कोविड-19 का इलाज करा रहे अमिताभ बच्चन नानावटी हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में 15 दिन बिता चुके हैं। उन्होंने अपना ताजा ब्लॉग इसी वार्ड को लेकर लिखा है। शुरुआत में अपना हाल बयां करते हुए वे हैं- रात के अंधेरे में और कोल्ड रूम की कपकपाहट में मैं गाने गाता हूं। नींद लगाने के लिए आंखें बंद करने की कोशिश करता हूं। आसपास कोई नहीं होता है। इसके आगे बिग बी ने आइसोलेशन वार्ड का अनुभव साझ किया और बताया कि मरीज पर इसका बहुत बड़ा मानसिक प्रभाव पड़ता है।

'डॉक्टर्स और नर्स की मौजूदगी रोबोटिक होती है'

अमिताभ ने लिखा है कि कोविड के इलाज के दौरान हफ्तों तक मरीज को कोई और इंसान देखने को नहीं मिलता। वे लिखते हैं- यहां मेडिसिन केयर के लिए नर्स और डॉक्टर्स आते हैं। लेकिन वे पीपीई यूनिट्स में दिखाई देते हैं। आपको कभी पता नहीं चलता कि वे कौन हैं?

आप उनकी विशेषता और हाव-भाव कभी नहीं जान पाते, क्योंकि वे सुरक्षा के लिए लिहाज से यूनिट्स में होते हैं। उनकी मौजूदगी रोबोटिक होती है। उन्हें जो निर्देश दिया जाता है, वे वह करते हैं और चले जाते हैं। चले इसलिए जाते हैं , क्योंकि ज्यादा देर तक रुकने में उन्हें कंटेमिनेशन का डर रहता है।

'निगरानी करने वाला डॉक्टर कभी करीब नहीं आता'

अमिताभ के मुताबिक, जिस डॉक्टर की निगरानी में कोविड मरीज का इलाज चल रहा होता है, वह कभी उसके करीब नहीं आता और न ही कोई आश्वासन देता है। वे लिखते हैं- डॉक्टर्स फेसटाइम के जरिए मरीज से मिलते हैं।"

ताजा माहौल के हिसाब से यह भी सही है। लेकिन क्या इसका मानसिक असर पड़ता है? मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि हां पड़ता है। डिस्चार्ज होने के बाद मरीजों को गुस्सा आता है। उन्हें प्रोफेशनल माइंड टॉकर्स से परामर्श मिलता है।

वे बाहर जाने में डरने लगते हैं या उन्हें आशंका होती है कि उनके साथ अलग तरह का व्यवहार किया जाएगा। उन्हें डर होता है कि उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जाएगा, जैसे वे बीमारी को साथ लेकर चल रहे हैं। यह एक पैरिया (छुआछूत) सिंड्रोम है, जो उन्हें उस डिप्रेशन और अकेलेपन में ले जाता है, जिससे वे अभी-अभी बाहर आए हैं।

'चिकित्सा क्षेत्र इतना विकलांग कभी नहीं रहा'

बिग बी की मानें तो बीमारी भले ही आपके सिस्टम से चली जाती है, लेकिन 3-4 सप्ताह तक हल्के बुखार के मामलों को कभी खारिज नहीं किया जाता। वे लिखते हैं- इसका लंबा और छोटा असर यह है कि दुनिया को इस बीमारी की कोई फुल प्रूफ पद्धति नहीं मिली है। हर मामला अलग है। हर दिन एक नया लक्षण ऑब्जरवेशन और रिसर्च के तहत है। इससे पहले चिकित्सा क्षेत्र इतना विकलांग कभी नहीं रहा। सिर्फ एक या दो क्षेत्र में नहीं...बल्कि पूरे यूनिवर्स में। ट्रायल और एरर पहले कभी इतनी डिमांड में नहीं थे।

11 जुलाई को भर्ती हुए थे अमिताभ

77 साल के अमिताभ और उनके 44 वर्षीय बेटे अभिषेक 11 जुलाई से अस्पताल में भर्ती हैं। बिग बी की 46 साल की बहू ऐश्वर्या राय और 8 साल की पोती आराध्या बच्चन भी कोरोना से संक्रमित हैं। दोनों को 17 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल प्रबंधन या बच्चन परिवार की ओर से यह जानकारी अभी भी तक सामने नहीं आई है कि वे कितने दिन और अस्पताल में ही रहेंगे।

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अमिताभ बच्चन 11 जुलाई से अस्पताल में भर्ती हैं।

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