एक्ट्रेस पायल घोष ने अनुराग कश्यप पर #MeeToo के संगीन आरोप लगाए हैं। जिसके बाद से सोशल मीडिया पर अरेस्ट अनुराग कैंपेन भी चलाया जा रहा है। अनुराग के साथ कणिका ढिल्लन और तापसी पन्नू की इन्फॉर्मल फोटोज भी वायरल हो रही है। जिसमें अनुराग उनकी गोद में बैठे नजर आ रहे हैं। ये फोटो फिल्म 'मनमर्जियां' के वक्त की है, जिसकी राइटर कणिका ही थीं। अनुराग पर लगे आरोपों से जुड़े कई सवालों के जवाब कणिका ने दिए।
- मीटू कैंपेन इतना लंबा चलता रहा, तब अनुराग पर संगीन आरोप नहीं लगे। अब लग रहे हैं। क्या कहना चाहेंगी?
कणिका- 'सभी पक्षों और मीटू के संदर्भ में देखा जाए तो यह मूवमेंट मर्दों के लिए भी है। इस अभियान का सही मतलब यह नहीं है कि आप 'विच हंट' में चली जाएं। सिर्फ आरोपों के बेसिस पर किसी को अरेस्ट करने की बात चल पड़े, तो वो ना तो मूवमेंट के लिए और ना ही सभ्य समाज के लिए सही है।'
आगे उन्होंने कहा, 'किसी को उसके किए की सजा मिलनी चाहिए, ना कि किसी के कहे पर सजा मुकर्रर कर देनी चाहिए। किसी के कहे पर किसी को अरेस्ट कर जेल में डालना सही नहीं होगा। जो आरोप लगे हैं, उन पर ड्यू इनवेस्टिगेशन बनती है। उसके बाद अरेस्ट करने की प्रक्रिया होनी चाहिए। यह औरत और मर्द दोनों के लिए है।'
- अनुराग चूंकि एंटी इस्टेबलिशमेंट रहे हैं, कहीं उसके चलते भी तो उन्हें इस तरह के आरोपों के घेरे में लिया जा रहा है?
कणिका-'मैं अनुमान व्यक्त नहीं करना चाहूंगी। बड़ा बेसिक स्टैंड लेते हुए कहना चाहूंगी कि सिर्फ आरोपों के बेसिस पर मीडिया या सोशल मीडिया आपको गुनहगार बोल दे या दोषी करार दे, उससे पहले जांच होनी चाहिए।'
- तापसी और आपके साथ अनुराग की जो फोटोज वायरल हो रही हैं, उन पर क्या कहना चाहेंगी?
कणिका-'हम अनुराग के साथ काम कर चुके हैं। सबका एक कंफर्ट जोन होता है। ऐसे में कोई उन फोटोज पर कैसे जजमेंट दे सकता है, कि फलाने ने ढिमकाने पर ऐसे हाथ कैसे रखा है। दो लोगों ने तस्वीर खिंचवाई है। दोनों कंफर्टेबल हैं, तब वह तस्वीर आई है। मुझे समझ ही नहीं आ रहा, इसमें क्या एंगल है। जब लोग लॉजिक भूल जाते हैं तो इस तरह की चीजों को वायरल किया जाता रहा है।'
- अनुराग आप के साथ किस तरह से पेश आते रहे हैं। वो खाका हम देना चाहते हैं?
कणिका-'मैं बाकी लोगों के अनुभवों को बयान नहीं कर सकती। अपनी बात करूं तो अनुराग के साथ मेरा अनुभव बहुत ही कंफर्टेबल और अच्छा रहा। मैंने कभी भी अनुराग के साथ अनकम्फर्टेबल फील नहीं किया। बहुत ही अच्छा प्रोफेशनल रिलेशन रहा हमारा।'
- ये विच हंट कितना दुर्भाग्यपूर्ण है?
कणिका-'जैसा मैंने कहा, ‘मीटू’ सिर्फ औरतों के लिए नहीं है, दोनों लपेटे में आते हैं। साथ ही अगर बतौर समाज हमने तय कर लिया कि बिना तथ्यों और जांच के किसी को दोषी करार दे दें और आरोप लगाने लगें तो कोई नहीं बचेगा। इसकी निंदा करनी चाहिए।'
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hi wite for you