कंगना के इंडस्‍ट्री विरोधी बयानों पर फूटा प्रोड्यूसर्स, जूनियर आर्टिस्‍ट्स और वर्कर यूनियनों का गुस्‍सा, बोले- वो हर चीज को बढ़ा-चढ़ाकर बताती हैं सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से ही कंगना रनोट लगातार ग्‍लैमर इंडस्‍ट्री को आड़े हाथों ले रही हैं। नेपोटिज्‍म और ग्रुपिज्‍म को लेकर पिछले दो महीनों से लगातार बयानबाजी करने के बाद हाल ही में उन्होंने बॉलीवुड के 90 प्रतिशत से ज्‍यादा लोगों को ड्रग्‍स लेने वाला बता दिया। उनके इस बयान से इंडस्‍ट्री की विभिन्‍न यूनियनें और एसोसिएशन्स नाराज हो गई हैं। सबका कहना है कि कंगना ये ठीक नहीं कर रहीं हैं और इससे बॉलीवुड की छवि धूमिल हो रही है। प्रोड्यूसर्स की सबसे प्रभावी संस्‍था 'इम्‍पा' के प्रमुख टीपी अग्रवाल ने इस बारे में कहा, 'कंगना के बयानों से बॉलीवुड को लेकर लोगों का गलत परसेप्‍शन बन रहा है। इन्वेस्‍टर्स यहां इनवेस्‍ट करने से हाथ खींच सकते हैं। जिसका सीधा नुकसान उन हजारों परिवारों को होगा जिनकी रोजी रोटी फिल्‍में, वेब शोज और सीरियल के निर्माण से जुड़ी हैं। नशा करने वाली बिरादरी मात्र 10 से 15 प्रतिशत ही होगी। लेकिन कंगना उसे बढ़ा-चढ़ा कर 90 से 99 प्रतिशत बता रहीं हैं, जो कि सरासर गलत है।' 'कंगना खुद भी आउटसाइडर हैं। पूरी इंडस्‍ट्री में 80 प्रतिशत आउटसाइडर हैं। उन सबको कभी समय से तो कभी देर से उनका ड्यू मिलता है। इम्‍पा कंगना के इस अतिश्योक्ति वाले बयान की निंदा करता है।' सिने वर्कर्स फेडरेशन प्रमुख बोले- यहां सभी नशेड़ी नहीं हैं सिने वर्कर्स यूनियन फेडरेशन के प्रमुख बीएन तिवारी भी कंगना रनोट के इस बयान को अतिरंजित मानते हैं। वो कहते हैं, 'हमारी इंडस्‍ट्री सबसे ज्‍यादा टैक्‍स देने वालों में से एक है। लोग बढ़-चढ़कर चैरिटी वर्क करते हैं। हजारों लोगों को यहां रोजगार मिलता है। बाकी सेक्‍टर्स में तो मैट्रिक पास वालों की तनख्‍वाह चंद हजार रुपयों में ही होती है, मगर यहां मैट्रिक पास मेकअप मैन से लेकर स्‍पॉट बॉय आदि की सैलरी 30 से 40 हजार रु महीना होती है। बाकी सेक्‍टर्स के मु‍काबले ये सिक्‍युरिटी देता है। ऐसे में इसके बारे में गलत जानकारी देकर इसका नुकसान करना सही नहीं है। नशा करने वाले लोग हैं। उसका मतलब ये नहीं कि हर कोई नशेड़ी है।' स्टंट यूनियन प्रमुख ने कहा- कंगना खुद ड्रग्स लेती थीं स्‍टंट यूनियन के प्रमुख एजाज खान कहते हैं, 'हम कंगना के बयान की निंदा करते हैं। मैं व्‍यक्तिगत तौर पर 1989 से काम कर रहा हूं। काम करते हुए मुझे 31 साल हो गए हैं, ड्रग्‍स वगैरह की बात तो दूर मैंने खुद कभी सिगरेट को हाथ नहीं लगाया। शराब का स्‍वाद कैसा होता है पता नहीं। पर कंगना जैसी एक्‍ट्रेस जो खुद ड्रग्‍स में इंवॉल्‍व रही हैं, को लगता है कि बाकी लोग भी उनकी तरह ही हैं।' लीगल एक्शन लेगा जूनियर आर्टिस्ट एसोसिएशन जूनियर आर्टिस्‍ट एसोसिएशन तो उस चैनल पर भी लीगल एक्‍शन लेने जा रहा है, जिसने यह कहा है कि जूनियर डांसर्स स्‍टार्स तक ड्रग्‍स की सप्‍लाई करते हैं। 70 साल पुरानी जूनियर आर्टिस्‍ट एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट हिमांशु डाभावाला ने कहा, 'हमारे संगठन में 1400 से ज्‍यादा वर्कर्स बैकग्राउंड आर्टिस्‍ट के तौर पर काम करते हैं। कई तो पिछले 70 सालों से काम कर रहे हैं। ड्रग माफिया के सप्‍लायरों के तौर पर हमें जोड़े जाने से हमारी रेप्‍युटेशन पर दाग लगा है। हमारे मेंबर्स के उन कामों में संलिप्‍त होने के सबूत हैं तो वो हमें दिखाएं, अन्‍यथा हम चैनल पर लीगल एक्‍शन लेने वाले हैं।' Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कंगना रनोट ने कहा था कि बॉलीवुड के 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग ड्रग्स लेते हैं। https://ift.tt/3lIrBF7

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सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से ही कंगना रनोट लगातार ग्‍लैमर इंडस्‍ट्री को आड़े हाथों ले रही हैं। नेपोटिज्‍म और ग्रुपिज्‍म को लेकर पिछले दो महीनों से लगातार बयानबाजी करने के बाद हाल ही में उन्होंने बॉलीवुड के 90 प्रतिशत से ज्‍यादा लोगों को ड्रग्‍स लेने वाला बता दिया। उनके इस बयान से इंडस्‍ट्री की विभिन्‍न यूनियनें और एसोसिएशन्स नाराज हो गई हैं। सबका कहना है कि कंगना ये ठीक नहीं कर रहीं हैं और इससे बॉलीवुड की छवि धूमिल हो रही है।

प्रोड्यूसर्स की सबसे प्रभावी संस्‍था 'इम्‍पा' के प्रमुख टीपी अग्रवाल ने इस बारे में कहा, 'कंगना के बयानों से बॉलीवुड को लेकर लोगों का गलत परसेप्‍शन बन रहा है। इन्वेस्‍टर्स यहां इनवेस्‍ट करने से हाथ खींच सकते हैं। जिसका सीधा नुकसान उन हजारों परिवारों को होगा जिनकी रोजी रोटी फिल्‍में, वेब शोज और सीरियल के निर्माण से जुड़ी हैं। नशा करने वाली बिरादरी मात्र 10 से 15 प्रतिशत ही होगी। लेकिन कंगना उसे बढ़ा-चढ़ा कर 90 से 99 प्रतिशत बता रहीं हैं, जो कि सरासर गलत है।'

'कंगना खुद भी आउटसाइडर हैं। पूरी इंडस्‍ट्री में 80 प्रतिशत आउटसाइडर हैं। उन सबको कभी समय से तो कभी देर से उनका ड्यू मिलता है। इम्‍पा कंगना के इस अतिश्योक्ति वाले बयान की निंदा करता है।'

सिने वर्कर्स फेडरेशन प्रमुख बोले- यहां सभी नशेड़ी नहीं हैं

सिने वर्कर्स यूनियन फेडरेशन के प्रमुख बीएन तिवारी भी कंगना रनोट के इस बयान को अतिरंजित मानते हैं। वो कहते हैं, 'हमारी इंडस्‍ट्री सबसे ज्‍यादा टैक्‍स देने वालों में से एक है। लोग बढ़-चढ़कर चैरिटी वर्क करते हैं। हजारों लोगों को यहां रोजगार मिलता है। बाकी सेक्‍टर्स में तो मैट्रिक पास वालों की तनख्‍वाह चंद हजार रुपयों में ही होती है, मगर यहां मैट्रिक पास मेकअप मैन से लेकर स्‍पॉट बॉय आदि की सैलरी 30 से 40 हजार रु महीना होती है। बाकी सेक्‍टर्स के मु‍काबले ये सिक्‍युरिटी देता है। ऐसे में इसके बारे में गलत जानकारी देकर इसका नुकसान करना सही नहीं है। नशा करने वाले लोग हैं। उसका मतलब ये नहीं कि हर कोई नशेड़ी है।'

स्टंट यूनियन प्रमुख ने कहा- कंगना खुद ड्रग्स लेती थीं

स्‍टंट यूनियन के प्रमुख एजाज खान कहते हैं, 'हम कंगना के बयान की निंदा करते हैं। मैं व्‍यक्तिगत तौर पर 1989 से काम कर रहा हूं। काम करते हुए मुझे 31 साल हो गए हैं, ड्रग्‍स वगैरह की बात तो दूर मैंने खुद कभी सिगरेट को हाथ नहीं लगाया। शराब का स्‍वाद कैसा होता है पता नहीं। पर कंगना जैसी एक्‍ट्रेस जो खुद ड्रग्‍स में इंवॉल्‍व रही हैं, को लगता है कि बाकी लोग भी उनकी तरह ही हैं।'

लीगल एक्शन लेगा जूनियर आर्टिस्ट एसोसिएशन

जूनियर आर्टिस्‍ट एसोसिएशन तो उस चैनल पर भी लीगल एक्‍शन लेने जा रहा है, जिसने यह कहा है कि जूनियर डांसर्स स्‍टार्स तक ड्रग्‍स की सप्‍लाई करते हैं। 70 साल पुरानी जूनियर आर्टिस्‍ट एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट हिमांशु डाभावाला ने कहा, 'हमारे संगठन में 1400 से ज्‍यादा वर्कर्स बैकग्राउंड आर्टिस्‍ट के तौर पर काम करते हैं। कई तो पिछले 70 सालों से काम कर रहे हैं। ड्रग माफिया के सप्‍लायरों के तौर पर हमें जोड़े जाने से हमारी रेप्‍युटेशन पर दाग लगा है। हमारे मेंबर्स के उन कामों में संलिप्‍त होने के सबूत हैं तो वो हमें दिखाएं, अन्‍यथा हम चैनल पर लीगल एक्‍शन लेने वाले हैं।'



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हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कंगना रनोट ने कहा था कि बॉलीवुड के 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग ड्रग्स लेते हैं।


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