मद्रास हाई कोर्ट ने ऑस्कर विनर म्यूजिशियन एआर रहमान को नोटिस जारी कर इनकम टैक्स से जुड़े मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। रहमान पर आरोप है कि उन्होंने अपने चैरिटेबल ट्रस्ट एआर रहमान फाउंडेशन के जरिए 3 करोड़ रुपये से ज्यादा की इनकम की थी। ताकि उन्हें इस रकम पर टैक्स न देना पड़े।
यूके बेस्ड कंपनी ने किया था पेमेंट
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के वकील के अनुसार रहमान ने यूके बेस्ड टेलीकॉम कंपनी के साथ स्पेशल रिंगटोन बनाने के लिए 2011-12 में एक कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। जिसके लिए उन्हें 3.47 करोड़ रुपये की इनकम हुई थी। इस कॉन्ट्रैक्ट में रहमान ने कंपनी से कहा था कि वे अमाउंट सीधे उनके चैरिटेबल फाउंडेशन के नाम पर ट्रांसफर करे।
ट्रस्ट को मिली इनकम पर नहीं देना पड़ता टैक्स
रहमान के खिलाफ दायर की गई याचिका में इनकम टैक्स के काउंसिल ने कहा - जिस इनकम पर टैक्स है वह निश्चित रूप से रहमान को देना चाहिए। टैक्स की कटौती के बाद इसे ट्रस्ट को दिया जा सकता है। लेकिन जो रास्ता रहमान ने कमाई के लिए अपनाया वह सही नहीं है क्योंकि इनकम टैक्स एक्ट के तहत ट्रस्ट को मिली आय टैक्स फ्री होती है।
हालांकि इस पूरे मामले में अभी तक रहमान की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
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