रिया चक्रवर्ती ने सुशांत सिंह राजपूत की बहन प्रियंका सिंह, दिल्ली के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ. तरुण कुमार व अन्य के खिलाफ जालसाजी, एनडीपीएस एक्ट और टेलीमेडिसिन प्रैक्टिस गाइडलाइंस-2020 के तहत एफआईआर दर्ज कराई है। रिया ने यह एफआईआर 8 जून को प्रियंका द्वारा सुशांत को वॉट्सऐप पर भेजे गए दवाओं के पर्चे को लेकर की है। उनका आरोप है कि यह पर्चा मिलने के 5 दिन बाद सुशांत की मौत हो गई।
बाइपोलर डिसऑर्डर से जूझ रहे थे सुशांत: रिया
रिया ने एफआईआर में लिखा है कि सुशांत कई तरह की मानसिक बीमारियों से जूझ रहे थे और उनका इलाज चल रहा था। उनके मुताबिक, कई मशहूर डॉक्टर्स ने उन्हें बाइपोलर डिसऑर्डर होने की बात कही थी। रिया का आरोप है कि सुशांत दवाएं लेने के मामले में अनुशासन का पालन नहीं करते थे और कभी भी इन्हें बंद कर देते थे।
'प्रियंका के मैसेज देखकर मैं हैरान रह गई थी'
एक्ट्रेस के मुताबिक, दिसंबर 2019 से 8 जून 2020 तक वे सुशांत के साथ रह रहीं। वे लिखती हैं- 8 जून की सुबह जब मैं उठी तो देखा कि मृतक लगातार फोन पर व्यस्त थे। मैंने चैक किया तो उन्होंने वो मैसेज दिखाए, जो उन्होंने अपनी बहन प्रियंका के साथ एक्सचेंज किए थे। मैं हैरान थी कि प्रियंका ने उन्हें दवाओं की एक लिस्ट भेजी थी।
मैंने मृतक को समझाया कि बीमारी की गंभीरता और पहले से डॉक्टर्स द्वारा दी गई दवाओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें दूसरी दवाएं नहीं लेना चाहिए। खासकर वो दवाएं न लें, जो उनकी बहन ने बताई हैं। क्योंकि उनके पास कोई मेडिकल डिग्री नहीं है।
लेकिन वे मेरी बात से सहमत नहीं हुए। उन्होंने बहन की बताई हुई दवाएं लेने का फैसला लिया। इसके बाद मृतक ने मुझे घर से जाने के लिए कह दिया, क्योंकि उनकी एक अन्य बहन मीतू सिंह वहां आने वाली थीं। इस वजह से मैं बांद्रा के माउंट ब्लैंक स्थित अपने घर आ गई। मैंने मृतक को आखिरी बार उसी दिन (8 जून को) देखा था।
डॉ. तरुण कुमार ने गैरकानूनी तरीके से दवा लिखीं
रिया के मुताबिक, सुशांत ने अपनी बहन से कहा था कि वे बिना डॉक्टर के पर्चे के दवाएं नहीं ले सकते। लेकिन हैरानी की बात यह है कि उनकी बहन ने उसी दिन डॉ. राममनोहर लोहिया के एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ. तरुण कुमार का पर्चा भेज दिया।
बिना कंसलटेशन के दवा देना जालसाजी
रिया ने लिखा है कि हाल ही में 8 जून 2020 को प्रियंका और सुशांत के बीच एक्सचेंज हुए कुछ वॉट्सऐप मैसेज सामने आए, जो बहुत डिस्टर्बिंग है और कई तरह के अपराधों का खुलासा करते हैं। रिया के मुताबिक, किसी मरीज को बिना कंसलटेशन के दवा प्रिस्क्राइब करना एनडीपीएस एक्ट-1985 के तहत जालसाजी है। साथ ही जो दवाएं डॉ. कुमार ने लिखी हैं, वो 25 मार्च 2020 को जारी कि गई टेलीमेडिसिन प्रैक्टिस गाइडलाइंस के तहत प्रतिबंधित हैं।
पर्चा मिलने के पांच दिन बाद सुशांत की मौत हुई
रिया ने अपनी एफआईआर के 16वें पॉइंट में लिखा है कि प्रियंका द्वारा भेजा गया डॉक्टर का पर्चा मिलने के 5 दिन बाद सुशांत की मौत हो गई। इस पर्च में डॉ. कुमार ने उनकी बहन के कहने पर गैरकानूनी रूप से साइकोट्रोपिक दवाइयां लिखी थीं। रिया ने मृतक की मौत और इसके आसपास की परिस्थितियों के साथ प्रियंका, डॉ. तरुण कुमार और अन्य जाने-अनजाने लोगों और किसी भी तरह की साजिश की जांच की मांग की है।
राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में जांच शुरू
रिया की शिकायत के बाद डॉ. राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. तरुण कुमार के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। खबरों की मानें तो 17 सितंबर को इसकी रिपोर्ट सामने आएगी।
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