भास्कर के सवालों से बचती रही अनुराग की वकील प्रियंका, पायल के वकील नितिन ने कहा, हमारे पास सबूत हैं जो दूध का दूध, पानी का पानी कर देंगे एक्ट्रेस पायल घोष ने अनुराग कश्यप पर मॉलेस्टेशन का केस दर्ज कराया है। इस मामले में दैनिक भास्कर ने पायल घोष के वकील नितिन सातपुते और अनुराग कश्यप की वकील प्रियंका खीमानी से बात करने की कोशिश की। नितिन सातपुते ने मामले पर डिटेल में बातचीत की और कहा कि हमारे पास इलेक्ट्रॉनिक सबूत मौजूद हैं और हम दूध का दूध और पानी का पानी कर देंगे लेकिन प्रियंका खीमानी दैनिकभास्कर के सवालों से बचती नजर आईं। 5 घंटे के टालमटोल के बाद प्रियंका ने अपने पीआर से दैनिकभास्कर की रिपोर्टर ज्योति शर्मा को कॉल करवाकर कहलवाया, 'हमें जो स्टेटमेंट देना था, हमने दे दिए हैं। इसके अलावा हम मीडिया के किसी सवाल का जवाब नहीं देंगे।' जब रिपोर्टर ने कहा कि जब प्रियंका को बात नहीं करनी थी तो वह सीधे तौर पर ना कह देतीं तो पीआर ने कहा कि उनके पास बहुत काम है। अनुराग की वकील प्रियंका को हमारे सवालों से कन्नी काट गईं लेकिन पायल घोष के वकील नितिन सातपुते ने बताया कि मामला कब शुरू हुआ? नितिन ने बताया, ‘मामला दिसंबर 2014 और जनवरी 2015 के बीच का है। अनुराग ने पायल को ऑफिस पर बुलाया और उस समय नहीं मिलकर उन्हें दोबारा बुलाया। पायल मिलने पहुंचीं तो अनुराग ने कहा कि आप कपड़े उतारो। उसके बाद उन्हें गलत तरीके से टच करने लगे जिसका पायल ने विरोध किया और बोलीं कि आप क्या कर रहे हैं। फिर अनुराग कहने लगे यह बहुत ही आम बात है, अगर आप इसके लिए दिमागी तौर पर तैयार नहीं है तो फिर बाद में आएं। अनुराग ने पायल से ये भी कहा कि मेरे पास तमाम लोग हैं जो इस तरह की चीजें करते हैं और उनको किसी भी तरह की प्रॉब्लम नहीं होती। शायद आप प्रिपेयर्ड नहीं हो तो आप प्रिपेयर्ड हो जाओ फिर दोबारा आना। उसके बाद पायल वहां से निकल गई। वह बहुत ज्यादा सदमे में थी। -पायल ने घर जाकर फैमिली को बताया, मगर घरवालों ने कहा अभी तुम्हारा करियर शुरू होने जा रहा है। तुम इस तरह के विवाद में मत पड़ो। इस तरह की चीजें होती रहती हैं। मगर अब पायल शिकायत करने के लिए तैयार है और इस केस में उसके पास सबूत भी है। अगर बात इस बात की हो रही है कि पायल अब तक कुछ क्यों नहीं कहा, इसकी वजह यह थी कि उन्हें अपना मुंह बंद करने के लिए लगातार प्रेशराइज किया जा रहा था। -सोशल मीडिया पर पायल ने अपनी आपबीती सुनाई जिसके बाद हमारी बातचीत हुई और मैंने उन्हें समझाया कि सोशल मीडिया पर बोलने से कुछ नहीं होता। आपको उसके लिए लड़ना होता है और मोलेस्टेशन जैसे गुनाहों के लिए सजा होती है।’ जब मीटू मूवमेंट शुरू हुआ था, उस वक्त भी पायल ने सामने आकर कुछ क्यों नहीं कहा? नितिन सातपुते ने कहा, ‘जितनी लड़कियों ने मीटू के दौरान अपनी आवाज उठाई। उनमें से विनता नंदा, तनुश्री दत्ता और डांसर दिव्या कोटियन ने ही कंप्लेंट दर्ज कराई थी। इसके अलावा कुछ लोगों ने कराने की कोशिश की थी तो उनके मुंह बंद करा दिए थे।’ अब तक जितने भी मीटू केसेस कराए गए हैं, उनमें से अब तक किसी को भी न्याय नहीं मिला है। इसके पीछे की वजह क्या है? नितिन बोले, ‘विनता नंदा की बात करें तो अभी भी केस चल रहा है और तनुश्री दत्ता की बात करें तो यह घटना कई लोगों के बीच घटी थी लेकिन किसी ने भी आगे आकर तनुश्री के हक में गवाही देने से इनकार कर दिया। -नाना पाटेकर जैसी शख्सियत और गणेश आचार्य जैसे बड़े कोरियोग्राफर के खिलाफ लोग कुछ भी कहने से डरते हैं। यही कारण है यह सभी मामले अब तक कोर्ट में है। जहां तक बात सजा की है तो कोर्ट जब तक 100% यह नहीं देख लेती कि सामने वाला गुनहगार है और उसके खिलाफ सारे सबूत हैं तब तक वह सजा नहीं देती। यह मामला अलग है क्योंकि इसमें इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस हैं जिसे रिट्रीव करने की कोशिश की जा रही है।’ Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Anurag Kashyap's lawyer Priyanka avoids questions about the case, payal ghosh's lawyer said, we have enough evidences against the filmmaker https://ift.tt/3hSsurB

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एक्ट्रेस पायल घोष ने अनुराग कश्यप पर मॉलेस्टेशन का केस दर्ज कराया है। इस मामले में दैनिक भास्कर ने पायल घोष के वकील नितिन सातपुते और अनुराग कश्यप की वकील प्रियंका खीमानी से बात करने की कोशिश की।

नितिन सातपुते ने मामले पर डिटेल में बातचीत की और कहा कि हमारे पास इलेक्ट्रॉनिक सबूत मौजूद हैं और हम दूध का दूध और पानी का पानी कर देंगे लेकिन प्रियंका खीमानी दैनिकभास्कर के सवालों से बचती नजर आईं।

5 घंटे के टालमटोल के बाद प्रियंका ने अपने पीआर से दैनिकभास्कर की रिपोर्टर ज्योति शर्मा को कॉल करवाकर कहलवाया, 'हमें जो स्टेटमेंट देना था, हमने दे दिए हैं। इसके अलावा हम मीडिया के किसी सवाल का जवाब नहीं देंगे।'

जब रिपोर्टर ने कहा कि जब प्रियंका को बात नहीं करनी थी तो वह सीधे तौर पर ना कह देतीं तो पीआर ने कहा कि उनके पास बहुत काम है।

अनुराग की वकील प्रियंका को हमारे सवालों से कन्नी काट गईं लेकिन पायल घोष के वकील नितिन सातपुते ने बताया कि मामला कब शुरू हुआ?

नितिन ने बताया, ‘मामला दिसंबर 2014 और जनवरी 2015 के बीच का है। अनुराग ने पायल को ऑफिस पर बुलाया और उस समय नहीं मिलकर उन्हें दोबारा बुलाया। पायल मिलने पहुंचीं तो अनुराग ने कहा कि आप कपड़े उतारो। उसके बाद उन्हें गलत तरीके से टच करने लगे जिसका पायल ने विरोध किया और बोलीं कि आप क्या कर रहे हैं। फिर अनुराग कहने लगे यह बहुत ही आम बात है, अगर आप इसके लिए दिमागी तौर पर तैयार नहीं है तो फिर बाद में आएं।

अनुराग ने पायल से ये भी कहा कि मेरे पास तमाम लोग हैं जो इस तरह की चीजें करते हैं और उनको किसी भी तरह की प्रॉब्लम नहीं होती। शायद आप प्रिपेयर्ड नहीं हो तो आप प्रिपेयर्ड हो जाओ फिर दोबारा आना। उसके बाद पायल वहां से निकल गई। वह बहुत ज्यादा सदमे में थी।

-पायल ने घर जाकर फैमिली को बताया, मगर घरवालों ने कहा अभी तुम्हारा करियर शुरू होने जा रहा है। तुम इस तरह के विवाद में मत पड़ो। इस तरह की चीजें होती रहती हैं। मगर अब पायल शिकायत करने के लिए तैयार है और इस केस में उसके पास सबूत भी है। अगर बात इस बात की हो रही है कि पायल अब तक कुछ क्यों नहीं कहा, इसकी वजह यह थी कि उन्हें अपना मुंह बंद करने के लिए लगातार प्रेशराइज किया जा रहा था।

-सोशल मीडिया पर पायल ने अपनी आपबीती सुनाई जिसके बाद हमारी बातचीत हुई और मैंने उन्हें समझाया कि सोशल मीडिया पर बोलने से कुछ नहीं होता। आपको उसके लिए लड़ना होता है और मोलेस्टेशन जैसे गुनाहों के लिए सजा होती है।’

जब मीटू मूवमेंट शुरू हुआ था, उस वक्त भी पायल ने सामने आकर कुछ क्यों नहीं कहा?

नितिन सातपुते ने कहा, ‘जितनी लड़कियों ने मीटू के दौरान अपनी आवाज उठाई। उनमें से विनता नंदा, तनुश्री दत्ता और डांसर दिव्या कोटियन ने ही कंप्लेंट दर्ज कराई थी। इसके अलावा कुछ लोगों ने कराने की कोशिश की थी तो उनके मुंह बंद करा दिए थे।’

अब तक जितने भी मीटू केसेस कराए गए हैं, उनमें से अब तक किसी को भी न्याय नहीं मिला है। इसके पीछे की वजह क्या है?

नितिन बोले, ‘विनता नंदा की बात करें तो अभी भी केस चल रहा है और तनुश्री दत्ता की बात करें तो यह घटना कई लोगों के बीच घटी थी लेकिन किसी ने भी आगे आकर तनुश्री के हक में गवाही देने से इनकार कर दिया।

-नाना पाटेकर जैसी शख्सियत और गणेश आचार्य जैसे बड़े कोरियोग्राफर के खिलाफ लोग कुछ भी कहने से डरते हैं। यही कारण है यह सभी मामले अब तक कोर्ट में है। जहां तक बात सजा की है तो कोर्ट जब तक 100% यह नहीं देख लेती कि सामने वाला गुनहगार है और उसके खिलाफ सारे सबूत हैं तब तक वह सजा नहीं देती। यह मामला अलग है क्योंकि इसमें इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस हैं जिसे रिट्रीव करने की कोशिश की जा रही है।’



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