भूमि ने बताई क्या है उनका सरनेम पेडणेकर होने की वजह, 400 साल पुराने कुल देवी के मंदिर के दर्शन करने गोवा के 'पेडणे गांव' पहुंचीं फिल्म इंडस्ट्री में अभी बहुत कुछ नॉर्मल होना बाकी है। कई स्टार्स इन दिनों शूटिंग से दूर हैं। ऐसे में वे अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं। भूमि पेडणेकर भी अपने परिवार के साथ कुलदेवी के मंदिर दर्शन करने पहुंचीं। भूमि का यह गांव 'पेडणे' गोवा में है। भूमि ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर कई फोटो और वीडियो शेयर किए और बताया कि इस मंदिर परिसर के पास ही उनका पुश्तैनी घर है। मंदिर के पास है पुश्तैनी घर फोटोज के साथ भूमि ने लिखा- हमारे गांव में तीर्थस्थल को पेडणे कहते हैं। यह तीर्थ स्थान तीन मंदिरों को मिलाकर बना है। मौलि देवी मंदिर, भगवती देवी मंदिर और रावल नाथ मंदिर। ये मंदिर 300 से 400 साल पुराने हैं। रावल नाथ मंदिर की किताबों में पेडणेकरों का जो सबसे पुराना जिक्र मिलता है, वह 1902 का है। मंदिर कहानियों से भरा हुआ है। यहां पानी की औषधीय धाराएं हैं और स्वस्थ करने वाली और ऊर्जा देने वाली हैं। यहां पर जब भी आते हैं तो कुछ सीखने को मिलता है। सांस्कृतिक नजरिए से भरी-पूरी अपनी वंशावली के लिए मैं शुक्रगुजार हूं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Bhumi told what is the reason for his surname Pednekar https://ift.tt/3bUiM6H

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फिल्म इंडस्ट्री में अभी बहुत कुछ नॉर्मल होना बाकी है। कई स्टार्स इन दिनों शूटिंग से दूर हैं। ऐसे में वे अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं। भूमि पेडणेकर भी अपने परिवार के साथ कुलदेवी के मंदिर दर्शन करने पहुंचीं। भूमि का यह गांव 'पेडणे' गोवा में है। भूमि ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर कई फोटो और वीडियो शेयर किए और बताया कि इस मंदिर परिसर के पास ही उनका पुश्तैनी घर है।

मंदिर के पास है पुश्तैनी घर

फोटोज के साथ भूमि ने लिखा- हमारे गांव में तीर्थस्थल को पेडणे कहते हैं। यह तीर्थ स्थान तीन मंदिरों को मिलाकर बना है। मौलि देवी मंदिर, भगवती देवी मंदिर और रावल नाथ मंदिर। ये मंदिर 300 से 400 साल पुराने हैं। रावल नाथ मंदिर की किताबों में पेडणेकरों का जो सबसे पुराना जिक्र मिलता है, वह 1902 का है।

मंदिर कहानियों से भरा हुआ है। यहां पानी की औषधीय धाराएं हैं और स्वस्थ करने वाली और ऊर्जा देने वाली हैं। यहां पर जब भी आते हैं तो कुछ सीखने को मिलता है। सांस्कृतिक नजरिए से भरी-पूरी अपनी वंशावली के लिए मैं शुक्रगुजार हूं।



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