एक्ट्रेस कंगना रनोट के पाली स्थित दफ्तर में तोड़फोड़ की कार्रवाई के संबंध में गुरुवार दोपहर तीन बजे हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। ऑफिस धराशाही होने के तुरंत बाद कंगना के वकील रिजवान सिद्दीकी ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। डिवीजन बेंच में शामिल न्यायाधीश एसजे कथावाला और आरआई छगला ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की कार्रवाई पर रोक (स्टे) लगा दी और मामले पर गुरुवार को सुनवाई करने की बात कही थी। एक्ट्रेस आज अपने ऑफिस भी पहुंच सकती हैं। वे यहां तोड़फोड़ से हुए नुकसान काे देखेंगी। इस बीच, यह जानकारी सामने आ रही है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इस मामले में मुख्यमंत्री के सलाहकार से जवाब तलब किया है। वे इस कार्रवाई की रिपोर्ट केंद्र को भी भेज सकते हैं।
कंगना के वकील सिद्दीकी ने दलील देते हुए बीएमसी की कार्रवाई को गैरकानूनी, मनमानी, दुर्भावनापूर्ण और न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन बताया। हाईकोर्ट ने बीएमसी को निर्देश दिया कि वह 9 सितंबर को तोड़फाेड़ के आदेश को चुनौती देने वाली कंगना की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करें। जब तक स्टे ऑर्डर आया, तब तक कंगना के कार्यालय परिसर एक बड़ा हिस्सा गिराया जा चुका था। बीएमसी कार्यकारी अभियंता ने यह कहते हुए कार्रवाई का आदेश दिया कि वह पूरी तरह आश्वस्त हैं कि अवैध निर्माण किया गया है।
सामने आया बीएमसी का दोहरा रवैया
कंगना के ऑफिस को तोड़ने से पहले सोमवार को फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा के बंगले पर अवैध निर्माण को लेकर ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया गया था। बीएमसी ने उन्हें 7 दिन का समय दिया था और कंगना को सिर्फ 24 घंटे का वक्त दिया गया। नोटिस में मल्होत्रा के बंगले में अवैध निर्माण कार्य की बात कही गई है।
सीएम ठाकरे और बॉलीवुड पर लगातार हमलावर हैं कंगना
अभिनेत्री कंगना बुधवार को चंडीगढ़ से मुंबई पहुंची। इसी दौरान हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। कंगना के ऑफिस को गिराए जाने के कुछ घंटे के अंदर ही ट्विटर युद्ध छिड़ गया और राजनैतिक गलियारों में भी माहौल गरमा गया। कंगना ने ट्वीट करते हुए कहा- ‘उद्धव ठाकरे और करण जौहर गैंग, आओ तुम मेरे वर्क प्लेस को तोड़ दो। मेरा घर तोड़ो, फिर मेरा चेहरा और शरीर तोड़ो। मैं चाहती हूं कि दुनिया साफतौर पर देखे कि तुम क्या करोगे। मैं मरूं या जीऊं, मैं तुम्हारी बेपरवाही को बेनकाब कर दूंगी।’
इससे पहले एक अन्य ट्वीट में कंगना ने कहा- ‘बीते 24 घंटे में मेरे ऑफिस को अचानक अवैध घोषित कर दिया गया। फर्नीचर और लाइट समेत सब कुछ तोड़ दिया था। अब मुझे धमकियां मिल रही हैं कि वे मेरे घर आएंगे और इसे भी तोड़ देंगे। मुझे खुशी है कि फिल्म माफिया की पसंदीदा दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री पर मेरा फैसला सही था।’
राकांपा ने कार्रवाई से झाड़ा पल्ला
बीएमसी की कार्रवाई शिवसेना सरकार पर उल्टे दांव की तरह पड़ती नजर आ रही है। महाराष्ट्र में शिवसेना की गठबंधन सरकार में सहयोगी दल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने इस विवाद से पल्ला झाड़ लिया है। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि बीएमसी की कार्रवाई ने अनावश्यक रूप से कंगना को बोलने का मौका दे दिया है। मुंबई में कई अन्य अवैध निर्माण हैं। यह देखने की जरूरत है कि अधिकारियों ने यह निर्णय क्यों लिया। उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि मुंबई पुलिस सुरक्षा के लिए काम करती है।
कंगना के समर्थन में आगे आई भाजपा
विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने इसे महाराष्ट्र सरकार द्वारा ‘कायरता और प्रतिशोध का एक कार्य’ कहा। बीएमसी की कार्रवाई पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अगर अवैध निर्माण है तो जरूर कार्रवाई होनी चाहिए। किसी ने आपके खिलाफ बात कही, इसलिए अगर आप तब कार्रवाई करते हो तो ये कायरता है, बदले की भावना है और महाराष्ट्र में इस तरह की भावना का कोई सम्मान नहीं हो सकता।
शिवसेना सांसद और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने कहा- ‘मैंने कंगना रनोट को कभी धमकी नहीं दी। मैंने मुंबई को पीओके के साथ तुलना करने पर अपना गुस्सा जाहिर किया था। मामला खत्म हो गया है और उनका मुंबई में रहने के लिए स्वागत है।’
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