फिल्ममेकर्स बोले- हम टैलेंट की वजह से एक्टर्स के साथ काम करते हैं, ना कि इसके लिए कि वे निजी समय का इस्‍तेमाल कैसे करते हैं सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद सामने आए ड्रग्स केस में बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण, सारा अली खान और श्रद्धा कपूर का नाम सामने आया है, हालांकि इसके बावजूद इंडस्ट्री के लोगों का समर्थन उन्हें मिल रहा है। कई फिल्ममेकर्स ने उन पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया है जिसमें कहा जा रहा है कि बॉलीवुड बिरादरी ‘ड्रग्‍स कार्टेल’ के कंट्रोल में है। ऐसे तमाम आरोपों को उन्‍होंने निराधार और अनर्गल बताया है। दीपिका पादुकोण के साथ के साथ ‘रेस 2’ बना चुके रमेश तौरानी ने दो टूक शब्दों में कहा, 'ड्रग्‍स कार्टेल या पाब्‍लो एस्‍कोबार जैसा कोई हमें कंट्रोल कर रहा है, ये सब मनगढंत और अनाप-शनाप आरोप हैं। कई दशकों से हम काम कर रहे हैं और दावे के साथ कह रहा हूं कि इससे ट्रांसपरेंट जगह और कोई नहीं। बाकी तो जांच एजेंसियां काफी पेशेवर हैं, वो सच बाहर निकाल ही लेंगी। मैं आगे भी दीपिका के साथ काम करता रहूंगा।' कबीर खान ने बकवास बताया कबीर खान ने कहा, 'यह कॉमन सेंस का मसला है। क्‍या ऐसा हो सकता है भला। सोचने वाली बात है। ये बातें पूरी तरह से बकवास हैं।' सारे आरोप कल्पना से परे हैं तापसी और भूमि के साथ ‘सांड की आंख’ बना चुकीं निधि परमार की भी कुछ यही राय है। वो कहती हैं, 'मैं पिछले 20 सालों से इंडस्‍ट्री में हूं। मैंने इस तरह की बकवास कभी नहीं सुनी कि कार्टेल का क्‍वॉन जैसी बाकी टैलेंट एजेंसियों पर कंट्रोल है। यह भी कि वो टैलेंट एजेंसियां इतनी प्रभावशाली हैं कि उनका हर प्रोड्यूसर के काम में दखल है। यह एक बिल्‍कुल अजीब आरोप है। जो कल्‍पना से परे है।' ऐसा होता तो इंडस्‍ट्री में नए एक्‍टर, डायरेक्‍टर या प्रोड्यूसर्स को एंट्री नहीं मिलती। वो स्‍थापित नहीं हो पाते। रहा सवाल ड्रग्‍स की खपत का तो वो बिल्कुल मुमकिन है। वो नशे की लत या मनोरंजन के लिए शायद किया जाता हो। बाकी मैं तो सोच भी नहीं सकती या पता भी नहीं लगा सकती कि वाकई में ड्रग्‍स कार्टेल या माफिया हमारी इंडस्‍ट्री को चला रहे हों।' मेकर्स को सिर्फ टैलेंट से मतलब जी स्‍टूडियो के प्रमुख शारिक पटेल के मुताबिक, 'एक तो खैर यह सोचना भी बेमतलब सा है कि ड्रग्‍स माफिया कंट्रोल कर रहे होंगे। दूसरा यह की मेकर्स को एक्‍टरों के टैलेंट से मतलब है, उनकी आदतों से नहीं। जब तक एक्‍टर्स सेट पर अपना काम सही ढंग से कर रहे हैं, तो मेकर्स को क्‍या प्रॉब्‍लम होगी। अगर हम लोग सोशल मीडिया के ट्रोलर्स से अपने फैसले लेने लगें तब तो एक कदम काम नहीं कर पाएंगे।' ऐसे आरोप ज्यादातर बकवास होते हैं प्रीतीश नंदी बोले, 'ड्रग्‍स कार्टेल बकवास है। ऐसा हर्गिज नहीं है। एकाध उपयोग करते होंगे, पर इंडस्‍ट्री में एक समानांतर सिस्‍टम काम कर रहा हो, ऐसा कतई नहीं है। हम ऐसा सोच भी कैसे सकते हैं? रहा सवाल तीनों एक्‍ट्रेसेज के साथ काम करने का तो मैं निश्चित रूप से दीपिका, श्रद्धा और सारा के साथ काम करूंगा। क्योंकि मैं उनकी प्रतिभा के लिए उनका सम्मान करता हूं, ना कि इसके लिए कि वो निजी समय का इस्‍तेमाल कैसे करती हैं। मेरा अपना अनुभव है कि इस तरह के ज्यादातर आरोप आमतौर पर बकवास होते हैं।' कई देशों में वैध हैं ये सब दवाएं 'बॉलीवुड को इस तरह की बकवास को नजरअंदाज करना चाहिए और काम पर वापस जाना चाहिए। लाखों लोगों को अपने परिवारों को खिलाने के लिए और अपना किराया खर्च करने के लिए कमाने की जरूरत है। ड्रग्स से उनका कोई लेना-देना नहीं है। और जिन दवाओं को लेकर ये सब आरोप लग रहे हैं, वे ऐसी दवाएं हैं जो दुनिया के अधिकांश हिस्सों में वैध हैं।' ट्रेड पंडितों के भी अपने सवाल हैं। वो ये कि अगर ड्रग्‍स माफिया है तो इतने सालों से एनसीबी धड़पकड़ क्‍यों नहीं कर रही थी। क्‍या वो सब सुशांत की मौत का इंतजार कर रहे थे, कि उसके बाद ही सारे राज खुलेंगे। कहीं न कहीं बॉलीवुड को बदनाम करने की साजिशें भी चल रही हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Makers coming in support of Deepika, Sara, Shraddhha and declares rubbishes drugs cartel controlling Bollywood https://ift.tt/349pGBz

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सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद सामने आए ड्रग्स केस में बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण, सारा अली खान और श्रद्धा कपूर का नाम सामने आया है, हालांकि इसके बावजूद इंडस्ट्री के लोगों का समर्थन उन्हें मिल रहा है। कई फिल्ममेकर्स ने उन पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया है जिसमें कहा जा रहा है कि बॉलीवुड बिरादरी ‘ड्रग्‍स कार्टेल’ के कंट्रोल में है। ऐसे तमाम आरोपों को उन्‍होंने निराधार और अनर्गल बताया है।

दीपिका पादुकोण के साथ के साथ ‘रेस 2’ बना चुके रमेश तौरानी ने दो टूक शब्दों में कहा, 'ड्रग्‍स कार्टेल या पाब्‍लो एस्‍कोबार जैसा कोई हमें कंट्रोल कर रहा है, ये सब मनगढंत और अनाप-शनाप आरोप हैं। कई दशकों से हम काम कर रहे हैं और दावे के साथ कह रहा हूं कि इससे ट्रांसपरेंट जगह और कोई नहीं। बाकी तो जांच एजेंसियां काफी पेशेवर हैं, वो सच बाहर निकाल ही लेंगी। मैं आगे भी दीपिका के साथ काम करता रहूंगा।'

कबीर खान ने बकवास बताया

कबीर खान ने कहा, 'यह कॉमन सेंस का मसला है। क्‍या ऐसा हो सकता है भला। सोचने वाली बात है। ये बातें पूरी तरह से बकवास हैं।'

सारे आरोप कल्पना से परे हैं

तापसी और भूमि के साथ ‘सांड की आंख’ बना चुकीं निधि परमार की भी कुछ यही राय है। वो कहती हैं, 'मैं पिछले 20 सालों से इंडस्‍ट्री में हूं। मैंने इस तरह की बकवास कभी नहीं सुनी कि कार्टेल का क्‍वॉन जैसी बाकी टैलेंट एजेंसियों पर कंट्रोल है। यह भी कि वो टैलेंट एजेंसियां इतनी प्रभावशाली हैं कि उनका हर प्रोड्यूसर के काम में दखल है। यह एक बिल्‍कुल अजीब आरोप है। जो कल्‍पना से परे है।'

ऐसा होता तो इंडस्‍ट्री में नए एक्‍टर, डायरेक्‍टर या प्रोड्यूसर्स को एंट्री नहीं मिलती। वो स्‍थापित नहीं हो पाते। रहा सवाल ड्रग्‍स की खपत का तो वो बिल्कुल मुमकिन है। वो नशे की लत या मनोरंजन के लिए शायद किया जाता हो। बाकी मैं तो सोच भी नहीं सकती या पता भी नहीं लगा सकती कि वाकई में ड्रग्‍स कार्टेल या माफिया हमारी इंडस्‍ट्री को चला रहे हों।'

मेकर्स को सिर्फ टैलेंट से मतलब

जी स्‍टूडियो के प्रमुख शारिक पटेल के मुताबिक, 'एक तो खैर यह सोचना भी बेमतलब सा है कि ड्रग्‍स माफिया कंट्रोल कर रहे होंगे। दूसरा यह की मेकर्स को एक्‍टरों के टैलेंट से मतलब है, उनकी आदतों से नहीं। जब तक एक्‍टर्स सेट पर अपना काम सही ढंग से कर रहे हैं, तो मेकर्स को क्‍या प्रॉब्‍लम होगी। अगर हम लोग सोशल मीडिया के ट्रोलर्स से अपने फैसले लेने लगें तब तो एक कदम काम नहीं कर पाएंगे।'

ऐसे आरोप ज्यादातर बकवास होते हैं

प्रीतीश नंदी बोले, 'ड्रग्‍स कार्टेल बकवास है। ऐसा हर्गिज नहीं है। एकाध उपयोग करते होंगे, पर इंडस्‍ट्री में एक समानांतर सिस्‍टम काम कर रहा हो, ऐसा कतई नहीं है। हम ऐसा सोच भी कैसे सकते हैं? रहा सवाल तीनों एक्‍ट्रेसेज के साथ काम करने का तो मैं निश्चित रूप से दीपिका, श्रद्धा और सारा के साथ काम करूंगा। क्योंकि मैं उनकी प्रतिभा के लिए उनका सम्मान करता हूं, ना कि इसके लिए कि वो निजी समय का इस्‍तेमाल कैसे करती हैं। मेरा अपना अनुभव है कि इस तरह के ज्यादातर आरोप आमतौर पर बकवास होते हैं।'

कई देशों में वैध हैं ये सब दवाएं

'बॉलीवुड को इस तरह की बकवास को नजरअंदाज करना चाहिए और काम पर वापस जाना चाहिए। लाखों लोगों को अपने परिवारों को खिलाने के लिए और अपना किराया खर्च करने के लिए कमाने की जरूरत है। ड्रग्स से उनका कोई लेना-देना नहीं है। और जिन दवाओं को लेकर ये सब आरोप लग रहे हैं, वे ऐसी दवाएं हैं जो दुनिया के अधिकांश हिस्सों में वैध हैं।'

ट्रेड पंडितों के भी अपने सवाल हैं। वो ये कि अगर ड्रग्‍स माफिया है तो इतने सालों से एनसीबी धड़पकड़ क्‍यों नहीं कर रही थी। क्‍या वो सब सुशांत की मौत का इंतजार कर रहे थे, कि उसके बाद ही सारे राज खुलेंगे। कहीं न कहीं बॉलीवुड को बदनाम करने की साजिशें भी चल रही हैं।



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