सुशांत के जीजा विशाल ने लिखा- एक पल मुस्कुराते हैं लेकिन अगले ही पल खुद से पूछते हैं भाई को खोने के बाद हमें मुस्कुराने का हक है 14 सितंबर को सुशांत को गुजरे तीन महीने बीत चुके हैं। पूरा देश उनकी मौत के सदमे से बाहर नहीं आ सका है तो उनके परिवार की हालत समझी जा सकती है। इसी बीच सुशांत के जीजा ने उन्हें याद करते हुए कुछ बातें शेयर कीं। विशाल ने लिखा- पेड पीआर गिमिक्स की जगह मैंने उस वक्त को साझा करना जरूरी समझा जो हमने सुशांत के साथ बिताया है। विशाल ने लिखा- केस के बारे में लिखने की बजाय मैं कुछ बीती हुई चीजों के बारे में लिखूंगा। क्योंकि मैं और श्वेता इंडिया में नहीं रहते थे तो हम सुशांत से फेस टाइम और वॉट्सऐप पर बात किया करते थे। हमारे पास उसी फेस टाइम कन्वर्सेशन का एक क्यूट सा स्क्रीनशॉट है। अपने ब्लॉग में विशाल ने वॉरियर्स फॉर एसएसआर के साथ बनी अपनी एक्सटेंडेड फैमिली का भी शुक्रिया किया जो सुशांत को न्याय दिलाने के लिए साथ खड़ी है। घाव भरने में समय भी शायद ही मदद कर पाए विशाल ने लिखा- कभी सोचा न था, उस लॉस के तीन महीने, जो हुआ उसका आज भी भरोसा नहीं। हम अभी तक सदमे में हैं। हमारे बच्चे कुछ करते हैं तो हम हंसते हैं, लेकिन फिर एक आत्मग्लानि की लहर उठती है। ये सोचकर कि क्या अपने भाई को खोने के बाद हमें मुस्कुराने का हक है। हमें वापस नॉर्मल होने में बहुत समय लगेगा और मुझे पूरा यकीन है कि हम कभी भी पहले जैसे नहीं हो पाएंगे, लेकिन हम कोशिश करते रहेंगे और उम्मीद है कि समय मदद करेगा। सुशांत को बताया प्रोटेक्टिव ब्रदर विशाल ने एक किस्सा शेयर करते हुए लिखा- जब मैंने और श्वेता ने कॉलेज टाइम में डेटिंग शुरू की थी तब सुशांत एक टिपिकल प्रोटेक्टिव भाई की तरह मुझसे सवाल पूछते थे कि श्वेता को लेकर मेरा इंटेंशन क्या है। हमने उन्हें भरोसा दिलाया कि इस रिश्ते को लेकर हम सीरियस हैं। लेकिन वे तब तक नहीं माने जब तक मैं 2007 में श्वेता से शादी करने के लिए यूएस से वापस नहीं आ गया। उसके बाद तो सब इतिहास है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Sushant's brother-in-law Vishal singh wrote on day of his third month of demise- we smile but suddenly a wave of guilt takes over https://ift.tt/3hCPBGx

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14 सितंबर को सुशांत को गुजरे तीन महीने बीत चुके हैं। पूरा देश उनकी मौत के सदमे से बाहर नहीं आ सका है तो उनके परिवार की हालत समझी जा सकती है। इसी बीच सुशांत के जीजा ने उन्हें याद करते हुए कुछ बातें शेयर कीं। विशाल ने लिखा- पेड पीआर गिमिक्स की जगह मैंने उस वक्त को साझा करना जरूरी समझा जो हमने सुशांत के साथ बिताया है।

विशाल ने लिखा- केस के बारे में लिखने की बजाय मैं कुछ बीती हुई चीजों के बारे में लिखूंगा। क्योंकि मैं और श्वेता इंडिया में नहीं रहते थे तो हम सुशांत से फेस टाइम और वॉट्सऐप पर बात किया करते थे। हमारे पास उसी फेस टाइम कन्वर्सेशन का एक क्यूट सा स्क्रीनशॉट है। अपने ब्लॉग में विशाल ने वॉरियर्स फॉर एसएसआर के साथ बनी अपनी एक्सटेंडेड फैमिली का भी शुक्रिया किया जो सुशांत को न्याय दिलाने के लिए साथ खड़ी है।

घाव भरने में समय भी शायद ही मदद कर पाए

विशाल ने लिखा- कभी सोचा न था, उस लॉस के तीन महीने, जो हुआ उसका आज भी भरोसा नहीं। हम अभी तक सदमे में हैं। हमारे बच्चे कुछ करते हैं तो हम हंसते हैं, लेकिन फिर एक आत्मग्लानि की लहर उठती है। ये सोचकर कि क्या अपने भाई को खोने के बाद हमें मुस्कुराने का हक है। हमें वापस नॉर्मल होने में बहुत समय लगेगा और मुझे पूरा यकीन है कि हम कभी भी पहले जैसे नहीं हो पाएंगे, लेकिन हम कोशिश करते रहेंगे और उम्मीद है कि समय मदद करेगा।

सुशांत को बताया प्रोटेक्टिव ब्रदर

विशाल ने एक किस्सा शेयर करते हुए लिखा- जब मैंने और श्वेता ने कॉलेज टाइम में डेटिंग शुरू की थी तब सुशांत एक टिपिकल प्रोटेक्टिव भाई की तरह मुझसे सवाल पूछते थे कि श्वेता को लेकर मेरा इंटेंशन क्या है। हमने उन्हें भरोसा दिलाया कि इस रिश्ते को लेकर हम सीरियस हैं। लेकिन वे तब तक नहीं माने जब तक मैं 2007 में श्वेता से शादी करने के लिए यूएस से वापस नहीं आ गया। उसके बाद तो सब इतिहास है।



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Sushant's brother-in-law Vishal singh wrote on day of his third month of demise- we smile but suddenly a wave of guilt takes over


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