फिल्ममेकर महेश भट्ट एक बार फिर विवादों में फंस गए हैं। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में रिया चक्रवर्ती के साथ उनकी बातचीत के कुछ स्क्रीनशॉट सामने आए हैं। यह स्क्रीनशॉट 8 जून के हैं जब रिया ने सुशांत का घर छोड़ दिया था। रिया ने भट्ट को इस बात की जानकारी मैसेज करके दी थी जिसके बाद महेश भट्ट ने उन्हें पीछे ना मुड़कर देखने की सलाह दी थी।
इससे पहले भी खबरें थीं कि महेश भट्ट ही वो शख्स हैं जिन्होंने रिया से कहा था कि वो सुशांत से दूरी बना लें। रिया ने ऐसा ही किया और 8 जून को सुशांत से दूर हो गईं जिसके बाद 14 जून को रहस्यमयी हालत में सुशांत की मौत हो गई।
वैसे, ये पहला मौका नहीं है जब महेश भट्ट विवादों में फंसे हों। विवाद उनकी जिंदगी का हिस्सा रहे हैं। खासकर बॉलीवुड एक्ट्रेस परवीन बाबी से उनका रिश्ता भी कम विवादित नहीं था। करिश्मा उपाध्याय ने एक्ट्रेस पर एक किताब 'परवीन बाबी' लिखी है जो जल्द ही रिलीज होने वाली है। इस किताब में महेश भट्ट ने परवीन के साथ अपने रिश्ते पर खुलकर बात की है।
यूं जिंदगी में आईं परवीन
महेश भट्ट ने इस किताब में बताया है कि परवीन बाबी उनके दोस्त कबीर बेदी की गर्लफ्रेंड हुआ करती थीं। दोनों का रिश्ता ठीक नहीं चल रहा था तब परवीन अपने करियर पर फोकस करने के लिए लंदन चली गई थीं। वहां से वापस आने पर परवीन ने उन्हें बातचीत करने के लिए घर बुलाया गया था।
यहीं से परवीन से उनके रिश्ते की शुरुआत हुई थी। महेश भट्ट ने इस मुलाकात का जिक्र करते हुए किताब में कहा है, 'उस शाम दो दोस्तों की बातें गहराती गईं और फिर खामोशी में सुकून मिलने लगा। हमारे बीच का आकर्षण दिल छू लेने वाला था।'
महेश और परवीन का रिश्ता तकरीबन दो साल चला था। दोनों लिव इन में रहा करते थे। महेश भट्ट अपनी पहली पत्नी लोरिएन (किरण भट्ट) और बेटी पूजा भट्ट को छोड़कर परवीन के पास गए थे। उन्हें इस बात का अपराध बोध था। यही वजह है कि परवीन को छोड़कर महेश भट्ट ने वापस बीवी और बेटी के पास लौटने की ठान ली।
महेश भट्ट ने किताब में किस्सा सुनाते हुए कहा, 'जब मैंने यह फैसला किया और घर से निकलने लगा तो परवीन मुझे सी-ऑफ तक करने नहीं आईं। घर के दरवाजे तक पहुंचने पर उन्होंने मेरा नाम पुकारा। जब मैं बेडरूम के दरवाजे तक पहुंचा तो परवीन बेड पर लेटकर मेरा इंतजार कर रही थीं। कमरे में खामोशी थी और उस समय शब्दों की जरूरत ही नहीं थी।'
सिजोफ्रेनिया से पीड़ित थीं परवीन
महेश भट्ट ने किताब में परवीन की मानसिक बीमारी को लेकर बात की है। उन्होंने कहा, एक बार परवीन कमरे की फ्लोर पर कोने में चिपककर लेटी हुई थीं। उन्होंने अपनी फिल्म का ही एक कॉस्टयूम पहना हुआ था। हाथ में चाकू पकड़ी हुई थीं जिसे वह अक्सर ब्रेकफास्ट बनाते वक्त उपयोग करती थीं। जब मैं उनकी तरफ बढ़ा तो परवीन बोलीं-वो लोग मुझे मार देंगे और उन्होंने अमिताभ बच्चन का नाम लिया और कहा-जानते हैं आप नादान इंसान हैं। वो लोग मेरे ऊपर झूमर गिरा देंगे।
ये पहला वाक्या था जिससे महेश बुरी तरह हिल गए। उन्होंने परवीन का ये रूप पहले कभी नहीं देखा था। फिर अक्सर ही परवीन ऐसी हरकतें करने लगीं। डॉक्टरों को दिखाने के कुछ दिन बाद पता चला कि उन्हें सिजोफ्रेनिया नाम की मानसिक बीमारी है। तमाम इलाज के बावजूद परवीन की ये बीमारी ठीक होने का नाम नहीं ले रही थी।
उनके दिल में ये डर बैठ गया था कि कोई उन्हें मारना चाहता है। कुछ समय बाद तो परवीन को लगने लगा था कि उनकी कार में बम रखा है, वो एसी की आवाज तक से डर जाती थीं। परवीन की ऐसी स्थिति देखकर उन्हें कमरे में ही बंद रखा जाने लगा। महेश ने अमेरिका तक में उनका इलाज करवाया, लेकिन वो ठीक नहीं हुईं। इससे परेशान होकर महेश ने परवीन को छोड़ दिया और पहली पत्नी किरण के पास वापस लौट आए।
परवीन ने अपनी जिंदगी के अंतिम दिन अकेले ही काटे और जनवरी 22, 2005 को मौत की आगोश में चली गईं। तब उनकी डेड बॉडी क्लैम करने के लिए महेश भट्ट ही आगे आए थे।
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hi wite for you