61 साल के संजय दत्त को लंग कैंसर होने की खबर से उनके फैन्स शॉक में हैं। संजय एक ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने अपनी लाइफ में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। कम उम्र में ही ड्रग्स की लत में पड़ने के बाद संजय बड़ी मुश्किल से उससे पीछा छुड़ा पाए।
9 साल तक ड्रग्स के चलते उनकी जिंदगी बर्बाद रही लेकिन एक बार जो संजय उस चंगुल से छूटे तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। इस घटना के बाद संजय ने खराब आदतों को अलविदा कहा और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की ओर बढ़े।
2018 में एक इंटरव्यू में संजय ने कहा था, 'ड्रग एडिक्शन एक ऐसी लत है जिसका कोई इलाज नहीं। मैंने इससे उबरने के लिए जिम का सहारा लिया। मुझे अपने शरीर में बदलाव देखकर काफी अच्छा महसूस हुआ।'
90 के दशक में संजय सबसे फिट और डैशिंग एक्टर्स की लिस्ट में गिने जाते थे। एक नजर 61 साल के संजय के फिटनेस रूटीन पर...
जेल में बनाए सिक्स पैक एब्स
संजय 21 मई 2013 को साढ़े तीन साल की सजा काटने के लिए पुणे की यरवडा जेल में बंद हुए थे। तब फिटनेस फ्रीक संजय ने जेल प्रशासन से डंबल लाने की अनुमति मांगी थी लेकिन प्रशासन ने इससे इंकार कर दिया था।
ऐसी स्थिति में संजय ने डंबल के ऑप्शन के तौर पर दो बॉल्टी में पानी भर बैरक में वर्कआउट किया था। वर्कआउट शेड्यूल को स्ट्रिक्टली फॉलो कर संजय ने जेल में ही सिक्स पैक बनाए थे। 2016 में जेल से बाहर जब संजय बाहर आए थे तो उस वक्त उनकी उम्र 57 साल थी।
पानीपत के लिए बनाई थी बॉडी
संजय पिछले साल फिल्म पानीपत में अहमद शाह अब्दाली के रोल में नजर आए थे। इस रोल के लिए संजू ने जिम में काफी पसीना बहाया था क्योंकि 35 किलो का भारी कवच पहनना था। इसके लिए संजय ने कोर और मसल मेंटेनेंस पर काम किया। फिल्म के लिए संजय के इंटेंस वर्कआउट के कुछ वीडियो भी सामने आए थे।
संजय के रेगुलर वर्कआउट रूटीन की बात करें तो इसमें कार्डियो-वेस्कुलर बाइक, डंबल, क्रंचेज और एयरोबिक एक्सरसाइज शामिल हैं। साथ ही वह योगा और मेडिटेशन भी करते हैं।
डाइट में संजय ज्यादा कार्बोहायड्रेट और फैट नहीं लेते। उनकी डाइट में प्रोटीन और फाइबर की मात्रा अधिक होती है। चिकन, सलाद, फ़िश संजय पसंद करते हैं लेकिन ज्यादा नमक और फैट से भरा खाना नहीं खाते।
लॉकडाउन में भी नहीं की लापरवाही
लॉकडाउन में जिम जाना अलाउड नहीं था तो भी संजय ने फिटनेस को लेकर कोई लापरवाही नहीं बरती।उन्होंने घर पर कम से कम दो घंटे वर्कआउट रूटीन फॉलो किया।
एक इंटरव्यू में संजय ने बताया था, 'डाइट और वर्कआउट प्लान तब और ज्यादा अच्छा काम करते हैं जब आप इन्हें अपनी रोजमर्रा की लाइफ का हिस्सा बना लें। मैं इन्हें डेली रूटीन से अलग नहीं मानता। यही मेरा रूटीन है इसलिए लॉकडाउन में भी कुछ नहीं बदला। बस और ज्यादा समय मिल गया।'
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hi wite for you