5 महीने में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को हुआ 10 हजार करोड़ का नुकसान, अकेले बॉक्स ऑफिस का करीब पौने 4 हजार करोड़ का घाटा कोरोना और लॉकडाउन के चलते इंडस्‍ट्री का काम काज ठप है। हालांकि, अब शूटिंग की इजाजत मिल गई है। लेकिन पिछले पांच से छह महीनों में इंडस्ट्री को तकरीबन 10 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यह कहना है फिल्म क्रिटिक और ट्रेड एनालिस्ट कोमल नाहटा का जिन्हें बॉलीवुड का ऑथेंटिक इनसाइडर कहा जाता है। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने बताया कि सिर्फ एक साल में बॉक्स ऑफिस से 5500 करोड़ से 6000 करोड़ रुपए का टर्नओवर आता है। वहीं, सैटेलाइट और ओटीटी राइट्स से 8000-9000 करोड़ मिलते हैं। जबकि 300-400 करोड़ की हिस्‍सेदारी म्यूजिक वर्ल्ड की रहती है। नाहटा ने फिल्म इंडस्ट्री के नुकसान को विस्तार से समझाया। उन्होंने जो कहा, उसी पर एक हिसाब-किताब:- बॉक्स ऑफिस पर 3000-4000 करोड़ का नुकसान मार्च से अब तक सिनेमाघर बंद हैं। इसके चलते इंडस्‍ट्री को सिनेमाघरों की टिकट खिड़की यानी बॉक्स ऑफिस पर 3000 से 4000 करोड़ का नुकसान है। फिल्‍में डायरेक्ट ओटीटी पर जा रही हैं। ऐसे में सैटेलाइट वाले उन मेकर्स को कम रकम दे रहे हैं, जो अपनी फिल्‍में ओटीटी पर ला रहे हैं। उनका तर्क है कि फिल्‍में सिनेमाघरों में तो रिलीज हुईं नहीं। ऐसे में इन्हें लेकर पब्लिक में बज नहीं है। लिहाजा, अपने प्लेटफॉर्म पर सैटेलाइट वालों को फि‍ल्मों का प्रमोशन खुद करना होगा। ऐसे में सैटेलाइट वालों ने डायरेक्ट ओटीटी पर जाने वाले मेकर्स के अकाउंट से प्रमोशन खर्च की रकम काट ली है। वैसे भी अभी ढेर सारे प्रोड्यूसर्स की फिल्‍में ओटीटी पर नहीं आई हैं। सब इंतजार कर रहे हैं। इस तरह सैटेलाइट और ओटीटी की गुत्थम- गुत्थी के चलते पौने चार हजार करोड़ का नुकसान है। इरफान खान, करीना कपूर और राधिका मदान स्टारर 'अंग्रेजी मीडियम' लॉकडाउन से पहले सिनेमाघरों में रिलीज हुई आखिरी फिल्म थी, जिसने महज 9.36 करोड़ रुपए की कमाई की। ओटीटी पर भी अब तक कुल 15 से 20 फि‍ल्मों की ही डील हुई है। उनमें से 'गुलाबो सिताबो', 'दिल बेचारा', 'शकुंतला देवी', 'रात अकेली है', 'लूटकेस', 'यारा', 'मी रक़सम', आदि रिलीज हो चुकी हैं। आगे 'लक्ष्मी बॉम्‍ब', 'भुज:प्राइड ऑफ इंडिया', 'सड़क2' और अन्‍य फिल्‍में आनी बाकी हैं। नए लॉट की बात करें तो बड़े बजट में ‘कुली नंबर1’ की डील ओटीटी के लिए हुई है। 45 फिल्‍में अनाउंस हुईं, लेकिन बन नहीं सकीं दुखद बात यह रही कि कई बड़े प्रोजेक्‍ट शुरू नहीं हो सके, जिनसे इंडस्‍ट्री को बड़ी उम्मीदें थीं। मसलन, ‘किक2’, ‘दोस्‍ताना2’, ‘तख्त’, सुशांत सिंह राजपूत की रूमी जाफरी के साथ वाली फिल्‍म और हिरानी की शाहरुख के साथ वाला प्रोजेक्‍ट। इतना ही नहीं बड़े बजट की लीग में अप्रैल में 'सूर्यवंशी' रिलीज करने के बाद रोहित शेट्टी अपनी ‘गोलमाल5’ या ‘राम लखन’ शुरू कर चुके होते। मीडियम और छोटे बजट की फिल्मों को भी शामिल किया जाए तो करीबन 45 से 50 फिल्‍में अनाउंस होकर भी फ्लोर पर नहीं जा सकीं। रोहित शेट्टी की अक्षय कुमार और कटरीना कैफ स्टारर 'सूर्यवंशी' की रिलीज डेट दो बार बदली जा चुकी है। पहले यह 22 मई 2020 को रिलीज होने वाली थी। लेकिन सलमान खान की 'राधे' का टकराव टालने के लिए इसे प्री-पोंड कर 12 मार्च पर शिफ्ट कर दिया गया था। हालांकि, कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते यह रिलीज नहीं हो सकी। अब चर्चा है कि फिल्म दिवाली पर सिनेमाघरों में या फिर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो सकती है। आगे के हालात भी धुंधले धीरे धीरे सब कुछ अनलॉक हो रहा है। अक्षय कुमार, आमिर खान जैसे एक्टर्स ने शूटिंग भी शुरू कर दी है। लेकिन ज्यादातर स्टार्स हालात सामान्य होने के बाद भी दो से चार महीने और रुकेंगे। वह इसलिए भी इनमें से कइयों की स्क्रिप्ट हार्ट-लैंड में सेट है। वहां जल्दी शूटिंग शुरू होना मुश्किल लग रहा है। तारीखें आगे खिसकती रहेंगी ‘राधे’, सूर्यवंशी, ‘83’, ‘लाल सिंह चड्ढा’, ‘मैदान’, ‘गंगूबाई’ समेत बाकी बड़े बजट वाली फि‍ल्मों की रिलीज डेट आगे खिसकती रहेंगी। ‘राधे’ को लेकर बड़ी संभावना है कि वह अगली ईद पर आए। एक चीज गौर करने वाली है। वह यह कि जो फिल्‍में डायरेक्ट ओटीटी पर गई हैं, उनके चलते सिनेमाघरों का कुल बीस हफ्ते का बिजनेस खत्‍म हो चुका है। वह भी तब जब 15 से 20 फिल्‍में डायरेक्ट ओटीटी पर गई हैं। यह भयावह है। कई सिनेमाघर तो स्थाई तौर पर बंद हो गए हैं। ओम राउत के निर्देशन में बनी अजय देवगन स्टारर 'तान्हाजी : द अनसंग वॉरियर' इस साल की इकलौती ऐसी फिल्म है, जो 100 करोड़ रुपए की कमाई का आंकड़ा पार कर सकी। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर करीब 279 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था। दो फि‍ल्मों पर इंटरेस्ट रेट 35-35 करोड़ अकेले ‘सूर्यवंशी’ और ‘83’ की बात करें तो दोनों फि‍ल्मों की लागत 200 करोड़ की है। इन दोनों फि‍ल्मों के मेकर्स को दो फीसदी रेट के हिसाब से मार्च-अप्रैल से अब तक का 35-35 करोड़ रुपए ज्‍यादा इंटरेस्ट भरना होगा। इन दो फि‍ल्मों की तरह इस साल आने वाली बाकी फि‍ल्मों पर भी इंटरेस्ट रेट का मीटर चालू है। समझा जा सकता है कि रकम कितनी बड़ी है। सरकार को राहत पैकेज देना होगा कोरोना और लॉकडाउन के चलते प्रोडक्शन और एग्जीबिशन सेक्टर वालों का घाटा तो हुआ ही है। ज्‍यादातर प्रोजेक्‍ट पर काम बंद रहने के चलते एक्टर्स, टेक्नीशियन, गरीब जूनियर आर्टिस्ट और डांसर्स आदि को भी भारी नुकसान हुआ है। इंडस्‍ट्री के दिहाड़ी मजदूरों के यहां खाने तक के लाले हैं। अकेले पीवीआर की बात करूं तो सारे पीवीआर चेन को ऑपरेट करने के लिए मंथली 15 करोड़ रुपए का खर्च आता है। ऐसे में पिछले पांच महीनों में कुल 75 करोड़ रुपए का बोझ तो अकेले पीवीआर सिने चेन पर है। इस तरह का खर्च सिंगल स्क्रीन वालों का भी है। ऐसे में सरकार को इस इंडस्‍ट्री के लिए राहत पैकेज लाना ही होगा। वरना 20 फीसदी सिनेमाघर तो कभी खुल ही नहीं पाएंगे। रेपुटेशन का लॉस हजारों करोड़ों में आखिर में मैं यह कहना चाहूंगा कि मॉनीटरी लॉस तो इंडस्‍ट्री का है ही। सुशांत मामले के बाद इंडस्‍ट्री की रेपुटेशन का लॉस हजारों करोड़ में है। चंद इनसाइडर, इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया के कथित ट्रोलर के चलते इंडस्‍ट्री की रेपुटेशन पर जो दाग लगा है, उसे मिटाने में बड़ी मुश्किल आने वाली है। 14 जून 2020 को सुशांत सिंह राजपूत मुंबई स्थित अपने फ्लैट में मृत पाए गए थे। शुरुआती जांच में इसे डिप्रेशन के कारण खुदकुशी माना गया था। इसके बाद कंगना रनोट समेत कुछ बॉलीवुड सेलेब्स और सोशल मीडिया यूजर्स ने उनकी मौत के लिए बॉलीवुड में फैले भाई-भतीजावाद और खेमेबाजी को जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि, बाद में सुशांत के पिता केके सिंह ने सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती पर बेटे को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगाया। मामले की जांच सीबीआई कर रही है। लोगों के मन में इंडस्‍ट्री की गंदी इमेज बन रही है कि यहां तो अंडरवर्ल्ड का पैसा है। स्टार्स और मेकर्स फिल्‍में बनाने के लिए काफी जोड़तोड़ करते हैं। इससे इंडस्‍ट्री के प्रति नेगेटिव माहौल बन रहा है। मैंने इंडस्ट्री की इतनी बुरी सिचुएशन अपने अब तक के करियर में कभी नहीं देखी।रेपुटेशन बनने में दशकों, सैकड़ों साल लगते हैं। पर बिखरने में चंद मिनट भी नहीं। आज महज कुछ इनसाइडर और सोशल मीडिया ट्रोलर्स के चलते इंडस्‍ट्री बिखरने की कगार पर है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Corona, Lockdown and Sushant Singh Rajput Death Controversy Affects : Entertainment industry loss of 10 thousand crores in 5-6 months https://ift.tt/34E5LfZ

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कोरोना और लॉकडाउन के चलते इंडस्‍ट्री का काम काज ठप है। हालांकि, अब शूटिंग की इजाजत मिल गई है। लेकिन पिछले पांच से छह महीनों में इंडस्ट्री को तकरीबन 10 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यह कहना है फिल्म क्रिटिक और ट्रेड एनालिस्ट कोमल नाहटा का जिन्हें बॉलीवुड का ऑथेंटिक इनसाइडर कहा जाता है।

दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने बताया कि सिर्फ एक साल में बॉक्स ऑफिस से 5500 करोड़ से 6000 करोड़ रुपए का टर्नओवर आता है। वहीं, सैटेलाइट और ओटीटी राइट्स से 8000-9000 करोड़ मिलते हैं। जबकि 300-400 करोड़ की हिस्‍सेदारी म्यूजिक वर्ल्ड की रहती है। नाहटा ने फिल्म इंडस्ट्री के नुकसान को विस्तार से समझाया। उन्होंने जो कहा, उसी पर एक हिसाब-किताब:-

बॉक्स ऑफिस पर 3000-4000 करोड़ का नुकसान

मार्च से अब तक सिनेमाघर बंद हैं। इसके चलते इंडस्‍ट्री को सिनेमाघरों की टिकट खिड़की यानी बॉक्स ऑफिस पर 3000 से 4000 करोड़ का नुकसान है। फिल्‍में डायरेक्ट ओटीटी पर जा रही हैं। ऐसे में सैटेलाइट वाले उन मेकर्स को कम रकम दे रहे हैं, जो अपनी फिल्‍में ओटीटी पर ला रहे हैं। उनका तर्क है कि फिल्‍में सिनेमाघरों में तो रिलीज हुईं नहीं। ऐसे में इन्हें लेकर पब्लिक में बज नहीं है।

लिहाजा, अपने प्लेटफॉर्म पर सैटेलाइट वालों को फि‍ल्मों का प्रमोशन खुद करना होगा। ऐसे में सैटेलाइट वालों ने डायरेक्ट ओटीटी पर जाने वाले मेकर्स के अकाउंट से प्रमोशन खर्च की रकम काट ली है। वैसे भी अभी ढेर सारे प्रोड्यूसर्स की फिल्‍में ओटीटी पर नहीं आई हैं। सब इंतजार कर रहे हैं। इस तरह सैटेलाइट और ओटीटी की गुत्थम- गुत्थी के चलते पौने चार हजार करोड़ का नुकसान है।

इरफान खान, करीना कपूर और राधिका मदान स्टारर 'अंग्रेजी मीडियम' लॉकडाउन से पहले सिनेमाघरों में रिलीज हुई आखिरी फिल्म थी, जिसने महज 9.36 करोड़ रुपए की कमाई की।

ओटीटी पर भी अब तक कुल 15 से 20 फि‍ल्मों की ही डील हुई है। उनमें से 'गुलाबो सिताबो', 'दिल बेचारा', 'शकुंतला देवी', 'रात अकेली है', 'लूटकेस', 'यारा', 'मी रक़सम', आदि रिलीज हो चुकी हैं। आगे 'लक्ष्मी बॉम्‍ब', 'भुज:प्राइड ऑफ इंडिया', 'सड़क2' और अन्‍य फिल्‍में आनी बाकी हैं। नए लॉट की बात करें तो बड़े बजट में ‘कुली नंबर1’ की डील ओटीटी के लिए हुई है।

45 फिल्‍में अनाउंस हुईं, लेकिन बन नहीं सकीं

दुखद बात यह रही कि कई बड़े प्रोजेक्‍ट शुरू नहीं हो सके, जिनसे इंडस्‍ट्री को बड़ी उम्मीदें थीं। मसलन, ‘किक2’, ‘दोस्‍ताना2’, ‘तख्त’, सुशांत सिंह राजपूत की रूमी जाफरी के साथ वाली फिल्‍म और हिरानी की शाहरुख के साथ वाला प्रोजेक्‍ट।

इतना ही नहीं बड़े बजट की लीग में अप्रैल में 'सूर्यवंशी' रिलीज करने के बाद रोहित शेट्टी अपनी ‘गोलमाल5’ या ‘राम लखन’ शुरू कर चुके होते। मीडियम और छोटे बजट की फिल्मों को भी शामिल किया जाए तो करीबन 45 से 50 फिल्‍में अनाउंस होकर भी फ्लोर पर नहीं जा सकीं।

रोहित शेट्टी की अक्षय कुमार और कटरीना कैफ स्टारर 'सूर्यवंशी' की रिलीज डेट दो बार बदली जा चुकी है। पहले यह 22 मई 2020 को रिलीज होने वाली थी। लेकिन सलमान खान की 'राधे' का टकराव टालने के लिए इसे प्री-पोंड कर 12 मार्च पर शिफ्ट कर दिया गया था। हालांकि, कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते यह रिलीज नहीं हो सकी। अब चर्चा है कि फिल्म दिवाली पर सिनेमाघरों में या फिर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो सकती है।

आगे के हालात भी धुंधले

धीरे धीरे सब कुछ अनलॉक हो रहा है। अक्षय कुमार, आमिर खान जैसे एक्टर्स ने शूटिंग भी शुरू कर दी है। लेकिन ज्यादातर स्टार्स हालात सामान्य होने के बाद भी दो से चार महीने और रुकेंगे। वह इसलिए भी इनमें से कइयों की स्क्रिप्ट हार्ट-लैंड में सेट है। वहां जल्दी शूटिंग शुरू होना मुश्किल लग रहा है।

तारीखें आगे खिसकती रहेंगी

‘राधे’, सूर्यवंशी, ‘83’, ‘लाल सिंह चड्ढा’, ‘मैदान’, ‘गंगूबाई’ समेत बाकी बड़े बजट वाली फि‍ल्मों की रिलीज डेट आगे खिसकती रहेंगी। ‘राधे’ को लेकर बड़ी संभावना है कि वह अगली ईद पर आए। एक चीज गौर करने वाली है। वह यह कि जो फिल्‍में डायरेक्ट ओटीटी पर गई हैं, उनके चलते सिनेमाघरों का कुल बीस हफ्ते का बिजनेस खत्‍म हो चुका है।

वह भी तब जब 15 से 20 फिल्‍में डायरेक्ट ओटीटी पर गई हैं। यह भयावह है। कई सिनेमाघर तो स्थाई तौर पर बंद हो गए हैं।

ओम राउत के निर्देशन में बनी अजय देवगन स्टारर 'तान्हाजी : द अनसंग वॉरियर' इस साल की इकलौती ऐसी फिल्म है, जो 100 करोड़ रुपए की कमाई का आंकड़ा पार कर सकी। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर करीब 279 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था।

दो फि‍ल्मों पर इंटरेस्ट रेट 35-35 करोड़

अकेले ‘सूर्यवंशी’ और ‘83’ की बात करें तो दोनों फि‍ल्मों की लागत 200 करोड़ की है। इन दोनों फि‍ल्मों के मेकर्स को दो फीसदी रेट के हिसाब से मार्च-अप्रैल से अब तक का 35-35 करोड़ रुपए ज्‍यादा इंटरेस्ट भरना होगा। इन दो फि‍ल्मों की तरह इस साल आने वाली बाकी फि‍ल्मों पर भी इंटरेस्ट रेट का मीटर चालू है। समझा जा सकता है कि रकम कितनी बड़ी है।

सरकार को राहत पैकेज देना होगा

कोरोना और लॉकडाउन के चलते प्रोडक्शन और एग्जीबिशन सेक्टर वालों का घाटा तो हुआ ही है। ज्‍यादातर प्रोजेक्‍ट पर काम बंद रहने के चलते एक्टर्स, टेक्नीशियन, गरीब जूनियर आर्टिस्ट और डांसर्स आदि को भी भारी नुकसान हुआ है। इंडस्‍ट्री के दिहाड़ी मजदूरों के यहां खाने तक के लाले हैं।

अकेले पीवीआर की बात करूं तो सारे पीवीआर चेन को ऑपरेट करने के लिए मंथली 15 करोड़ रुपए का खर्च आता है। ऐसे में पिछले पांच महीनों में कुल 75 करोड़ रुपए का बोझ तो अकेले पीवीआर सिने चेन पर है। इस तरह का खर्च सिंगल स्क्रीन वालों का भी है। ऐसे में सरकार को इस इंडस्‍ट्री के लिए राहत पैकेज लाना ही होगा। वरना 20 फीसदी सिनेमाघर तो कभी खुल ही नहीं पाएंगे।

रेपुटेशन का लॉस हजारों करोड़ों में

आखिर में मैं यह कहना चाहूंगा कि मॉनीटरी लॉस तो इंडस्‍ट्री का है ही। सुशांत मामले के बाद इंडस्‍ट्री की रेपुटेशन का लॉस हजारों करोड़ में है। चंद इनसाइडर, इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया के कथित ट्रोलर के चलते इंडस्‍ट्री की रेपुटेशन पर जो दाग लगा है, उसे मिटाने में बड़ी मुश्किल आने वाली है।

14 जून 2020 को सुशांत सिंह राजपूत मुंबई स्थित अपने फ्लैट में मृत पाए गए थे। शुरुआती जांच में इसे डिप्रेशन के कारण खुदकुशी माना गया था। इसके बाद कंगना रनोट समेत कुछ बॉलीवुड सेलेब्स और सोशल मीडिया यूजर्स ने उनकी मौत के लिए बॉलीवुड में फैले भाई-भतीजावाद और खेमेबाजी को जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि, बाद में सुशांत के पिता केके सिंह ने सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती पर बेटे को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगाया। मामले की जांच सीबीआई कर रही है।

लोगों के मन में इंडस्‍ट्री की गंदी इमेज बन रही है कि यहां तो अंडरवर्ल्ड का पैसा है। स्टार्स और मेकर्स फिल्‍में बनाने के लिए काफी जोड़तोड़ करते हैं। इससे इंडस्‍ट्री के प्रति नेगेटिव माहौल बन रहा है। मैंने इंडस्ट्री की इतनी बुरी सिचुएशन अपने अब तक के करियर में कभी नहीं देखी।रेपुटेशन बनने में दशकों, सैकड़ों साल लगते हैं। पर बिखरने में चंद मिनट भी नहीं। आज महज कुछ इनसाइडर और सोशल मीडिया ट्रोलर्स के चलते इंडस्‍ट्री बिखरने की कगार पर है।



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