परिवार ने लिखा-बदमाशों के झुंड से घिरा था सुशांत, कीचड़ उछाल कर बदनाम कर रहे हैं लोग; सबक सिखाने की दे रही हैं धमकियां अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के तकरीबन 2 महीने बाद उनके परिवार ने पहली बार 9 पेज का बयान जारी किया है। परिवार का आरोप है कि सुशांत के परिवार, जिसमें चार बहनें और एक बूढ़ा बाप है, को सबक सिखाने की धमकी दी जा रही है। एक-एक करके सबके चरित्र पर कीचड़ उछाला जा रहा है। इसके अलावा सुशांत के परिवार ने रिया चक्रवर्ती और मुंबई पुलिस पर भी आरोप लगाए हैं। सुशांत के परिवार का पत्र सुशांत के परिवार ने फिराक जलालपुरी के एक शेर से पत्र की शुरुआत करते हुए लिखा है.. 'तू इधर-उधर की ना बात कर ये बता कि काफिला क्यों लुटा, मुझे रहजनों से गिला नहीं तेरी रहबरी का सवाल है' परिवार ने लिखा,"कुछ साल पहले की ही बात है। ना कोई सुशांत को जानता था, ना उसके परिवार को। आज सुशांत की हत्या को लेकर करोड़ों लोग व्यथित हैं और सुशांत के परिवार पर चौतरफा हमला हो रहा है। अखबार पर अपना नाम चमकाने की गरज से कई फर्जी दोस्त-भाई-मामा बन अपनी-अपनी हांक रहें हैं। ऐसे में बताना जरूरी हो गया है कि आखिर ‘सुशांत का परिवार’ होने का मतलब क्या है? सुशांत के माता-पिता कमाकर खाने वाले लोग थे। उनके हंसते-खेलते पांच बच्चे थे। उनकी परवरिश ठीक हो इसलिए नब्बे के दशक में गांव से शहर आ गए। रोटी कमाने और बच्चों को पढ़ाने में जुट गये। एक आम भारतीय माता-पिता की तरह उन्होंने मुश्किलें खुद झेली। बच्चों को किसी बात की कमी नहीं होने दी। हौसले वाले थे सो कभी उनके सपनों पर पहरा नहीं लगाया। कहते थे कि जो कुछ दो हाथ-पैर का आदमी कर सकता है, तुम भी कर सकते हो। सुशांत के परिवार को पहला झटका तब लगा जब मां असमय चल बसी। फैमिली मीटिंग में फैसला हुआ कि कोई नहीं कहे कि मां चली गई और परिवार बिखर गया, सो कुछ बड़ा किया जाय। सुशांत के सिनेमा में हीरो बनने की बात उसी दिन चली। अगले आठ-दस साल में वो हुआ, जो लोग सपनों में देखते हैं। लेकिन अब जो हुआ है वो दुश्मन के साथ भी ना हो। एक नामी आदमी को ठगों-बदमाशों लालचियों का झुंड घेर लेता है। इलाके के रखवाले को कहा जाता है कि बचाने के बजाय रखवाले उसके मृत शरीर की फोटो प्रदर्शनी लगाने लगते हैं। उनकी लापरवाही से सुशांत मरा। इतने से मन नहीं भरा तो उसके मानसिक बीमारी की कहानी चला उसके चरित्र को मारने में जुट जाते हैं। तमाशा करने वाले और तमाशा देखने वाले ये ना भूलें कि वे भी यहीं हैं। अगर यही आलम रहा तो क्या गारंटी है कि कल उनके साथ ऐसा ही नहीं होगा? हम देश को उधर लेकर क्यों जा रहे हैं जहां अपने को जागीरदार समझने वाले अपने गुर्गों से मेहनतकशों को मरवा देते हैं और सुरक्षा के नाम पर तनख़्वाह लेने वाले खुलेआम बेशर्मी से उनके साथ लग लेते हैं? अपने बच्चों के बारे में बताया पिता ने अपने पत्र में अपने परिवार के बारे में बताया,"पहली बेटी में जादू था। कोई आया और चुपके से उसे पारियों के देश ले गया। दूसरी राष्ट्रीय टीम के लिए क्रिकेट खेली। तीसरे ने कानून की पढ़ाई की तो चौथे ने फैशन डिजाइन में डिप्लोमा किया। पांचवा सुशांत था। ऐसा, जिसके लिए सारी माएं मन्नत मांगती हैं। पूरी उमर, सुशांत के परिवार ने ना कभी किसी से कुछ लिया, ना कभी किसी का अहित किया। मदद करे...अग्रजों के वारिश हैं, एक अदना हिंदुस्तानी मरे, इन्हें क्यों परवाह हो?" पैसे के दम पर 'हनी ट्रैप' गैंग बदनाम करने वापस लौटा रिया चक्रवर्ती पर आरोप लगते हुए परिवार ने लिखा,"सुशांत के परिवार का सब्र का बांध तब टूटा जब महीना बीतते-ना-बीतते महंगे वकील और नामी पीआर एजेन्सी से लैश 'हनी ट्रैप' गैंग डंके की चोट पर वापस लौटता है। सुशांत को लूटने-मारने से तसल्ली नहीं हुई सोने की स्मृति को भी अपमानित करने लगता है। उनकी बारात में रखवाले भी साफ़ा बांधे शरीक होते हैं।" पीड़ित से कुछ मिलना नहीं इसलिए मुलजिम की ओर हो लेते हैं पिता ने मदद की अपील करते हुए आगे कहा,"मदद करें। अग्रजों के वारिश हैं, एक अदना हिंदुस्तानी मरे, इन्हें क्यों परवाह हो? चार महीने बाद सुशांत के परिवार का भय सही साबित होता है। अंग्रेजों के दूसरे वारिस मिलते हैं। दिव्यचक्षु से देखकर बता देते हैं कि ये तो जी ऐसे हुआ है। व्यावहारिक आदमी हैं। पीड़ित से कुछ मिलना नहीं, सो मुलजिम की तरफ हो लेते हैं।" मेरे बच्चे को पागल कहते हैं पिता ने आरोप लगाया,"अंग्रेजों के एक और बड़े बारिश तो जालियावाला-फेम जनरल डायर को भी मात दे देते हैं। सुशांत के परिवार को कहते हैं कि तुम्हारा बच्चा पागल था, सुसाइड कर सकता था। पूरी उमर, सुशांत के परिवार ने ना कभी किसी से कुछ लिया, ना कभी किसी का अहित किया।" 'सवाल सुशांत की हत्या का है' सुशांत के पिता ने आगे लिखा है,"सवाल सुशांत की निर्मम हत्या का है। सवाल ये भी है कि क्या महंगे वकील कानूनी पेचीदगियों से न्याय की भी हत्या कर देंगे? इससे भी बड़ा सवाल है कि अपने को ईलिट समझने वाले, अंग्रेजियत में डूबे, पीड़ितों को हिकारत से देखने वाले नकली रखवालों पर लोग क्यों भरोसा करें?" पूरे परिवार पर उछाला जा रहा है कीचड़ परिवार ने आरोप लगाया है,"सुशांत के परिवार, जिसमें चार बहनें और एक बूढ़ा बाप है, को सबक सिखाने की धमकी दी जा रही है। एक-एक कर सबके चरित्र पर कीचड़ उछाला जा रहा है। सुशांत से उनके संबंधों पर सवाल उठाया जा रहा है।" दो महीने पहले सुशांत ने की थी आत्महत्या गौरतलब है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को अपने बांद्रा स्थित घर में मृत पाए गए थे। पहले इसे आत्महत्या का मामला बताया जा रहा था, लेकिन अब परिवार को इसमें हत्या की आशंका है। मुंबई पुलिस पहले से मामले की जांच कर रही थी, हालांकि सुशांत के पिता द्वारा पटना में शिकायत दर्ज कराने के बाद बिहार पुलिस ने भी अपनी जांच शुरू कर दी। हालांकि, अब उनके अनुरोध के बाद CBI ने मामले को ले लिया है। सुशांत के पिता ने रिया चक्रवर्ती और पांच अन्य लोगों के खिलाफ उनके बेटे से पैसे ऐठने और उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए शिकायत दर्ज कराई है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today यह तस्वीर सुशांत की मौत के दिन की है। निधन की जानकारी मिलते ही पूरा परिवार सदमे में आ गया था। https://ift.tt/3ag7DMu

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अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के तकरीबन 2 महीने बाद उनके परिवार ने पहली बार 9 पेज का बयान जारी किया है। परिवार का आरोप है कि सुशांत के परिवार, जिसमें चार बहनें और एक बूढ़ा बाप है, को सबक सिखाने की धमकी दी जा रही है। एक-एक करके सबके चरित्र पर कीचड़ उछाला जा रहा है। इसके अलावा सुशांत के परिवार ने रिया चक्रवर्ती और मुंबई पुलिस पर भी आरोप लगाए हैं।

सुशांत के परिवार का पत्र

सुशांत के परिवार ने फिराक जलालपुरी के एक शेर से पत्र की शुरुआत करते हुए लिखा है..

'तू इधर-उधर की ना बात कर ये बता कि काफिला क्यों लुटा, मुझे रहजनों से गिला नहीं तेरी रहबरी का सवाल है'

  • परिवार ने लिखा,"कुछ साल पहले की ही बात है। ना कोई सुशांत को जानता था, ना उसके परिवार को। आज सुशांत की हत्या को लेकर करोड़ों लोग व्यथित हैं और सुशांत के परिवार पर चौतरफा हमला हो रहा है।
  • अखबार पर अपना नाम चमकाने की गरज से कई फर्जी दोस्त-भाई-मामा बन अपनी-अपनी हांक रहें हैं। ऐसे में बताना जरूरी हो गया है कि आखिर ‘सुशांत का परिवार’ होने का मतलब क्या है?
  • सुशांत के माता-पिता कमाकर खाने वाले लोग थे। उनके हंसते-खेलते पांच बच्चे थे। उनकी परवरिश ठीक हो इसलिए नब्बे के दशक में गांव से शहर आ गए। रोटी कमाने और बच्चों को पढ़ाने में जुट गये। एक आम भारतीय माता-पिता की तरह उन्होंने मुश्किलें खुद झेली। बच्चों को किसी बात की कमी नहीं होने दी। हौसले वाले थे सो कभी उनके सपनों पर पहरा नहीं लगाया। कहते थे कि जो कुछ दो हाथ-पैर का आदमी कर सकता है, तुम भी कर सकते हो।
  • सुशांत के परिवार को पहला झटका तब लगा जब मां असमय चल बसी। फैमिली मीटिंग में फैसला हुआ कि कोई नहीं कहे कि मां चली गई और परिवार बिखर गया, सो कुछ बड़ा किया जाय। सुशांत के सिनेमा में हीरो बनने की बात उसी दिन चली। अगले आठ-दस साल में वो हुआ, जो लोग सपनों में देखते हैं। लेकिन अब जो हुआ है वो दुश्मन के साथ भी ना हो।
  • एक नामी आदमी को ठगों-बदमाशों लालचियों का झुंड घेर लेता है। इलाके के रखवाले को कहा जाता है कि बचाने के बजाय रखवाले उसके मृत शरीर की फोटो प्रदर्शनी लगाने लगते हैं। उनकी लापरवाही से सुशांत मरा। इतने से मन नहीं भरा तो उसके मानसिक बीमारी की कहानी चला उसके चरित्र को मारने में जुट जाते हैं।
  • तमाशा करने वाले और तमाशा देखने वाले ये ना भूलें कि वे भी यहीं हैं। अगर यही आलम रहा तो क्या गारंटी है कि कल उनके साथ ऐसा ही नहीं होगा?
  • हम देश को उधर लेकर क्यों जा रहे हैं जहां अपने को जागीरदार समझने वाले अपने गुर्गों से मेहनतकशों को मरवा देते हैं और सुरक्षा के नाम पर तनख़्वाह लेने वाले खुलेआम बेशर्मी से उनके साथ लग लेते हैं?

अपने बच्चों के बारे में बताया
पिता ने अपने पत्र में अपने परिवार के बारे में बताया,"पहली बेटी में जादू था। कोई आया और चुपके से उसे पारियों के देश ले गया। दूसरी राष्ट्रीय टीम के लिए क्रिकेट खेली। तीसरे ने कानून की पढ़ाई की तो चौथे ने फैशन डिजाइन में डिप्लोमा किया। पांचवा सुशांत था। ऐसा, जिसके लिए सारी माएं मन्नत मांगती हैं। पूरी उमर, सुशांत के परिवार ने ना कभी किसी से कुछ लिया, ना कभी किसी का अहित किया। मदद करे...अग्रजों के वारिश हैं, एक अदना हिंदुस्तानी मरे, इन्हें क्यों परवाह हो?"

पैसे के दम पर 'हनी ट्रैप' गैंग बदनाम करने वापस लौटा
रिया चक्रवर्ती पर आरोप लगते हुए परिवार ने लिखा,"सुशांत के परिवार का सब्र का बांध तब टूटा जब महीना बीतते-ना-बीतते महंगे वकील और नामी पीआर एजेन्सी से लैश 'हनी ट्रैप' गैंग डंके की चोट पर वापस लौटता है। सुशांत को लूटने-मारने से तसल्ली नहीं हुई सोने की स्मृति को भी अपमानित करने लगता है। उनकी बारात में रखवाले भी साफ़ा बांधे शरीक होते हैं।"

पीड़ित से कुछ मिलना नहीं इसलिए मुलजिम की ओर हो लेते हैं
पिता ने मदद की अपील करते हुए आगे कहा,"मदद करें। अग्रजों के वारिश हैं, एक अदना हिंदुस्तानी मरे, इन्हें क्यों परवाह हो? चार महीने बाद सुशांत के परिवार का भय सही साबित होता है। अंग्रेजों के दूसरे वारिस मिलते हैं। दिव्यचक्षु से देखकर बता देते हैं कि ये तो जी ऐसे हुआ है। व्यावहारिक आदमी हैं। पीड़ित से कुछ मिलना नहीं, सो मुलजिम की तरफ हो लेते हैं।"

मेरे बच्चे को पागल कहते हैं
पिता ने आरोप लगाया,"अंग्रेजों के एक और बड़े बारिश तो जालियावाला-फेम जनरल डायर को भी मात दे देते हैं। सुशांत के परिवार को कहते हैं कि तुम्हारा बच्चा पागल था, सुसाइड कर सकता था। पूरी उमर, सुशांत के परिवार ने ना कभी किसी से कुछ लिया, ना कभी किसी का अहित किया।"


'सवाल सुशांत की हत्या का है'
सुशांत के पिता ने आगे लिखा है,"सवाल सुशांत की निर्मम हत्या का है। सवाल ये भी है कि क्या महंगे वकील कानूनी पेचीदगियों से न्याय की भी हत्या कर देंगे? इससे भी बड़ा सवाल है कि अपने को ईलिट समझने वाले, अंग्रेजियत में डूबे, पीड़ितों को हिकारत से देखने वाले नकली रखवालों पर लोग क्यों भरोसा करें?"

पूरे परिवार पर उछाला जा रहा है कीचड़

परिवार ने आरोप लगाया है,"सुशांत के परिवार, जिसमें चार बहनें और एक बूढ़ा बाप है, को सबक सिखाने की धमकी दी जा रही है। एक-एक कर सबके चरित्र पर कीचड़ उछाला जा रहा है। सुशांत से उनके संबंधों पर सवाल उठाया जा रहा है।"

दो महीने पहले सुशांत ने की थी आत्महत्या

गौरतलब है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को अपने बांद्रा स्थित घर में मृत पाए गए थे। पहले इसे आत्महत्या का मामला बताया जा रहा था, लेकिन अब परिवार को इसमें हत्या की आशंका है। मुंबई पुलिस पहले से मामले की जांच कर रही थी, हालांकि सुशांत के पिता द्वारा पटना में शिकायत दर्ज कराने के बाद बिहार पुलिस ने भी अपनी जांच शुरू कर दी। हालांकि, अब उनके अनुरोध के बाद CBI ने मामले को ले लिया है।

सुशांत के पिता ने रिया चक्रवर्ती और पांच अन्य लोगों के खिलाफ उनके बेटे से पैसे ऐठने और उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए शिकायत दर्ज कराई है।



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यह तस्वीर सुशांत की मौत के दिन की है। निधन की जानकारी मिलते ही पूरा परिवार सदमे में आ गया था।


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