सुब्रमण्यम स्वामी बोले- आमिर ने प्रोटोकॉल तोड़कर तुर्की की प्रथम महिला से मुलाकात की थी, लौटें तो उन्हें दो हफ्ते के लिए सरकारी होस्टल में क्वारैंटाइन करना चाहिए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि तुर्की से लौटने पर अभिनेता आमिर खान को दो हफ्तों के लिए सरकारी होस्टल में क्वारैंटाइन करना चाहिए। आमिर इन दिनों अपनी फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' के सिलसिले में तुर्की में हैं और वहां वे तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब की पत्नी अमीन एर्दोगन से मुलाकात करके विवादों में आ गए हैं। अपने ट्वीट में स्वामी ने लिखा, 'कोविड-19 नियमों के अंतर्गत वापस आने पर आमिर खान को दो हफ्तों के लिए सरकारी होस्टल में क्वारैंटाइन किया जाना चाहिए।' इससे पहले किए एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा था, 'तो आमिर खान को 3 मस्कीटियर्स में से एक के रूप में वर्गीकृत करने को लेकर मैं बिल्कुल सही साबित हुआ हूं।' स्वामी बोले- मुलाकात के लिए आमिर ने प्रोटोकॉल तोड़ा इससे पहले तुर्की की प्रथम महिला से हुई मुलाकात को लेकर एक मीडिया हाउस से हुई बातचीत में स्वामी ने कहा था, 'वे तुर्की गए और वहां के राष्ट्रपति की पत्नी के साथ साइट सीन पर भी गए। वहां किसी ने उनका फोटो ले लिया और सबको पता लग गया। इस मुलाकात के बारे में हमारे दूतावास को नहीं पता था। जबकि प्रोटोकॉल के मुताबिक उन्हें इंडियन एम्बेसी के किसी अधिकारी या ऑफिसर को अपने साथ ले जाना चाहिए था। ऐसा लगता है कि उन्हें वहां कुछ खास बातें करना थीं, इसलिए वे मर्यादा को भंग करते हुए उनसे मिलने गए थे।' तुर्की को कहा भारत विरोधी इस्लामिक देश आगे उन्होंने कहा, 'तुर्की हमारे देश की सख्त विरोधी हो गई है, पक्का मुसलमान और जिहादी देश का रूप ले रही है। उन्होंने पाकिस्तान से भी अपना रिश्ता जोड़ लिया है और हिंदुस्तान को निशाना बनाने में लगे हुए हैं। तो हम सब लोगों को सतर्क रहना चाहिए।' 15 अगस्त को हुई थी मुलाकात आमिर खान और तुर्की की प्रथम महिला के बीच ये मुलाकात शनिवार 15 अगस्त को हुई थी। जब भारतीय अभिनेता उनसे मिलने के लिए इंस्तांबुल में स्थित राष्ट्रपति भवन हुबर मेंशन में उनसे मिलने के लिए गए थे। इस मुलाकात के बारे में अमीन एर्दोगन ने भी अपने ट्विटर अकाउंट पर बताया था और कुछ फोटोज भी शेयर किए थे। ## 'खुशी हुई कि आमिर तुर्की में शूटिंग करेंगे' आमिर से मुलाकात के बाद अमीन ने अपने ट्वीट में लिखा था, 'दुनियाभर में मशहूर भारतीय अभिनेता, फिल्ममेकर और डायरेक्टर आमिर खान से इस्तांबुल में मिलकर बहुत खुशी हुई। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आमिर ने अपनी लेटेस्ट मूवी ‘लाल सिंह चड्ढा’ की शूटिंग तुर्की के अलग-अलग इलाकों में करने का फैसला लिया है। मैं इसके लिए तैयार हूं।' इसलिए हो रहा मुलाकात पर विवाद तुर्की के साथ इन दिनों भारत के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं। वहां के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन अक्सर भारत विरोधी बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं और खुलकर पाकिस्तान का पक्ष लेते हैं। पिछले साल जब भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया था, तब भी उन्होंने इस कार्रवाई का विरोध किया था, साथ ही CAA और NRC को लेकर भी भारत का विरोध किया था। इस साल फरवरी में उन्होंने पाकिस्तान की संसद में कहा था कि कश्मीर जितना अहम पाकिस्तान के लिए है उतना ही तुर्की के लिए भी है। पिछले महीने बकरीद के मौके पर एर्दोगन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से बात की थी। साथ ही उन्हें भरोसा दिया था कि वे कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का सपोर्ट करते रहेंगे। कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा भी किया जा चुका है कि तुर्की भारत में कट्टर इस्लामिक संगठनों की फंडिंग भी करता है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today सुब्रमण्यम स्वामी ने बताया कि प्रोटोकॉल के मुताबिक तुर्की की प्रथम महिला से मुलाकात के लिए जाते वक्त आमिर को अपने साथ दूतावास के किसी अधिकारी साथ ले जाना चाहिए था। https://ift.tt/2QmJRWd

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि तुर्की से लौटने पर अभिनेता आमिर खान को दो हफ्तों के लिए सरकारी होस्टल में क्वारैंटाइन करना चाहिए। आमिर इन दिनों अपनी फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' के सिलसिले में तुर्की में हैं और वहां वे तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब की पत्नी अमीन एर्दोगन से मुलाकात करके विवादों में आ गए हैं।

अपने ट्वीट में स्वामी ने लिखा, 'कोविड-19 नियमों के अंतर्गत वापस आने पर आमिर खान को दो हफ्तों के लिए सरकारी होस्टल में क्वारैंटाइन किया जाना चाहिए।' इससे पहले किए एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा था, 'तो आमिर खान को 3 मस्कीटियर्स में से एक के रूप में वर्गीकृत करने को लेकर मैं बिल्कुल सही साबित हुआ हूं।'

स्वामी बोले- मुलाकात के लिए आमिर ने प्रोटोकॉल तोड़ा

इससे पहले तुर्की की प्रथम महिला से हुई मुलाकात को लेकर एक मीडिया हाउस से हुई बातचीत में स्वामी ने कहा था, 'वे तुर्की गए और वहां के राष्ट्रपति की पत्नी के साथ साइट सीन पर भी गए। वहां किसी ने उनका फोटो ले लिया और सबको पता लग गया। इस मुलाकात के बारे में हमारे दूतावास को नहीं पता था। जबकि प्रोटोकॉल के मुताबिक उन्हें इंडियन एम्बेसी के किसी अधिकारी या ऑफिसर को अपने साथ ले जाना चाहिए था। ऐसा लगता है कि उन्हें वहां कुछ खास बातें करना थीं, इसलिए वे मर्यादा को भंग करते हुए उनसे मिलने गए थे।'

तुर्की को कहा भारत विरोधी इस्लामिक देश

आगे उन्होंने कहा, 'तुर्की हमारे देश की सख्त विरोधी हो गई है, पक्का मुसलमान और जिहादी देश का रूप ले रही है। उन्होंने पाकिस्तान से भी अपना रिश्ता जोड़ लिया है और हिंदुस्तान को निशाना बनाने में लगे हुए हैं। तो हम सब लोगों को सतर्क रहना चाहिए।'

15 अगस्त को हुई थी मुलाकात

आमिर खान और तुर्की की प्रथम महिला के बीच ये मुलाकात शनिवार 15 अगस्त को हुई थी। जब भारतीय अभिनेता उनसे मिलने के लिए इंस्तांबुल में स्थित राष्ट्रपति भवन हुबर मेंशन में उनसे मिलने के लिए गए थे। इस मुलाकात के बारे में अमीन एर्दोगन ने भी अपने ट्विटर अकाउंट पर बताया था और कुछ फोटोज भी शेयर किए थे।

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'खुशी हुई कि आमिर तुर्की में शूटिंग करेंगे'

आमिर से मुलाकात के बाद अमीन ने अपने ट्वीट में लिखा था, 'दुनियाभर में मशहूर भारतीय अभिनेता, फिल्ममेकर और डायरेक्टर आमिर खान से इस्तांबुल में मिलकर बहुत खुशी हुई। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आमिर ने अपनी लेटेस्ट मूवी ‘लाल सिंह चड्ढा’ की शूटिंग तुर्की के अलग-अलग इलाकों में करने का फैसला लिया है। मैं इसके लिए तैयार हूं।'

इसलिए हो रहा मुलाकात पर विवाद

तुर्की के साथ इन दिनों भारत के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं। वहां के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन अक्सर भारत विरोधी बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं और खुलकर पाकिस्तान का पक्ष लेते हैं। पिछले साल जब भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया था, तब भी उन्होंने इस कार्रवाई का विरोध किया था, साथ ही CAA और NRC को लेकर भी भारत का विरोध किया था। इस साल फरवरी में उन्होंने पाकिस्तान की संसद में कहा था कि कश्मीर जितना अहम पाकिस्तान के लिए है उतना ही तुर्की के लिए भी है।

पिछले महीने बकरीद के मौके पर एर्दोगन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से बात की थी। साथ ही उन्हें भरोसा दिया था कि वे कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का सपोर्ट करते रहेंगे। कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा भी किया जा चुका है कि तुर्की भारत में कट्टर इस्लामिक संगठनों की फंडिंग भी करता है।



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सुब्रमण्यम स्वामी ने बताया कि प्रोटोकॉल के मुताबिक तुर्की की प्रथम महिला से मुलाकात के लिए जाते वक्त आमिर को अपने साथ दूतावास के किसी अधिकारी साथ ले जाना चाहिए था।


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