फिल्म में झूठ बेचने को लेकर मेकर्स पर भड़कीं रिटायर्ड विंग कमांडर, बोलीं- रचनात्मक स्वतंत्रता के नाम पर आप कुछ भी नहीं दिखा सकते जान्हवी कपूर स्टारर फिल्म 'गुंजन सक्सेस: द करगिल गर्ल' हाल ही में एक प्रमुख ओटीटी प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम हो चुकी है। हालांकि फिल्म में भारतीय वायुसेना की नकारात्मक छवि दिखाने को लेकर विवाद हो रहा है। वायुसेना ने तो इसे लेकर पहले ही आपत्ति जता दी थी, अब एक रिटायर्ड विंग कमांडर ने भी करण जौहर और धर्मा प्रोडक्शन पर झूठ बेचने को लेकर निशाना साधा है। भारतीय वायुसेना में 15 साल तक सेवाएं दे चुकीं विंग कमांडर नम्रता चांडी (रिटायर्ड) का कहना है कि फिल्म में रचनात्मकता के नाम पर गलत तथ्य दिखाए गए हैं और ये फिल्म एक महिला पायलट की यात्रा को नकारात्मक रूप में दिखाती है। उन्होंने करन जौहर पर झूठ बेचने का आरोप भी लगाया। रचनात्मक आजादी के नाम पर आप कुछ भी नहीं दिखा सकते आउटलुक को दिए इंटरव्यू में चांडी ने कहा, 'मैंने बहुत थोड़ी उम्मीदों के साथ फिल्म को देखा। बहुत कम फिल्में सच के साथ न्याय करती हैं। फिल्म मेकर्स डिस्क्लेमर जारी करते हैं और रचनात्मक स्वतंत्रता की आड़ में बचकर निकल जाते हैं। लेकिन सिनेमाई लाइसेंस और रचनात्मक आजादी 'कभी खुशी कभी गम' जैसे बबल गम सिनेमा पर लागू किया जा सकता है। लेकिन इसका दायरा पूर्णत: नियमों और प्रोटोकॉल से स्थापित भारतीय वायुसेना जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों तक नहीं बढ़ाया जा सकता।' 'मुझे ये नहीं पता कि गुंजन ने क्रू रूम के अपने अनुभव के बारे में फिल्म के रिसर्चर्स से क्या कहा होगा। लेकिन ये बात मैं पूरी दृढ़ता से कह सकती हूं कि जिस किसी ने भी यूनिफॉर्म पहनी हो या गुंजन की तरह 5-6 साल तक सेवाएं दी हों, वो मेकर्स को वहां के बारे में इस तरह का बचकाना परिदृश्य नहीं बताएगा।' 'शुरुआत में जरूर कुछ कठिनाइयां थीं' 'मैंने खुद एक हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में सेवाएं दी हैं और जैसा कि फिल्म में बताया गया है, उस तरह के बुरे बर्ताव और दुर्व्यवहार का सामना मैंने कभी नहीं किया है। वर्दी वाले पुरुष वास्तव में सच्चे सज्जन और पेशेवर होते हैं। महिला अधिकारियों को सहज और अनुकूल बनाने के लिए वे हर संभव कोशिश करते हैं। हां, शुरुआत में कुछ कठिनाइयां जरूर थीं, जैसे चेंजिंग रूम्स नहीं थे या विशेष लेडीज टॉयलेट्स नहीं थे। इसके बाद भी पुरुषों ने हमारे लिए जगह बनाई।' 'कभी-कभी जब मैं कपड़े बदलती थी तो मेरे अधिकारी भाई पर्दे के बाहर खड़े होकर पहरा देते थे। 15 साल के मेरे पूरे करियर में कभी मेरा अपमान नहीं हुआ या बदसलूकी नहीं की गई।' 'किसी मूर्ख को भी ये बात पता होगी' आगे उन्होंने कहा, 'फिल्म एक सीन ऐसा भी है, जिसमें आर्मी मेजर गुंजन सक्सेना के कैरेक्टर से पूछता है, 'तुम ज्वॉइन करोगी'। जबकि एक अल्पबुद्धि मनुष्य को भी ये बात पता होगी कि अगर आप एक बार कमीशन्ड अधिकारी बन गए तो फिर आप भारत के संविधान के प्रति प्रतिबद्ध हो जाते हैं। कृपया लोगों को इस बात की कल्पना भी ना करने दें कि आदेशों की अवहेलना भी संभव है।' 'मैं और मेरी महिला सहकर्मी हैरान हैं' 'फिल्म में जो कुछ भी दिखाया गया है और जो संदेश दिया जा रहा है उसे देखकर मैं और मेरी महिला सहकर्मी हैरान हैं और दुखी हैं। सोशल मीडिया कभी-कभी तथ्यों को इस तरह से बताता है जिससे वीरता पुरस्कारों का महत्व कम हो जाता है। गुंजन सक्सेना को शौर्य चक्र मिलने की खबर पूरी तरह गलत है।' 'मैं दोहराती हूं कि हममें से किसी के पास गुंजन के खिलाफ कुछ नहीं है। फिल्म में महिला ऑफिसर्स को जिस तरह से दिखाया गया है, हमारी सबसे बड़ी आपत्ति उसी को लेकर है। मेरी साथी महिला अधिकारी और मैं वर्षों से हमारे पुरुष सहकर्मियों का बचाव करते रहे हैं। उन्होंने हमारा स्वागत किया और बराबरी से सम्मान दिया। हमने कठिन रास्ते के बाद भी सीखा, लेकिन साथ में एक-दूसरे के लिए सद्भाव और सम्मान की भावना भी रही।' जान्हवी को ऐसी फिल्मों से बचने की सलाह दी 'फिल्म में लीड रोल निभाने वाली जान्हवी कपूर को सलाह देते हुए उन्होंने कहा, 'बेचारी जान्हवी कपूर, उसे हम औरतों को बेचारी और दयनीय बताने से बचना चाहिए। लेडी मैं आपको सलाह देना चाहती हूं, कि यदि आप एक गौरवान्वित भारतीय महिला हैं तो फिर कभी इस तरह की फिल्म ना करें। भारतीय पेशेवर महिलाओं और पुरुषों को इस तरह नकारात्मक रोशनी में दिखाना बंद करें।' 'सेना की छवि को धूमिल करने की अनुमति कभी ना दूं' आखिरी में उन्होंने कहा, 'मैंने बतौर हेलीकॉप्टर पायलट पूरे 15 साल गुजारे हैं, और खुद को भारतीय वायुसेना की बेहद गौरवशाली अनुभवी कह सकती हूं। ऐसा कोई रास्ता नहीं है कि मैं रचनात्मकता और सिनेमाई लाइसेंस के कारण इस तरह सेना की छवि को धूमिल करने की अनुमति दे दूंगी।' Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today गुंजन सक्सेना के साथ फिल्म की एक्ट्रेस जान्हवी कपूर। https://ift.tt/3g3ldE6

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जान्हवी कपूर स्टारर फिल्म 'गुंजन सक्सेस: द करगिल गर्ल' हाल ही में एक प्रमुख ओटीटी प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम हो चुकी है। हालांकि फिल्म में भारतीय वायुसेना की नकारात्मक छवि दिखाने को लेकर विवाद हो रहा है। वायुसेना ने तो इसे लेकर पहले ही आपत्ति जता दी थी, अब एक रिटायर्ड विंग कमांडर ने भी करण जौहर और धर्मा प्रोडक्शन पर झूठ बेचने को लेकर निशाना साधा है।

भारतीय वायुसेना में 15 साल तक सेवाएं दे चुकीं विंग कमांडर नम्रता चांडी (रिटायर्ड) का कहना है कि फिल्म में रचनात्मकता के नाम पर गलत तथ्य दिखाए गए हैं और ये फिल्म एक महिला पायलट की यात्रा को नकारात्मक रूप में दिखाती है। उन्होंने करन जौहर पर झूठ बेचने का आरोप भी लगाया।

रचनात्मक आजादी के नाम पर आप कुछ भी नहीं दिखा सकते

आउटलुक को दिए इंटरव्यू में चांडी ने कहा, 'मैंने बहुत थोड़ी उम्मीदों के साथ फिल्म को देखा। बहुत कम फिल्में सच के साथ न्याय करती हैं। फिल्म मेकर्स डिस्क्लेमर जारी करते हैं और रचनात्मक स्वतंत्रता की आड़ में बचकर निकल जाते हैं। लेकिन सिनेमाई लाइसेंस और रचनात्मक आजादी 'कभी खुशी कभी गम' जैसे बबल गम सिनेमा पर लागू किया जा सकता है। लेकिन इसका दायरा पूर्णत: नियमों और प्रोटोकॉल से स्थापित भारतीय वायुसेना जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों तक नहीं बढ़ाया जा सकता।'

'मुझे ये नहीं पता कि गुंजन ने क्रू रूम के अपने अनुभव के बारे में फिल्म के रिसर्चर्स से क्या कहा होगा। लेकिन ये बात मैं पूरी दृढ़ता से कह सकती हूं कि जिस किसी ने भी यूनिफॉर्म पहनी हो या गुंजन की तरह 5-6 साल तक सेवाएं दी हों, वो मेकर्स को वहां के बारे में इस तरह का बचकाना परिदृश्य नहीं बताएगा।'

'शुरुआत में जरूर कुछ कठिनाइयां थीं'

'मैंने खुद एक हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में सेवाएं दी हैं और जैसा कि फिल्म में बताया गया है, उस तरह के बुरे बर्ताव और दुर्व्यवहार का सामना मैंने कभी नहीं किया है। वर्दी वाले पुरुष वास्तव में सच्चे सज्जन और पेशेवर होते हैं। महिला अधिकारियों को सहज और अनुकूल बनाने के लिए वे हर संभव कोशिश करते हैं। हां, शुरुआत में कुछ कठिनाइयां जरूर थीं, जैसे चेंजिंग रूम्स नहीं थे या विशेष लेडीज टॉयलेट्स नहीं थे। इसके बाद भी पुरुषों ने हमारे लिए जगह बनाई।'

'कभी-कभी जब मैं कपड़े बदलती थी तो मेरे अधिकारी भाई पर्दे के बाहर खड़े होकर पहरा देते थे। 15 साल के मेरे पूरे करियर में कभी मेरा अपमान नहीं हुआ या बदसलूकी नहीं की गई।'

'किसी मूर्ख को भी ये बात पता होगी'

आगे उन्होंने कहा, 'फिल्म एक सीन ऐसा भी है, जिसमें आर्मी मेजर गुंजन सक्सेना के कैरेक्टर से पूछता है, 'तुम ज्वॉइन करोगी'। जबकि एक अल्पबुद्धि मनुष्य को भी ये बात पता होगी कि अगर आप एक बार कमीशन्ड अधिकारी बन गए तो फिर आप भारत के संविधान के प्रति प्रतिबद्ध हो जाते हैं। कृपया लोगों को इस बात की कल्पना भी ना करने दें कि आदेशों की अवहेलना भी संभव है।'

'मैं और मेरी महिला सहकर्मी हैरान हैं'


'फिल्म में जो कुछ भी दिखाया गया है और जो संदेश दिया जा रहा है उसे देखकर मैं और मेरी महिला सहकर्मी हैरान हैं और दुखी हैं। सोशल मीडिया कभी-कभी तथ्यों को इस तरह से बताता है जिससे वीरता पुरस्कारों का महत्व कम हो जाता है। गुंजन सक्सेना को शौर्य चक्र मिलने की खबर पूरी तरह गलत है।'

'मैं दोहराती हूं कि हममें से किसी के पास गुंजन के खिलाफ कुछ नहीं है। फिल्म में महिला ऑफिसर्स को जिस तरह से दिखाया गया है, हमारी सबसे बड़ी आपत्ति उसी को लेकर है। मेरी साथी महिला अधिकारी और मैं वर्षों से हमारे पुरुष सहकर्मियों का बचाव करते रहे हैं। उन्होंने हमारा स्वागत किया और बराबरी से सम्मान दिया। हमने कठिन रास्ते के बाद भी सीखा, लेकिन साथ में एक-दूसरे के लिए सद्भाव और सम्मान की भावना भी रही।'

जान्हवी को ऐसी फिल्मों से बचने की सलाह दी

'फिल्म में लीड रोल निभाने वाली जान्हवी कपूर को सलाह देते हुए उन्होंने कहा, 'बेचारी जान्हवी कपूर, उसे हम औरतों को बेचारी और दयनीय बताने से बचना चाहिए। लेडी मैं आपको सलाह देना चाहती हूं, कि यदि आप एक गौरवान्वित भारतीय महिला हैं तो फिर कभी इस तरह की फिल्म ना करें। भारतीय पेशेवर महिलाओं और पुरुषों को इस तरह नकारात्मक रोशनी में दिखाना बंद करें।'

'सेना की छवि को धूमिल करने की अनुमति कभी ना दूं'

आखिरी में उन्होंने कहा, 'मैंने बतौर हेलीकॉप्टर पायलट पूरे 15 साल गुजारे हैं, और खुद को भारतीय वायुसेना की बेहद गौरवशाली अनुभवी कह सकती हूं। ऐसा कोई रास्ता नहीं है कि मैं रचनात्मकता और सिनेमाई लाइसेंस के कारण इस तरह सेना की छवि को धूमिल करने की अनुमति दे दूंगी।'



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गुंजन सक्सेना के साथ फिल्म की एक्ट्रेस जान्हवी कपूर।


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