14 जून को 11 से 12 बजे के बीच हुई थी सुशांत की मौत, हॉस्पिटल की ओर से जारी की गई सप्लीमेंट्री पोस्टमार्टम रिपोर्ट पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का समय नहीं लिखकर आलोचनाओं का शिकार हुए मुंबई के कूपर हॉस्पिटल की ओर से अब सप्लीमेंट्री पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी की गई। इस रिपोर्ट के मुताबिक, सुशांत की मौत पोस्टमार्टम शुरू होने के 10-12 घंटे पहले हुई थी। बता दें कि सुशांत का पोस्टमार्टम 14 जून को देर रात 11 से 12.30 के बीच हुआ था। रिपोर्ट की माने तो इस हिसाब से सुशांत की मौत 11 से 12 बजे के बीच हुई है। हॉस्पिटल ने पहली रिपोर्ट में समय नहीं देने का कारण स्पष्ट नहीं किया इससे पहले सामने आई 7 पन्नों की ऑटॉप्सी रिपोर्ट में मौत का समय नहीं लिखा था। हालांकि, हॉस्पिटल की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि पहली रिपोर्ट में मौत का समय क्यों नहीं दिया गया था। बता दें कि इसी मामले में सुशांत का पोस्टमार्टम करने वाले 5 डॉक्टरों की टीम से मुंबई पुलिस और सीबीआई दोनों की टीमें पूछताछ कर चुकी हैं। कूपर हॉस्पिटल के इन पांच डॉक्टर्स ने सुशांत का पोस्टमार्टम किया था, लेकिन किसी ने भी मौत का समय पहली रिपोर्ट में नहीं डाला था। सुशांत के पिता के वकील ने खड़े किए थे सवाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का समय नहीं देने पर सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह ने सवाल खड़े किए थे। सिंह ने कहा था- जिन बातों का मौत के वक्त जिक्र किया गया था, उनकी डिटेल ऑटॉप्सी रिपोर्ट में क्यों नहीं है। ऑटॉप्सी रिपोर्ट में मौत का वक्त तक नहीं बताया गया। आखिर, ऐसा क्यों किया गया? विकास सिंह ने यह सवाल उठाया था दिशा सालियान का पोस्टमार्टम दो दिन बाद हुआ था तो सुशांत का पोस्टमार्टम में जल्दबाजी क्यों की गई? सुशांत के गले पर बने निशान और कपड़े में अंतर क्यों है? पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के वक्त का जिक्र क्यों नहीं है? आमतौर पर शाम ढलने के बाद पोस्टमार्टम नहीं होता लेकिन रात में पोस्टमार्टम क्यों हुआ? आखिरकार, मुंबई पुलिस को पोस्टमार्टम के लिए इतनी जल्दबाजी क्यों थी? सुशांत की ऑटॉप्सी रिपोर्ट कुल सात पेज की है। इस पेज पर सुशांत के शरीर पर मिले निशानों का जिक्र है। सुशांत की ऑटॉप्सी रिपोर्ट के मुख्य प्वाइंट्स शरीर पर चोट के निशान नहीं दिखाई दिए। गले और सिर के आसपास कोई हड्डी टूटी हुई नहीं थी। इस रिपोर्ट में मौत के वक्त का जिक्र नहीं है। डेथ बॉडी का कोरोना टेस्‍ट भी नहीं किया गया था। अभिनेता की गर्दन की गोलाई (परिधि) 49.5 सेंटीमीटर थी। सुशांत के गले के नीचे 33 सेंटीमीटर का लंबा 'लिगेचर मार्क' मिला था। रस्सी का निशान ठुड्डी से 8 सेंटीमीटर नीचे था। गले के दाहिनी तरफ निशान की मोटाई 1 सेंटीमीटर थी। गले की बांई तरफ निशान की मोटाई 3.5 सेंटीमीटर थी। ऑटॉप्सी की फाइलों की जांच करेगी एम्स की टीम एम्स ने सुशांत की ऑटॉप्सी फाइल की जांच के लिए पांच एक्सपर्ट्स का पैनल बनाया है। सीबीआई ने रिपोर्ट पर एम्स से राय देने को कहा था। एम्स के फॉरेंसिंक हेड डॉ. सुधीर गुप्ता इस टीम को लीड करेंगे। उन्होंने बताया, ''हम हत्या की आशंका के अलावा भी सभी एंगल से जांच करेंगे।" गुप्ता ने आगे कहा,“ डेथ बॉडी पर जो निशान मिले हैं, उनका उनका सबूतों से मिलान किया जाएगा। विसरा सुरक्षित है। इसकी जांच की जाएगी। डिप्रेशन दूर करने के लिए सुशांत को जो दवाएं दी जा रहीं थीं, उनका भी लैब टेस्ट किया जाएगा।" Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today यह तस्वीर 14 जून की दोपहर की है। मुंबई पुलिस के कुछ लोग और सुशांत के घर पर काम करने वाले उनके पार्थिव को लेकर हॉस्पिटल आए थे। https://ift.tt/2EcWAZ7

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पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का समय नहीं लिखकर आलोचनाओं का शिकार हुए मुंबई के कूपर हॉस्पिटल की ओर से अब सप्लीमेंट्री पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी की गई। इस रिपोर्ट के मुताबिक, सुशांत की मौत पोस्टमार्टम शुरू होने के 10-12 घंटे पहले हुई थी। बता दें कि सुशांत का पोस्टमार्टम 14 जून को देर रात 11 से 12.30 के बीच हुआ था। रिपोर्ट की माने तो इस हिसाब से सुशांत की मौत 11 से 12 बजे के बीच हुई है।

हॉस्पिटल ने पहली रिपोर्ट में समय नहीं देने का कारण स्पष्ट नहीं किया
इससे पहले सामने आई 7 पन्नों की ऑटॉप्सी रिपोर्ट में मौत का समय नहीं लिखा था। हालांकि, हॉस्पिटल की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि पहली रिपोर्ट में मौत का समय क्यों नहीं दिया गया था। बता दें कि इसी मामले में सुशांत का पोस्टमार्टम करने वाले 5 डॉक्टरों की टीम से मुंबई पुलिस और सीबीआई दोनों की टीमें पूछताछ कर चुकी हैं।

कूपर हॉस्पिटल के इन पांच डॉक्टर्स ने सुशांत का पोस्टमार्टम किया था, लेकिन किसी ने भी मौत का समय पहली रिपोर्ट में नहीं डाला था।

सुशांत के पिता के वकील ने खड़े किए थे सवाल
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का समय नहीं देने पर सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह ने सवाल खड़े किए थे। सिंह ने कहा था- जिन बातों का मौत के वक्त जिक्र किया गया था, उनकी डिटेल ऑटॉप्सी रिपोर्ट में क्यों नहीं है। ऑटॉप्सी रिपोर्ट में मौत का वक्त तक नहीं बताया गया। आखिर, ऐसा क्यों किया गया?

विकास सिंह ने यह सवाल उठाया था

  • दिशा सालियान का पोस्टमार्टम दो दिन बाद हुआ था तो सुशांत का पोस्टमार्टम में जल्दबाजी क्यों की गई?
  • सुशांत के गले पर बने निशान और कपड़े में अंतर क्यों है?
  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के वक्त का जिक्र क्यों नहीं है?
  • आमतौर पर शाम ढलने के बाद पोस्टमार्टम नहीं होता लेकिन रात में पोस्टमार्टम क्यों हुआ?
  • आखिरकार, मुंबई पुलिस को पोस्टमार्टम के लिए इतनी जल्दबाजी क्यों थी?
सुशांत की ऑटॉप्सी रिपोर्ट कुल सात पेज की है। इस पेज पर सुशांत के शरीर पर मिले निशानों का जिक्र है।

सुशांत की ऑटॉप्सी रिपोर्ट के मुख्य प्वाइंट्स

  • शरीर पर चोट के निशान नहीं दिखाई दिए।
  • गले और सिर के आसपास कोई हड्डी टूटी हुई नहीं थी।
  • इस रिपोर्ट में मौत के वक्त का जिक्र नहीं है।
  • डेथ बॉडी का कोरोना टेस्‍ट भी नहीं किया गया था।
  • अभिनेता की गर्दन की गोलाई (परिधि) 49.5 सेंटीमीटर थी।
  • सुशांत के गले के नीचे 33 सेंटीमीटर का लंबा 'लिगेचर मार्क' मिला था।
  • रस्सी का निशान ठुड्डी से 8 सेंटीमीटर नीचे था।
  • गले के दाहिनी तरफ निशान की मोटाई 1 सेंटीमीटर थी।
  • गले की बांई तरफ निशान की मोटाई 3.5 सेंटीमीटर थी।

ऑटॉप्सी की फाइलों की जांच करेगी एम्स की टीम

एम्स ने सुशांत की ऑटॉप्सी फाइल की जांच के लिए पांच एक्सपर्ट्स का पैनल बनाया है। सीबीआई ने रिपोर्ट पर एम्स से राय देने को कहा था। एम्स के फॉरेंसिंक हेड डॉ. सुधीर गुप्ता इस टीम को लीड करेंगे। उन्होंने बताया, ''हम हत्या की आशंका के अलावा भी सभी एंगल से जांच करेंगे।"

गुप्ता ने आगे कहा,“ डेथ बॉडी पर जो निशान मिले हैं, उनका उनका सबूतों से मिलान किया जाएगा। विसरा सुरक्षित है। इसकी जांच की जाएगी। डिप्रेशन दूर करने के लिए सुशांत को जो दवाएं दी जा रहीं थीं, उनका भी लैब टेस्ट किया जाएगा।"



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यह तस्वीर 14 जून की दोपहर की है। मुंबई पुलिस के कुछ लोग और सुशांत के घर पर काम करने वाले उनके पार्थिव को लेकर हॉस्पिटल आए थे।


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