अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की उस याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुना सकता है, जिसमें सुशांत के पिता केके सिंह की ओर से पटना में दर्ज कराए गए मामले को मुंबई स्थानांतरित करने की अपील की गई है। इसी के साथ यह स्पष्ट हो जाएगा कि इस मामले की जांच मुंबई पुलिस करेगी या सीबीआई।
रिया की ओर से वरिष्ठ वकील श्याम दीवान और बिहार सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह पैरवी कर रहे हैं। वहीं, सुशांत के पिता की ओर से वरिष्ठ वकील विकास सिंह और महाराष्ट्र सरकार की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे हैं। इस मामले में सीबीआई, केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार और बिहार सरकार भी पक्षकार हैं। सभी ने 13 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में लिखित जवाब दाखिल किया है।
न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय सुबह 11 बजे यह फैसला सुनाएंगे। रिया द्वारा मामले को स्थानांतरित करने के लिए दायर की गई याचिका का बिहार सरकार और सुशांत सिंह के पिता के. के. सिंह विरोध कर रहे हैं।
बिहार सरकार ने यह कहा
बिहार सरकार ने इस मामले में शीर्ष अदालत से कहा था कि 'राजनीतिक प्रभाव' की वजह से मुंबई पुलिस ने अभिनेता सुशांत के मामले में प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की है और इसके साथ ही उसने इस मामले में बिहार पुलिस को भी कोई सहयोग नहीं दिया है।
केंद्र सरकार का पक्ष
केंद्र ने सीबीआई और ईडी से मामले की जांच के लिए शीर्ष अदालत की मंजूरी मांगी है। केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया कि बिहार सरकार द्वारा किए गए अनुरोध पर सीबीआई ने पहले ही एक प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती का पक्ष
रिया ने लिखित तौर पर में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि पटना एफआईआर को एक जीरो एफआईआर माना जाना चाहिए और इसे मुंबई पुलिस को ट्रांसफर कर देना चाहिए।
इसके साथ ही रिया ने जोर देकर कहा है कि राजपूत के पिता ने उन पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं।
उन्होंने कहा है कि इस तरह के उदाहरण में अधिक से अधिक जो किया जा सकता है, वह यह है कि 'जीरो एफआईआर' के तौर पर दर्ज मामले को अधिकार क्षेत्र वाले पुलिस स्टेशन को भेज दिया जाना चाहिए।
रिया का यह भी कहना है कि बिहार में जांच पूरी तरह से अवैध है और इस तरह की अवैध कार्यवाही को सीबीआई को हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है।
सुशांत के पिता की ओर से दलील
सुशांत सिंह राजपूत के पिता के. के. सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि रिया ने पहले ही मामले से जुड़े गवाहों को प्रभावित करना शुरू कर दिया है और सीबीआई जांच पर भी यू-टर्न ले लिया है। के. के. सिंह के वकील ने दलील दी है कि रिया भी इस मामले की सीबीआई जांच चाहती थी, फिर वह अब इसके खिलाफ क्यों हैं?
केंद्र ने कहा-सीबीआई जांच के लिए उपयुक्त मामला
केंद्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी है कि यह सीबीआई जांच के लिए एक बिल्कुल उपयुक्त मामला है। मेहता ने सवाल किया कि मुंबई पुलिस ने 56 लोगों को कैसे बुलाया और उनके बयान दर्ज किए, क्योंकि वे पूछताछ की कार्यवाही के तहत ऐसा नहीं कर सकते। उन्होंने अदालत से कहा कि मुंबई पुलिस ने कभी भी जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज नहीं की।
मेहता ने जोर देकर कहा कि ईडी ने पहले ही जांच शुरू कर दी है और एक केंद्रीय एजेंसी द्वारा मामला दर्ज करने के बाद दूसरी केंद्रीय एजेंसी (सीबीआई) भी मामले में शामिल होनी चाहिए।
फैसले से पहले बहन ने यह कहा
आज के फैसले से पहले सुशांत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने गीता के एक श्लोक के साथ महाभारत की एक तस्वीर को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया है। इसपर लिखा है,‘अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो!'
सुशांत सिंह राजपूत के केस में अब तक हुआ ये
- 14 जून को सुशांत सिंह ने अपने बांद्रा स्थित माउंट ब्लॉक के अपार्टमेंट में कथित रूप से फांसी लगा ली थी। जिसके बाद मुंबई पुलिस ने इस केस काे सुसाइड केस बताकर जांच शुरू की थी।
- 25 जुलाई को सुशांत के पिता केके सिंह ने बेटे की मौत के 38 दिन बाद पटना के राजीवनगर थाने में रिया चक्रवर्ती सहित 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर लिखवाई थी। जिन पर सुशांत को सुसाइड के लिए उकसाने और 15 करोड़ के हेर-फेर का आरोप था।
- 29 जुलाई को हुई इस एफआईआर के जवाब में रिया चक्रवर्ती ने वकील सतीश मानशिंदे को हायर किया और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। जिसमें कहा था कि पटना में दायर केस को मुंबई ट्रांसफर किया जाए।
- 2 अगस्त को पटना एसपी विनय तिवारी जांच के लिए मुंबई पहुंचे। उनकी 4 मेंम्बर्स की टीम पहले ही पहुंच चुकी थी। लेकिन एसपी तिवारी को क्वारैंटाइन के नाम पर हिरासत में ले लिया गया था। बाद में टीम को भी जांच रोककर वापस आना पड़ा।
- 7 अगस्त को रिया चक्रवर्ती ईडी के दफ्तर पहुंची। टीम ने सोमवार को रिया, भाई शोविक, पिता इंद्रजीत और सुशांत की बिजनेस मैनेजर श्रुति मोदी से 10 घंटे पूछताछ की।
- 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने रिया की याचिका पर सुनवाई की थी। इसके पहले रिया ने मीडिया ट्रायल को गलत बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका भी लगाई थी।
- 13 अगस्त तक सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों (बिहार पुलिस, महाराष्ट्र पुलिस, सीबीआई और ईडी) को अपनी दलीलों पर लिखित नोट जमा करवाने का आदेश दिया था और फैसला सुरक्षित रख लिया था।
दो अन्य याचिकाएं खारिज कर चुका है सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत सिंह राजपूत के केस की जांच के संबंध में दो याचिकाओं को भी खारिज कर दिया था। इनमें एक याचिका अलका प्रिया नाम की महिला ने लगाई थी। जिसकी सुनवाई करते हुए कहा था- यह अधिकार क्षेत्र का मामला है, आप बॉम्बे हाईकोर्ट जा सकती हैं। वहीं एक लॉ स्टूडेंट की सीबीआई और एनआईए की मांग वाली याचिका पर सीजेआई एसए बोबडे ने पूछा था कि तुम कौन हो? बेंच ने कहा कि तुम एक अजनबी हो, जो इस मामले में बेवजह दखल दे रहा है। इस केस को सुशांत के पिता लड़ रहे हैं। हम तुम्हारी याचिका खारिज करते हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3iSYlJn
via
0 Comments
hi wite for you