अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में जांच के लिए सीबीआई की एसआईटी टीम शुक्रवार को मुंबई पहुंच सकती है। मुंबई पुलिस सूत्रों के मुताबिक, डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे को उनकी जांच में सहयोग के लिए नियुक्त किया गया है। आज ही सीबीआई की टीम बांद्रा पुलिस से इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज अपने हाथ में लेगी।
सीबीआई ने इस मामले के लिए गुजरात कैडर के आईपीएस मनोज शशिधर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की है। गुजरात कैडर की महिला आईपीएस अफसर गगन दीप गंभीर भी इस टीम का हिस्सा हैं, जो दिल्ली सीबीआई मुख्यालय में कार्यरत हैं। इनको लेकर कुल 10 लोगों की टीम इस केस पर एक साथ काम करेगी।
तीन हिस्सों में काम करेगी यह टीम
सूत्रों के मुताबिक, इस केस पर सीबीआई की टीम को तीन हिस्सों में बांटा गया है। हर टीम में तीन सदस्य होंगे और ये सभी आईपीएस मनोज शशिधर को रिपोर्ट करेंगे।
- पहली टीम को इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज जैसे- केस डायरी, क्राइम सीन के फोटोग्राफ, ऑटोप्सी रिपोर्ट, मुंबई पुलिस की फोरेंसिक रिपोर्ट, पीएम रिपोर्ट और दर्ज किए गए गवाहों के बयान की कॉपी को जमा करने की जिम्मेदारी दी गई है।
- दूसरी टीम रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार से जुड़े लोग, सुशांत के पूर्व मैनेजर, उनके घर पर काम करने वाले लोगों से पूछताछ करेगी। उस दिन मौका-ए-वारदात पर मौजूद सभी लोगों के बयान नए सिरे से दर्ज किए जाएंगे।
- तीसरी टीम इस मामले में प्रोफेशनल रंजिश, बॉलीवुड के नामचीन लोग और सुशांत के पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर्स से भी पूछताछ करेगी। सीन ऑफ क्राइम को रीक्रिएट करने का जिम्मा भी इसी टीम को दिया गया है।
- इसके अलावा सीबीआई टीम ईडी द्वारा की जा रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच की फाइंडिंग रिपोर्ट के सहारे भी केस को आगे लेकर जायेगी।
सीबीआई को इन पॉइंट्स का पता लगाना है
सीबीआई की जांच बिहार पुलिस की एफआईआर पर आधारित होगी। जिसमें आत्महत्या के लिए उकसाने, धोखाधड़ी और साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया गया था। उस एफआईआर में आईपीसी की धारा 341, 348, 380, 406, 420, 306 और 120बी शामिल है। इसके अलावा सीबीआई को इन पॉइंट्स का पता लगाना है।
- सुशांत सिंह राजपूत की मौत खुदकुशी है या मर्डर? दोनों के पीछे का कारण।
- सुशांत की मौत में रिया, उनके परिवार, बॉलीवुड से जुड़े लोग और उसके घर पर काम करने वाले लोगों की क्या भूमिका थी?
- पैसों के लेन-देन, कमाई और सुशांत के पिता द्वारा लगाये आरोपों की जांच करना।
- सुशांत की बिमारी, उनके डिप्रेशन की थ्योरी और उनके डॉक्टर्स के दावों की पड़ताल करना। पिता ने डॉक्टर्स पर भी संदेह जताया है।
- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की सच्ची को परखना और फॉरेंसिक रिपोर्ट से इसका मिलान करना।
- कॉल डिटेल्स की पड़ताल और इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस के सहारे इस केस की तह तक जाने का प्रयास किया जाएगा।
- 13 और 14 जून का पूरा सच सामने लाने की पूरी जिम्मेदारी भी सीबीआई के कंधों पर रहेगी।
सीबीआई के सामने खड़ी हैं यह चुनौतियां
- 60 दिन से ज्यादा समय हो जाने के कारण इस मामले में मौका-ए-वारदात का क्राइम सीन पूरी तरह से लगभग मिट चुका है। सीबीआई के पास सिर्फ मौके से ली गई तस्वीरें ही सहारा है।
- मुंबई पुलिस का पूरा रिकॉर्ड मराठी भाषा में है और उसे मराठी से इंग्लिश में ट्रांसलेशन कराने में लंबा समय लग सकता है। इसमें 56 गवाहों के बयान भी शामिल है।
- सुशांत की मौत का कोई भी चश्मदीद गवाह नहीं है केवल एक आदमी है जिसने डेड बॉडी को लटके देखा और उसने भी डेड बॉडी उतार दी। ऐसे में डेड बॉडी कहां और कैसे लटकी हुई थी उसके पैर कहां पर थे इन बातों को समझने के लिए भी सीबीआई को मशक्कत करनी पड़ेगी।
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hi wite for you