बिहार कोर्ट ने सुशांत की मौत के बाद 8 बॉलीवुड सेलेब्स के खिलाफ लगाई गई याचिका खारिज की सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले में बिहार के मुजफ्फरपुर में 8 बॉलीवुड सेलेब्स के खिलाफ केस दर्ज कियाथा। वकील सुधीर कुमार ओझा के द्वारा लगाई गई इस याचिका कोबिहार कोर्ट ने न्यायिक सीमाओं का हवाला देते हुए मुकदमा दर्ज करने की वाली इस याचिका को खारिज कर दिया।मुज्जफरपुर के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार ने याचिका पर सुनवाई की। जिला अदालत में करेंगे अपील याचिका खारिज होने के बादओझा ने कहा- मैं सीजेएम के डिसीजन कोजिला अदालत में चुनौती दूंगा। सुशांत की मौत के बाद से बिहार दर्द में है। हमें उन लोगों का पर्दाफाश करने आगे आना चाहिए जिन्होंने एक हंसमुख लड़के को इतना कठिन कदम उठाने के लिए मजबूर किया। याचिका मेंकरन जौहर, आदित्य चोपड़ा, साजिद नाडियाडवाला, सलमान खान, संजय लीला भंसाली, भूषण कुमार, एकता कपूर और दिनेश विजान के नाम थे। याचिका में किए थे ये दावे ओझा ने कंप्लेंट में यह दावा किया है कि सुशांत सिंह राजपूत को कई महीनों तक टॉर्चर किया गया था। उन्होंने 8 बॉलीवुड सेलेब्स पर आरोप लगाया था कि ये लोग इरादतन सुशांत की फिल्में रिलीज नहीं होने देते थे। फिल्म से जुड़े अवॉर्ड फंक्शन और दूसरे कार्यक्रमों में सुशांत को नहीं बुलाते थे। उसे साइडलाइन करके रखते थे, जिससे हताश और निराश होकर उन्होंने आत्महत्या का कदम उठाया। सुधीर कुमार ओझा ने केस कंप्लेंट में गवाह की लिस्ट में अभिनेत्री कंगना रनोट का नाम दिया है। आत्महत्या के लिए उकसाने का केस 17 जून को याचिका दर्ज करनेके बाददैनिक भास्कर से बातचीत में ओझा ने दावा किया था किअगर आरोप सही साबित होते हैंतो सभी आरोपियों को 10 साल तक की कैद हो सकती है। उन्होंने कहा था-"आईपीसी की धारा 306 और 109 के तहत 'केस कंप्लेन' यानी परिवाद पत्र दाखिल हुआ है। ये धाराएं आत्महत्या करने के लिए उकसाने की हैं।" मीडिया में आई खबरों के आधार पर केस वकील की मानें तो उन्होंने ये सभी आरोप मीडिया में आई खबरों को सबूत मानकर लगाए थे। इसके अलावा मुंबई से भी कई लोगों ने मैसेज के जरिए उन्हें जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था-"इन सबूतों के आधार पर स्पष्ट है कि सुशांत के साथ अन्याय हो रहा था। ये सब साक्ष्य के तौर पर तब से अदालत में मान्य हैं, जब से आईटी एक्ट लागू हुआ है।" सुधीरने कहा था-"अखबार की खबर पढ़कर हाई कोर्ट संज्ञान ले सकती है। लेती भी है। पहले नहीं था, मगर अब मोबाइल और टीवी के ऑडियो और वीडियो सबूत के तौर पर मान्य होते हैं। ऑडियो-वीडियो की जांच के लिए हैदराबाद में सेंटर भी बन चुका है। वहां अगर उन्हें सही पाया जाता है तो इन्हें सबूत के तौर पर पेश कर सकते हैं।" Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Bihar court dismisses plea against 8 Bollywood celebs filed by sudheer Kumar Ojha after Sushant Singh Rajput death https://ift.tt/3fcFhEG

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सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले में बिहार के मुजफ्फरपुर में 8 बॉलीवुड सेलेब्स के खिलाफ केस दर्ज कियाथा। वकील सुधीर कुमार ओझा के द्वारा लगाई गई इस याचिका कोबिहार कोर्ट ने न्यायिक सीमाओं का हवाला देते हुए मुकदमा दर्ज करने की वाली इस याचिका को खारिज कर दिया।मुज्जफरपुर के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार ने याचिका पर सुनवाई की।

जिला अदालत में करेंगे अपील

याचिका खारिज होने के बादओझा ने कहा- मैं सीजेएम के डिसीजन कोजिला अदालत में चुनौती दूंगा। सुशांत की मौत के बाद से बिहार दर्द में है। हमें उन लोगों का पर्दाफाश करने आगे आना चाहिए जिन्होंने एक हंसमुख लड़के को इतना कठिन कदम उठाने के लिए मजबूर किया। याचिका मेंकरन जौहर, आदित्य चोपड़ा, साजिद नाडियाडवाला, सलमान खान, संजय लीला भंसाली, भूषण कुमार, एकता कपूर और दिनेश विजान के नाम थे।

याचिका में किए थे ये दावे

ओझा ने कंप्लेंट में यह दावा किया है कि सुशांत सिंह राजपूत को कई महीनों तक टॉर्चर किया गया था। उन्होंने 8 बॉलीवुड सेलेब्स पर आरोप लगाया था कि ये लोग इरादतन सुशांत की फिल्में रिलीज नहीं होने देते थे। फिल्म से जुड़े अवॉर्ड फंक्शन और दूसरे कार्यक्रमों में सुशांत को नहीं बुलाते थे। उसे साइडलाइन करके रखते थे, जिससे हताश और निराश होकर उन्होंने आत्महत्या का कदम उठाया। सुधीर कुमार ओझा ने केस कंप्लेंट में गवाह की लिस्ट में अभिनेत्री कंगना रनोट का नाम दिया है।

आत्महत्या के लिए उकसाने का केस

17 जून को याचिका दर्ज करनेके बाददैनिक भास्कर से बातचीत में ओझा ने दावा किया था किअगर आरोप सही साबित होते हैंतो सभी आरोपियों को 10 साल तक की कैद हो सकती है। उन्होंने कहा था-"आईपीसी की धारा 306 और 109 के तहत 'केस कंप्लेन' यानी परिवाद पत्र दाखिल हुआ है। ये धाराएं आत्महत्या करने के लिए उकसाने की हैं।"

मीडिया में आई खबरों के आधार पर केस

वकील की मानें तो उन्होंने ये सभी आरोप मीडिया में आई खबरों को सबूत मानकर लगाए थे। इसके अलावा मुंबई से भी कई लोगों ने मैसेज के जरिए उन्हें जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था-"इन सबूतों के आधार पर स्पष्ट है कि सुशांत के साथ अन्याय हो रहा था। ये सब साक्ष्य के तौर पर तब से अदालत में मान्य हैं, जब से आईटी एक्ट लागू हुआ है।"

सुधीरने कहा था-"अखबार की खबर पढ़कर हाई कोर्ट संज्ञान ले सकती है। लेती भी है। पहले नहीं था, मगर अब मोबाइल और टीवी के ऑडियो और वीडियो सबूत के तौर पर मान्य होते हैं। ऑडियो-वीडियो की जांच के लिए हैदराबाद में सेंटर भी बन चुका है। वहां अगर उन्हें सही पाया जाता है तो इन्हें सबूत के तौर पर पेश कर सकते हैं।"



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Bihar court dismisses plea against 8 Bollywood celebs filed by sudheer Kumar Ojha after Sushant Singh Rajput death


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