महानायक अमिताभ बच्चन के बंगले जलसा, जनक और प्रतीक्षा कंटेनमेंट जोन से मुक्त हो गए हैं। रविवार को बीएमसी की टीम ने जाकर सभी बंगलों के बाहर लगे कंटेनमेंट जोन के पोस्टर हटा दिए हैं। ये पोस्टर अमिताभ और उनके बेटे अभिषेक के नानावटी अस्पताल में भर्ती होने के अगले दिन बंगलों को सैनेटाइज करने के बाद लगाए गए थे।
14 दिन तक लगे रहे पोस्टर
कंटेनमेंट जोन को लेकर अलग-अलग शहरों के लिए अलग-अलग नियम हैं। कई शहरों में इसकी अवधि 28 दिन की है तो कई शहरों में यह 7-14 दिन तक लिए घोषित रहता है। अमिताभ के बंगले 14 दिन तक कंटेनमेंट जोन घोषित रहे। 12 जुलाई को बीएमसी ने उनके तीनों बंगलों के बाहर कंटेनमेंट जोन के पोस्टर लगाए थे, जो 26 जुलाई को हटा दिए गए।
6 दिन जलसा में ही क्वारैंटाइन थीं ऐश्वर्या-आराध्या
11 जुलाई को 77 साल के अमिताभ और उनके 44 वर्षीय बेटे अभिषेक का कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया था। उसी शाम दोनों नानावटी हॉस्पिटल में भर्ती हो गए। अगले दिन बिग बी की 46 साल की बहू ऐश्वर्या और 8 वर्षीय पोती आराध्या की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। हालांकि, लक्षण दिखाई न देने के कारण दोनों को होम क्वारैंटाइन किया गया था।
मां-बेटी 6 दिन तक जलसा में ही रहीं। लेकिन 17 जुलाई को उनकी तबियत बिगड़ी तो उन्हें भी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था। अस्पताल प्रबंधन या बच्चन फैमिली के सदस्यों द्वारा उनकी सेहत को लेकर अभी तक कोई अपडेट नहीं दी गई है।
जनक में हैं अमिताभ का ऑफिस
अमिताभ और उनके फैमिली मेंबर्स जिस बंगले (जलसा) में रहते हैं, वह उन्हें 1982 में 'सत्ते पे सत्ता' की सफलता के बाद डायरेक्टर राज एन. सिप्पी ने गिफ्ट किया था। प्रतीक्षा बिग बी का पहला बंगला है, जहां वे 1976 में शिफ्ट हुए थे। बाबूजी डॉ. हरिवंश राय बच्चन ने इसका नामकरण किया था। बच्चन का तीसरा बंगला जनक है, जिसका इस्तेमाल वे ऑफिस के तौर पर करते हैं।
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