अभिषेक बच्चन ने करियर के बुरे दौर को याद करते हुए कहा, 'वो चार साल नर्क की तरह गुजरे' अभिषेक बच्चन जल्द ही वेबसीरीज ब्रीद: इंटू द शैडो से अपना डिजिटल डेब्यू करने जा रहे हैं।हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में अपने फ़िल्मी करियर पर कई सारी बातें कही हैं। राजीव मसंद को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया, मेरी पहली फिल्म रिफ्यूजी के प्रीमियर पर मुझे यश चोपड़ा से एक सलाह दी थी। उन्होंने कहा था, याद रखना, तुम्हारे पिता तुम्हें यहां तक ले आए, लेकिन जब तुम सिनेमा में कदम रखोगे तो सब पीछे छूट जाएगा और तुम्हें अपने पैरों पर ही चलना पड़ेगा। यश चोपड़ा ने दी थी सलाह:फिल्मों में कदम रखने पर अभिषेक ने कहा, मैंने डेड मैन वॉकिंग फिल्म देखने के बाद फिल्मों में काम करने का मन बनाया था। मैंने अपनी इच्छा अपने पेरेंट्स को बताई, पहले आपको उस झिझक से बाहर निकलना पड़ता है कि आपको फिल्मों में काम करना है, वह भी तब जब यह फैमिली बिजनेस हो। आप प्रैक्टिकल नहीं हो सकते। यह एक इमोशनल डिसीजन होता है। यह करो या मरो की स्थिति की तरह होता है। चार साल बुरे गुजरे: अभिषेक ने इंटरव्यू में उस दौर का जिक्र भी किया जब चार साल तक उनकी फिल्मों नहीं चलीं। अभिषेक ने कहा, 'वो दौर नरक के समान था। सबकी अपनी जर्नी होती है। हमें किसी और की जर्नी को जज नहीं करना चाहिए। मैंने कभी पीछे देखकर चीजों को नहीं कोसा क्योंकि उस समय काफी कुछ था जो अच्छा भी था। यकीकन उस दौर का सामना करना बेहद मुश्किल था लेकिन इसके साथ ही मैं सभी फिल्मों का हिस्सा बनकर भी खुश था क्योंकि यह करोड़ों लोगों का सपना होता है तो कम्प्लेन क्यों करना? कम से कम मुझे फिल्मों का हिस्सा बनने का मौका मिला, कई लोगों जो तो एक फिल्म भी नसीब नहीं होती।' अभिषेक आगे द बिग बुल, बॉब बिस्वास और लूडो जैसी फिल्मों में नजर आएंगे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Abhishek Bachchan reflects on past failures, says it felt like ‘hell’

अभिषेक बच्चन जल्द ही वेबसीरीज ब्रीद: इंटू द शैडो से अपना डिजिटल डेब्यू करने जा रहे हैं।हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में अपने फ़िल्मी करियर पर कई सारी बातें कही हैं। राजीव मसंद को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया, मेरी पहली फिल्म रिफ्यूजी के प्रीमियर पर मुझे यश चोपड़ा से एक सलाह दी थी। उन्होंने कहा था, याद रखना, तुम्हारे पिता तुम्हें यहां तक ले आए, लेकिन जब तुम सिनेमा में कदम रखोगे तो सब पीछे छूट जाएगा और तुम्हें अपने पैरों पर ही चलना पड़ेगा।

यश चोपड़ा ने दी थी सलाह:फिल्मों में कदम रखने पर अभिषेक ने कहा, मैंने डेड मैन वॉकिंग फिल्म देखने के बाद फिल्मों में काम करने का मन बनाया था। मैंने अपनी इच्छा अपने पेरेंट्स को बताई, पहले आपको उस झिझक से बाहर निकलना पड़ता है कि आपको फिल्मों में काम करना है, वह भी तब जब यह फैमिली बिजनेस हो। आप प्रैक्टिकल नहीं हो सकते। यह एक इमोशनल डिसीजन होता है। यह करो या मरो की स्थिति की तरह होता है।

चार साल बुरे गुजरे: अभिषेक ने इंटरव्यू में उस दौर का जिक्र भी किया जब चार साल तक उनकी फिल्मों नहीं चलीं। अभिषेक ने कहा, 'वो दौर नरक के समान था। सबकी अपनी जर्नी होती है। हमें किसी और की जर्नी को जज नहीं करना चाहिए। मैंने कभी पीछे देखकर चीजों को नहीं कोसा क्योंकि उस समय काफी कुछ था जो अच्छा भी था। यकीकन उस दौर का सामना करना बेहद मुश्किल था लेकिन इसके साथ ही मैं सभी फिल्मों का हिस्सा बनकर भी खुश था क्योंकि यह करोड़ों लोगों का सपना होता है तो कम्प्लेन क्यों करना? कम से कम मुझे फिल्मों का हिस्सा बनने का मौका मिला, कई लोगों जो तो एक फिल्म भी नसीब नहीं होती।' अभिषेक आगे द बिग बुल, बॉब बिस्वास और लूडो जैसी फिल्मों में नजर आएंगे।



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