शिवसेना नेता संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र सामना में एक लेख के माध्यम से सुशांत के परिवार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि पिता केके सिंह की दूसरी शादी की वजह से सुशांत परेशान थे और उनके रिश्ते ठीक नहीं चल रहे थे। इसके अलावा संजय राउत ने सुशांत की एक्स-गर्लफ्रेंड अंकिता लोखंडे पर भी निशाना साधा था। उनके इस बयान पर सुशांत के चचेरे भाई और भाजपा विधायक नीरज सिंह ने इसे परिवार की प्रतिष्ठा पर दाग बताए हुए अखबार और संजय राउत पर मानहानि का केस करने की बात कही है।
नीरज सिंह का कहना है कि पारिवारिक मामले में इस तरह का शर्मनाक आरोप लगाना निंदनीय है। उनके पिता ने सिर्फ एक शादी की थी। नीरज सिंह ने कहा है कि सुशांत सिंह नाखुश थे, यह बात उन्हें किस ने बता दी थी। नीरज ने कहा कि लेख में सारी बातें बेबुनियाद हैं। इस मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है।
संजय राउत ने सुशांत के परिवार पर लगाए थे ये आरोप
- मुखपत्र सामना के रविवार के एक कॉलम में संजय राउत ने कहा था कि सुशांत के पिता को गुमराह किया गया है जिसकी वजह से उन्होंने मुंबई में हुई घटना के लिए बिहार में एफआईआर दर्ज करवा दी थी।
- पिछले कुछ सालों से सुशांत मुंबईकर थे। मुंबई ने उन्हें शोहरत दी थी और उनके स्ट्रगल के दिनों में बिहार उनके साथ नहीं खड़ा था।
- सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी। कई लोग बिना किसी सबूत के मर्डर बता रहे हैं।
- सुशांत की जिंदगी में दो लड़कियां आई थीं- अंकिता लोखंडे और रिया चक्रवर्ती। अंकिता ने तो सुशांत को छोड़ दिया था, लेकिन जिस रिया पर अभी आरोप लग रहे हैं, वो उनके साथ थीं। ऐसे में इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि अंकिता ने सुशांत को क्यों छोड़ा था।
- बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे बीजेपी के आदमी हैं और उनपर 2009 में कई चार्ज लगे थे। इस बात पर हंसी आती है कि जिसने बीजेपी की उम्मीदवारी ली है, वो अब मुंबई पुलिस पर सवाल उठा रहा है।
- मुंबई पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी और दूसरे राज्य को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए था।
- बिहार पुलिस इंटरपोल नहीं है। सब को सच जानने का अधिकार है। लेकिन ये सच नहीं है कि सिर्फ सीबीआई या बिहार पुलिस ही इसका पता लगा सकती है।
- सीबीआई केंद्रीय एजेंसी है, लेकिन वो 'स्वतंत्र और निष्पक्ष' नहीं है। आर्टिकल में कहा गया कि गोधरा हादसे के बाद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी सीबीआई जांच के पक्ष में नहीं थे। कई राज्यों ने सीबीआई पर प्रतिबंध लगाए हैं. जब सीबीआई शारदा चिट फंड मामले की जांच के लिए पश्चिम बंगाल पहुंची थी, तो सीएम ममता बनर्जी ने न सिर्फ एजेंसी को रोका बल्कि उसके खिलाफ केस भी दर्ज किया।
सुशांत और दिशा के केस को जोड़ने से नाराज हुए संजय राउत
'सामना' के आर्टिकल में सुशांत और उनकी पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की मौत के मामलों को आपस में जोड़ने की भी आलोचना की गई। आर्टिकल में कहा गया, "दोनों मामले पूरी तरह से अलग हैं लेकिन नेता इन्हें जोड़ रहे हैं। दिशा सालियन के साथ बलात्कार का आरोप बीजेपी के एक नेता लगा रहे हैं। ऐसा करते समय उन्होंने दिशा के परिवार के बारे में सोचा नहीं होगा।"
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